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शुक्रवार, 24 मार्च 2017

भरोसा


   जब हमारे बच्चे छोटे थे तो उन्हें डॉक्टर के पास बिमारी से बचने के टीके लगवाने ले जाना एक रोचक अनुभव होता था। डॉक्टर का प्रतीक्षालय खिलौनों और बच्चों की पुस्तकों तथा पत्रिकाओं से भरा हुआ था, जिनसे वे खेलते थे या जिन्हें मैं उन्हें पढ़कर सुनाता था। यहाँ तक तो कोई समस्या नहीं होती थी। लेकिन जैसे ही मैं उन्हें उठाकर अन्दर डॉक्टर से मिलने ले कर जाता था, सब कुछ बदल जाता था। जैसे ही वे नर्स को टीका लेकर अपनी ओर आता देखते थे, उनका आनन्द भय में परिवर्तित हो जाता था; और नर्स जितनी निकट आती जाती थी वे उतनी ही ज़ोर से सांत्वना तथा शान्ति पाने के लिए मुझ से चिपटते जाते थे, क्योंकि उन्हें मुझ पर भरोसा था।

   पाप और अशान्ति में पड़े हुए इस संसार में कभी कभी हम शान्ति और आराम की स्थिति से निकल कर पीड़ादायक क्षेत्रों में आ जाते हैं। ऐसे समय में प्रश्न होता है कि उस परिस्थिति के प्रति हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? हम भयभीत होकर परमेश्वर से प्रश्न कर सकते हैं कि उसने हमारे साथ ऐसा क्यों होने दिया? या हम उस पर भरोसा रखते हुए यह मानकर चल सकते हैं कि उन परेशानियों में भी वह हमारे लिए कुछ ऐसा कर रहा है जो हमारी भलाई के लिए है, चाहे अभी वह बात कष्टदायक ही क्यों ना हो। जब ऐसी परिस्थितियाँ आएं तो हमें परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार द्वारा लिखे गए शब्द स्मरण रखने चाहिएं, "जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा" (भजन 56:3)।

   जैसे मेरे बच्चे मुझ से ज़ोर से लिपट जाते थे, हमें प्रभु परमेश्वर से ज़ोर से लिपटे रहना चाहिए, और जितनी कठिन परिस्थिति हो, उतने ही अधिक ज़ोर से हम प्रभु से लिपटे रहें; उस पर भरोसा रखें क्योंकि उसका प्रेम कभी चूकता नहीं है। - जो स्टोवैल


अपने परमेश्वर पिता से लिपटे रहें, वही आपकी एकमात्र भरोसेमन्द आशा है।

मनुष्य का भय खाना फन्दा हो जाता है, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह ऊंचे स्थान पर चढ़ाया जाता है। - नीतिवचन 29:25

बाइबल पाठ: भजन 56
Psalms 56:1 हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मनुष्य मुझे निगलना चाहते हैं। वे दिन भर लड़कर मुझे सताते हैं। 
Psalms 56:2 मेरे द्रोही दिन भर मुझे निगलना चाहते हैं, क्योंकि जो लोग अभिमान कर के मुझ से लड़ते हैं वे बहुत हैं। 
Psalms 56:3 जिस समय मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा रखूंगा। 
Psalms 56:4 परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, परमेश्वर पर मैं ने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूंगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 56:5 वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं उनकी सारी कल्पनाएं मेरी ही बुराई करने की होती है। 
Psalms 56:6 वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं मानों वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठें हों। 
Psalms 56:7 क्या वे बुराई कर के भी बच जाएंगे? हे परमेश्वर, अपने क्रोध से देश देश के लोगों को गिरा दे! 
Psalms 56:8 तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? 
Psalms 56:9 जब जिस समय मैं पुकारूंगा, उसी समय मेरे शत्रु उलटे फिरेंगे। यह मैं जानता हूं, कि परमेश्वर मेरी ओर है। 
Psalms 56:10 परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, यहोवा की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा। 
Psalms 56:11 मैं ने परमेश्वर पर भरोसा रखा है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 56:12 हे परमेश्वर, तेरी मन्नतों का भार मुझ पर बना है; मैं तुझ को धन्यवाद बलि चढ़ाऊंगा। 
Psalms 56:13 क्योंकि तू ने मुझ को मृत्यु से बचाया है; तू ने मेरे पैरों को भी फिसलने से बचाया है, ताकि मैं ईश्वर के साम्हने जीवतों के उजियाले में चलूं फिरूं?

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 16-18
  • लूका 2:1-24