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गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

तुच्छ?


   अमरीकी मुद्रा की सबसे छोटी इकाई है ’पेनी’ या एक सेंट और यह बहुत तुच्छ समझी जाती है। बहुत से लोग तो, यदि उन्हें सड़क पर एक पेनी पड़ा दिखाई दे तो उसे उठाने के लिए झुकते ही नहीं। लेकिन लोगों के दान पर चल रही कुछ धर्मार्थ संस्थाओं ने पाया है कि एक एक पेनी जोड़ने से एक अच्छी खासी रकम बन जाती है और बच्चे पेनी या छोटे छोटे दान करने में सबसे उदार होते हैं। इन संस्थाओं से संबंधित एक व्यक्ति ने अपने अनुभव के आधार पर कहा "ऐसे छोटे छोटे योगदानों का कुल योग एक महत्वपूर्ण रकम हो जाता है।" अर्थात पेनी चाहे बहुत छोटा हो, लेकिन तुच्छ नहीं है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी एक ऐसे ही तुच्छ समझे जाने वाले किंतु अन्ततः अति महत्वपूर्ण प्रमाणित होने वाले व्यक्ति दाऊद का वर्णन है। दाऊद अपने भाईयों में सबसे छोटा था और परिवार में उसकी कोई विशेष कदर नहीं थी। जब उसने अति विशालकाय गोलियत की चुनौती स्वीकार करी तो लोगों ने उसे बहुत छोटा, डींगमार तथा तुच्छ समझा जाना। किंतु परमेश्वर की सामर्थ और सहायता पर दाऊद का विश्वास वहां उपस्थित प्रत्येक अन्य व्यक्ति से कहीं अधिक बढ़कर था। इस्त्राएल के राजा ने दाऊद से कहा: "... तू जा कर उस पलिश्ती के विरुद्ध नहीं युद्ध कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है" (1शमूएल 17:33)। लेकिन दाऊद का उत्तर उस परमेश्वर पर उसका अडिग विश्वास था जिसने पहले भी उसकी सहायता करी और उसे बचाया था (पद 37)।

   दाऊद ने अपने आप को तुच्छ नहीं समझा, अर्थात एक अपरिहार्य समस्या के सामने अपने आप को बेबस और हीन नहीं जाना। यदि वह राजा शाऊल के निराशावाद और गोलियत की धमकियों से प्रभावित होकर डर जाता तो कुछ भी नहीं कर पाता। लेकिन उसने किसी मनुष्य की बात की बजाए परमेश्वर पर अपने विश्वास का सहारा लिया और अपने इस भरोसे के कारण साहस के साथ परिस्थित का सामना किया।

   जीवन की विषम परिस्थितियों में लोगों के कहे पर निराश हो जाना और अपने आप को तुच्छ और असहाय समझ लेना तो सरल है, लेकिन जब हम परमेश्वर पर विश्वास में और बीते समय में उसके द्वारा मिली सहायता और सामर्थ को स्मरण करते हुए आगे बढ़ते हैं तो छोटी छोटी बातों से मिलने वाले प्रोत्साहन का योग एक बड़ी सामर्थ बन जाता है। विश्वास में उठाए गए हमारे हर कदम, हर बात का बड़ा महत्व है, योगदान है - चाहे वह कितना भी छोटा क्यों ना रहा हो। 

   तुच्छ कुछ भी नहीं; हर पेनी महत्वपूर्ण है। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब विश्वास अगुवाई करेगा तो साहस स्वतः ही साथ देगा।

फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिसने मुझ सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे। - 1 शमूएल 17:37

बाइबल पाठ:  1 शमूएल 17:32-37
1 Samuel 17:32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जा कर उस पलिश्ती से लड़ेगा।
1 Samuel 17:33 शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जा कर उस पलिश्ती के विरुद्ध नहीं युद्ध कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है।
1 Samuel 17:34 दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपने पिता की भेड़ बकरियां चराता था; और जब कोई सिंह वा भालू झुंड में से मेम्ना उठा ले गया,
1 Samuel 17:35 तब मैं ने उसका पीछा कर के उसे मारा, और मेम्ने को उसके मुंह से छुड़ाया; और जब उसने मुझ पर चढ़ाई की, तब मैं ने उसके केश को पकड़कर उसे मार डाला।
1 Samuel 17:36 तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मार डाला; और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उसने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है।
1 Samuel 17:37 फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिसने मुझ सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 17-18
  • लूका 11:1-28


शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

अनावश्यक मज़दूरी

   मेक्सिको शहर में १९८५ में आए भयानक भूकंप से हुई त्रासदी के चित्र टेलिविज़न द्वारा समस्त विश्व में सजीव दिखाए जा रहे थे। टी०वी० के पटल पर ध्वस्त हुए कॉंन्क्रीट के मकानों और मकानों के खण्डहरों के चित्र भरे पड़े थे। बचाव कार्यों में लगे लोग इन खण्डरों को खोदने में जी-जान से लगे हुए थे कि जीवन के कहीं कोई चिन्ह मिलें। जगह जगह आग लगी हुई थी और धुँआ तथा धूल वायुमण्डल में भरे हुए थे। जब मैं यह सब देख रहा था तो अचानक टी०वी० के एक कोने में कुछ अक्षर लिखे हुए आए - "सौजन्य से: SIN"

   वास्तव में वे तीन अक्षर SIN "Spanish Ingternational Network" का लघु रूप थे; परन्तु एक क्षण के लिए मेरे मन में इस का भिन्न अर्थ आया, अर्थात अंग्रेज़ी शब्द "SIN" का अर्थ पाप ध्यान में आया। मुझे स्मरण आया कि संसार की सभी समस्याओं, दुखः और कष्टों का मूल कारण पाप है। मेरा यह तात्पर्य नहीं कि परमेश्वर ने मैक्सिको शहर का भूकंप द्वारा न्याय किया; किंतु यदि पाप प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप में किसी त्रासदी के लिए ज़िम्मेवार है तो हमें पाप को उसके वास्तविक घृणित रूप में पहचानना और देखना अति आवश्यक है ना कि उसे हलके में लेकर उस से कोई शिष्टाचार निभाना चाहिए।

   क्योंकि मनुष्यों के सारे दुख-दर्द का उदगम पाप से है, उसे कैसे हलके में लिया जा सकता है? हम क्यों पाप के साथ समझौता कर के रहें, जिस के कारण एक प्रेमी परमेश्वर को न्यायी बनना पड़ता है और प्रकाशितवाक्य ६ में वर्णित भयंकर न्याय को लाना पड़ता है? अब हम पाप के देनदार नहीं रहे हैं क्योंकि मसीह यीशु ने समस्त मानव जाति के लिए, कलवरी के क्रूस पर चढ़ कर, पाप के हर एक कर्ज़ को चुका दिया है और उसकी सामर्थ को निरस्त कर दिया है। परमेश्वर का वचन बाइबल बताती है कि "क्‍योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्‍तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्‍त जीवन है" (रोमियों ६:२३); किंतु अब पाप को हमें किसी भी मज़दूरी के देने का कोई कारण शेष नहीं है। बस प्रभु यीशु से करी गई एक साधारण विश्वास की प्रार्थना "हे प्रभु यीशु मेरे पाप क्षमा करें और मुझे अपनी शरण में ले लें" और सच्चे मन से यीशु को किया गया समर्पण हमें पाप के हर एक कर्ज़ से मुक्त कर देने के लिए पर्याप्त है।

   प्रभु यीशु के पुनरुत्थान की सामर्थ में जीने से हम अपने पाप की अनावश्यक मज़दूरी पाने से बच जाते हैं। - मार्ट डी हॉन

यदि हम पाप के विरुद्ध खड़े होने का निर्णय लेते हैं तो उसमें परमेश्वर हमें विजय भी देता है।

सो हे भाइयो, हम शरीर के कर्जदार नहीं, ताकि शरीर के अनुसार दिन काटें। क्‍योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे। - रोमियों ८:१२, १३

बाइबल पाठ: रोमियों ६:६-१८
Rom 6:6  क्‍योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्‍व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्‍व में न रहें।
Rom 6:7  क्‍योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।
Rom 6:8  सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।
Rom 6:9  क्‍योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठ कर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।
Rom 6:10  क्‍योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्‍तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
Rom 6:11  ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्‍तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
Rom 6:12  इसलिये पाप तुम्हारे मरणहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के अधीन रहो।
Rom 6:13  और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जान कर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
Rom 6:14  और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्‍योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो।
Rom 6:15  तो क्‍या हुआ क्‍या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं।
Rom 6:16  क्‍या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्‍त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्‍त धामिर्कता है
Rom 6:17  परन्‍तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे।
Rom 6:18  और पाप से छुड़ाए जाकर धर्म के दास हो गए।
 
एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल ११-१२ 
  • यहूदा

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

शैतान के प्रतिरोध

   जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों से निकट भविष्य में अपने यरूशलेम जाने और वहाँ पर यहूदियों के धर्म गुरुओं द्वारा पकड़वाए जाने और क्रूस पर चढ़ा कर मारे जाने के बारे में बताया, तो उन के चेले पतरस ने इसका विरोध किया और उन्हें ऐसा होने देने को रोक देने के लिए कहा। पतरस का यह प्रतिरोध उसके अनजाने में ही उस में होकर यीशु के विरुद्ध शैतान के द्वारा डाला जाने वाला प्रतिरोध था। प्रभु यीशु ने इस बात को प्रकट किया और पतरस में होकर कार्य कर रहे शैतान को इसके लिए डाँटा (मत्ती १६:२१-२३)।

   शैतान ने पहले यीशु को बचपन में ही मार डालने के प्रयास किए जब उसके जन्म के बाद राजा हेरोदेस ने उस इलाके में पैदा हुए सभी बच्चों को मरवा देने की आज्ञा दी ताकि उन बच्चों में यीशु भी मार डाला जाए (मत्ती २:१-१६)। जब से युहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने प्रभु यीशु को परमेश्वर का मेमना कहा जो जगत के पाप उठा ले जाता है (युहन्ना १:२९), तब ही से शैतान यीशु को क्रूस पर जाने से रोकने के अपने प्रयासों में लग गया। पहले उसने यीशु की सेवकाई आरंभ होने से पहले ही उसे प्रलोभन दिया कि यीशु उस से संसार के राज्य ले ले और क्रूस पर जाने का अपना इरादा छोड़ दे। फिर सेवकाई के दौरान उसने कई बार यहूदी धर्म गुरुओं और अगुवों को उकसाया कि वे उस का विरोध करें, लोगों को उस के विरुद्ध भड़काएं, उसे पत्थरवाह कर के मार डालें जिससे वह क्रूस पर ना जा सके। जब शैतान के ये प्रयास विफल रहे तो उस ने अपनी रण नीति बदली और प्रभु के चेले पतरस को उकसाया कि वह परमेश्वर की योजना का विरोध करे और यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने से रोके। जब यह भी कामयाब नहीं हुआ तो फिर शैतान एक और चेले यहूदा में समा गया (यूहन्ना १३:२७) कि यीशु का विरोध करे। उसके बाद शैतान ने प्रभु के चेलों से कायरता पूर्वक उसे अकेला छोड़ कर भागने, पतरस द्वारा तीन बार उसका इन्कार करने, रोमी सैनिको द्वारा बेरहमी से उसे पीटने, कोड़े मारने और उसका ठठा करने तथा जिन लोगों के बीच यीशु रहा और जिन्हें उसने चँगाईयाँ दीं, परमेश्वर का वचन सिखाया, उन्हीं के द्वारा उसके प्रति बेरुखी और दण्डित किए जाने की माँग रख कर शैतान ने यीशु को यह जताने के प्रयास किए कि मानव जाति इतनी गिरी हुई है कि उसके लिए क्रूस की मृत्यु सहना यीशु को गँवारा नहीं होना चाहिए।

   लेकिन शैतान के सभी प्रयास विफल हुए और यीशु परमेश्वर कि योजना में समस्त मानव जाति के उद्धार का मार्ग तैयार करने के लिए क्रूस पर मारा भी गया और फिर तीसरे दिन जी भी उठा, और आज जो कोई उसके इस कार्य पर विश्वास करके उसे ग्रहण करता है, उसे उद्धार भी देता है।

