मैं खुले ग्रामीण इलाकों से होकर जा रहा था जब मुझे एक चर्च दिखाई दिया जिसके नाम ने मुझे अचंभित किया, उसक नाम था "गलतिया की मण्डली"। मुझे निश्चय था कि कोई भी किसी चर्च को यह नाम नहीं देगा जब तक कि इसका कोई विकल्प ही न हो क्योंकि गलतिया की मण्डली का उदहरण कोई अनुसरण योग्य उदाहरण नहीं था।
बाइबल में गलतिया की मण्डली को लिखी गई पौलुस की पत्री से पता लगता है कि यह पत्री पौलुस की सबसे आवेश भरी पत्री थी। उसे उन्हें परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार को छोड़कर अपनी वैधानिकता, स्वेच्छा और कर्मों पर आधारित होने के लिये डांटना पड़ा था। पौलुस ने लिखा: "क्या तुम ऐसे निर्बुद्धि हो, कि आत्मा की रीति पर आरम्भ कर के अब शरीर की रीति पर अन्त करोगे?" (गलतियों ३:३)
जैसे हम परमेश्वर के साथ अपना संबंध किन्ही कर्मों से कमा नहीं सकते, वैसे ही हम अपनी शारीरिक सामर्थ से आत्मिक जीवन में उन्नति भी नहीं कर सकते। पौलुस तब गलतिया की मण्डली को, और आज हमको यह समझाता है कि मसीह के साथ हमारा चलना, हमारा मसीही जीवन, परमेश्वर के आत्मा की सामर्थ से परमेश्वर पर निर्भर होने के द्वारा ही संभव हो सकता है।
यदि हम सोचते हैं कि हम अपने प्रयत्नों और कर्मों द्वारा मसीह की समानता में आ सकते हैं तो हम गलतिया की मण्डली के समान हैं - निर्बुद्धि! - बिल क्राउडर
क्या तुम ऐसे निर्बुद्धि हो, कि आत्मा की रीति पर आरम्भ कर के अब शरीर की रीति पर अन्त करोगे? - गलतियों ३:३
बाइबल पाठ: गलतियों ३:१-१२
हे निर्बुद्धि गलतियों, किस ने तुम्हें मोह लिया? तुम्हारी तो मानों आंखों के साम्हने यीशु मसीह क्रूस पर दिखाया गया!
मैं तुम से केवल यह जानना चाहता हूं, कि तुम ने आत्मा को, क्या व्यवस्था के कामों से, या विश्वास के समाचार से पाया?
क्या तुम ऐसे निर्बुद्धि हो, कि आत्मा की रीति पर आरम्भ कर के अब शरीर की रीति पर अन्त करोगे?
क्या तुम ने इतना दुख यों ही उठाया? परन्तु कदाचित व्यर्थ नहीं।
सो जो तुम्हें आत्मा दान करता और तुम में सामर्थ के काम करता है, वह क्या व्यवस्था के कामों से या विश्वास के सुसमाचार से ऐसा करता है?
