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शनिवार, 22 जून 2019

शान्त



      गाँव में सहायता-सामग्री लाने वाले ट्रकों के काफिले के वहाँ की उन टूटी-फूटी झोपडियों के पास से निकलने की आवाज़ को सुनकर मुर्गियाँ और उनके बच्चे इधर-उधर भागने लगे और नंगे पाँव बच्चे बारिश से बिगड़ी हुई ‘सड़क’ के किनारे पर खड़े होकर उन ट्रकों को देखने लगे। काफिला आगे बढ़ते हुए वहाँ के महापौर के बड़े से मकान के सामने जाकर रुक गया। किन्तु महापौर उस मकान में रहने की बजाए, दूर शहर में स्थित आलीशान मकान में विलासिता के साथ रहता था, जबकि उसकी बस्ती के लोगों के पास जीवन की बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं।

      ऐसे अन्याय को देखकर हमें क्रोध आता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि परमेश्वर का नबी भी अन्याय को देखकर क्रोधित हुआ। जब हबक्कूक ने व्यापक भ्रष्टाचार और शोषण को देखा तो वह पुकार उठा, “हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा?” (हबक्कूक 1:2)। परन्तु वे सारी बातें परमेश्वर के ध्यान में थीं, और परमेश्वर ने कहा, “...हाय उस पर जो अपना घर बन्धक की वस्तुओं से भर लेता है;... हाय उस पर, जो अपने घर के लिये अन्याय के लाभ का लोभी है ” (हबक्कूक  2:6, 9); परमेश्वर का न्याय आ रहा था!

      हम औरों पर परमेश्वर के न्याय का स्वागत करते हैं, परन्तु हबक्कूक में एक ऐसा धुर्री का बिंदु है जहाँ पर आकर हम शान्त हो जाते हैं: “परन्तु यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में है; समस्त पृथ्वी उसके साम्हने शान्त रहे” (2:20)। समस्त पृथ्वी ! उत्पीड़न करने वाले और उत्पीड़ित – दोनों! कभी-कभी किसी परिस्थिति को लेकर परमेश्वर के शान्त रहने के प्रति हमारा उचित प्रत्युत्तर होता है कि हम भी शान्त हो जाएँ।

      क्यों शान्त हो जाएँ? क्योंकि हम अपनी आत्मिक दरिद्रता की बड़ी सरलता से अनदेखी कर लेते हैं। लेकिन परमेश्वर के सामने शान्त भाव में आने पर, उसकी पवित्रता के सामने हमारी पापमय दशा स्वयँ हम पर प्रकट हो जाती है।

      हबक्कूक ने परमेश्वर पर भरोसा करना सीखा, और हमें भी सीखना है। हम परमेश्वर के सभी मार्गों को नहीं जानते हैं, पर हम इतना जानते हैं कि वह भला है, और अपने लोगों के लिए सदा भला ही करता है। उसके समय और नियंत्रण के बाहर कुछ भी नहीं है। - टिम गुस्ताफ्सन


धर्मी पुरूष कंगालों के मुकद्दमे में मन लगाता है
परन्तु दुष्ट जन उसे जानने की समझ नहीं रखता। - नीतिवचन 29:7

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं! – भजन 46:10

बाइबल पाठ: हबक्कूक 1:1-4, 2:20
Habakkuk 1:1 भारी वचन जिस को हबक्कूक नबी ने दर्शन में पाया।
Habakkuk 1:2 हे यहोवा मैं कब तक तेरी दोहाई देता रहूंगा, और तू न सुनेगा? मैं कब तक तेरे सम्मुख उपद्रव”, “उपद्रवचिल्लाता रहूंगा? क्या तू उद्धार नहीं करेगा?
Habakkuk 1:3 तू मुझे अनर्थ काम क्यों दिखाता है? और क्या कारण है कि तू उत्पात को देखता ही रहता है? मेरे साम्हने लूट-पाट और उपद्रव होते रहते हैं; और झगड़ा हुआ करता है और वादविवाद बढ़ता जाता है।
Habakkuk 1:4 इसलिये व्यवस्था ढीली हो गई और न्याय कभी नहीं प्रगट होता। दुष्ट लोग धर्मी को घेर लेते हैं; सो न्याय का खून हो रहा है।
Habakkuk 2:20 परन्तु यहोवा अपने पवित्र मन्दिर में है; समस्त पृथ्वी उसके साम्हने शान्त रहे।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6