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मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

प्रार्थना



      परमेश्वर बहुधा हमारी प्रार्थनाओं के द्वारा अपने कार्य करता है। हम इसका एक उदाहरण परमेश्वर के वचन बाइबल में एलिय्याह भविष्यद्वक्ता के साथ हुई एक घटना में देखते हैं, जब परमेश्वर ने एलिय्याह से कहा कि वह देश में साढ़े-तीन वर्ष से चले आ रहे अकाल का अन्त करके वर्षा को भेजेगा (याकूब 5:17)। यद्यपि परमेश्वर ने वर्षा भेजने की प्रतिज्ञा की थी, हम देखते हैं कि इसके थोड़े ही समय के पश्चात ही “...एलिय्याह कर्म्मेल की चोटी पर चढ़ गया, और भूमि पर गिर कर अपना मुंह घुटनों के बीच किया” – वह बड़ी अभिलाषा के साथ वर्षा के लिए प्रार्थना करने लगा (1 राजा 18:42); और प्रार्थना करते हुए एलिय्याह ने अपने सेवक को सात बार भेजा कि वह जाकर समुद्र की ओर देखकर बताए कि वर्षा के आने के कोई आसार दिखाई दे रहे हैं कि नहीं (पद 43)।

      एलिय्याह समझता था कि परमेश्वर चाहता है कि हम दीनता से की गई निरन्तर प्रार्थना द्वारा उसके कार्य में सम्मिलित हों। हमारी मानवीय सीमाओं के होते हुए भी, परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं के अद्भुत उत्तर दे सकता है। इसीलिए बाइबल में याकूब अपनी पत्री में लिखा, “इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है। एलिय्याह भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था; और उसने गिड़िगड़ा कर प्रार्थना की; कि मेंह न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा” हमें यह स्मरण करवाते हुए कि एलिय्याह हमारे समान ही दुःख-सुख भोगी मनुष्य था (याकूब 5:16-17)।

      जब हम अपनी विश्वासयोग्य प्रार्थनाओं के द्वारा परमेश्वर की सेवा करने की ठान लेते हैं, जैसे कि एलिय्याह ने किया, हम एक अनुपम विशेषाधिकार का प्रयोग करते हैं – और तब हमें कभी भी परमेश्वर द्वारा किए जाने वाले किसी अद्भुत आश्चर्यकर्म को प्रत्यक्ष देख पाने का अवसर होता है। - जेम्स बैंक्स


हमारे द्वारा की गई महान अपेक्षाएं परमेश्वर को आदर देती हैं।

पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे; क्योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा। - याकूब 1:6-7

बाइबल पाठ: 1 राजा 18:41-45
1 Kings 18:41 फिर एलिय्याह ने अहाब से कहा, उठ कर खा पी, क्योंकि भारी वर्षा की सनसनाहट सुन पड़ती है।
1 Kings 18:42 तब अहाब खाने पीने चला गया, और एलिय्याह कर्म्मेल की चोटी पर चढ़ गया, और भूमि पर गिर कर अपना मुंह घुटनों के बीच किया।
1 Kings 18:43 और उसने अपने सेवक से कहा, चढ़कर समुद्र की ओर दृष्टि कर देख, तब उसने चढ़ कर देखा और लौट कर कहा, कुछ नहीं दीखता। एलिय्याह ने कहा, फिर सात बार जा।
1 Kings 18:44 सातवीं बार उसने कहा, देख समुद्र में से मनुष्य का हाथ सा एक छोटा बादल उठ रहा है। एलिय्याह ने कहा, अहाब के पास जा कर कह, कि रथ जुतवा कर नीचे जा, कहीं ऐसा न हो कि तू वर्षा के कारण रुक जाए।
1 Kings 18:45 थोड़ी ही देर में आकाश वायु से उड़ाई हुई घटाओं, और आन्धी से काला हो गया और भारी वर्षा होने लगी; और अहाब सवार हो कर यिज्रेल को चला।


एक साल में बाइबल: 
  • होशे 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 2