इब्राहीम ने तो परमेश्वर पर विश्वास किया और यह उसके लिये धामिर्कता गिनी गई।
तो यह जान लो, कि जो विश्वास करने वाले हैं, वे ही इब्राहीम की सन्तान हैं।
और पवित्रशास्त्र ने पहिले ही से यह जान कर, कि परमेश्वर अन्यजातियों को विश्वास से धर्मी ठहराएगा, पहिले ही से इब्राहीम को यह सुसमाचार सुना दिया, कि तुझ में सब जातियां आशीष पाएंगी।
तो जो विश्वास करने वाले हैं, वे विश्वासी इब्राहीम के साथ आशीष पाते हैं।
सो जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के आधीन हैं, क्योंकि लिखा है, कि जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।
पर यह बात प्रगट है, कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्वर के यहां कोई धर्मी नहीं ठहरता क्योंकि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
पर व्यवस्था का विश्वास से कुछ सम्बन्ध नहीं, पर जो उन को मानेगा, वह उन के कारण जीवित रहेगा।
एक साल में बाइबल:
बाइबल में गलतिया की मण्डली को लिखी गई पौलुस की पत्री से पता लगता है कि यह पत्री पौलुस की सबसे आवेश भरी पत्री थी। उसे उन्हें परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार को छोड़कर अपनी वैधानिकता, स्वेच्छा और कर्मों पर आधारित होने के लिये डांटना पड़ा था। पौलुस ने लिखा: "क्या तुम ऐसे निर्बुद्धि हो, कि आत्मा की रीति पर आरम्भ कर के अब शरीर की रीति पर अन्त करोगे?" (गलतियों ३:३)
जैसे हम परमेश्वर के साथ अपना संबंध किन्ही कर्मों से कमा नहीं सकते, वैसे ही हम अपनी शारीरिक सामर्थ से आत्मिक जीवन में उन्नति भी नहीं कर सकते। पौलुस तब गलतिया की मण्डली को, और आज हमको यह समझाता है कि मसीह के साथ हमारा चलना, हमारा मसीही जीवन, परमेश्वर के आत्मा की सामर्थ से परमेश्वर पर निर्भर होने के द्वारा ही संभव हो सकता है।
यदि हम सोचते हैं कि हम अपने प्रयत्नों और कर्मों द्वारा मसीह की समानता में आ सकते हैं तो हम गलतिया की मण्डली के समान हैं - निर्बुद्धि! - बिल क्राउडर
परमेश्वर का पवित्र आत्मा ही परमेश्वर की सामर्थ का स्त्रोत है।
क्या तुम ऐसे निर्बुद्धि हो, कि आत्मा की रीति पर आरम्भ कर के अब शरीर की रीति पर अन्त करोगे? - गलतियों ३:३
बाइबल पाठ: गलतियों ३:१-१२
हे निर्बुद्धि गलतियों, किस ने तुम्हें मोह लिया? तुम्हारी तो मानों आंखों के साम्हने यीशु मसीह क्रूस पर दिखाया गया!
मैं तुम से केवल यह जानना चाहता हूं, कि तुम ने आत्मा को, क्या व्यवस्था के कामों से, या विश्वास के समाचार से पाया?
क्या तुम ऐसे निर्बुद्धि हो, कि आत्मा की रीति पर आरम्भ कर के अब शरीर की रीति पर अन्त करोगे?
क्या तुम ने इतना दुख यों ही उठाया? परन्तु कदाचित व्यर्थ नहीं।
सो जो तुम्हें आत्मा दान करता और तुम में सामर्थ के काम करता है, वह क्या व्यवस्था के कामों से या विश्वास के सुसमाचार से ऐसा करता है?
इब्राहीम ने तो परमेश्वर पर विश्वास किया और यह उसके लिये धामिर्कता गिनी गई।
तो यह जान लो, कि जो विश्वास करने वाले हैं, वे ही इब्राहीम की सन्तान हैं।
और पवित्रशास्त्र ने पहिले ही से यह जान कर, कि परमेश्वर अन्यजातियों को विश्वास से धर्मी ठहराएगा, पहिले ही से इब्राहीम को यह सुसमाचार सुना दिया, कि तुझ में सब जातियां आशीष पाएंगी।
तो जो विश्वास करने वाले हैं, वे विश्वासी इब्राहीम के साथ आशीष पाते हैं।
सो जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के आधीन हैं, क्योंकि लिखा है, कि जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।
पर यह बात प्रगट है, कि व्यवस्था के द्वारा परमेश्वर के यहां कोई धर्मी नहीं ठहरता क्योंकि धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा।
पर व्यवस्था का विश्वास से कुछ सम्बन्ध नहीं, पर जो उन को मानेगा, वह उन के कारण जीवित रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- यहेजेकेल ३५-३६
- २ पतरस १
badhiya aalekh !
जवाब देंहटाएंसच विस्वास ही सच्चा धर्म है...
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