हम
सात लोग एक स्थान पर संगीत उत्सव देखने गए जिसके लिए बहुत से लोगों की भीड़ आई हुई
थी। हम सभी एक साथ बैठना चाह रहे थे, इसलिए हम बैठने के स्थान की एक ही पंक्ति की
ओर जाने लगे, कि इतने में एक महिला अपने दो साथियों को लिए हुए हम लोगों के बीच
में से घुसकर उस स्थान पर आगे को आ गई और जहाँ हम बैठने जा रहे थे वहाँ बैठ गई।
मेरी पत्नी ने उससे कहा कि हम सब एक साथ हैं और साथ बैठना चाह रहे हैं परन्तु उसने
वह स्थान नहीं छोड़ा और हम लोगों को तीन और चार के गुट में होकर आगे पीछे की
पंक्तियों में होकर बैठना पड़ा।
हम
तीन जन पीछे वाली पंक्ति में बैठे हुए थे कि मेरी पत्नि सू ने ध्यान किया कि उस
महिला के एक साथी के साथ कुछ दिक्कत थी और उसे विशेष ध्यान की आवश्यकता थी। तब
हमें आभास हुआ कि उस महिला का भी प्रयास था कि वह अपने साथियों के साथ इकट्ठे बैठ
सके जिससे उसके साथी की देखभाल होती रहे। यह आभास होते ही उस महिला के प्रति हमारी
चिढ़चिढ़ाहट शान्त हो गई। सू ने कहा, “ज़रा सोचो, ऐसी भीड़ भरे स्थानों में उसे कितनी
कठिनाई होती होगी।” अवश्य ही उस महिला ने रूखेपन से व्यवहार किया था परन्तु हम
उसके प्रति क्रोधित होने के स्थान पर, सहानुभूति से प्रत्युत्तर दे सकते थे।
हम
जहाँ भी जाएँगे, हमें ऐसे लोग मिलेंगे जिन्हें सहानुभूति की आवश्यकता है। हो सकता
है कि परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस प्रेरित द्वारा लिखे गए ये वचन हमें अपने
चारों ओर के लोगों के प्रति एक भिन्न दृष्टिकोण – सहानुभूति का दृष्टिकोण रखने में
सहायता करें: “इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं,
बड़ी करूणा, और भलाई, और
दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण
करो। और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक
दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु
ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो” (कुलुस्सियों 3:12-13)।
जब
हम सहानुभूति दिखाते हैं, तब हम लोगों को प्रभु यीशु की ओर देखने का संकेत देते
हैं जिसने अपना अनुग्रह और सहानुभूति भरा हृदय हमारे लिए उंडेल दिया। - डेव ब्रैनन
औरों की परेशानियों को समझकर उनके सहायक
होना ही सहानुभूति है।
पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और
वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस
में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है? - 1 यूहन्ना 3:17
बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-17
Colossians 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने
हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता,
और सहनशीलता धारण करो।
Colossians 3:13 और यदि किसी को किसी पर
दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए,
वैसे ही तुम भी करो।
Colossians 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को
जो सिद्धता का कटिबन्ध है बान्ध लो।
Colossians 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के
लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में
राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।
Colossians 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय
में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को
सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में
अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
Colossians 3:17 और वचन से या काम से जो
कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा
परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।
एक साल में बाइबल:
- न्यायियों 19-21
- लूका 7:31-50
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