   शैतान ने भी अपने प्रयास बन्द नहीं किए हैं, अब उसने अपनी रण नीति एक बार फिर बदल ली है। अब वह प्रभु यीशु द्वारा उद्धार के सुसमाचार के प्रचार को बाधित कर रहा है, कि लोग या तो यह सुसमाचार सुने ही ना, या सुन कर भी उस पर विश्वास ना करें। इस कार्य के लिए उसने मसीही विश्वास का स्वरूप बिगाड़ कर उसे इसाई धर्म का रूप दे दिया और अब वह झूठी बातों और तथ्यों के तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करे जाने के द्वारा यीशु पर विश्वास को धर्म परिवर्तन की संज्ञा दे कर लोगों को भड़काता है, आज भी धर्म गुरुओं और धर्म के अगुवों द्वारा सुसमाचार प्रचार का विरोध करवाता है, मसीही विश्वास के सुसमाचार प्रचारकों पर सताव और उत्पीड़न लाता है कि वे अपने प्रयासों को छोड़ दें और अन्य देखने वाले इस से डर जाएं तथा यीशु पर विश्वास नहीं करें। वह संसार के लोगों को उकसाता है कि परमेश्वर है ही नहीं और उस पर विश्वास करना व्यर्थ है। जो फिर भी परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, उन्हें वह उकसाता है कि उन्हें यीशु की आवश्यक्ता नहीं है, वे स्वयं ही अपने प्रयासों, भले कार्यों और धर्म के कार्यों के द्वारा परमेश्वर को प्रसन्न कर सकते हैं और स्वर्ग जा सकते हैं।

   किंतु जैसे पहले हुआ, अब भी वैसे ही हो रहा है, शैतान के सभी प्रयासों के बावजूद प्रभु यीशु के क्रूस पर मारे जाने, गाड़े जाने और तीसरे दिन जी उठने और यीशु में पापों की क्षमा पर विश्वास कर के प्रति दिन हज़ारों लोग उद्धार पा रहे हैं और व्यक्तिगत रीति से अपने जीवनों में परमेश्वर की शान्ति का अनुभव कर रहे हैं। ये सभी उद्धार पाए हुए लोग यीशु के क्रूस और यीशु की खाली कब्र के कारण आनन्दित हैं और अपने विश्वास द्वारा वह स्थान प्राप्त कर चुके हैं जो वे किसी भी धर्म और अपने कर्मों द्वारा कभी पा नहीं सकते थे - परमेश्वर की सन्तान होने का दर्जा। यीशु में साधारण विश्वास द्वारा सेंत-मेंत उद्धार का यह अवसर समस्त मानव जाति के लिए आज भी उपलब्ध है, उद्धार का मार्ग अभी भी खुला है - आपके लिए भी।

   यीशु का क्रूस और उसकी खाली कब्र प्रमाण है कि शैतान हारा हुआ है और मसीही विश्वास सदा के लिए उस पर जयवन्त है और रहेगा। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


कलवरी का क्रूस शैतान की पराजय और पतन का चिन्ह है।

उस ने फिर कर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्‍योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है। - मत्ती १६:२३

बाइबल पाठ: मत्ती १६:२१-२८
Mat 16:21  उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरिनयों और महायाजकों और शास्‍त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं, और तीसरे दिन जी उठूं।
Mat 16:22  इस पर पतरस उसे अलग ले जाकर झिड़कने लगा कि हे प्रभु, परमेश्वर न करे; तुझ पर ऐसा कभी न होगा।
Mat 16:23  उस ने फिर कर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्‍योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।
Mat 16:24  तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्‍कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।
Mat 16:25  क्‍योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा।
Mat 16:26  यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्‍त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्‍या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्‍या देगा?
Mat 16:27  मनुष्य का पुत्र अपने स्‍वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, और उस समय वह हर एक को उस के कामों के अनुसार प्रतिफल देगा।
Mat 16:28  मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कितने ऐसे हैं, कि जब तक मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे, तब तक मृत्यु का स्‍वाद कभी न चखेंगे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल ८-१० 
  • ३ युहन्ना

बुधवार, 7 दिसंबर 2011

अभूतपूर्व परिवर्तन

   एक मनोवज्ञानिक चिकितस्क ने, जो जेल के कैदियों के बीच में कार्य करता था, खिसिया कर कहा, "मैं किसी के पागलपन का तो इलाज कर सकता हूँ लेकिन उसकी बुराई का नहीं"। मनुष्य के बुरे स्वभाव को बदल पाना किसी मानवीय सामर्थ और उपाय से बाहर है। केवल एक ही शक्ति है जो इस कार्य को कर सकती है, पाप पर जयवन्त प्रभु यीशु के सुसमाचार की शक्ति।

   चार्ल्स डारविन, जिसने क्रमिक विकास की धारणा को इतना महत्व दिया और माना, उसने भी इस बात को स्वीकार किया था। उसने एक प्रभु यीशु के सेवक को लिखा था: "हमारे गाँवों के सुधार के लिए जो आपने कुछ ही महीनों में कर दिखाया वह हमारी वर्षों की मेहनत से कहीं बढ़कर है। हम आज तक किसी एक भी शराबी व्यक्ति को सुधार नहीं सके थे, किंतु आपकी सेवाओं के बाद अब मुझे इन गाँवों में कोई शराबी दिखता ही नहीं।"

   बाद में डारविन दक्षिण अमेरिका के बिलकुल छोर पर स्थित इलाके Tierra Del Fuego गए, उन्हों ने वहाँ के लोगों में ऐसा वहशीपन देखा जो वर्णन से बाहर था। उसके कुछ समय पश्चात उन्हें फिर उस इलाके में जाने का अवसर मिला, तब तक एक मसीही सेवक वहाँ काम करने आ चुका था। अब जो डारविन ने वहाँ देखा वह उन्हें विस्मित कर देने वाला था; उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि प्रभु यीशु का सुसमाचार जीवन बदल देता है। वे वहाँ हुए परिवर्तन से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी मृत्यु के समय तक वहाँ के मिशन के कार्य के लिए पैसा देना ज़ारी रखा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में १ पतरस २ अध्याय में लिखा है कि क्रूस पर प्रभु यीशु के बलिदान ने ना केवल पाप के दण्ड को चुकाया वरन उसके सामर्थ को भी मिटा दिया। प्रेरित पौलुस ने उन लोगों के जघन्य अपराधों को गिनाने के बाद कुरिन्थ के विश्वासियों को लिखा कि, "और तुम में से कितने ऐसे ही थे, परन्‍तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्वर के आत्मा से धोए गए, और पवित्र हुए और धर्मी ठहरे" (१ कुरिन्थियों ६:११)।

   परमेश्वर की स्तुति हो, प्रभु यीशु वास्तव में अभूतपूर्व परिवर्तन लाकर, बुरों को भला बना देता है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

परमेश्वर ने हमें बनाया, पाप ने हमें बिगाड़ा, मसीह हमें पुनः सुधार देता है।

वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। - १ पतरस २:२४

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १:१८-३१; ६:९-११
1Co 1:18  क्‍योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्‍तु हम उद्धार पाने वालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ है।
1Co 1:19  क्‍योकि लिखा है, कि मैं ज्ञानवानों के ज्ञान को नाश करूंगा, और समझदारों की समझ को तुच्‍छ कर दूंगा।
1Co 1:20  कहां रहा ज्ञानवान? कहां रहा शास्त्री? कहां इस संसार का विवादी? क्‍या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया?
1Co 1:21  क्‍योंकि जब परमेश्वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेश्वर को न जाना तो परमेश्वर को यह अच्‍छा लगा, कि इस प्रकार की मूर्खता के द्वारा विश्वास करने वालों को उद्धार दे।
1Co 1:22  यहूदी तो चिन्‍ह चाहते हैं, और यूनानी ज्ञान की खोज में हैं।
1Co 1:23  परन्‍तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं जो यहूदियों के निकट ठोकर का कारण, और अन्यजातियों के निकट मूर्खता है।
1Co 1:24  परन्‍तु जो बुलाए हुए हैं क्‍या यहूदी, क्‍या यूनानी, उन के निकट मसीह परमेश्वर की सामर्थ, और परमेश्वर का ज्ञान है।
1Co 1:25  क्‍योंकि परमेश्वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से ज्ञानवान है; और परमेश्वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से बहुत बलवान है।
1Co 1:26  हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए।
1Co 1:27  परन्‍तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे।
1Co 1:28  और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्‍छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्‍हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए।
1Co 1:29  ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के साम्हने घमण्‍ड न करने पाए।
1Co 1:30  परन्‍तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये ज्ञान ठहरा अर्थात धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा।
1Co 1:31  ताकि जैसा लिखा है, वैसा ही हो, कि जो घमण्‍ड करे वह प्रभु में घमण्‍ड करे।
1Co 6:9  क्‍या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे धोखा न खाओ, न वेश्यागामी, न मूर्ति पूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्‍चे, न पुरूषगामी।
1Co 6:10  न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देने वाले, न अन्‍धेर करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।
1Co 6:11  और तुम में से कितने ऐसे ही थे, परन्‍तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्वर के आत्मा से धोए गए, और पवित्र हुए और धर्मी ठहरे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल ५-७ 
  • २ युहन्ना

मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

खामियों से सुन्दरता

   अपने चारों ओर प्रकृति में हम खामियों और सुन्दरता का अद्भुत संबंध देख सकते हैं। उदाहरण स्वरूप स्फटीक (crystal) की रचना के बारे में ही सोचिए; वैज्ञानिक बताते हैं कि संसार में शायद ही कोई वस्तु हो जो स्फटीक के समान क्रमवार रीति से बनती हो। हर तरह के खनीज़ पदार्थ और रतन के स्फटीक बनने का एक विशेष क्रम होता है, जिसमें उस के अणु के निर्धारित क्रम और स्थान में एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और इसी से इन खनीज़ों और रतनों को उनका विशेष आकार और स्वरूप मिलता है। किंतु कभी कभी इस क्रम में गड़बड़ हो जाती है और कुछ अणु अपने क्रम की बजाए बेतरतीब जुड़ जाते हैं - यही गड़बड़ उस रतन को उसका विशिष्ट रंग और सुन्दरता प्रदान करती है। यदि यह गड़बड़ न होती तो रतन के अलग अलग प्रकार तथा रंग भी न होते।

   मानव स्वभाव के साथ भी ऐसा है। हम सब जानते हैं कि हम में कुछ न कुछ खामियाँ और कमज़ोरियाँ हैं। हम अपने आप में अन-इच्छित गुण पाते हैं जैसे स्वार्थीपन, चिड़चिड़ा स्वभाव, अधीरता, गरम-मिज़ाज़ आदि। ये सब हमारे साथ हमारे अन्दर बसे पाप के स्वभाव के कारण हैं। परन्तु फिर भी कितने ही ऐसे मसीही विश्वासी हैं जो यह गवासी देंगे कि उनकी यही खामियाँ उन के लिए वरदान बन गईं जब उन्होंने इन के दुषप्रभावों से बचने के लिए प्रभु यीशु मसीह पर और भी अधिक आधारित होना आरंभ कर दिया। परमेश्वर के आगे दीन होकर अपनी इन खामियों को स्वीकार कर लेने और उन पर अपनी सामर्थ से जयवन्त होने की असमर्थता को मान लेने से उन्होंने परमेश्वर की सामर्थ और अनुग्रह को अपने जीवन में अनुभव किया।

   अपने जीवनों में उपस्थित खामियों से चिन्तित होकर हमें हताश नहीं हो जाना चाहिए; वरन उन्हें स्वीकार कर के, प्रार्थना में उन्हें प्रभु के हाथों में रख दें और उस पर भरोसा करें कि वह हमें इन पर विजयी करेगा।

   भजनकार ने लिखा, "यहोवा मेरे लिये सब कुछ पूरा करेगा..." (भजन १३८:८)। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर के संसाधन हमारी कुल आवश्यक्ताओं से भी कहीं बढ़ कर हैं।

यहोवा मेरे लिये सब कुछ पूरा करेगा; हे यहोवा, तेरी करूणा सदा की है। तू अपने हाथों के कार्यों को त्याग न दे। - भजन १३८:८

बाइबल पाठ: भजन १३८
Psa 138:1  मैं पूरे मन से तेरा धन्यवाद करूंगा; देवताओं के साम्हने भी मैं तेरा भजन गाऊंगा।
Psa 138:2  मैं तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत् करूंगा, और तेरी करूणा और सच्चाई के कारण तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने अपने वचन को अपने बड़े नाम से अधिक महत्व दिया है।
Psa 138:3  जिस दिन मैं ने पुकारा, उसी दिन तू ने मेरी सुन ली, और मुझ में बल देकर हियाव बन्धाया।
Psa 138:4  हे यहोवा, पृथ्वी के सब राजा तेरा धन्यवाद करेंगे, क्योंकि उन्होंने तेरे वचन सुने हैं;
Psa 138:5  और वे यहोवा की गति के विषय में गाएंगे, क्योंकि यहोवा की महिमा बड़ी है।
Psa 138:6  यद्यपि यहोवा महान है, तौभी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है; परन्तु अहंकारी को दूर ही से पहिचानता है।
Psa 138:7  चाहे मैं संकट के बीच में रहूं तौभी तू मुझे जिलाएगा, तू मेरे क्रोधित शत्रुओं के विरूद्ध हाथ बढ़ाएगा, और अपने दाहिने हाथ से मेरा उद्धार करेगा।
Psa 138:8  यहोवा मेरे लिये सब कुछ पूरा करेगा; हे यहोवा, तेरी करूणा सदा की है। तू अपने हाथों के कार्यों को त्याग न दे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल ३-४ 
  • १ युहन्ना ५

