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रविवार, 19 अगस्त 2018

तुलना



      थॉमस जे. डीलॉन्ग, हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल के प्राध्यापक हैं, और उन्होंने अपने छात्रों और सहकर्मियों में एक विचलित करने वाली प्रवृत्ति देखी है – तुलना करने की धुन। उन्होंने लिखा, “पहले से कहीं अधिक बढ़कर...व्यवसाय मैनेजरों, आर्थिक विश्लेषकों, वकीलों, चिकित्सकों, और अन्य व्यावसायिक लोगों में यह प्रवृत्ति देखी जा रही है कि वे अपनी उपलब्धियों की तुलना दूसरों की उपलब्धियों के साथ करते हैं, ...यह व्यक्तियों और कंपनियों, दोनों के लिए हानिकारक है। जब आप सफलता की परिभाषा अपने स्वयँ के आतंरिक नहीं वरन औरों के बाहरी मापदण्डों के आधार पर करने लगते हैं, तब आप अपनी संतुष्टि और लगन को हलका करने लगते हैं।”

      तुलना करने की यह धुन कोई नई नहीं है। पवित्र शास्त्र, परमेश्वर का वचन बाइबल, हमें अपनी तुलना दूसरों के साथ करने के विषय सचेत करता है। हम जब तुलना करने लगते हैं तो, परमेश्वर ने जो हमें दिया है, उस पर और उसके कार्य पर ध्यान लगाने के स्थान पर, हम में घमण्ड आ सकता है, हम औरों को नीची दृष्टि से देखने लग सकते हैं (लूका 18:9-14); या फिर हम ईर्ष्यालु होकर औरों के समान बनने के प्रयास, अथवा, उन सब वस्तुओं की लालसा करने लगते हैं जो औरों के पास है (याकूब 4:1)। प्रभु यीशु ने कहा कि यह तुलना करने की प्रवृत्ति का आधार यह बात है कि परमेश्वर अन्यायी है, और उसे कोई अधिकार नहीं है कि वह हम से अधिक औरों के प्रति उदार हो (मत्ती 20:1-16)।

      परमेश्वर के अनुग्रह से, परमेश्वर ने जो कुछ हमें दिया है उसपर अपना ध्यान केंद्रित करने के द्वारा, हम इस तुलना करने की प्रवृत्ति से ऊपर उठ सकते हैं। जब हम अपनी दैनिक आशीषों के लिए परमेश्वर के धन्यवादी होते हैं, तो हमारे विचार भी परिवर्तित होते हैं, और हम इस पर भी विश्वास करने लगते हैं कि परमेश्वर भला है। - मारविन विलियम्स


परमेश्वर अपनी ही रीति से अपनी भलाई अपने बच्चों पर प्रकट करता है।  

पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्‍हीं पर सन्‍तोष करना चाहिए। पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। - 1 तिमुथियुस 6:6-9

बाइबल पाठ: मत्ती 20:1-16
Matthew 20:1 स्वर्ग का राज्य किसी गृहस्थ के समान है, जो सबेरे निकला, कि अपने दाख की बारी में मजदूरों को लगाए।
Matthew 20:2 और उसने मजदूरों से एक दीनार रोज पर ठहराकर, उन्हें अपने दाख की बारी में भेजा।
Matthew 20:3 फिर पहर एक दिन चढ़े, निकल कर, और औरों को बाजार में बेकार खड़े देखकर,
Matthew 20:4 उन से कहा, तुम भी दाख की बारी में जाओ, और जो कुछ ठीक है, तुम्हें दूंगा; सो वे भी गए।
Matthew 20:5 फिर उसने दूसरे और तीसरे पहर के निकट निकलकर वैसा ही किया।
Matthew 20:6 और एक घंटा दिन रहे फिर निकलकर औरों को खड़े पाया, और उन से कहा; तुम क्यों यहां दिन भर बेकार खड़े रहे? उन्हों ने उस से कहा, इसलिये, कि किसी ने हमें मजदूरी पर नहीं लगाया।
Matthew 20:7 उसने उन से कहा, तुम भी दाख की बारी में जाओ।
Matthew 20:8 सांझ को दाख बारी के स्‍वामी ने अपने भण्‍डारी से कहा, मजदूरों को बुलाकर पिछलों से ले कर पहिलों तक उन्हें मजदूरी दे दे।
Matthew 20:9 सो जब वे आए, जो घंटा भर दिन रहे लगाए गए थे, तो उन्हें एक एक दीनार मिला।
Matthew 20:10 जो पहिले आए, उन्होंने यह समझा, कि हमें अधिक मिलेगा; परन्तु उन्हें भी एक ही एक दीनार मिला।
Matthew 20:11 जब मिला, तो वह गृहस्थ पर कुड़कुड़ा के कहने लगे।
Matthew 20:12 कि इन पिछलों ने एक ही घंटा काम किया, और तू ने उन्हें हमारे बराबर कर दिया, जिन्हों ने दिन भर का भार उठाया और घाम सहा?
Matthew 20:13 उसने उन में से एक को उत्तर दिया, कि हे मित्र, मैं तुझ से कुछ अन्याय नहीं करता; क्या तू ने मुझ से एक दीनार न ठहराया?
Matthew 20:14 जो तेरा है, उठा ले, और चला जा; मेरी इच्छा यह है कि जितना तुझे, उतना ही इस पिछले को भी दूं।
Matthew 20:15 क्या उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूं सो करूं? क्या तू मेरे भले होने के कारण बुरी दृष्टि से देखता है?
Matthew 20:16 इसी रीति से जो पिछले हैं, वह पहिले होंगे, और जो पहिले हैं, वे पिछले होंगे।


एक साल में बाइबल: 
  • भजन 103-104
  • 1कुरिन्थियों 2