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बुधवार, 7 सितंबर 2016

ध्यान


   मेरी सेवकाई के आरंभिक वर्षों में, मैं एक चर्च का पास्टर था, जब मेरी बेटी लिब्बी ने मुझसे पूछा, "पिताजी क्या हम प्रसिद्ध हैं?" मैंने उत्तर दिया, "नहीं लिब्बी, हम प्रसिद्ध नहीं हैं"। लिब्बी ने थोड़ा सोच कर खिसियाई हुई आवाज़ में उत्तर दिया, "हम प्रसिद्ध हो जाते यदि और लोग हमारे बारे में जानते!"

   बेचारी लिब्बी, केवल 7 वार्ष की आयु, और अभी से उस बात को लेकर परेशान जिसे लेकर हम में से बहुतेरे सारी उम्र परेशान रहते हैं: हमें कौन पहिचानता है, कौन जानता है और क्या हम वह पहिचान तथा प्रसिद्धी पा रहे हैं जिसके हम हकदार हैं?

   पहचान पाने के लिए हमारा यह संघर्ष समस्या ना होता यदि हम इसके कारण अपने जीवन के ध्यान का केंद्र होने से प्रभु यीशु को विस्थापित नहीं करते। लेकिन जब हम अपने आप पर ध्यान लगाने लगते हैं, प्रभु यीशु पर से हमारा ध्यान स्वतः ही हट जाता है।

   जीवन में यह संभव नहीं है कि हम एक साथ अपने ऊपर भी तथा प्रभु यीशु के ऊपर भी अपना पूरा-पूरा ध्यान लगाए रखें। इसीलिए, परमेश्वर के वचन में बाइबल में प्रेरित पौलुस का कथन, "वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं" (फिलिप्पियों 3:8) हमारे मसीही जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पौलुस के सामने एक चुनाव था - प्रभु यीशु या फिर वह स्वयं, और पौलुस ने जानते-बूझते हुए उन सभी बातों का तिरिस्कार कर दिया जो उसकी ओर ध्यान खींचतीं जिससे कि वह प्रभु यीशु को और गहराई से जान सके, अनुभव कर सके (पद 7-8, 10)।

   हमारे सामने भी आज यही निर्णय विद्यमान है; क्या हम अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए जीएंगे? या फिर हमारे अपने ध्यान का केंद्र प्रभु यीशु होगा जिससे कि हम उसे और निकटता से जान तथा अनुभव कर सकें! - जो स्टोवैल


हमारे चुनाव किसको महिमा देते हैं, परमेश्वर को या हमें?

यहोवा यों कहता है, बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे; परन्तु जो घमण्ड करे वह इसी बात पर घमण्ड करे, कि वह मुझे जानता और समझता हे, कि मैं ही वह यहोवा हूँ, जो पृथ्वी पर करुणा, न्याय और धर्म के काम करता है; क्योंकि मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न रहता हूँ। - यिर्मयाह 9:23-24

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 3:1-11
Philippians 3:1 निदान, हे मेरे भाइयो, प्रभु में आनन्‍दित रहो: वे ही बातें तुम को बार बार लिखने में मुझे तो कोई कष्‍ट नहीं होता, और इस में तुम्हारी कुशलता है। 
Philippians 3:2 कुत्तों से चौकस रहो, उन बुरे काम करने वालों से चौकस रहो, उन काट कूट करने वालों से चौकस रहो। 
Philippians 3:3 क्योंकि खतना वाले तो हम ही हैं जो परमेश्वर के आत्मा की अगुवाई से उपासना करते हैं, और मसीह यीशु पर घमण्‍ड करते हैं और शरीर पर भरोसा नहीं रखते। 
Philippians 3:4 पर मैं तो शरीर पर भी भरोसा रख सकता हूं यदि किसी और को शरीर पर भरोसा रखने का विचार हो, तो मैं उस से भी बढ़कर रख सकता हूं। 
Philippians 3:5 आठवें दिन मेरा खतना हुआ, इस्त्राएल के वंश, और बिन्यामीन के गोत्र का हूं; इब्रानियों का इब्रानी हूं; व्यवस्था के विषय में यदि कहो तो फरीसी हूं। 
Philippians 3:6 उत्‍साह के विषय में यदि कहो तो कलीसिया का सताने वाला; और व्यवस्था की धामिर्कता के विषय में यदि कहो तो निर्दोष था। 
Philippians 3:7 परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। 
Philippians 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं। 
Philippians 3:9 और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है। 
Philippians 3:10 और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं। 
Philippians 3:11 ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 1-2
  • 1 कुरिन्थियों 16