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शनिवार, 16 जून 2018

निर्देश और विधि



   हमारे घर में, “विधि” मेरे लिए बड़ी खिसियाहट का, और मेरे परिवार जनों के लिए बड़े परिहास का विषय रही है। हमारी शादी के आरंभिक समय में मैं घर के मरम्मत के छोटे-मोटे कार्य करने के प्रयास करता था – परन्तु परिणाम उलटे ही होते थे, मरम्मत की गई वस्तुएँ ठीक कार्य नहीं करती थीं, वरन और कुछ को ख़राब ही कर देती थीं। हमारे बच्चे होने के बाद भी मेरी ये विफलताएं जारी रहीं; बच्चों के टूटे हुए “साधारण” से खिलौने जोड़ने में भी कुछ ठीक नहीं होता था। मेरी मुख्य समस्या थी कि मैं उन कार्यों और मरम्मत के लिए मिलने वाले निर्देशों का पालन नहीं करता था, अपनी ही सोच और विधि द्वारा सब कुछ करने का प्रयास करता था।

   धीरे-धीरे मैं ने सीख लिया कि मुझे निर्देशों का सटीक पालन करना पड़ेगा, और दी गई विधि के अनुसार ही कार्य को करना पड़ेगा। मैंने पाया कि ऐसा करने से मेरे कार्य सही और सफल होते थे। परन्तु जितना अधिक यह ठीक चलता था, उतना अधिक मुझे अपने पर भरोसा होने लगता था, और मैं फिर से अपनी ही विधि अपनाने लग जाता था, जिसके परिणाम फिर से बुरे निकलने लगते थे।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्राचीन इस्राएली भी इसी प्रवृत्ति के साथ संघर्ष करते थे। वे परमेश्वर द्वारा दिए गए निर्देशों को भुलाकर अपने इलाके के अन्यजाति लोगों के समान बाल तथा अन्य देवी-देवताओं की उपासना में पड़ा जाते थे (न्यायियों 2:12)। उनके इस अपनी ही उपासना-विधि को अपनाने के घातक परिणाम होते थे, और वे परेशानियों में पड़े रहते थे जब तक कि परमेश्वर उन्हें उस परेशानी से छुड़ा नहीं लेता था। ऐसा करने के लिए परमेश्वर उनमें से न्यायी खड़े करता था, जो परमेश्वर के निर्देशों और विधि के अनुसार कार्य करके इस्राएलियों को वापस परमेश्वर की ओर लेकर आते थे (2:18)। परन्तु कुछ ही समय के बाद वे फिर से परमेश्वर के निर्देशों को भुलाकर, अपनी ही विधि अपना कर जीवन व्यतीत करने लगते थे।

   परमेश्वर ने उसके प्रति हमारे प्रेम को बनाए रखने के लिए अनेकों निर्देश दिए हैं, और उनके पीछे उसके अपने कारण हैं। उसके ये निर्देश उसके जीवते वचन बाइबल में मिलते हैं, जिससे हमें जीवन और भक्ति से संबंधित सभी बातों की सही शिक्षाएँ मिलती हैं। परमेश्वर की जीवित उपस्थिति के एहसास में प्रतिदिन बने रहने के द्वारा ही हम अपने जीवनों को अपनी ही विधि के अनुसार चलाने के प्रलोभन से बचे रह सकते हैं। - रैंडी किल्गोर


हमारा सबसे बड़ा विशेषाधिकार है परमेश्वर की उपस्थिति का आनन्द लेना।

क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। - 2 पतरस 1:3

बाइबल पाठ: न्यायियों 2:7-19
Judges 2:7 और यहोशू के जीवन भर, और उन वृद्ध लोगों के जीवन भर जो यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और देख चुके थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे कैसे बड़े काम किए हैं, इस्राएली लोग यहोवा की सेवा करते रहे।
Judges 2:8 निदान यहोवा का दास नून का पुत्र यहोशू एक सौ दस वर्ष का हो कर मर गया।
Judges 2:9 और उसको तिम्नथेरेस में जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नाम पहाड़ की उत्तर अलंग पर है, उसी के भाग में मिट्टी दी गई।
Judges 2:10 और उस पीढ़ी के सब लोग भी अपने अपने पितरों में मिल गए; तब उसके बाद जो दूसरी पीढ़ी हुई उसके लोग न तो यहोवा को जानते थे और न उस काम को जो उसने इस्राएल के लिये किया था।
Judges 2:11 इसलिये इस्राएली वह करने लगे जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और बाल नाम देवताओं की उपासना करने लगे;
Judges 2:12 वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत किया; और यहोवा को रिस दिलाई।
Judges 2:13 वे यहोवा को त्याग कर के बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों की उपासना करने लगे।
Judges 2:14 इसलिये यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा, और उसने उन को लुटेरों के हाथ में कर दिया जो उन्हें लूटने लगे; और उसने उन को चारों ओर के शत्रुओं के आधीन कर दिया; और वे फिर अपने शत्रुओं के साम्हने ठहर न सके।
Judges 2:15 जहां कहीं वे बाहर जाते वहां यहोवा का हाथ उनकी बुराई में लगा रहता था, जैसे यहोवा ने उन से कहा था, वरन यहोवा ने शपथ खाई थी; इस प्रकार से बड़े संकट में पड़ गए।
Judges 2:16 तौभी यहोवा उनके लिये न्यायी ठहराता था जो उन्हें लूटने वाले के हाथ से छुड़ाते थे।
Judges 2:17 परन्तु वे अपने न्यायियों की भी नहीं मानते थे; वरन व्यभिचारिन के समान पराये देवताओं के पीछे चलते और उन्हें दण्डवत करते थे; उनके पूर्वज जो यहोवा की आज्ञाएं मानते थे, उनकी उस लीक को उन्होंने शीघ्र ही छोड़ दिया, और उनके अनुसार न किया।
Judges 2:18 और जब जब यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता तब तब वह उस न्यायी के संग रहकर उसके जीवन भर उन्हें शत्रुओं के हाथ से छुड़ाता था; क्योंकि यहोवा उनका कराहना जो अन्धेर और उपद्रव करने वालों के कारण होता था सुनकर दु:खी था।
Judges 2:19 परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत कर के अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 4-6
  • प्रेरितों 2:22-47