ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 19 फ़रवरी 2015

धैर्य


   सैन फ्रैंसिस्को, कैलिफोर्निया में एक व्यक्ति ने अधीर होकर अपना बड़ा नुकसान कर लिया; रुकी हुई कारों की पंक्ति से निकल कर आगे बढ़ जाने की अधीरता में उसने अपनी गाड़ी सड़क के खाली दिख रहे भाग में डाल दी, किंतु सड़क के उस भाग के पुनःनिर्माण के लिए उसपर हाल ही में सीमेंट की मोटी परत डाली गई थी जिसमें उसकी महंगी कार फंस गई और उसे ना केवल गाड़ी को हुए नुकसान का वरन सड़क खराब करने का तथा नियमों के उल्लंघन का भी हर्जाना भरना पड़ा। अधीरता की कीमत बहुत बड़ी होती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी एक ऐसे राजा का वर्णन है जिसकी अधीरता उसके राज-पद से हाथ धो बैठने का कारण बन गई। इस्त्राएलियों के पहले राजा शाऊल ने, इस्त्राएलियों के युद्ध में जाने से पहले, परमेश्वर से आशीष प्राप्त करने के लिए उतावली करी। उस समय के परमेश्वर के नबी शमूएल को आकर परमेश्वर के सम्मुख बलिदान करना तथा इस्त्राएलियों को आशीर्वाद देना था, लेकिन जब शमूएल के आने में देर हुई, तो शाऊल ने परमेश्वर की आज्ञा के विरुद्ध स्वयं ही बलिदान चढ़ा दिया। शाऊल ने अधीरता में होकर यह सोच लिया कि वह परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन कर सकता है और अनधिकृत रीति से पुरोहित का कार्य भी कर सकता है, और उसके द्वारा करी जा रही इस अनाज्ञाकारिता के कोई गंभीर परिणाम नहीं होंगे। लेकिन शाऊल का सोचना गलत था।

   जब शमूएल आया तो उसने शाऊल द्वारा किए गए कार्य को देखकर उसकी अनाज्ञाकारिता तथा अधिरता के लिए उसे डाँटा, और उसे बता दिया कि वह अपना राजपद खो देगा। शाऊल का परमेश्वर की योजना के परिपक्व होने तक प्रतीक्षा करने में उतावली करना, उसके अधीर होकर गलत कार्य करने का कारण हुआ, जो परमेश्वर के प्रति उसके अपूर्ण विश्वास को दिखाता है। यदि हम परमेश्वर को समर्पित जीवन व्यतीत करते हैं तो परमेश्वर की योजनाओं के लिए धैर्य रखना भी सीखें। जब हम धैर्य एवं समर्पण के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित रहेंगे, तो वह हमें सर्वोत्त्म तथा सबसे लाभकारी मार्ग और उस मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन एवं सामर्थ भी देगा। - मार्विन विलियम्स


धैर्य का अर्थ है परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा और उसके प्रेम में विश्वास।

मनुष्य का ज्ञान रहित रहना अच्छा नहीं, और जो उतावली से दौड़ता है वह चूक जाता है। - नीतिवचन 19:2

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 13:5-14
1 Samuel 13:5 और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए, अर्थात तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए; और बेतावेन के पूर्व की ओर जा कर मिकमाश में छावनी डाली। 
1 Samuel 13:6 जब इस्राएली पुरूषों ने देखा कि हम सकेती में पड़े हैं (और सचमुच लोग संकट में पड़े थे), तब वे लोग गुफाओं, झाड़ियों, चट्टानों, गढिय़ों, और गढ़हों में जा छिपे। 
1 Samuel 13:7 और कितने इब्री यरदन पार हो कर गाद और गिलाद के देशों में चले गए; परन्तु शाऊल गिलगाल ही में रहा, और सब लोग थरथराते हुए उसके पीछे हो लिए।
1 Samuel 13:8 वह शमूएल के ठहराए हुए समय, अर्थात सात दिन तक बाट जोहता रहा; परन्तु शमूएल गिलगाल में न आया, और लोग उसके पास से इधर उधर होने लगे। 
1 Samuel 13:9 तब शाऊल ने कहा, होमबलि और मेलबलि मेरे पास लाओ। तब उसने होमबलि को चढ़ाया। 
1 Samuel 13:10 ज्योंही वह होमबलि को चढ़ा चुका, तो क्या देखता है कि शमूएल आ पहुंचा; और शाऊल उस से मिलने और नमस्कार करने को निकला। 
1 Samuel 13:11 शमूएल ने पूछा, तू ने क्या किया? शाऊल ने कहा, जब मैं ने देखा कि लोग मेरे पास से इधर उधर हो चले हैं, और तू ठहराए हुए दिनों के भीतर नहीं आया, और पलिश्ती मिकमाश में इकट्ठे हुए हैं, 
1 Samuel 13:12 तब मैं ने सोचा कि पलिश्ती गिलगाल में मुझ पर अभी आ पड़ेंगे, और मैं ने यहोवा से बिनती भी नहीं की है; सो मैं ने अपनी इच्छा न रहते भी होमबलि चढ़ाया। 
1 Samuel 13:13 शमूएल ने शाऊल से कहा, तू ने मूर्खता का काम किया है; तू ने अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा को नहीं माना; नहीं तो यहोवा तेरा राज्य इस्राएलियों के ऊपर सदा स्थिर रखता। 
1 Samuel 13:14 परन्तु अब तेरा राज्य बना न रहेगा; यहोवा ने अपने लिये एक ऐसे पुरूष को ढूंढ़ लिया है जो उसके मन के अनुसार है; और यहोवा ने उसी को अपनी प्रजा पर प्रधान होने को ठहराया है, क्योंकि तू ने यहोवा की आज्ञा को नहीं माना।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 25
  • मरकुस 1:23-45



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें