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सोमवार, 11 जुलाई 2011

जयवंत भय

भय कई तरह के होते हैं और लोग उन के अलग अलग प्रकारों से लम्बे समय से परिचित हैं। हाल ही में एक नया भय प्रगट हुआ है - कमप्यूटर का भय (cyberphobia)। कुछ लोग कमप्यूटर को देख कर बहुत भयभीत हो जाते हैं, वे उस कमरे में रहना नहीं चाहते जहाँ कमप्यूटर लगा है। यदि उन्हें कमप्यूटर के पास छोड़ दिया जाए तो वे घबराने लगते हैं, उनके दिल की धड़कन तेज़ और अनियमित हो जाती है, उन्हें साँस लेने में कठिनाई होने लगती है, कोई कोई कंपकंपाने लगता है और कोई मुर्छित भी हो जाता है। वे इतने विचिलित हो जाते हैं कि उन्हें संयम खोने, सनकी होने या बेहोशा हो जाने का आभास होने लगता है। हम में से अधिकांशतः के लिए यह समझ से परे है, जैसे हर प्रकार का भय किसी न किसी की समझ से परे होता है; लेकिन जो उससे ग्रसित हैं उन लोगों के लिए वह भय वास्तविक है।

लेकिन एक और भय है, जो हम में से अधिकांश लोगों को है और उपरोक्त भय के समान वास्तविक भी है और वैसा ही निष्क्रीय करने वाला भी, लेकिन हम इसे स्वीकार कम ही करते हैं - मनुष्यों का भय, दूसरों के कहने और राय का भय। कई बार हम ऐसे व्यवहार करते हैं मानो हमारा भविष्य और भलाई पूर्णतः दूसरे मनुष्यों के हाथों में है।

यशायाह ने वर्णन किया कि मनुष्यों का यह बेबुनियाद भय परमेश्वर को कैसा प्रतीत होता है, जब हम उस पर अपना भरोसा छोड़ मनुष्यों पर निर्भर होने लगते हैं। परमेश्वर ने कहा मनुष्यों के भय में और उनके वशीभूत रहना मूर्खता है क्योंकि मनुष्य नाशमान प्राणी है जिसका अस्तित्व और सामर्थ मैदान की घास से अधिक नहीं है ( याशायाह ५१:१२)। परमेश्वर यह भी जानता है कि लोग किस प्रकार की हानि पहुंचने के भय के कारण दूसरों पर हावी होते हैं ( याशायाह ५१:१३, १४)। लेकिन परमेश्वर ही है जो हर बात और प्रत्येक जन का अन्तिम फैसला अपने हाथ में रखे हुए है।

हमारा भविष्य और अनन्त काल की भलाई परमेश्वर पर निर्भर है, किसी मनुष्य पर नहीं, केवल परमेश्वर पर। इसलिए जैसा इब्रानियों की पत्री के लेखक ने मसीही जीवन के लिए लिखा है, "इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिस ने उस आनन्‍द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न करके, क्रूस का दुख सहा और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों १२:१, २)।

परमेश्वर का भय ही हर परिस्थिति पर जयवन्त करने वाला भय है जिससे कभी हानि नहीं आती। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर पर विश्वास और परमेश्वर का भय, दमन करने वाले मनुष्यों के भय को जीवन से निकाल फेंकता है।

मैं, मैं ही तेरा शान्तिदाता हूं; तू कौन है जो मरने वाले मनुष्य से, और घास के समान मुर्झाने वाले आदमी से डरता है? - यशायाह ५१:१२


