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रविवार, 28 अप्रैल 2019

क्रोध



      बात ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर की है, एक प्रातः फिओन मुल्हौलेंड ने पाया कि उसकी कार गायब है। तब उसे एहसास हुआ कि उसने कार को निषिद्ध क्षेत्र में खड़ा किया था, इसलिए उसे उठा कर ले जाया गया है। उसने परिस्थिति पर विचार किया, उसे जो जुर्माने के लिए 600 डॉलर देने पड़ेंगे, उसके बारे में भी सोचा, और निर्णय लिया कि वह कार को वापस लाने के लिए जिस व्यक्ति के साथ संपर्क में आएगा, उसके प्रति क्रोधित नहीं होगा। अपनी भावनाओं को क्रोध में व्यक्त करने के स्थान पर मुल्होलेंड ने उस स्थिति को लेकर एक हास्य कविता भी लिखा डाली, और जब वह कार को छुड़ाने के लिए गया तो वहाँ उपस्थित व्यक्ति को वह कविता पढ़कर सुनाई, और उस व्यक्ति को वह कविता पसन्द भी आई। इस प्रकार एक संभावित झगड़ा होने से बच गया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन की पुस्तक सिखाती है कि “मुकद्दमे से हाथ उठाना, पुरूष की महिमा ठहरती है; परन्तु सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं” (नीतिवचन 20:3)। झगड़ा वह तनाव है जो दो लोगों के बीच होता है जब वे किसी बात पर असहमत होते हैं, और या तो अन्दर ही अन्दर उबलता रहता है, या विस्फोटक होकर दोनों के मध्य बाहर निकल पड़ता है।

      परमेश्वर ने हमें सब के साथ शांतिपूर्वक रहने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान किए हैं। परमेश्वर का वचन हमें आश्वस्त करता है कि क्रोधित होना किन्तु पाप न करना संभव है (इफिसियों 4:26)। परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमें सामर्थ्य देता है कि हम लोगों के प्रति कटु प्रतिक्रया करने, या उन्हें आहात करने करने के लिए हमें उकसाने वाली चिंगारियों से बच कर चल सकें। और प्रभु यीशु मसीह में जब भी हम आवेश में हों या उकसाए जाएँ तो, अनुसरण करने के लिए उपयुक्त उदाहरण पाते हैं (1 पतरस 2:23)। हमारा प्रभु परमेश्वर दयालु, अनुग्रहकारी, क्रोध करने में धीमा, और बहुतायत से प्रेम तथा विश्वासयोग्यता बनाए रखता है (भजन 86:15)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


क्रोध करने में धीमे रहो।

क्रोध तो करो, पर पाप मत करो: सूर्य अस्‍त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे। - इफिसियों 4:26

बाइबल पाठ: याकूब 1:19-27
James 1:19 हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो।
James 1:20 क्योंकि मनुष्य का क्रोध परमेश्वर के धर्म का निर्वाह नहीं कर सकता है।
James 1:21 इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर कर के, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है।
James 1:22 परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं।
James 1:23 क्योंकि जो कोई वचन का सुनने वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्‍वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है।
James 1:24 इसलिये कि वह अपने आप को देख कर चला जाता, और तुरन्त भूल जाता है कि मैं कैसा था।
James 1:25 पर जो व्यक्ति स्‍वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है।
James 1:26 यदि कोई अपने आप को भक्त समझे, और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है।
James 1:27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्‍लेश में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्‍कलंक रखें।

एक साल में बाइबल:  
  • 1 राजा 3-5
  • लूका 20:1-26