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गुरुवार, 21 नवंबर 2019

उद्देश्य



      जब हमारे बच्चे छोटे थे, तो उनका एक प्रीय खेल था हमारे पड़ौसी के घर में लगे चिनार के पेड़ के हमारे आँगन में गिरते हुए बीजों को पकड़ने का प्रयास करना। उन बीजों के ‘पंख’ होते हैं, और वे पेड़ से नीचे गिरते समय गोल-गोल घूमते और उड़ते हुए नीचे आते हैं। उन बीजों का उद्देश्य यह उड़ना और घूमना नहीं है, वरन धरती पर गिरकर उगना और पेड़ बनना है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले, प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा, “...वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो। मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है” (यूहन्ना 12:23-24)।

      प्रभु यीशु के शिष्य तो चाहते थे कि उनका आदर उस प्रतिज्ञागत मसीहा के रूप में हो, परन्तु वे इसलिए आए थे कि अपने जीवन का बलिदान करें, जिससे उन पर विशवास लाने वालों को पापों की क्षमा और बदले हुए जीवन का दान मिल सके। प्रभु यीशु के अनुयायी होने के नाते हमारे लिए उसके वचन हैं कि, “जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा” (पद 25-26)।

      यह प्रभु यीशु का उद्देश्य था कि हम उस पर विश्वास लाएं और उससे पापों से क्षमा तथा अनन्त जीवन पाएं। - डेविड मैक्कैसलैंड

प्रभु यीशु हमें बुलाता है कि हम उसकी सेवा में अपने जीवन उसे समर्पित करें।

प्रभु यीशु ने कहा: “...मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है।” – यूहन्ना 10:10-11

बाइबल पाठ: यूहन्ना 12:23-33
John 12:23 इस पर यीशु ने उन से कहा, वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो।
John 12:24 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।
John 12:25 जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा।
John 12:26 यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा।
John 12:27 जब मेरा जी व्याकुल हो रहा है। इसलिये अब मैं क्या कहूं? हे पिता, मुझे इस घड़ी से बचा? परन्तु मैं इसी कारण इस घड़ी को पहुंचा हूं।
John 12:28 हे पिता अपने नाम की महिमा कर: तब यह आकाशवाणी हुई, कि मैं ने उस की महिमा की है, और फिर भी करूंगा।
John 12:29 तब जो लोग खड़े हुए सुन रहे थे, उन्होंने कहा; कि बादल गरजा, औरों ने कहा, कोई स्वर्गदूत उस से बोला।
John 12:30 इस पर यीशु ने कहा, यह शब्द मेरे लिये नहीं परन्तु तुम्हारे लिये आया है।
John 12:31 अब इस जगत का न्याय होता है, अब इस जगत का सरदार निकाल दिया जाएगा।
John 12:32 और मैं यदि पृथ्वी पर से ऊंचे पर चढ़ाया जाऊंगा, तो सब को अपने पास खीचूंगा।
John 12:33 ऐसा कहकर उसने यह प्रगट कर दिया, कि वह कैसी मृत्यु से मरेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 16-17
  • याकूब 3