रविवार, 28 अगस्त 2011

हमारा सहायक

बाइबल एवं मसीही विश्वास की शिक्षा का एक विद्यार्थी पाप अंगीकार के विषय में लिख रहा था। उसे लिखना था कि "जब हम अपने पापों को मान लेते हैं तो वह हमारे पाप बोध (guilt) को हमसे दूर कर देता है", परन्तु गलती से उसने guilt शब्द के स्थान पर quilt (रज़ाई) लिख दिया। जब उसके अध्यापक ने उसका पर्चा पढ़ा तो इस वाक्य को पढ़ कर टिप्पणी करी, "डरना मत, परमेश्वर ने तुम्हें एक comforter अर्थात सहायक दे रखा है, वह तुम्हें सर्दी में ठिठुरने नहीं देगा (comforter शब्द गरम शॉल के लिए भी उपयोग होता है)।" उस अध्यापक ने विनोद में ही एक बहुत महत्वपूर्ण तथ्य विद्यार्थी को सिखा दिया।

प्रभु यीशु मसीह ने अपने चेलों को आश्वासन दिया कि परमेश्वर पिता उनके साथ सदा बने रहने के लिए एक सहायक अर्थात अपना पवित्र आत्मा देगा, और प्रभु का यह वायदा पिन्तेकुस्त के दिन पूरा हुआ (प्रेरितों २:१-४), और तब से ले कर आज तक प्रत्येक मसीही विश्वासी के साथ परमेश्वर का पवित्र आत्मा बना रहता है और उसमें अपना कार्य करता रहता है। परमेश्वर के पवित्र आत्मा का उद्देश्य सदैव प्रभु यीशु को महिमा देना है ना कि अपने आप को ऊँचा उठाना। हमारा लक्षय होना चाहिए कि हम प्रभु यीशु मसीह के बारे जो कुछ सीख सकते हैं वह सीखें और उसके आत्मा की सहायता से उन बातों को अपने जीवन में लागू करें।

मसीही विश्वासी के जीवन में किए जाने वाले पवित्र आत्मा के कुछ कार्य हैं:
  • हमें सत्य के मार्ग में ले चलना (यूहन्ना१६:१३)
  • हमें परमेश्वर की सन्तान होने के लिए आश्वस्त रखना (रोमियों ८:१६)
  • प्रार्थना करने में हमारी सहायता करना (रोमियों ८:२६)
  • हमें अंश अंश करके मसीह के स्वरूप में बदलते जाना (२ कुरिन्थियों ३:१८)
  • हमें सामर्थी बनाना (इफिसियों ३:१६)
अपने इसी सहायक की सहायता के कारण हम प्रतिदिन नई हिम्मत और सामर्थ के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। हमारी प्रार्थना सदा यही रहे: "परमेश्वर पिता आपके द्वारा दिये गए इस सहायक के लिए आपका बहुत धन्यवाद। हमारी सहायता करें कि आपके दिए सहायक को न हम बुझाएं और न शोकित करें।" - डेनिस डी हॉन


प्रत्येक मसीही विश्वासी का मन पवित्र आत्मा का घर-मन्दिर है।

मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। - युहन्ना १४:१६

बाइबल पाठ: युहन्ना १४:१२-३१

Joh 14:12 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्‍योंकि मैं पिता के पास जाता हूं।
Joh 14:13 और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।
Joh 14:14 यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा।
Joh 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे।
Joh 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
Joh 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्‍योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्‍योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
Joh 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।
Joh 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि संसार मुझे न देखेगा, परन्‍तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे।
Joh 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में।
Joh 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्‍हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।
Joh 14:22 उस यहूदा ने जो इस्‍किरयोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्‍या हुआ की तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं।
Joh 14:23 यीशु ने उस को उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।
Joh 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिस ने मुझे भेजा।
Joh 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं।
Joh 14:26 परन्‍तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
Joh 14:27 मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
Joh 14:28 तुम ने सुना, कि मैं ने तुम से कहा, कि मैं जाता हूं, और तुम्हारे पास फिर आता हूं: यदि तुम मुझ से प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्‍दित होते, कि मैं पिता के पास जाता हूं क्‍योंकि पिता मुझ से बड़ा है।
Joh 14:29 और मैं ने अब इस के होने के पहिले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम प्रतीति करो।
Joh 14:30 मैं अब से तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूंगा, क्‍योंकि इस संसार का सरदार आता है, और मुझ में उसका कुछ नहीं।
Joh 14:31 परन्‍तु यह इसलिए होता है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूं, और जिस तरह पिता ने मुझे आज्ञा दी, मैं वैसे ही करता हूं: उठो, यहां से चलें।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १२३-१२५
  • १ कुरिन्थियों १०:१-१८

शनिवार, 27 अगस्त 2011

ओक वृक्ष से शिक्षा

हमारे घर के पीछे कुछ सुन्दर ओक वृक्ष खड़े हैं। हर वर्ष पतझड़ की ऋतु में मैं देखता हूँ कि उन पर कुछ सूखे पत्ते इधर-उधर लगे रह जाते हैं, जबकि बाकि सभी पत्ते उन ओक तथा अन्य वृक्षों पर से झड़ चुके होते हैं। शीत ऋतु की तेज़ हवाएं और बसन्त की बारिष भी उन सूखे पत्तों को गिरा नहीं पाती। लेकिन जैसे जैसे बसन्त ऋतु बढ़ती है, दृश्य बदलने लगता है। वृक्षों की उन सूखी और बेजान प्रतीत होने वाली डालियों से नई कोंपलें फूटने लगती हैं। जैसे जैसे कोंपलें बढ़ती हैं, वे उन पुराने सूखे पत्तों को गिरा देती हैं; नए जीवन की शक्ति उन पुराने सूखे जीवन के अवशेषों को साफ कर देती है।

मसीही विश्वासी के अन्दर परमेश्वर का पवित्र आत्मा भी अपना अनुग्रह का कार्य कुछ ऐसे ही करता है। कुछ पुरानी आदतें हमारे जीवनों से चिपकी रह जाती हैं। हमारे जीवन की परीक्षाएं और क्लेष भी हमारी पुरानी पापों में पतित प्रकृति की इन आदतों को हम से दूर नहीं कर पाते। लेकिन हमारे प्रभु का आत्मा हम में नए जीवन के संचार को बनाए रखता है, और मसीह का यह जीवन हम में से बाहर प्रगट होने के मार्ग ढूंढ़ता रहता है। जैसे जैसे हम परमेश्वर के सामने अपने पापों का अंगीकार करते, प्रार्थना करते और उसके वचन का मनन करने में समय बिताते हैं, हमारी पुरानी पतित अवस्था के अवशेष, वे आदतें, हमसे दूर होने लगती हैं और प्रभु का जीवन हम में विदित होने लगता है।

जब उन पुरानी आदतों को दूर कर देने के हमारे अपने सभी प्रयास विफल हों और उन आदतों की हमारे जीवन में उपस्थिति हमारे लिए निराशा का कारण बनने लगे तो हमें ओक वृक्ष से शिक्षा लेनी चाहिए। जैसे बाहर से सूखे प्रतीत होने वाले ओक वृक्ष में जीवन का संचार बाकी रहता है और अपने समय में प्रगट होकर पुराने जीवन के अवशेषों को दूर कर देता है, वैसे ही प्रत्येक मसीही विश्वासी में प्रभु के आत्मा की उपस्थिति और नए जीवन का संचार बना रहता है, और अनुकूल परिस्थितियों में प्रगट हो कर पुरानी बातों को हटा देता है। जैसे जैसे हम परमेश्वर के आत्मा की प्रेरणा और आवाज़ की ओर अपना ध्यान लगाकर अपने जीवन में पवित्र आत्मा के फलों, जैसे प्रेम, ईमानदारी, विश्वासयोग्यता आदि को स्थान देते हैं, उसकी सामर्थ हमारे जीवनों में कार्य कर के पुरानी बातों को हटाती और नए जीवन को दिखाती जाती है। - डेनिस डी हॉन


यदि प्रभु यीशु मसीह हमारे जीवन का केंद्र बिंदु है, तो बाहरी परिधि स्वतः ही ठीक हो जाएगी।

पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे। - गलतियों ५:१६

बाइबल पाठ: गलतियों ५:१६-२६

Gal 5:16 पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे।
Gal 5:17 क्‍योंकि शरीर आत्मा के विरोध में लालसा करता है, और ये एक दूसरे के विरोधी हैं; इसलिये कि जो तुम करना चाहते हो वह न करने पाओ।
Gal 5:18 और यदि तुम आत्मा के चलाए चलते हो तो व्यवस्था के आधीन न रहे।
Gal 5:19 शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्‍दे काम, लुचपन।
Gal 5:20 मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध, झूठ, विधर्म।
Gal 5:21 डाह, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, और इन के जैसे और और काम हैं, इन के विषय में मैं तुम को पहिले से कह देता हूं जैसा पहिले कह भी चुका हूं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे।
Gal 5:22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्‍द, मेल, धीरज,
Gal 5:23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई व्यवस्था नहीं।
Gal 5:24 और जो मसीह यीशु के हैं, उन्‍होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है।
Gal 5:25 यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।
Gal 5:26 हम घमण्‍डी होकर न एक दूसरे को छेड़ें, और न एक दूसरे से डाह करें।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १२०-१२२
  • १ कुरिन्थियों ९

मंगलवार, 23 अगस्त 2011

ज़िन्दगी की दौड़

कंप्यूटर द्वारा ५००० रेस के घोड़ों के अध्ययन करने से पता चला कि घोड़े के बचपन से ही जाना जा सकता है कि वह बड़ा होकर अच्छा दौड़ने वाला घोड़ा होगा कि नहीं। Massachusetts Institute of Technology के एक प्राधायपक ने पाया कि तेज़ दौ़ड़ने वाले घोड़े के पांव दौड़ते समय ज़मीन पर एक के बाद एक पड़ते हैं न कि दो पांव एक साथ। ऐसे घोड़े जब दौड़ते हैं तो हर एक पांव ज़मीन पर तब आता है जब उससे पहले वाला ज़मीन से वेग लेकर उठ रहा होता है। इस प्रकार चारों पांव बारी बारी ज़मीन से वेग लेकर उठते हैं और घोड़ा व्यय उर्जा से सबसे अच्छी गति प्राप्त करने पाता है। घोड़े के चलने-भागने का तरीका उसके पैदा होने के कुछ ही महिनों के अन्दर निर्धारित हो जाता है और फिर उनकी सारी उम्र नहीं बदलता। इसलिए बचपने से ही घोड़ों का अध्ययन करने से यह पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि कौन सा घोड़ा आगे चलकर अच्छा भागने वाला घोड़ा बनेगा।

परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने मसीही जीवन को एक दौड़ की संज्ञा दी। उसने कहा मसीही जीवन की दौड़ वे ही भली भांति दौड़ सकते हैं जो परिश्रम करने में निपुण होते हैं। मसीही विश्वासी के लिए इसका तातपर्य है संयम और अनुशासन से दौड़ना (१ कुरिन्थियों ९:२४-२७)। इसी संदर्भ में इब्रानियों की पत्री का लेखक भी बताता है कि मसीही दौड़ का अच्छा धावक वह है जो व्यर्थ बोझ साथ लेकर नहीं दौड़ता, वरन उसे त्याग कर इस दौड़ को पूरा करता है - "इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। - इब्रानियों १२:१

बाइबल के पुराने नियम में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भी जीवन की दौड़ को भली भांति दौड़ने की बात कही। उसने कहा कि यह दौड़ वही भली भांति दौड़ सकते हैं जो परमेश्वर पर निर्भर होना और उसके समय की प्रतीक्षा करना जानते हैं, क्योंकि ऐसे लोग परमेश्वर को अपनी सामर्थ और अपनी आशा बनाना लेते हैं (यशायाह ४०:३१)।

ज़िन्दगी की दौड़ यदि भलि भांति दौड़ कर पूरी करनी है और परमेश्वर से प्रतिफल पाना है तो उसके लिए परमेश्वर पर निर्भर होना, उसके समय की प्रतीक्षा करना; जीवन में संयम तथा अनुशासन का पालन करना और ज़िन्दगी को उलझाने वाले पापों से बचा कर रखना होगा। - मार्ट डी हॉन


जो परमेश्वर पर निर्भर रहेंगे वे पाप के बोझ से मुक्त रहेंगे।

क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। - १ कुरिन्थियों ९:२४


बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों ९:२४-२७

1Co 9:24 क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।
1Co 9:25 और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्‍तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।
1Co 9:26 इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्‍तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्‍तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
1Co 9:27 परनतु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ११३-११५
  • १ कुरिन्थियों ६

शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

नतीजे परमेश्वर पर छोड़ दें

एक इतवार प्रातः की बात है, स्कौटलैंड का एक चर्च अधिकारी एक बुज़ुर्ग पादरी को उलाहना दे रहा था; अधिकारी ने पादरी से कहा, "आपके प्रचार और कार्य में अवश्य कोई कमी होगी तभी इस पूरे साल में केवल एक नया व्यक्ति चर्च से जुड़ा है, और वह भी एक लड़का ही है।"

उस दिन, जब वह इतवार का संदेश देने के लिए चर्च में खड़ा हुआ तो उस पादरी का हृदय भारी था। अपना सन्देश समाप्त करने के समय तक उसे लगने लगा था कि अब उसे अपना इस्तिफा सौंप देना चाहिए। चर्च के बाद जब सब लोग जा चुके थे तब वह नया लड़का उस बुज़ुर्ग पादरी के पास आया और उससे पूछा, "महोदय क्या आप को लगता है कि यदि मैं मेहनत से काम करूँ तो अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी कर के मैं भी पादरी बन सकूँगा, शायद मिशनरी प्रचारक भी?" उस पादरी की आँखें भर आईं, और वह बोला, "रौबर्ट, मैं अब स्वर्गीय हाथ को काम करते देखता हूँ। मेरे बच्चे, परमेश्वर तुम्हें आशीष दे। हाँ, मुझे लगता है कि अवश्य ही तुम एक मिशनरी प्रचारक बनोगे।"

बहुत वर्ष बीत गए, और अफ्रीका के जंगलों में सेवकाई के पश्चात एक मिशनरी प्रचारक लण्डन शहर वापस लौटा। लोग बड़े आदर से उसका नाम लेते थे। उसके कार्य से बहुत से लोगों ने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण किया था। वह अफ्रीका के कुछ बहुत खूंखार कबीलों और उनके प्रधानों तक पहुँच सका था और प्रभु यीशु का सन्देश उन तक पहुँचा सका था, उन्हें प्रभु के निकट ला सका था। इस मिशनरी प्रचारक का नाम था रौबर्ट मौफट, वही रौबर्ट जो जब लड़का ही था तो बुज़ुर्ग पादरी से उस इतवार प्रातः मिशनरी प्रचारक बनने के बारे में बात कर रहा था।

कभी हमें मसीह के लिए हमारा परिश्रम व्यर्थ लगता है, क्योंकि हमें कोई नतीजे दिखाई नहीं देते; हम सोचने लगते हैं कि क्या कुछ प्रभावी हो भी रहा है कि नहीं? याकूब कहता है कि, "सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्‍तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है (याकूब ५:१७)।"

यदि हम विश्वासयोग्यता से परमेश्वर द्वारा निर्धारित अपना कार्य करते रहेंगे तो उचित समय पर परमेश्वर नतीजे भी देगा। - डेनिस डी हॉन


परमेश्वर हमसे विश्वासयोग्यता माँगता है और विश्वासयोग्यता के प्रतिफल स्वरूप सफलता देता है।

अपुल्लोस क्‍या है और पौलुस क्‍या? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्‍तु परमेश्वर ने बढ़ाया। इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्‍तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। - १ कुरिन्थियों ३:५-७



बाइबल पाठ: याकूब ५:७-११

Jas 5:7 सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, गृहस्थ पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अन्‍तिम वर्षा होने तक धीरज धरता है।
Jas 5:8 तुम भी धीरज धरो, और अपने ह्रृदय को दृढ़ करो, क्‍योंकि प्रभु का शुभागमन निकट है।
Jas 5:9 हे भाइयों, एक दूसरे पर दोष न लगाओ ताकि तुम दोषी न ठहरो, देखो, हाकिम द्वार पर खड़ा है।
Jas 5:10 हे भाइयो, जिन भविष्यद्वक्ताओं ने प्रभु के नाम से बातें की, उन्‍हें दुख उठाने और धीरज धरने का एक आदर्श समझो।
Jas 5:11 देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्युब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०३-१०४
  • १ कुरिन्थियों २

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

विश्वासयोग्यता और प्रतिफल

मिशनरी प्रचारकों की एक सभा में मिशनरी प्रचारक जौन विलियम्स ने New Hebrides द्वीप समूह में अपने प्रचार कार्य के विवरण और उसके परिणामों के द्वारा श्रोताओं को बहुत प्रभावित कर मन्त्रमुग्ध कर दिया। उनके बाद एक और प्रचारक को अपने कार्य के बारे में बताने को कहा गया; उस प्रचारक ने बड़ी नम्र और कंपकंपाती आवाज़ में कहा, "मेरे पास श्रीमन विलियम के समान आपको प्रभावित कर पाने वाले कोई अद्भुत विवरण नहीं है। मैं बहुत सालों से एक दूर देश में प्रभु की सेवा कर रहा हूँ, और मैंने बहुत कम सफलता देखी है। लेकिन मुझे यह सन्तोष है कि जब हमारा प्रभु आएगा और अपने सेवकों से हिसाब लेगा, तो प्रतिफल देते समय यह नहीं कहेगा, ’धन्य हे अच्छे और सफल दास’, वरन वह कहेगा कि ’धन्य हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास’ ।"

मत्ती २५ अध्याय से हम सीखते हैं कि हमारे वरदान असमान भी हों तौ भी यदि हम उन्हें विश्वासयोग्यता से प्रभु के लिए प्रयोग करेंगे तो समान प्रतिफल पाएंगे। प्रभु द्वारा कहे गए इस दृष्टांत में जो ’तोड़े’ स्वामी ने अपने दासों को दिये, वे प्रभु द्वारा अपने सेवकों को दिये गए कार्यों की पूर्ति के लिए उन्हें दी गई योग्यताएं हैं। प्रभु के आगमन और हिसाब लिए जाने के समय महत्व इस बात का नहीं होगा कि किसने कितना ’कमाया’ लेकिन इस बात का होगा कि किसने कितनी विश्वासयोग्यता और कितनी मेहनत के साथ अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करी, उसकी मेहनत का स्तर क्या था।

ऐलेक्ज़ैन्डर मैकलैरन ने लिखा कि "जो रौशनी एक सूई के छेद से छन कर आती है वही रौशनी चौड़ी खिड़की से भी अन्दर आती है।" प्रभु अपने सेवकों को भिन्न भिन्न ज़िम्मेदारियाँ देता है; ज़िम्मेदारी के बड़े या छोटे होने से हमारे प्रतिफलों पर असर नहीं पड़ता, प्रभाव इस बात का है कि हम ने उन ज़िम्मेदारियों का निर्वाह कितनी विश्वासयोग्यता से किया। महान, कठिन और बड़े कार्य लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन परमेश्वर की दृष्टि में विश्वासयोग्यता से किया गया छोटा सा कार्य भी बड़े प्रतिफल का उतना ही हकदार है। - डेनिस डी हॉन


विश्वासयोग्यता से किया गया प्रत्येक कार्य प्रभु से समान प्रशंसा पाएगा।

उसके स्‍वामी ने उससे कहा, धन्य है अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो। - मत्ती २५:२१


बाइबल पाठ: मत्ती २५:१४-३०

Mat 25:14 क्‍योंकि यह उस मनुष्य की सी दशा है जिस ने परदेश को जाते समय अपने दासों को बुला कर, अपनी संपत्ति उन को सौंप दी।
Mat 25:15 उस ने एक को पांच तोड़, दूसरे को दो, और तीसरे को एक; अर्थात हर एक को उस की सामर्थ के अनुसार दिया, और तब परदेश चला गया।
Mat 25:16 तब जिस को पांच तोड़े मिले थे, उस ने तुरन्‍त जा कर उन से लेन देन किया, और पांच तोड़े और कमाए।
Mat 25:17 इसी रीति से जिस को दो मिले थे, उस ने भी दो और कमाए।
Mat 25:18 परन्‍तु जिस को एक मिला था, उस ने जा कर मिट्टी खोदी, और अपने स्‍वामी के रूपये छिपा दिए।
Mat 25:19 बहुत दिनों के बाद उन दासों का स्‍वामी आ कर उन से लेखा लेने लगा।
Mat 25:20 जिस को पांच तोड़े मिले थे, उस ने पांच तोड़े और ला कर कहा, हे स्‍वामी, तू ने मुझे पांच तोड़े सौंपे थे, देख मैं ने पांच तोड़े और कमाए हैं।
Mat 25:21 उसके स्‍वामी ने उससे कहा, धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा, मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो।
Mat 25:22 और जिस को दो तोड़े मिले थे, उस ने भी आ कर कहा, हे स्‍वामी तू ने मुझे दो तोड़े सौंपें थे, देख, मैं ने दो तोड़े और कमाएं।
Mat 25:23 उसके स्‍वामी ने उस से कहा, धन्य हे अच्‍छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा, मैं तुझे बहुत वस्‍तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सम्भागी हो।
Mat 25:24 तब जिस को एक तोड़ा मिला था, उस ने आ कर कहा, हे स्‍वामी, मैं तुझे जानता था, कि तू कठोर मनुष्य है, और जहां नहीं छीटता वहां से बटोरता है।
Mat 25:25 सो मैं डर गया और जा कर तेरा तोड़ा मिट्टी में छिपा दिया, देख, जो तेरा है, वह यह है।
Mat 25:26 उसके स्‍वामी ने उसे उत्तर दिया, कि हे दुष्‍ट और आलसी दास, जब यह तू जानता था, कि जहां मैं ने नहीं बोया वहां से काटता हूं; और जहां मैं ने नहीं छीटा वहां से बटोरता हूं।
Mat 25:27 तो तुझे चाहिए था, कि मेरा रूपया सर्राफों को दे देता, तब मैं आ कर अपना धन ब्याज समेत ले लेता।
Mat 25:28 इसलिये वह तोड़ा उस से ले लो, और जिस के पास दस तोड़े हैं, उस को दे दो।
Mat 25:29 क्‍योंकि जिस किसी के पास है, उसे और दिया जाएगा; और उसके पास बहुत हो जाएगा: परन्‍तु जिस के पास नहीं है, उस से वह भी जो उसके पास है, ले लिया जाएगा।
Mat 25:30 और इस निकम्मे दास को बाहर के अन्‍धेरे में डाल दो, जहां रोना और दांत पीसना होगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १००-१०२
  • १ कुरिन्थियों १

बुधवार, 17 अगस्त 2011

अन्त तक विश्वासयोग्य

सन १९८१ में एक १० कि.मी. दौड़ में एक विकलांग व्यक्ति बिल ब्रौडहौर्स्ट ने भाग लिया। इससे १० वर्ष पूर्व बिल के मस्तिष्क में रक्त-प्रवाह में उत्पन्न बाधा के कारण उसका ऑप्रेशन हुआ था जिस के कारण उसे शरीर के बाएं भाग में अधरंग हो गया था। लेकिन दौड़ की उस प्रातः वह १२०० अन्य स्वस्थ व्यक्तियों के साथ प्रतियोगिता में खड़ा हुआ था। दौड़ आरंभ करने के लिए बन्दूक की गोली दाग़ी गई और प्रतियोगियों की भीड़ आगे बढ़ निकली। बिल ने भी अपना कमज़ोर बांया पैर आगे बढ़ाया, ज़मीन पर उसे संभाला और लचकते हुए फिर अपना दायां पैर आगे बढ़ाया; और ऐसे बड़े कष्ट पूर्ण तरीके से आगे बढ़ने लगा। प्रतियोगियों की भीड़ आगे निकल कर आंखों से ओझल भी हो गई, बिल इसी तरह अपने प्रयास में लगा रहा। उसका पसीना बह रहा था, टखने में बहुत पीड़ा थी लेकिन वह रुका नहीं, और २ घंटे २९ मिनिट बाद वह दौड़ समाप्त होने के स्थान पर पहुँच पाया। जब वह वहाँ पहुंचा तो केवल थोड़े से दर्शकों ही वहाँ खड़े थे। उसके पहुँचने पर उन में से एक जन, जो लंबी दूरी की दौड़ का विख्यात प्रतियोगी - बिल रौजर्स था, आगे बढ़ा और बड़े आदर सहित बिल ब्रौडहौर्स्ट के गले में अपना जीता हुआ पदक डाला और बोला, "तुमने इसके लिए मुझ से अधिक मेहनत करी है।"

लगभग दो हज़ार वर्ष पूर्व, यीशु निस्सहाय अवस्था में क्रूस पर टंगा हुआ था, और देखने वालों को लग रहा था कि यह एक शर्मनाक हार है। लेकिन उस क्रूस पर से उसकी पुकार, "पूरा हुआ" शैतान और उसकी शक्तियों के विरुद्ध प्राप्त जय का जयनाद था, जिसकी वास्तविकता तीन दिन पश्चात प्रगट हो गई। आज उसकी खाली कब्र इस का प्रमाण है। उसने मृत्यु पर विजय पाई और समस्त संसार के पाप के लिए अपने बलिदान द्वारा प्रायश्चित के कार्य को पूरा किया था।

मसीही जीवन कोई ऐसी दौड़ नहीं है जिसमें प्रथम आने की होड़ हो या पुरुस्कार हो; वरन यह जीवन ऐसी लंबी दौड़ है जिसे धैर्य तथा विश्वासयोग्यता के साथ पूरा करा जाता है। बिल ब्रौडहौर्स्ट की तरह, जो अपनी विकलांगता और कष्ट के बावजूद अन्त तक विश्वासयोग्य रहा, वह प्रत्येक विश्वासी विजयी माना जाएगा और पुरुस्कार पाएगा जो अपनी दौड़ विश्वासयोग्यता सहित पूरी करेगा। - डेनिस डी हॉन


हमारा आरंभ करना नहीं वरन विश्वासयोग्यता के साथ हमारा दौड़ को पूरा करना, हमारे प्रतिफल निर्धारित करेगा।

मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। - २ तिमुथियुस ४:७

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:१-८

2Ti 4:1 परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूं।
2Ti 4:2 कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
2Ti 4:3 क्‍योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
2Ti 4:4 और अपने कान सत्य से फेर कर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
2Ti 4:5 पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
2Ti 4:6 क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाई उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
2Ti 4:7 मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
2Ti 4:8 भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ९७-९९
  • रोमियों १६

शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

किसका भय मानें

एक लड़के ने, जो दूसरे विश्वयुद्ध के समय हौलैण्ड के नाट्ज़ी सेनाओं के कबज़े वाले इलाके में रहता था, अपनी डायरी में लिखा, "पिछले सप्ताह तीन जर्मन सैनिकों ने मेरे पिताजी को घर के गलियारे में घेर लिया। उन्होंने बन्दूक के ज़ोर पर उन्हें मजबूर किया कि घर के तहखाने के रास्ते को खोलें। उनमें से एक ने पिताजी को आज्ञा दी कि कमरों के नीचे की जगह में रेंग कर जाकर दिखाएं कि हथियार कहाँ छिपा कर रखे हैं, अन्यथा वे उन्हें गोली मार देंगे। मेरे पिता कोई बहुत बहादुर व्यकति नहीं हैं, वे तो दन्त-चिकित्सक तक से डरते हैं। उन सैनिकों में से एक ने उनकी कनपट्टी पर अपनी पिस्तौल रखकर उसका घोड़ा दबाते हुए जब उन्हें धमकाया, तो पिता जी ने बाइबल का वह पद बोलना आरंभ कर दिया जो उनके ध्यान में आ रहा था: ’जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है’ (मत्ती १०:२८)। उन जर्मन सैनिकों ने विस्मित होकर एक दूसरे को देखा और फिर अपने कंधे झटक कर उन्हें छोड़ कर चले गए।"

अनेक प्रकार के भय कई दफा मसीही विश्वासियों को सताते हैं। कुछ तो अस्पष्ट और बेबुनियाद घबराहट से ही ग्रस्त रहते हैं। यह सब हमें हमारे भरोसे और आनन्द से वंचित करते हैं और हमारे आत्मिक स्वास्थ्य की हानि तथा हमारे मसीह के लिए प्रभावी होने को बाधित करते हैं। बाइबल में इस समस्या का उत्तर भी दिया गया है - हर भय को परमेश्वर के भय के आधीन ले आना। जब हम परमेश्वर के भय को भली-भाँति सीख जाएंगे तो फिर किसी भय से भयभीत नहीं होंगे।

हौलैण्ड के उस लड़के के पिता के समान, जब हम परमेश्वर के भय को सर्वोपरि रखेंगे तो हमारे लिए अन्य प्रत्येक भय अपने आप ही सही परिपेक्ष में आ जाएगा। - डेव एगनर


हमें इस संसार के किसी अंधकार से डरने की कोई आवश्यक्ता नहीं है क्योंकि संसार की ज्योति, प्रभु यीशु मसीह सदा हमारे साथ बना रहता है।

जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है। - मत्ती १०:२८


बाइबल पाठ: मत्ती १०:२४-३३

Mat 10:24 चेला अपने गुरू से बड़ा नहीं और न दास अपने स्‍वामी से।
Mat 10:25 चेले का गुरू के, और दास का स्‍वामी के बाराबर होना ही बहुत है; जब उन्‍होंने घर के स्‍वामी को शैतान कहा तो उसके घरवालों को क्‍यों न कहेंगे?
Mat 10:26 सो उन से मत डरना, क्‍योंकि कुछ ढंपा नहीं, जो खोला न जाएगा और न कुछ छिपा है, जो जाना न जाएगा।
Mat 10:27 जो मैं तुम से अन्‍धियारे में कहता हूं, उसे उजियाले में कहो; और जो कानों कान सुनते हो, उसे कोठों पर से प्रचार करो।
Mat 10:28 जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है।
Mat 10:29 क्‍या पैसे मे दो गौरैये नहीं बिकती? तौभी तुम्हारे पिता की इच्‍छा के बिना उन में से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती।
Mat 10:30 तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं।
Mat 10:31 इसलिये, डरो नहीं; तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो।
Mat 10:32 जो कोई मनुष्यों के साम्हने मुझे मान लेगा, उसे मैं भी उसे स्‍वर्गीय पिता के साम्हने मान लूंगा।
Mat 10:33 पर जो कोई मनुष्यों के साम्हने मेरा इन्‍कार करेगा उस से मैं भी अपने स्‍वर्गीय पिता के साम्हने इन्‍कार करूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १३-१५
  • प्रेरितों १९:२१-४१

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

प्रेरणा का सर्वोत्तम स्त्रोत

पहली कक्षा के छात्र क्रेग का चेहरा खिला हुआ और बड़ी सी मुस्कान से सजा हुआ था। बड़े गर्व से उसने अपने अंग्रेज़ी शब्दों की वर्तनी का परीक्षाफल, जिस पर उसकी अध्यापिका ने लिखा था - "१०० - बहुत अच्छा" मुझे दिखाया और कहा, "मैंने यह अपनी मम्मी और डैडी को भी दिखाया क्योंकि मैं जानता था कि वे इससे बहुत खुश होंगे।" उस बच्चे के लिए अपने माँ बाप को खुश करना प्रेरणा का एक बड़ा स्त्रोत था।

पौलुस ने तिमुथियुस को एक ऐसे सैनिक के उदाहरण द्वारा सिखाया जो अपने सेनापति की प्रसन्नता के लिए कोई भी जोखिम उठाने को सर्वदा तैयार रहता है, जिससे तिमुथियुस परमेश्वर की सेवा के मर्म को समझ सके, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो (२ तिमुथियुस २:३, ४)। हमारी श्रद्धा परमेश्वर को तब ही भाती है जब वह परमेश्वर के नियमों का गंभीरता से पालन और उसकी आज्ञाकारिता के लिए भरपूर मेहनत के साथ उसको एक पूर्णतः समर्पित एवं प्रेम पूर्ण हृदय से अर्पित करी गई हो।

परमेश्वर की सेवा करने के लिए हमारे पास कई उद्देश्य हो सकते हैं, लेकिन परमेश्वर को हम सर्वोत्तम महिमा तब ही देते हैं जब हम आनन्द सहित केवल वही करना चाहते हैं जिससे वह प्रसन्न होता है। हमारे उद्धारकर्ता ने भी, अपने मानवीय जीवन में, क्रूस पर हम सब के पापों के लिए बलिदान होने से पहले, हृदय की बड़ी व्यथा सही; लेकिन उसकी परमेश्वर से उस समय भी यही प्रार्थना थी, "...मेरी नहीं परन्‍तु तेरी ही इच्‍छा पूरी हो" (लूका २२:४२)। हमारा उद्देश्य भी अपने उद्धारकर्ता के समान सदा ही हर बात में परमेश्वर पिता की प्रसन्नता ही होना चाहिए।

परमेश्वर को प्रसन्न करना ही उसकी आज्ञाकारिता के लिए सर्वोत्तम प्रेरणा है और हमारा परमेश्वर का भय मानने का प्रमाण भी। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


मनुष्य कार्यों द्वारा परखता है, परन्तु परमेश्वर मन के उद्देश्यों को देखता है।

तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ। - कुलुसियों १:१०


बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस २:१-१३

2Ti 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्‍त हो जा।
2Ti 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी है, उन्‍हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2Ti 2:3 मसीह यीशु के अच्‍छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा।
2Ti 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता;
2Ti 2:5 फिर अखाड़े में लडने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2Ti 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2Ti 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।
2Ti 2:8 यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है।
2Ti 2:9 जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं परन्‍तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं।
2Ti 2:10 इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्‍त महिमा के साथ पाएं।
2Ti 2:11 यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी।
2Ti 2:12 यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे : यदि हम उसका इन्‍कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्‍कार करेगा।
2Ti 2:13 यदि हम अविश्वासी भी हों तौ भी वह विश्वासयोग्य बना रहता है, क्‍योंकि वह आप अपना इन्‍कार नहीं कर सकता।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०-१२ प्
  • रेरितों १९:१-२०

बुधवार, 13 जुलाई 2011

सबसे भयावह भय

कुछ लोगों को भय से रोमांच होता है, लेकिन केवल काल्पनिक बातों में - वे डरावनी फिल्में देखना तथा डरावनी कहानीयाँ और उपन्यास पढ़ना पसन्द करते हैं लेकिन किसी वास्तविक भयावह परिस्थिति का वो कभी सामना करना नहीं चाहते। ऐसे ही संसार के अधिकांश लोग पसन्द नहीं करते कि किसी बात को उन्हें समझाने या बताने के लिए किसी प्रकार के भय का कोई उल्लेख किया जाए। यदि कोई लेखक सामयवादी यानि क्मयुनिस्ट विचार धारा के खतरों के बारे में कुछ लिखता है तो उस पर नाहक ही भय द्वारा बात मनवाने के प्रयास का इल्ज़ाम आता है। इसी प्रकार यदि कोई मसीही अगुवा इस बात का सुझाव मात्र भी दे कि परमेश्वर द्वारा पाप के न्याय के फलस्वरूप भी कुछ बिमारियाँ मनुष्यों में फैल सकती हैं तो उसे तिरस्कार किया जाता है, उसके प्रति घृणा का वातवरण उत्पन्न किया जाता है। लोगों में प्रचलित धारणा यही है कि, "लोगों को उनकी गलती से मुँह मोड़ने और उन्हें सही मार्ग पर लाने के लिए कभी परमेश्वर के न्याय और उसके भय का उल्लेख भी मत करो।"

लेकिन यह धारणा परमेश्वर के वचन और स्वभाव से मेल नहीं खाती। परमेश्वर के नबी यशायाह ने परमेश्वर की प्रजा को सही मार्गदर्शन देने के लिए परमेश्वर के न्याय और भय का उल्लेख करने में कभी कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। प्रजा के लोगों ने उस पर राजद्रोह का अभियोग लगाया क्योंकि उसने चेतावनी दी कि इस्त्राएल को अशूर के राजा के साथ संधि नहीं करनी चाहिए। यशायाह उन्हें चिता रहा था कि इस्त्राएल को अशूर के राजा से अधिक परमेश्वर से डरना चाहिए, और मनुष्य के भय में आकर यदि वे गलत संधि करेंगे और परमेश्वर के नियमों से समझौता करेंगे तो उन्हें परमेश्वर के न्याय का सामना करना पड़ेगा और वे अपनी स्वतंत्रता गंवा बैठेंगे। लोगों ने उसकी नहीं सुनी, परमेश्वर से अधिक मनुष्य को महत्व दिया, चेतावनी के विरुद्ध समझौते किये और अन्त वही हुआ जिसके लिए यशायाह इन्हें चिता रहा था।

परमेश्वर का वचन बाइबल यह भी बताती है कि जो लोग प्रभु यीशु मसीह का इन्कार कर के उसके द्वारा दिये गए उद्धार के मार्ग और अवसर का तिरिस्कार करते रहते हैं और अपने पापों में बने रहते हैं, वे एक दिन परमेश्वर को अपने विरुद्ध खड़ा पाएंगे। यदि यह बात किसी को भयावह प्रतीत होती है और इस भय के अन्तर्गत कोई व्यक्ति प्रभु यीशु पर विश्वास करने के द्वारा पापों से क्षमा तथा उद्धार पाता है, तो भय ने एक भला कार्य करवाया है। इसी भय के कारण यदि कोई मसीही विश्वासी प्रभु की सेवा में अपने आप को पुनःसमर्पित करके एक नए उत्साह के साथ अपनी सेवा को पूरा करता है तो भी भय एक सकरात्मक कार्य का कारण बना है।

मनुष्यों के लिए सबसे भयावह भय किसी अन्य नशवर मनुष्य या उसकी सामर्थ का भय नहीं वरन अविनाशी और सर्वसामर्थी परमेश्वर का और उसके न्याय का भय होना चाहिए, जिसका सामना प्रत्येक को एक न एक दिन करना ही है। यह सबसे भयावह भय ही सबसे भला भय भी है क्योंकि यही वह भय है जो हमें सही मार्ग पर लाता है और बनाए रखता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


