ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 20 मई 2014

तैयार


   पिछले अनेक वर्षों में अनेक लोगों ने प्रभु यीशु मसीह के दूसरे आगमन की तिथि की भविष्यवाणियाँ की हैं। कुछ वर्ष पहले भी अमेरिका से रेडियो प्रसारण द्वारा प्रचार करने वाले एक व्यक्ति ने मीडीया की रुचि को बहुत जागृत किया जब उसने यह भविष्यवाणी करी कि प्रभु यीशु 21 मई 2011 को पुनः आएंगे।

   जो कोई परमेश्वर के वचन बाइबल को जानते हैं, वे यह भी जानते हैं कि ऐसी भविष्यवाणी कभी सत्य नहीं हो सकती; और यही हुआ भी, क्योंकि प्रभु यीशु ने स्वयं अपने दूसरे आगमन के लिए कहा है कि: "तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उस घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जावेगा" (लूका 12:40)। लेकिन मैं यह तो मानूँगा कि उस प्रचारक की भविष्यवाणी ने मेरा भी ध्यान आकर्षित किया। अकसर मैं जीवन की व्यस्तता में इतना खो जाता हूँ कि मैं ऐसे जीने लगता हूँ मानो प्रभु यीशु का दूसरा आगमन कोई बहुत दूर भविष्य में होने वाली घटना है। मैं भूल जाता हूँ कि प्रभु यीशु कभी भी पुनः आ सकते हैं। उस प्रचारक की वह भविश्यवाणी गलत तो थी ही, लेकिन उस ने मुझे स्मरण कराया कि मुझे अपने उद्धारकर्ता प्रभु के पुनः आगमन के लिए कैसे तैयार रहना चाहिए, तथा मेरे उस पुनः आगमन के लिए उत्साहित रहने को फिर से जागृत किया, क्योंकि यह किसी भी दिन हो सकता है - आज भी।

   कभी कभी हम सोचते हैं कि प्रभु यीशु के पुनः आगमन के लिए तैयार रहने का अर्थ है कुछ बातों को अपने जीवन में ना होने देना या उन्हें नहीं करना। लेकिन प्रभु यीशु से मिलने के लिए तैयार होने का अर्थ है कि हम निरंतर उसकी समानता में ढ़लते चले जाएं, जिससे कि जब भी वह आए हम उसे भावते हुए रहें (1 यूहन्ना 3:2-3)। प्रभु यीशु ने अपने चेलों को सिखाया कि उसके आगमन के लिए तैयार रहने का तात्पर्य है हमेशा उसकी इच्छा के अनुसार जीवन व्यतीत करते रहना (लूका 12:47)।

   ज़रा विचार कीजिए, जब कभी भी प्रभु यीशु का दूसरा आगमन वास्तव में हो जाए, तब क्या आप उसके लिए तैयार पाए जाएंगे? - जो स्टोवैल


प्रभु यीशु के दूसरे आगमन के लिए तैयार बने रहिए, और आप उसकी महिमा और आज्ञाकारिता का जीवन बिताते रहेंगे।

और वह दास जो अपने स्‍वामी की इच्छा जानता था, और तैयार न रहा और न उस की इच्छा के अनुसार चला बहुत मार खाएगा। - लूका 12:47

बाइबल पाठ: लूका 12:35-40
Luke 12:35 तुम्हारी कमरें बन्‍धी रहें, और तुम्हारे दीये जलते रहें। 
Luke 12:36 और तुम उन मनुष्यों के समान बनो, जो अपने स्‍वामी की बाट देख रहे हों, कि वह ब्याह से कब लौटेगा; कि जब वह आकर द्वार खटखटाए, तुरन्त उसके लिये खोल दें। 
Luke 12:37 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्‍वामी आकर जागते पाए; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वह कमर बान्‍ध कर उन्हें भोजन करने को बैठाएगा, और पास आकर उन की सेवा करेगा। 
Luke 12:38 यदि वह रात के दूसरे पहर या तीसरे पहर में आकर उन्हें जागते पाए, तो वे दास धन्य हैं। 
Luke 12:39 परन्तु तुम यह जान रखो, कि यदि घर का स्‍वामी जानता, कि चोर किस घड़ी आएगा, तो जागता रहता, और अपने घर में सेंध लगने न देता। 
Luke 12:40 तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उस घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जावेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 21-24