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शनिवार, 3 अगस्त 2019

शान्ति और भरोसा



      मैं छः वर्ष का था जब मैंने अपने भाइयों के साथ पहली बार रोलर कोस्टर की सैर का आनन्द लिया। जैसे ही तीव्र गति के साथ कोई तीक्षण मोड़ आता, मैं हिचकोले के साथ चिल्लाता, “बस, इसे अभी और यहीं रोको; मुझे इससे उतरना है!” परन्तु वह रोलर कोस्टर रुकता नहीं था और मुझे उसकी सैर पूरी होने तक बहुत ज़ोर से उसे पकडे हुए बैठे रहना पड़ा था।

      कभी-कभी जीवन भी एक अनचाहे रोलर-कोस्टर की सैर के समान प्रतीत हो सकता है, जिसमें अप्रत्याशित मोड़ और सीधी ढलान में नीचे को गिरते जाने की अनुभूति हो सकती है। जब अप्रत्याशित कठिनाइयाँ आएँ, तो परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि हमारे लिए सबसे उत्तम विकल्प होता है कि परमेश्वर में भरोसा बनाए रखें। वह एक बहुत अशांत समय था जब उसके देश पर आक्रमण का ख़तरा मंडरा रहा था, ऐसे में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने पवित्र-आत्मा के अगुवाई में होकर, प्रभु से यह प्रतिज्ञा प्राप्त की: “जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है” (यशायाह 26:3)।

      जो शान्ति हमारा उद्धारकर्ता हमें देता है, जब हम उसकी ओर मुड़ते हैं, वह “समझ से परे है” (फिलिप्पियों 4:7)। मैं स्तन कैंसर से जूझ रही उस महिला के शब्द कभी नहीं भूलूंगा। एक संध्या जब हमारे चर्च के लोगों के एक समूह ने उसके लिए प्रार्थना की, तो उसने कहा, “मैं यह तो नहीं जानती हूँ कि आगे क्या होगा, परन्तु मुझे पता है कि मैं ठीक हो जाऊँगी, क्योंकि आज यहाँ प्रभु उपस्थित था।”

      जीवन में कठिन समय आएँगे, परन्तु हमारा उद्धारकर्ता जो हम से जीवन से भी बढ़कर प्रेम करता है, वह उन सभी कठिनाइयों से सामर्थी है; सदा हमारे साथ रहता है, और उसकी शान्ति में हमारा भरोसा हमें हर परिस्थिति से पार लगाता है। - जेम्स बैंक्स


प्रभु यीशु ही हमारी शान्ति है।

मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27

बाइबल पाठ: यशायाह 26:1-9
Isaiah 26:1 उस समय यहूदा देश में यह गीत गाया जाएगा, हमारा एक दृढ़ नगर है; उद्धार का काम देने के लिये वह उसकी शहरपनाह और गढ़ को नियुक्त करता है।
Isaiah 26:2 फाटकों को खोलो कि सच्चाई का पालन करने वाली एक धर्मी जाति प्रवेश करे।
Isaiah 26:3 जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।
Isaiah 26:4 यहोवा पर सदा भरोसा रख, क्योंकि प्रभु यहोवा सनातन चट्टान है।
Isaiah 26:5 वह ऊंचे पद वाले को झुका देता, जो नगर ऊंचे पर बसा है उसको वह नीचे कर देता। वह उसको भूमि पर गिराकर मिट्टी में मिला देता है।
Isaiah 26:6 वह पांवों से, वरन दरिद्रों के पैरों से रौंदा जाएगा।
Isaiah 26:7 धर्मी का मार्ग सच्चाई है; तू जो स्वयं सच्चाई है, तू धर्मी की अगुवाई करता है।
Isaiah 26:8 हे यहोवा, तेरे न्याय के मार्ग में हम लोग तेरी बाट जोहते आए हैं; तेरे नाम के स्मरण की हमारे प्राणों में लालसा बनी रहती है।
Isaiah 26:9 रात के समय मैं जी से तरी लालसा करता हूं, मेरा सम्पूर्ण मन यत्न के साथ तुझे ढूंढ़ता है। क्योंकि जब तेरे न्याय के काम पृथ्वी पर प्रगट होते हैं, तब जगत के रहने वाले धर्म की सीखते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 63-65
  • रोमियों 6