सच्चे परमेश्वर का सच्चा भय मानिए, आपको अन्य किसी भय को मानने की कभी कोई आवश्यक्ता नहीं होगी।

इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया। - यशायाह ६६:४


बाइबल पाठ: यशायाह ८:११-२२

Isa 8:11 क्योंकि यहोवा दृढ़ता के साथ मुझ से बोला और इन लोगों की सी चाल चलने को मुझे मना किया,
Isa 8:12 और कहा, जिस बात को यह लोग राजद्रोह कहें, उसको तुम राजद्रोह न कहना, और जिस बात से वे डरते हैं उस से तुम न डरना और न भय खाना।
Isa 8:13 सेनाओं के यहोवा ही को पवित्र जानना, उसी का डर मानना, और उसी का भय रखना।
Isa 8:14 और वह शरणस्थान होगा, परन्तु इस्राएल के दोनो घरानों के लिये ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान, और यरूशलेम के निवासियों के लिये फन्दा और जाल होगा।
Isa 8:15 और बहुत से लोग ठोकर खाएंगे, वे गिरेंगे और चकनाचूर होंगे, वे फन्दे में फसेंगे और पकड़े जाएंगे।
Isa 8:16 चितौनी का पत्र बन्द कर दो, मेरे चेलों के बीच शिक्षा पर छाप लगा दो।
Isa 8:17 मैं उस यहोवा की बाट जोहता रहूंगा जो अपने मुख को याकूब के घराने से छिपाये है, और मैं उसी पर आशा लगाए रहूंगा।
Isa 8:18 देख, मैं और जो लड़के यहोवा ने मुझे सौंपे हैं, उसी सेनाओं के यहोवा की ओर से जो सिय्योन पर्वत पर निवास किए रहता है इस्राएलियों के लिये चिन्ह और चमत्कार हैं।
Isa 8:19 जब लोग तुम से कहें कि ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो जो गुनगुनाते और फुसफुसाते हैं, तब तुम यह कहना कि क्या प्रजा को अपने परमेश्वर ही के पास जाकर न पूछना चाहिये? क्या जीवतों के लिये मुर्दों से पूछना चाहिये?
Isa 8:20 व्यवस्था और चितौनी ही की चर्चा किया करो! यदि वे लोग इस वचनों के अनुसार न बोलें तो निश्चय उनके लिये पौ न फटेगी,
Isa 8:21 वे इस देश में क्लेशित और भूखे फिरते रहेंगे, और जब वे भूखे होंगे, तब वे क्रोध में आकर अपने राजा और अपने परमेश्वर को श्राप देंगे, और अपना मुख ऊपर आकाश की ओर उठाएंगे;
Isa 8:22 तब वे पृथ्वी की ओर दृष्टि करेंगे परन्तु उन्हें सकेती और अन्धियारे अर्थात संकट भरा अन्धकार ही देख पड़ेगा, और वे घोर अन्धकार में ढकेल दिए जाएंगे।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ७-९
  • प्रेरितों १८

सोमवार, 11 जुलाई 2011

जयवंत भय

भय कई तरह के होते हैं और लोग उन के अलग अलग प्रकारों से लम्बे समय से परिचित हैं। हाल ही में एक नया भय प्रगट हुआ है - कमप्यूटर का भय (cyberphobia)। कुछ लोग कमप्यूटर को देख कर बहुत भयभीत हो जाते हैं, वे उस कमरे में रहना नहीं चाहते जहाँ कमप्यूटर लगा है। यदि उन्हें कमप्यूटर के पास छोड़ दिया जाए तो वे घबराने लगते हैं, उनके दिल की धड़कन तेज़ और अनियमित हो जाती है, उन्हें साँस लेने में कठिनाई होने लगती है, कोई कोई कंपकंपाने लगता है और कोई मुर्छित भी हो जाता है। वे इतने विचिलित हो जाते हैं कि उन्हें संयम खोने, सनकी होने या बेहोशा हो जाने का आभास होने लगता है। हम में से अधिकांशतः के लिए यह समझ से परे है, जैसे हर प्रकार का भय किसी न किसी की समझ से परे होता है; लेकिन जो उससे ग्रसित हैं उन लोगों के लिए वह भय वास्तविक है।

लेकिन एक और भय है, जो हम में से अधिकांश लोगों को है और उपरोक्त भय के समान वास्तविक भी है और वैसा ही निष्क्रीय करने वाला भी, लेकिन हम इसे स्वीकार कम ही करते हैं - मनुष्यों का भय, दूसरों के कहने और राय का भय। कई बार हम ऐसे व्यवहार करते हैं मानो हमारा भविष्य और भलाई पूर्णतः दूसरे मनुष्यों के हाथों में है।

यशायाह ने वर्णन किया कि मनुष्यों का यह बेबुनियाद भय परमेश्वर को कैसा प्रतीत होता है, जब हम उस पर अपना भरोसा छोड़ मनुष्यों पर निर्भर होने लगते हैं। परमेश्वर ने कहा मनुष्यों के भय में और उनके वशीभूत रहना मूर्खता है क्योंकि मनुष्य नाशमान प्राणी है जिसका अस्तित्व और सामर्थ मैदान की घास से अधिक नहीं है ( याशायाह ५१:१२)। परमेश्वर यह भी जानता है कि लोग किस प्रकार की हानि पहुंचने के भय के कारण दूसरों पर हावी होते हैं ( याशायाह ५१:१३, १४)। लेकिन परमेश्वर ही है जो हर बात और प्रत्येक जन का अन्तिम फैसला अपने हाथ में रखे हुए है।

हमारा भविष्य और अनन्त काल की भलाई परमेश्वर पर निर्भर है, किसी मनुष्य पर नहीं, केवल परमेश्वर पर। इसलिए जैसा इब्रानियों की पत्री के लेखक ने मसीही जीवन के लिए लिखा है, "इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिस ने उस आनन्‍द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न करके, क्रूस का दुख सहा और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों १२:१, २)।

परमेश्वर का भय ही हर परिस्थिति पर जयवन्त करने वाला भय है जिससे कभी हानि नहीं आती। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर पर विश्वास और परमेश्वर का भय, दमन करने वाले मनुष्यों के भय को जीवन से निकाल फेंकता है।

मैं, मैं ही तेरा शान्तिदाता हूं; तू कौन है जो मरने वाले मनुष्य से, और घास के समान मुर्झाने वाले आदमी से डरता है? - यशायाह ५१:१२


बाइबल पाठ: यशायाह ५१:१-१६

Isa 51:1 हे धर्म पर चलने वालो, हे यहोवा के ढूंढ़ने वालो, कान लगाकर मेरी सुनो; जिस चट्टान में से तुम खोदे गए और जिस खान में से तुम निकाले गए, उस पर ध्यान करो।
Isa 51:2 अपने मूलपुरूष इब्राहीम और अपनी माता सारा पर ध्यान करो, जब वह अकेला था, तब ही से मैं ने उसको बुलाया और आशीष दी और बढ़ा दिया।
Isa 51:3 यहोवा ने सिय्योन को शान्ति दी है, उस ने उसके सब खण्डहरों को शान्ति दी है; वह उसके जंगल को अदन के समान और उसके निर्जल देश को यहोवा की वाटिका के समान बनाएगा, उस में हर्ष और आनन्द और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई पड़ेगा।
Isa 51:4 हे मेरी प्रजा के लोगों, मेरी ओर ध्यान धरो, हे मेरे लोगों, कान लगा कर मेरी सुनो, क्योंकि मेरी ओर से व्यवस्था दी जाएगी, और मैं अपना नियम देश देश के लोगों की ज्योति होने के लिये स्थिर करूंगा।
Isa 51:5 मेरा छुटकारा निकट है, मेरा उद्धार प्रगट हुआ है, मैं अपने भुजबल से देश देश के लोगों का न्याय करूंगा। द्वीप मेरी बाट जाहेंगे और मेरे भुजबल पर आशा रखेंगे।
Isa 51:6 आकाश की ओर अपनी आंखें उठाओ, और पृथ्वी को निहारो; क्योंकि आकाश धुंए ही नाई लोप हो जाएगा, पृथ्वी कपड़े के समान पुरानी हो जाएगी, और उसके रहने वाले यों ही जाते रहेंगे, परन्तु जो उद्धार मैं करूंगा वह सर्वदा ठहरेगा, और मेरे धर्म का अन्त न होगा।
Isa 51:7 हे धर्म के जानने वालों, जिनके मन में मेरी व्यवस्था है, तुम कान लगाकर मेरी सुनो; मनुष्यों की नामधराई से मत डरो, और उनके निन्दा करने से विस्मित न हो।
Isa 51:8 क्योंकि घुन उन्हें कपड़े की नाईं और कीड़ा उन्हें ऊन की नाईं खाएगा, परन्तु मेरा धर्म अनन्त काल तक, और मेरा उद्धार पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा।
Isa 51:9 हे यहोवा की भुजा, जाग! जाग और बल धारण कर; जैसे प्राचीन काल में और बीते हुए पीढिय़ों में, वैसे ही अब भी जाग। क्या तू वही नहीं है जिस ने रहब को टुकड़े टुकड़े किया और मगरमच्छ को छेदा?
Isa 51:10 क्या तू वही नहीं जिस ने समुद्र को अर्थात गहिरे सागर के जल को सुखा डाला और उसकी गहराई में अपने छुड़ाए हओं के पार जाने के लिये मार्ग निकाला था?
Isa 51:11 सो यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौट कर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे, और उनके सिरों पर अनन्त आनन्द गूंजता रहेगा, वे हर्ष और आनन्द प्राप्त करेंगे, और शोक और सिसकियों का अन्त हो जाएगा।
Isa 51:12 मैं, मैं ही तेरा शान्तिदाता हूं; तू कौन है जो मरने वाले मनुष्य से, और घास के समान मुर्झाने वाले आदमी से डरता है?
Isa 51:13 और आकाश के तानने वाले और पृथ्वी की नेव डालने वाले अपने कर्ता यहोवा को भूल गया है, और जब द्रोही नाश करने को तैयार होता है तब उसकी जलजलाहट से दिन भर लगातार थरथराता है? परन्तु द्रोही की जलजलाहट कहां रही?
Isa 51:14 बंधुआ शीघ्र ही स्वतन्त्र किया जाएगा, वह गड़हे में न मरेगा और न उसे रोटी की कमी होगी।
Isa 51:15 जो समुद्र को उथल-पुथल करता जिस से उसकी लहरों मे गरजन होती है, वह मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं मेरा नाम सेनाओं का यहोवा है। और मैं ने तेरे मुंह में अपने वचन डाले,
Isa 51:16 और तुझे अपने हाथ की आड़ में छिपा रखा है कि मैं आकाश को तानूं और पृथ्वी की नेव डालूं, और सिय्योन से कहूं, तुम मेरी प्रजा हो।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १-३
  • प्रेरितों १७:१-१५

रविवार, 10 जुलाई 2011

भय की प्राथमिकताएं

मैंने एक प्रचारक को कहते सुना कि हमें केवल परमेश्वर से भय रखना चाहिए, यद्यपि उसके कहने का तातपर्य सही था, तो भी मैं उससे पूर्णतः सहमत नहीं हूँ। परमेश्वर के वचन बाइबल में ही प्रेरित पतरस द्वारा परमेश्वर के आत्मा ने लिखवाया है कि सेवक अपने स्वामियों के भय में रहें (१ पतरस २:१८) और पौलुस प्रेरित द्वारा लिखवाया कि बुराई करने वालों को सामाजिक अधिकारियों के भय में रहना चाहिए (रोमियों १३:४)। यह हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है कि हम जिन बातों का भय रखते हैं उनकी सही प्राथमिकताएं भी रखें और उन सही प्राथमिकताओं के अनुसार भय को निभाएं।

एक युवक ने मुझे अपने अनुभव के बारे में बताया, उसके मित्र उसे नशीले पदार्थों के सेवन के लिए उकसा रहे थे, उसे भय था कि यदि उसने उनकी ना मानी तो वे उसे कायर समझेंगे; लेकिन इससे भी अधिक भय उसे इस बात से था कि यदि उसने उन पदार्थों को लेना आरंभ कर दिया तो उसका परिणाम क्या होगा। अपने भय की सही प्राथमिकताओं के कारण ही वह बुरी आदत और उसके दुषपरिणामों से बच सका। एक सैनिक ने अपने युद्ध भूमि के अनुभव बताए। उसने अपनी स्वेच्छा से एक बहुत खतरनाक मुहिम पर जाने की रज़ामन्दी अपनी टुकड़ी के नायक को दी। उसने माना कि उस मुहिम पर जाने के लिए उसे भय तो बहुत था लेकिन उस भय से भी अधिक भय इस बात का था कि यदि दुशमन जीत गया तो क्या परिणाम होगा। भय की प्राथमिकताओं ने ही इन दोनो जवानों को सही निर्णय लेने की प्रेरणा दी।

