मेरे एक मित्र का अपने घर के पिछले आँगन में पत्थरों की नई सीढ़ीयाँ बनाने में सारा दिन लग गया। जब वह काम कर रहा था तो उसकी पाँच वर्षीय बेटी ने आकर कहा कि वह भी इस कार्य में उसकी सहायता करना चाहती है। मेरे मित्र ने अपनी बेटी का दिल रखने के लिए उससे कहा कि वह उसके पास खड़ी होकर उसके लिए गाना गाती रहे जिससे प्रोत्साहित होकर मेरा मित्र काम करता रहेगा, लेकिन उस बच्ची ने ऐसा करने से साफ मना करते हुए कहा कि वह उसकी ’सहायता’ करना चाहती है। इसलिए मेरे मित्र को बड़ी सावधानी बरतते हुए जिससे कि बेटी के हाथ पर कोई चोट ना आए, उसे उन पत्थरों पर हाथ लगाने दिए जिन्हें उठाकर वह सीढ़ी बनाने के लिए रख रहा था।
उस बच्ची को काम में लिए बिना वह यह कार्य काफी कम समय में कर लेता, परन्तु उसने धैर्य से बच्ची को अपने साथ लगाए रखा। शाम होने पर ना केवल उस मित्र के पास कुछ नई सीढ़ीयाँ थीं वरन एक गर्वान्वित बेटी भी थी जिसने बड़े प्रेम और गौरव के साथ रात्रि के भोजन के समय सब को बताया, "आज मैंने और पिताजी ने मिलकर नई सीढ़ीयाँ बनाईं!"
संसार के आरंभ से ही परमेश्वर ने अपने कार्य को संभालने और आगे बढ़ाने के लिए हम मनुष्यों को अपना सहकर्मी बनाया है। आदम को भूमि पर काम करने योग्य और पशुओं पर अधिकार देने के बाद परमेश्वर ने अदन की वाटिका लगाई और आदम को उस वाटिका की देखभाल करने की कार्य सौंप दिया (उत्पत्ति 2:15-20)। यही नमूना आगे भी लागू रहा; जब मनुष्यों की दुष्टता पृथ्वी पर बहुत बढ़ गई और परमेश्वर ने जल-प्रलय द्वारा पापी लोगों के नाश की ठान ली तो धर्मियों को बचाने के लिए नाव बनाने का कार्य नूह को सौंपा, जिसके लिए आवश्यक सभी निर्देश परमेश्वर ने नूह को दे दिए। जब पृथ्वी पर परमेश्वर के मन्दिर के बनने का समय आया तो यह मन्दिर स्वर्ग से उतर कर पृथ्वी पर नहीं आ गया, वरन परमेश्वर ने हज़ारों लोगों को इसके योग्य सभी गुणों और योग्यताओं से परिपूर्ण करके इस कार्य को उनसे करवाया (निर्गमन 35-38; 1 राजा 6)। जब प्रभु यीशु ने परमेश्वर के राज्य की पृथ्वी पर आने की घोषणा करी तो उन्होंने अपने चेलों से इस कार्य को पूरा करने के लिए मनुष्यों को खड़ा करने की प्रार्थना करने को कहा: "इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे" (मत्ती 9:38)।
जैसे एक पिता अपने बच्चों के साथ करता है, वैसे ही परमेश्वर भी हमें अपने साथ अपना सहकर्मी बना कर इस्तेमाल करता है। - फिलिप यैन्सी
परमेश्वर अपने महान कार्यों को करवाने के लिए दीन और नम्र मनुष्यों को इस्तेमाल करता है।
क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो। - 1 कुरिन्थियों 3:9
बाइबल पाठ: मत्ती 9:35-10:1
Matthew 9:35 और यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा।
Matthew 9:36 जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे।
Matthew 9:37 तब उसने अपने चेलों से कहा, पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं।
Matthew 9:38 इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।
Matthew 10:1 फिर उसने अपने बारह चेलों को पास बुलाकर, उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया, कि उन्हें निकालें और सब प्रकार की बीमारियों और सब प्रकार की दुर्बलताओं को दूर करें।
एक साल में बाइबल:
- गिनती 34-36
- मरकुस 9:30-50
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