बाइबल पाठ: यशायाह ५१:१-१६

Isa 51:1 हे धर्म पर चलने वालो, हे यहोवा के ढूंढ़ने वालो, कान लगाकर मेरी सुनो; जिस चट्टान में से तुम खोदे गए और जिस खान में से तुम निकाले गए, उस पर ध्यान करो।
Isa 51:2 अपने मूलपुरूष इब्राहीम और अपनी माता सारा पर ध्यान करो, जब वह अकेला था, तब ही से मैं ने उसको बुलाया और आशीष दी और बढ़ा दिया।
Isa 51:3 यहोवा ने सिय्योन को शान्ति दी है, उस ने उसके सब खण्डहरों को शान्ति दी है; वह उसके जंगल को अदन के समान और उसके निर्जल देश को यहोवा की वाटिका के समान बनाएगा, उस में हर्ष और आनन्द और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई पड़ेगा।
Isa 51:4 हे मेरी प्रजा के लोगों, मेरी ओर ध्यान धरो, हे मेरे लोगों, कान लगा कर मेरी सुनो, क्योंकि मेरी ओर से व्यवस्था दी जाएगी, और मैं अपना नियम देश देश के लोगों की ज्योति होने के लिये स्थिर करूंगा।
Isa 51:5 मेरा छुटकारा निकट है, मेरा उद्धार प्रगट हुआ है, मैं अपने भुजबल से देश देश के लोगों का न्याय करूंगा। द्वीप मेरी बाट जाहेंगे और मेरे भुजबल पर आशा रखेंगे।
Isa 51:6 आकाश की ओर अपनी आंखें उठाओ, और पृथ्वी को निहारो; क्योंकि आकाश धुंए ही नाई लोप हो जाएगा, पृथ्वी कपड़े के समान पुरानी हो जाएगी, और उसके रहने वाले यों ही जाते रहेंगे, परन्तु जो उद्धार मैं करूंगा वह सर्वदा ठहरेगा, और मेरे धर्म का अन्त न होगा।
Isa 51:7 हे धर्म के जानने वालों, जिनके मन में मेरी व्यवस्था है, तुम कान लगाकर मेरी सुनो; मनुष्यों की नामधराई से मत डरो, और उनके निन्दा करने से विस्मित न हो।
Isa 51:8 क्योंकि घुन उन्हें कपड़े की नाईं और कीड़ा उन्हें ऊन की नाईं खाएगा, परन्तु मेरा धर्म अनन्त काल तक, और मेरा उद्धार पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा।
Isa 51:9 हे यहोवा की भुजा, जाग! जाग और बल धारण कर; जैसे प्राचीन काल में और बीते हुए पीढिय़ों में, वैसे ही अब भी जाग। क्या तू वही नहीं है जिस ने रहब को टुकड़े टुकड़े किया और मगरमच्छ को छेदा?
Isa 51:10 क्या तू वही नहीं जिस ने समुद्र को अर्थात गहिरे सागर के जल को सुखा डाला और उसकी गहराई में अपने छुड़ाए हओं के पार जाने के लिये मार्ग निकाला था?
Isa 51:11 सो यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौट कर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे, और उनके सिरों पर अनन्त आनन्द गूंजता रहेगा, वे हर्ष और आनन्द प्राप्त करेंगे, और शोक और सिसकियों का अन्त हो जाएगा।
Isa 51:12 मैं, मैं ही तेरा शान्तिदाता हूं; तू कौन है जो मरने वाले मनुष्य से, और घास के समान मुर्झाने वाले आदमी से डरता है?
Isa 51:13 और आकाश के तानने वाले और पृथ्वी की नेव डालने वाले अपने कर्ता यहोवा को भूल गया है, और जब द्रोही नाश करने को तैयार होता है तब उसकी जलजलाहट से दिन भर लगातार थरथराता है? परन्तु द्रोही की जलजलाहट कहां रही?
Isa 51:14 बंधुआ शीघ्र ही स्वतन्त्र किया जाएगा, वह गड़हे में न मरेगा और न उसे रोटी की कमी होगी।
Isa 51:15 जो समुद्र को उथल-पुथल करता जिस से उसकी लहरों मे गरजन होती है, वह मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं मेरा नाम सेनाओं का यहोवा है। और मैं ने तेरे मुंह में अपने वचन डाले,
Isa 51:16 और तुझे अपने हाथ की आड़ में छिपा रखा है कि मैं आकाश को तानूं और पृथ्वी की नेव डालूं, और सिय्योन से कहूं, तुम मेरी प्रजा हो।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १-३
  • प्रेरितों १७:१-१५