बाइबल हमें सिखाती है कि हमारा सब से बड़ा भय होना चाहिए परमेश्वर को अप्रसन्न करने का भय। यह वह भय है जिसे सदा हमारे प्राणों के भय से भी बढ़कर रहना चाहिए। यदि एक मसीही विश्वासी के सामने बुराई करने अथवा पीड़ा उठाने या प्राण गंवाने की परिस्थिति हो तो निसन्देह, बिन झिझके उसे परमेश्वर की आज्ञाकारिता के लिए पीड़ा उठाने या प्राणों का जोखिम उठाने को चुनना चाहिए, ना कि बुराई के लिए समझौता करने को। प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा, "जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है" (मत्ती १०:२८)।

भय हमारे जीवन का एक भाग है। यदि हम भय की प्राथमिकताएं बनाना सीख जाएं और परमेश्वर के भय को सदा सर्वोपरी रखें तो भय हमारे लिए लाभ का कारण बन जाएगा। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


मनुष्यों के भय से लज्जा किंतु परमेश्वर के भय से विवेक जागृत होता है।

इसलिये हर एक का हक चुकाया करो, जिसे कर चाहिए, उसे कर दो; जिसे महसूल चाहिए, उसे महसूल दो; जिस से डरना चाहिए, उस से डरो; जिस का आदर करना चाहिए उसका आदर करो। - रोमियों १३:७



बाइबल पाठ: रोमियों १३:१-७

Rom 13:1 हर एक व्यक्ति प्रधान अधिकारियों के अधीन रहे, क्‍योंकि कोई अधिकार ऐसा नहीं, जो परमेश्वर की ओर से न हो, और जो अधिकार हैं, वे परमेश्वर के ठहराए हुए हैं।
Rom 13:2 इस से जो कोई अधिकार का विरोध करता है, वह परमेश्वर की विधि का साम्हना करता है, और साम्हना करने वाले दण्‍ड पाएंगे।
Rom 13:3 क्‍योंकि हाकिम अच्‍छे काम के नहीं, परन्‍तु बुरे काम के लिये डर का कारण हैं; सो यदि तू हाकिम से निडर रहना चाहता है, तो अच्‍छा काम कर और उस की ओर से तेरी सराहना होगी;
Rom 13:4 क्‍योंकि वह तेरी भलाई के लिये परमेश्वर का सेवक है। परन्‍तु यदि तू बुराई करे, तो डर; क्‍योकि वह तलवार व्यर्थ लिये हुए नहीं और परमेश्वर का सेवक है कि उसके क्रोध के अनुसार बुरे काम करने वाले को दण्‍ड दे।
Rom 13:5 इसलिये अधीन रहना न केवल उस क्रोध से परन्‍तु डर से अवश्य है, वरन विवेक भी यही गवाही देता है।
Rom 13:6 इसलिये कर भी दो, क्‍योंकि वे परमश्‍ेवर के सेवक हैं, और सदा इसी काम में लगे रहते हैं।
Rom 13:7 इसलिये हर एक का हक चुकाया करो, जिस कर चाहिए, उसे कर दो; जिसे महसूल चाहिए, उसे महसूल दो; जिस से डरना चाहिए, उस से डरो; जिस का आदर करना चाहिए उसका आदर करो।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ४१-४२
  • प्रेरितों १६:२२-४०

शनिवार, 9 जुलाई 2011

भय से भरोसा

एक कबीले में प्रथा थी कि जब उनके कबीले का बच्चा व्यसक होने लगता था तो कबीले के अगुवे उसे अपने कबीले की प्रथाएं सिखाते थे। इन प्रथाओं के पालन के लिए वे उसके ऊपर दण्ड का भय या "यह करो, वह न करो" की नैतिकता का भार नहीं डालते थे, वरन वे उस से बस इतना ही कहते थे कि "ना मानने से कबीले के लोग तुम्हारे बारे में बातें कर सकते हैं"। अपने साथ के लगों में सही छवि बनाए रखने के लिए वह बच्चा स्वतः ही प्रथाओं का पालन करने में तत्पर रहता था।

साथियों के इस दबाव के संबंध में परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह की पुस्तक के ५१ अध्याय में भी कुछ कहा गया है - समाज में सही दिखने वाले व्यवहार को लेकर। कबीले के अगुवे बच्चों को सही व्यवहार बनाए रखने के लिए साथियों का दबाव बताते थे, लेकिन यशायाह ५१ में इसका दूसरा पहलू दर्शाया गया है - साथियों के दबाव में आकर पाप में फंसना और गिर जाना (यशायाह ५१:७)। परमेश्वर ने अपने लोगों को चेतावनी दी कि "लोग उन के बारे में क्या कहेंगे" का भय, उन के जीवनों में परमेश्वर की आज्ञाओं के साथ समझौता करने और अनाज्ञाकारी होने का कारण हो सकता है और वे अनैतिक संबंधों में फंस सकते हैं। परमेश्वर ने कहा कि जब ऐसी बात उठे तब वह उस पर भरोसा रखें और केवल उसी की सम्म्ति से कार्य करें।

यह सलाह आज हमारे लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज भी "मनुष्यों का भय" बहुत से मसीही लोगों को परमेश्वर के अनाज्ञाकारी होने के लिए बाध्य कर देता है और इसके दुषपरिणाम वे अपने जीवनों मे भोगते रहते हैं। यदि हम अपना व्यवहार केवल लोगों की पसन्द - नापसन्द पर आधारित रखेंगे तो शीघ्र ही हमारे जीवन कुण्ठाओं और दुखदाई अनिश्चितताओं से भर जाएंगे और हम न स्वयं प्रसन्न रह सकेंगे, न किसी दूसरे को सदा प्रसन्न रख सकेंगे और परमेश्वर से भी विमुख हो जाएंगे।

जब हम अपनी तृप्ति सदा ही परमेश्वर को भाने वाली बातों में बनाएंगे तो हमें अपंग करने वाले मनुष्यों के भय से स्वतः ही मुक्ति मिल जाएगी। फिर मनुष्यों के भय के स्थान पर हम परमेश्वर के भय में कार्य करने लगेंगे जो सदा ही उन्नति का कारण होता है। परमेश्वर का भय उसके प्रति श्रद्धा का सकारात्मक भय है, जो हमें उसकी इच्छानुसार चलने को प्रेरित करता है और सदा हमारे भले ही का भरोसा देता है। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर का भय ही हमें मनुष्यों के भय से मुक्त कर सकता है।

मनुष्य का भय खाना फन्दा हो जाता है, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह ऊंचे स्थान पर चढ़ाया जाता है। - नीतिवचन २९:२५


बाइबल पाठ: यशायाह ५१:७-१६

Isa 51:7 हे धर्म के जानने वालों, जिनके मन में मेरी व्यवस्था है, तुम कान लगाकर मेरी सुनो, मनुष्यों की नामधराई से मत डरो, और उनके निन्दा करने से विस्मित न हो।
Isa 51:8 क्योंकि घुन उन्हें कपड़े की नाईं और कीड़ा उन्हें ऊन की नाईं खाएगा; परन्तु मेरा धर्म अनन्तकाल तक, और मेरा उद्धार पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा।
Isa 51:9 हे यहोवा की भुजा, जाग! जाग और बल धारण कर, जैसे प्राचीन काल में और बीते हुए पीढिय़ों में, वैसे ही अब भी जाग। क्या तू वही नहीं है जिस ने रहब को टुकड़े टुकड़े किया और मगरमच्छ को छेदा?
Isa 51:10 क्या तू वही नहीं जिस ने समुद्र को अर्थात गहिरे सागर के जल को सुखा डाला और उसकी गहराई में अपने छुड़ाए हओं के पार जाने के लिये मार्ग निकाला था?
Isa 51:11 सो यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौट कर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे, और उनके सिरों पर अनन्त आनन्द गूंजता रहेगा; वे हर्ष और आनन्द प्राप्त करेंगे, और शोक और सिसकियों का अन्त हो जाएगा।
Isa 51:12 मैं, मैं ही तेरा शान्तिदाता हूं, तू कौन है जो मरने वाले मनुष्य से, और घास के समान मुर्झाने वाले आदमी से डरता है?
Isa 51:13 और आकाश के तानने वाले और पृथ्वी की नेव डालने वाले अपने कर्ता यहोवा को भूल गया है, और जब द्रोही नाश करने को तैयार होता है तब उसकी जलजलाहट से दिन भर लगातार थरथराता है? परन्तु द्रोही की जलजलाहट कहां रही?
Isa 51:14 बंधुआ शीघ्र ही स्वतन्त्र किया जाएगा; वह गड़हे में न मरेगा और न उसे रोटी की कमी होगी।
Isa 51:15 जो समुद्र को उथल-पुथल करता जिस से उसकी लहरों मे गरजन होती है, वह मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं मेरा नाम सेनाओं का यहोवा है। और मैं ने तेरे मुंह में अपने वचन डाले,
Isa 51:16 और तुझे अपने हाथ की आड़ में छिपा रखा है कि मैं आकाश को तानूं और पृथ्वी की नेव डालूं, और सिय्योन से कहूं, तुम मेरी प्रजा हो।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ३८-४०
  • प्रेरितों १६:१-२१

शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

हर तरह का मौसम

भजनकार ने सारी सृष्टि को परमेश्वर की स्तुति में अपनी आवाज़ उठाने को कहा ( भजन १४८:७-१२)। उस ने पहचाना की प्रकृति की प्रबल शक्तियाँ परमेश्वर द्वारा भेजी जाती हैं कि उसकी इच्छा को पूरी करें। ये शक्तियाँ न केवल जीवन की रक्षा और पोषण करती हैं वरन उसे आकार और स्वरूप भी देती हैं।

अपने घर के बाहर लगे विशाल पेड़ को देखकर मैं यही सोच रहा था। लम्बे समय से उस पेड़ के मज़बूत और गगनचुँबी तने और हर तरफ फैली शाखाओं को देखकर उनहें सराहता रहता था। अब मैं ने विचार किया कि परमेश्वर द्वारा भेजी गई प्रकृति की इन प्रबल शक्तियों ने ही इस पेड़ को इसका यह स्वरूप दिया है। गरमीयों की कठोर धूप, निकट की झील से आती तेज़ ठण्डी हवाएं जो उसकी शाखाओं को झकझोरती हैं, बरसात की तेज़ आँधियाँ, सर्दियों में उस पर पड़ने और जमने वाली बर्फ जिसका बोझ उसे उठाना होता है, वसन्त ऋतु में आने वाले तूफान, सब मिलकर उस पेड़ को इतना मज़बूत और स्थिर बनाते हैं।

जीवन में आने वाले तूफान के दबाव और बर्फानी हवाओं के थपेड़े परमेश्वर की ओर से भेजे गए मौसम के अलग अलग मिज़ाजों की तरह हैं। इनसे मेरे जीवन में सामर्थ और परिपक्वता आती है, ये परमेश्वर की ओर से मुझे उस स्वरूप में ढालते हैं जो परमेश्वर मेरे जीवन में चाहता है।

हमारे जीवन में हर प्रकार का मौसम, गर्मी की तपिश और सर्दी की ठिठुरन, सब परमेश्वर की ओर से है और हमें उस ही के स्वरूप में ढालने के लिए हैं, यदि हम आपने आप को उसके हाथों में समर्पित कर दें तो।


परमेश्वर निर्धारित करेगा कि आपको क्या झेलना है, आप यह निर्धारित कीजिए कि किस रीति से झेलेंगे।

पृथ्वी में से यहोवा की स्तुति करो, हे मगरमच्छों और गहिरे सागर, हे अग्नि और ओलों, हे हिम और कुहरे, हे उसका वचन मानने वाली प्रचण्ड बयार! - भजन १४८:७, ८


बाइबल पाठ: भजन १४८

Psa 148:1 याह की स्तुति करो! यहोवा की स्तुति स्वर्ग में से करो, उसकी स्तुति ऊंचे स्थानों में करो!
Psa 148:2 हे उसके सब दूतों, उसकी स्तुति करो: हे उसकी सब सेना उसकी स्तुति कर!
Psa 148:3 हे सूर्य और चन्द्रमा उसकी स्तुति करो, हे सब ज्योतिमय तारागण उसकी स्तुति करो!
Psa 148:4 हे सब से ऊंचे आकाश, और हे आकाश के ऊपर वाले जल, तुम दोनों उसकी स्तुति करो।
Psa 148:5 वे यहोवा के नाम की स्तुति करें, क्योंकि उसी ने आज्ञा दी और ये सिरजे गए।
Psa 148:6 और उस ने उन को सदा सर्वदा के लिये स्थिर किया है और ऐसी विधि ठहराई है, जो टलने की नहीं।
Psa 148:7 पृथ्वी में से यहोवा की स्तुति करो, हे मगरमच्छों और गहिरे सागर,
Psa 148:8 हे अग्नि और ओलों, हे हिम और कुहरे, हे उसका वचन मानने वाली प्रचण्ड बयार!
Psa 148:9 हे पहाड़ों और सब टीलो, हे फलदाई वृक्षों और सब देवदारों!
Psa 148:10 हे वन- पशुओं और सब घरैलू पशुओं, हे रेंगने वाले जन्तुओं और हे पक्षियों!
Psa 148:11 हे पृथ्वी के राजाओं, और राज्य राज्य के सब लोगों, हे हाकिमों और पृथ्वी के सब न्यायियों!
Psa 148:12 हे जवानों और कुमारियों, हे पुरनियों और बालकों!
Psa 148:13 यहोवा के नाम की स्तुति करो, क्योंकि केवल उसी का नाम महान है; उसका ऐश्वर्य पृथ्वी और आकाश के ऊपर है।
Psa 148:14 और उस ने अपनी प्रजा के लिये एक सींग ऊंचा किया है, यह उसके सब भक्तों के लिये अर्थात इस्राएलियों के लिये और उसके समीप रहने वाली प्रजा के लिये स्तुति करने का विषय है। याह की स्तुति करो।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ३६-३७
  • प्रेरितों १५:२२-४१

गुरुवार, 7 जुलाई 2011

चिकने और गोलाकार

समुद्र के किनारे पैदल चलते हुए मैं एक छोटी से खाड़ीनुमा स्थान पर आया जिसका मुहाना तंग तथा सुरक्षित था और बड़ी तथा तेज़ लहरें वहाँ अन्दर तक वेग से नहीं आ पाती थीं। मैंने ध्यान किया कि जो पत्थर और चट्टानें वहाँ तट पर पड़ीं थीं वे उबड़-खाबड़ और पैनी थीं न की चिकनी और गोलाकार, जैसी की उस खाड़ीनुमा इलाके के बाहर थीं जहाँ पर समुद्र की लहरें वेग से आकर चट्टानों पर टूटती थीं और उन से घिस कर चट्टानों का पैनापन जाता रहा था और वे चिकनी हो गई थीं।

यही बात मसीही विश्वासी के चरित्र पर भी लागु होती है। जैसे लहरों और पानी का कठोर प्रहार चट्टानों को घिस कर चिकना कर देता है, वैसे ही हमारे जीवनों की कठिनाईयाँ और परिक्षाएं हमारे चरित्र को निखार कर हम में मसीही परिपक्वता ले आती हैं। इसी लिए भजनकार ने लिखा कि, "मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं" (भजन ११९:७१)। इसी भाव को प्रचारक सैमुएल रदरफोर्ड ने भी व्यक्त किया जब उसने कहा कि "क्लेषों की भट्टी से होकर निकलने से मुझे परमेश्वर का वचन एक नए रूप में मिल गया है।" जब उसका विश्वास परखा गया तो परमेश्वर के वचन की एक नई समझ उसे मिली और साथ ही उसका चरित्र भी और अधिक निखर गया।

एक सामन्य भ्रांति है कि जब हमारे साथ कुछ बुरा हो रहा होता है, तब परमेश्वर हमें दण्ड दे रहा होता है। यह सदा सत्य नहीं होता, परमेश्वर का वचन हमें यह भी सिखाता है कि परीक्षाएं एक मसीही विश्वासी के लिए सम्मान के पदक भी हो सकते हैं। वे दिखाती हैं कि उन परीक्षाओं में होकर परमेश्वर हम में कार्य कर रहा है जिससे वह हम में वह धैर्य उत्पन्न कर सके जिसकी चर्चा याकूब ने करी और जो हमें परिपक्व करता है जिससे हम किसी भी घटी में न रहें (याकूब १:४)।

क्लेषों और परीक्षाओं के द्वारा परमेश्वर हमारे चरित्र के पैने और ऊबड़-खाबड़ हिस्सों को घिस कर चिकना और गोलाकार करता है और हमें अपने पुत्र और हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की समानता में बदलता जाता है। - पौल वैन गोर्डर


परमेश्वर हमारे जीवनों में कठिनाईयाँ और परिक्षाएं हमें निखारने के लिए आने देता है, हमें बिगाड़ने के लिए नहीं।

...तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्‍पन्न होता है। - याकूब १:३


बाइबल पाठ: याकूब १:१-१८

Jas 1:1 परमेश्वर के और प्रभु यीशु मसीह के दास याकूब की ओर से उन बारहों गोत्रों को जो तित्तर बित्तर होकर रहते हैं नमस्‍कार पहुंचे।
Jas 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
Jas 1:3 तो इसे पूरे आनन्‍द की बात समझो, यह जानकर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्‍पन्न होता है।
Jas 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
Jas 1:5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है और उस को दी जाएगी।
Jas 1:6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे क्‍योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।
Jas 1:7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा।
Jas 1:8 वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है।
Jas 1:9 दीन भाई अपने ऊंचे पद पर घमण्‍ड करे।
Jas 1:10 और धनवान अपनी नीच दशा पर: क्‍योंकि वह घास के फूल की नाई जाता रहेगा।
Jas 1:11 क्‍योंकि सूर्य उदय होते ही कड़ी धूप पड़ती है और घास को सुखा देती है, और उसका फूल झड़ जाता है, और उस की शोभा जाती रहती है; उसी प्रकार धनवान भी अपने मार्ग पर चलते चलते धूल में मिल जाएगा।
Jas 1:12 धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है क्‍योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।
Jas 1:13 जब किसी ही परीक्षा हो, तो वह यह न कहे, कि मेरी परीक्षा परमेश्वर की ओर से होती है क्‍योंकि न तो बुरी बातों से परमेश्वर की परीक्षा हो सकती है, और न वही किसी की परीक्षा आप करता है।
Jas 1:14 परन्‍तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंचकर, और फंसकर परीक्षा में पड़ता है।
Jas 1:15 फिर अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जनता है और पाप बढ़ जाता है तो मृत्यु को उत्‍पन्न करता है।
Jas 1:16 हे मेरे प्रिय भाइयों, धोखा न खाओ।
Jas 1:17 क्‍योंकि हर एक अच्‍छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।
Jas 1:18 उस ने अपनी ही इच्‍छा से हमें सत्य के वचन के द्वारा उत्‍पन्न किया, ताकि हम उस की सृष्‍टि की हुई वस्‍तुओं में से एक प्रकार के प्रथम फल हों।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ३४-३५
  • प्रेरितों १५:१-२१

बुधवार, 6 जुलाई 2011

दिल पर हावी

अपनी बैसाखियों के कारण रौजर कभी खेल-कूद में भाग नहीं ले सका, लेकिन वह अपनी पढ़ाई में सदा अच्छा स्थान बनाए रहा, सदा हँसमुख रहता था और उसके साथ के लोग उसे बहुत पसन्द करते थे। बहुत समय तक उसकी इस असमर्थता के बारे में किसी ने उससे कुछ नहीं पूछा, लेकिन एक दिन उसके एक अच्छे मित्र ने उस से पूछ ही लिया। रौजर ने उसे बताया कि उसकी यह असमर्थता बचपन में हुई पोलियो की बीमारी के कारण थी। उसके मित्र ने फिर पूछा "इतनी कठिनाईयों और तकलीफों के बावजूद तुम्हारे अन्दर कोई कडुवाहट क्यों नहीं दिखाई देती?" रौजर ने अपने दिल की ओर ऊँगुली का इशारा करते हुए और मुस्कुराते हुए उत्तर दिया "क्योंकि मैंने इसे अपने दिल पर कभी हावी नहीं होने दिया।"

हो सकता है कि कोई लोग ऐसे भी हों जिन्होंने कभी क्लेषों का सामना नहीं किया हो। लेकिन हम में से अधिकांश लोगों के लिये क्लेष - शारीरिक, मानसिक अथवा भावनाओं से जुड़े हुए, अनजान नहीं हैं; देर-सवेर, किसी न किसी रूप में, ये हमारे जीवनों में आ ही जाते हैं और तब हमारी स्वाभाविक प्रतिक्रिया इनसे बचने और राहत पाने की होती है। परमेश्वर का वचन बाइबल कभी कहीं यह आश्वासन नहीं देती कि हमारे जीवन सदा क्लेषों से मुक्त होंगें और हम पर कभी कोई असमर्थता नहीं आएगी, और ना ही कोई ऐसा आश्वासन देती है कि क्लेषों से मुक्ति की प्रत्येक प्रार्थना का उत्तर हमारी इच्छानुसार ही होगा, यद्यपि कभी ऐसा होता भी है। लेकिन परमेश्वर का वचन हमें यह आश्वासन अवश्य देता है कि हर क्लेष में हमारा परमेश्वर और उसकी शांति तथा सामर्थ हमारे साथ बनी रहेगी और हर क्लेष में वह हमारे अविनाशी आत्मा को संभाले रहेगा, जो नशवर शरीर से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

यदि हम किसी ऐसी व्याधि से होकर निकलें, जिसका निवारण परमेश्वर तुरंत और हमारी इच्छानुसार नहीं कर देता तो हमें निराश और हताश होकर अपने जीवनों में कडुवाहट, आत्मग्लानि और परमेश्वर के प्रति विरोध और विद्रोह को आने नहीं देना चाहिए। ऐसी परिस्थितियों में अवश्य ही इस प्रकार के विचार हमारे मनों में घर बनाने का प्रयास करेंगे। जब जब ऐसा हो तो बड़ी सच्चाई और साधारण विश्वास के साथ हमें अपनी इन भावनाओं को परमेश्वर के सामने मान लेना चाहिए, क्योंकि वह न केवल सब कुछ जानता है वरन हमारी दशा को समझता भी है और हमसे प्रेम तथा सहानुभुति भी रखता है। ऐसा करने से न केवल हम परिस्थितियों पर जयवंत होंगे और हमारे जीवनों में परमेश्वर की शांति राज करेगी, वरन परमेश्वर भी हमें अपने प्रेम और सामर्थ का उदाहरण बना कर दूसरों तक अपनी गवाही को पहुँचाने पाएगा जिससे कि उनके जीवनों में भी निराशा राज न करने पाए।

यदि हर परिस्थिति में हम अपने जीवन परमेश्वर के आगे खुले रखेंगे तो कोई परिस्थिति कभी हमारे दिलों पर हावी नहीं हो सकेगी। - डेनिस डी हॉन


शरीर का ऐसा कोई क्लेष नहीं है जिससे आत्मा सामर्थ न पा सके।

जब वह व्याधि के मारे सेज पर पड़ा हो, तब यहोवा उसे सम्भालेगा; तू रोग में उसके पूरे बिछौने को उलटकर ठीक करेगा। - भजन ४१:३


बाइबल पाठ: भजन ४१

Psa 41:1 क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा।
Psa 41:2 यहोवा उसकी रक्षा करके उसको जीवित रखेगा, और वह पृथ्वी पर भाग्यवान होगा। तू उसको शत्रुओं की इच्छा पर न छोड़।
Psa 41:3 जब वह व्याधि के मारे सेज पर पड़ा हो, तब यहोवा उसे सम्भालेगा; तू रोग में उसके पूरे बिछौने को उलटकर ठीक करेगा।
Psa 41:4 मैं ने कहा, हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ को चंगा कर, क्योंकि मैं ने तो तेरे विरूद्ध पाप किया है!
Psa 41:5 मेरे शत्रु यह कह कर मेरी बुराई करते हैं: वह कब मरेगा, और उसका नाम कब मिटेगा?
Psa 41:6 और जब वह मुझ से मिलने को आता है, तब वह व्यर्थ बातें बकता है, जब कि उसका मन अपने अन्दर अधर्म की बातें संचय करता है; और बाहर जाकर उनकी चर्चा करता है।
Psa 41:7 मेरे सब बैरी मिलकर मेरे विरूद्ध कानाफूसी करते हैं; वे मेरे विरूद्ध होकर मेरी हानि की कल्पना करते हैं।
Psa 41:8 वे कहते हैं कि इसे तो कोई बुरा रोग लग गया है, अब जो यह पड़ा है, तो फिर कभी उठने का नहीं।
Psa 41:9 मेरा परम मित्र जिस पर मैं भरोसा रखता था, जो मेरी रोटी खाता था, उस ने भी मेरे विरूद्ध लात उठाई है।
Psa 41:10 परन्तु हे यहोवा, तु मुझ पर अनुग्रह करके मुझ को उठा ले कि मैं उनको बदला दूं!
Psa 41:11 मेरा शत्रु जो मुझ पर जयवन्त नहीं हो पाता, इस से मैं ने जान लिया है कि तू मुझ से प्रसन्न है।
Psa 41:12 और मुझे तो तू खराई से सम्भालता, और सर्वदा के लिये अपने सम्मुख स्थिर करता है।
Psa 41:13 इस्राएल का परमेश्वर यहोवा आदि से अनन्तकाल तक धन्य है आमीन, फिर आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ३२-३३
  • प्रेरितों १४