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मंगलवार, 15 जून 2010

निरंतर प्रोत्साहन

संसार के कई देशों में Father's Day अर्थात "पिता का दिन" मनाया जाता है। यद्यपि सब देशों में इस विषेश दिन का आरंभ, इसमें होने वाली क्रीयाएं और मनाने की तिथि अलग अलग हैं फिर भी उद्देश्य एक ही है - अपने पिता का आदर करना।

इस वर्ष अपने इस विषेश दिन पर मैंने कुछ भिन्न करने का निश्चय किया है। अपने बच्चों के अभिवादन कार्ड या टेलिफोन पर बातचीत की प्रतीक्षा करने की बजाए मैं उन्हें और अपनी पत्नी को प्रशंसा के सन्देश भेजूंगा; आखिरकर, यदि वे सब न होते तो मैं पिता भी न बनता!

पौलुस ने शिक्षा दी कि पिताओं को अपने बच्चों की परवरिश में सकरात्मक भूमिका निभानी चाहिये न कि उनके लिये निराशा या क्रोध का कारण बनें। उसने लिखा "हे बच्‍चे वालों अपने बच्‍चों को रिस न दिलाओ परन्‍तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो" (इफिसियों ६:४); "हे बच्‍चे वालो, अपने बालकों को तंग न करो, न हो कि उन का साहस टूट जाए" (कुलुस्सियों ३:२१)। यह दोनो पद पारिवारिक संबंधों में आपसी प्रेम और आदर के संदर्भ में हैं।

बच्चों के बड़े होने के साथ पिता की भुमिका बदलती है किंतु समाप्त नहीं होती। बच्चा चाहे ४ वर्ष का हो या ४० का, प्रशंसा और प्रोत्साहन उसे सदा भाते हैं और प्रार्थना सदा सामर्थी होती है। अपने किसी बच्चे के साथ यदि आपका संबंध टूट गया है तो उसे फिर से जोड़ लेने में देर नहीं करनी चाहिए।

पिताओं, अभी यह समय है कि आप अपने बच्चों को बताएं कि आप उनसे कितना प्रेम करते हैं, उनकी प्रशंसा करें और उनको प्रोत्साहित करें। - डेविड मैक्कैस्लैंड


सबसे उत्तम भेंट जो एक पिता अपने बच्चे को दे सकता है वह सव्यं है।


बाइबल पाठ: कुलुस्सियों ३:१४-२५


हे बच्‍चे वालो, अपने बालकों को तंग न करो, न हो कि उन का साहस टूट जाए। - कुलुस्सियों ३:२१


एक साल में बाइबल:
  • नेहेमियाह १-३
  • प्रेरितों के काम २:१-२१

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