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रविवार, 27 मई 2018

शान्ति



   मेरी अभ्यास कक्षा में मेरी एक परिचित ने कहा, “मुझे अचरज नहीं है कि तुम रिट्रीट्स का संचालन करती हो; तुम पर भली आभा है।” मुझे उसकी टिप्पणी से झटका सा तो लगा, परन्तु मैं प्रसन्न भी हुई क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि उसे जो मुझमें “आभा” दिखाई दे रही थी, वह मसीह की शान्ति थी। हम जब प्रभु यीशु का अनुसरण करते हैं तो वह हमें हमारी समझ से परे शान्ति प्रदान करता है (फिलिप्पियों 4:7), और चाहे हम उसके बारे में अवगत न भी हों, वह हम मसीही विश्वासियों के अन्दर से निकलती है।

   प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों के लिए इस शान्ति की प्रतिज्ञा की थी जब उनके साथ अंतिम भोज के समय वह उन्हें अपने मारे जाने और पुनरुत्थान के लिए तैयार कर रहा था। प्रभु ने शिष्यों से कहा कि यद्यपि सँसार में उन्हें कष्ट होगा परन्तु परमेश्वर पिता उनके अन्दर निवास करने के लिए सत्य की आत्मा को भेजेंगे जो उनके साथ तथा उनमें निवास करेगा (यूहन्ना 14:16-17)। यह पवित्र आत्मा उन्हें सिखाएगा और प्रभु के सत्य स्मरण करवाएगा; उन्हें सांतवना देगा, और अपनी शान्ति उन में डालेगा। यद्यपि शीघ्र ही उन्हें परीक्षाओं का सामना करना पड़ेगा – धर्म के अगुवों से कठोर विरोध और प्रभु को क्रूस पर चढ़ाया जाना देखना पड़ेगा – प्रभु ने उन्हें कहा कि वे भयभीत न हों। पवित्र आत्मा की उपस्थिति सदा उनके साथ बनी रहेगी।

   परमेश्वर की सन्तान होने पर भी हम मसीही विश्वासियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, परन्तु परमेश्वर का आत्मा हम में निवास करता है, और हम में होकर सँसार के लोगों पर प्रकट होता है। हम जिससे भी मिलें, चाहे स्थानीय बाज़ार में, या स्कूल अथवा कार्य क्षेत्र में, या व्यायामशाला में, हम में से निकलने वाली परमेश्वर की शान्ति उनके लिए परमेश्वर की साक्षी हो सकती है। - एमी बाउचर पाई


जब हम अपने मन परमेश्वर पर लगाए रहते हैं, 
उसकी आत्मा हमारे मनों को शान्त रखती है।

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? - 1 कुरिन्थियों 3:16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:16-27
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे।
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में।
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।
John 14:22 उस यहूदा ने जो इस्करियोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्या हुआ की तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं।
John 14:23 यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।
John 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिसने मुझे भेजा।
John 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं।
John 14:26 परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
John 14:27 मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 10:1-23