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शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

ढांपे गढ़हे


   मई 2010 में मध्य अमेरिका पर अगाथा नामक तूफान का प्रहार हुआ जिससे उस क्षेत्र में बहुत मूसलाधार बारिश और भारी भूस्खलन हुआ। जब वह तूफान आगे बढ़ गया तो गूवाटेमाला शहर में नीचे की ज़मीन बैठ जाने से अचानक ही एक 200 फुट गहरा गढ़हा बन गया जिसमें आसपास की ज़मीन, बिजली के खंबे और एक तीन मंज़िली इमारत समा गए।

   ऐसे गढ़हे बहुत हानिकारक होते हैं, किंतु कभी कभी ही देखने को मिलते हैं। लेकिन सबसे आम और सबसे खतरनाक गढ़हे होते हैं मानव हृदयों में। ऐसे खतरनाक गढ़हे और उसके विनाशकारी प्रभाव का उदाहरण है परमेश्वर के वचन बाइबल का एक प्रमुख पात्र दाऊद।

   परमेश्वर की स्तुति में लिखे गए अनेक भजनों के रचियेता और परमेश्वर द्वारा इस्त्राएल का राजा होने के लिए अभिषिक्त और स्थापित दाऊद के जीवन की सतह स्थिर और समतल दिखती थी, लेकिन पाप ने उसके जीवन की आन्तरिक स्थिति कमज़ोर कर दी। दाऊद के द्वारा व्यभिचार और हत्या का पाप हुआ, जिसे उसने छुपाने का प्रयास किया, और उसे लगा कि वह अपने इस प्रयास में सफल भी हो गया है (2 शमूएल 11-12)। लेकिन परमेश्वर की नज़रों से ना तो कुछ छिपता है और ना ही कोई बचता है; परमेश्वर ने अपने नबी नातान के द्वारा दाऊद के पाप को कठोर शब्दों में उसके सामने लाकर रख दिया और उसे यह एहसास करवाया कि पाप को छुपाने और नज़रन्दाज़ करने के प्रयास के कारण उसका आत्मिक जीवन कमज़ोर हो गया है। अपने जीवन में आए पाप के इस गढ़हे को और बढ़ने तथा और नुकसान करने से रोकने के लिए दाऊद ने परमेश्वर के सामने अपने पाप को पश्चाताप के साथ स्वीकार कर लिया (भजन 32:5)। परिणामस्वरूप परमेश्वर ने दाऊद को क्षमा किया और उसे पाप क्षमा के आनन्द को प्राप्त किया (भजन 32:1)।

   आज हमारे लिए भी परमेश्वर का यह अनुग्रह उपलब्ध है। जब भी हम अपने पापों का अंगीकार कर के पश्चाताप के साथ परमेश्वर के पास आते हैं, उससे अपने पापों के लिए प्रभु यीशु के नाम से क्षमा मांगते हैं, हम परमेश्वर से पापों की पूर्ण क्षमा और पापों के गढ़हों के ढाँपे जाने के आनन्द को प्राप्त करते हैं। - मार्विन विलियम्स


जब हम सच्चे पश्चातप के साथ अपने पाप उजागर कर देते हैं, परमेश्वर अपने अनुग्रह द्वारा उन्हें ढांप देता है।

उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है। - कुलुस्सियों 1:13-14

बाइबल पाठ: भजन 32
Psalms 32:1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 
Psalms 32:2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो। 
Psalms 32:3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गईं। 
Psalms 32:4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई। 
Psalms 32:5 जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया। 
Psalms 32:6 इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी। 
Psalms 32:7 तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा। 
Psalms 32:8 मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। 
Psalms 32:9 तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के। 
Psalms 32:10 दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा। 
Psalms 32:11 हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आनन्द से जयजयकार करो!

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 26-27
  • मरकुस 2