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शुक्रवार, 8 मार्च 2013

छोटी बात


   हज़ारों की भीड़ प्रभु यीशु के पास आई हुई थी। प्रभु उन्हें परमेश्वर के राज्य के बारे में भी बता रहे थे और उनके बीमारों को चंगा भी कर रहे थे। फिर प्रभु ने अपने चेलों से कहा कि उस भीड़ के लिए भोजन का प्रबन्ध करें। चेले अवाक रह गए - किसी भी गाँव या नगर से दूर इस एकांत स्थल पर एकदम से हज़ारों के लिए भोजन कहाँ से उपलब्ध हो सकेगा! लेकिन चेलों को यह आज्ञा देने में प्रभु का कुछ प्रयोजन था, वह उन्हें परख रहा था, और वह यह भी जानता था कि वह क्या करने जा रहा है (यूहन्ना 6:6)। एक चेले ने हिसाब लगाया कि थोड़े से भोजन का प्रबन्ध करने के लिए भी कितना खर्च आएगा, तो दूसरे ने कहा: "यहां एक लड़का है जिस के पास जव की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्तु इतने लोगों के लिये वे क्या हैं?" (यूहन्ना 6:7, 9)। लेकिन प्रभु यीशु के हाथों में वे पाँच रोटी और दो मछली हज़ारों की भीड़ को तृप्त करने और उसके बाद बच्चे हुए भोजन से बारह टोकरियां भरने के लिए पर्याप्त थीं।

   यदि आप सोचते हैं कि मेरे पास तो प्रभु को देने और उसके उपयोग के लायक कुछ भी नहीं है, तो थोड़ा विचार इस घटनाक्रम पर भी कीजिए: एडवर्ड किम्बल नामक एक सन्डे स्कूल शिक्षक के मन में आया कि वह अपनी सन्डे स्कूल कक्षा के एक युवक से मिले और निश्चित करे कि वह युवक मसीही विश्वास में है या नहीं। वह उससे जाकर मिला और उस दिन वह उस युवक को, जिसका नाम था डी. एल. मूडी, मसीही विश्वास में लाने पाया। मूडी आगे चलकर १९वीं सदी का सुप्रसिद्ध और अति प्रभावकारी मसीही प्रचारक बना। मूडी के जीवन और प्रचार से एक अन्य जाना माना मसीही प्रचारक विल्बर चैपमैन बहुत प्रभावित हुआ। चैपमैन ने अपनी सहायता के लिए बिली सण्डे को अपने साथ प्रचार में लगाया, और आगे चलकर बिली सण्डे भी एक विख्यात प्रचारक बन गया। बिली सण्डे के प्रचार के प्रभाव से एक शहर में मसीही सेवकाई की एक संस्था आरंभ हुई, और उस संस्था ने एक समय पर एक अन्य मसीही प्रचारक मोर्देकई हैम को प्रचार के लिए एक मसीही जागृति सभा में बुलाया। उस सभा में बिली ग्रैहम नामक एक व्यक्ति ने प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया और वह आगे चलकर हमारे वर्तमान समय का सबसे विख्यात और श्रेष्ठ अन्तर्राष्ट्रीय मसीही प्रचारक बना जिसके प्रचार तथा लिखी पुस्तकों के द्वारा सारे विश्व में अनगिनित लोग मसीही विश्वास में आने पाए तथा आ रहे हैं।

   यदि आपको लगे कि आप कुछ विशेष करने में असमर्थ हैं तो उन पाँच रोटी और दो मछली तथा सन्डे स्कूल शिक्षक एडवर्ड किम्बल को स्मरण करें जिसने बस एक दोपहर का समय अपनी कक्षा के एक विद्यार्थी के साथ बिताया। किम्बल को ज़रा भी अन्देशा नहीं होगा कि 19वीं सदी की उस दोपहर का कार्य कुछ ही समय में परमेश्वर की सेवकाई के लिए कैसा प्रभाव लाने लगेगा, और उस प्रभाव से उत्पन्न लहरें २०वीं सदी में जाकर संसार भर में इस सेवकाई के लिए और कितना प्रभाव लाएंगी।

   प्रभु यीशु के हाथ में हर छोटी सी बात भी महान आश्चर्यकर्मों और अनेकों लोगों के जीवनों में सामर्थी कार्यों का माध्यम बन जाती है। हमारा परमेश्वर उसे समर्पित विश्वासयोग्यता के जीवन के छोटे छोटे बीजों से विशाल वृक्ष उगा देता है जो असंख्य लोगों के जीवनों को प्रभावित और आनन्दित कर देते हैं, अनन्तकाल के लिए सुखमय बना देते हैं। अपनी ओर ना देखें, वरन साधारण विश्वास के साथ निःसंकोच अपना हाथ उसके हाथ में दे दें; उसे आपकी योग्यता की नहीं आपके विश्वास की आवश्यकता है। - जो स्टोवैल


परमेश्वर हमारी छोटी बातों को अपने बड़े उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रयोग करता है।

क्योंकि किस ने छोटी बातों के दिन तुच्छ जाना है? - ज़कर्याह 4:10

बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:1-14
John 6:1 इन बातों के बाद यीशु गलील की झील अर्थात तिबिरियास की झील के पास गया।
John 6:2 और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्योंकि जो आश्चर्य कर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उन को देखते थे।
John 6:3 तब यीशु पहाड़ पर चढ़कर अपने चेलों के साथ वहां बैठा।
John 6:4 और यहूदियों के फसह के पर्व निकट था।
John 6:5 तब यीशु ने अपनी आंखे उठा कर एक बड़ी भीड़ को अपने पास आते देखा, और फिलेप्पुस से कहा, कि हम इन के भोजन के लिये कहां से रोटी मोल लाएं?
John 6:6 परन्तु उसने यह बात उसे परखने के लिये कही; क्योंकि वह आप जानता था कि मैं क्या करूंगा।
John 6:7 फिलेप्पुस ने उसको उत्तर दिया, कि दो सौ दीनार की रोटी उन के लिये पूरी भी न होंगी कि उन में से हर एक को थोड़ी थोड़ी मिल जाए।
John 6:8 उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्द्रियास ने उस से कहा।
John 6:9 यहां एक लड़का है जिस के पास जव की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्तु इतने लोगों के लिये वे क्या हैं?
John 6:10 यीशु ने कहा, कि लोगों को बैठा दो। उस जगह बहुत घास थी: तब वे लोग जो गिनती में लगभग पांच हजार के थे, बैठ गए:
John 6:11 तब यीशु ने रोटियां लीं, और धन्यवाद कर के बैठने वालों को बांट दी: और वैसे ही मछिलयों में से जितनी वे चाहते थे बांट दिया।
John 6:12 जब वे खाकर तृप्‍त हो गए तो उसने अपने चेलों से कहा, कि बचे हुए टुकड़े बटोर लो, कि कुछ फेंका न जाए।
John 6:13 सो उन्होंने बटोरा, और जव की पांच रोटियों के टुकड़े जो खाने वालों से बच रहे थे उन की बारह टोकिरयां भरीं।
John 6:14 तब जो आश्चर्य कर्म उसने कर दिखाया उसे वे लोग देखकर कहने लगे; कि वह भविष्यद्वक्ता जो जगत में आनेवाला था निश्‍चय यही है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 5-7 
  • मरकुस 11:1-18