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रविवार, 28 जून 2015

दुखद सफलता


   स्कॉटलैंड के निवासी और उपन्यासकार, कवि तथा मसीही सेवक जॉर्ज मैक्डौनल्ड (1824-1905) ने अपनी पुस्तक Unspoken Sermons में एक विसमयकारी बात लिखी जिसे आज भी अनेक लेखकों और वक्ताओं द्वारा उद्धृत किया जाता है; उन्होंने लिखा: "मनुष्य जो कुछ भी परमेश्वर की इच्छा के बाहर करता है उसमें या तो उसे दयनीय असफलता मिलती है - अन्यथा वह और भी अधिक दुखद सफलता का पात्र बनता है।" यह कथन लिखते समय मैक्डौनल्ड मसीही विश्वासियों द्वारा आत्म-त्याग के कठिन विषय और उसे प्रभु यीशु मसीह की शिक्षा, "उसने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा" (लूका 9:23-24) पर लागू करने के बारे में लिख रहे थे।

   मैक्डौनल्ड का कहना था कि वास्तविक आ्त्म-त्याग का अर्थ अपनी स्वाभाविक इच्छाओं को केवल दबा देना नहीं है वरन यह कि "हम प्रत्येक बात को वैसा देखें जैसा हमारा प्रभु देखता था, उनके प्रति वही दृष्टिकोण रखें जैसा प्रभु यीशु का था। हमें परमेश्वर की इच्छा को अपने असतित्व का आधार बनाना होगा....यह नहीं सोचना कि मुझे क्या करना अच्छा लगता है वरन यह कि मेरा प्रभु क्या चाहता है कि मैं करूँ।"

   जो हमें अच्छा लगता है, जो हम चाहते हैं, उसे ही प्राप्त करना "दुखद सफलता" है। वास्तविक सफलता है प्रभु यीशु के लिए अपने प्राणों को भी खो देना; तब ही जिन बातों को हमने प्रभु की इच्छा के लिए छोड़ा था उन्हें प्रभु की इच्छा में होकर आशीष तथा संपूर्ण परिपूर्णता के साथ प्राप्त कर सकने का अवसर और मार्ग मिल सकेगा। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर के साथ निकटतम और सार्थक रीति से चल पाने से पहले नम्रता तथा आत्म-त्याग की अंतरभावना आती है।

क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे। - रोमियों 8:13

बाइबल पाठ: लूका 9:18-27
Luke 9:18 जब वह एकान्‍त में प्रार्थना कर रहा था, और चेले उसके साथ थे, तो उसने उन से पूछा, कि लोग मुझे क्या कहते हैं? 
Luke 9:19 उन्होंने उत्तर दिया, युहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, और कोई कोई एलिय्याह, और कोई यह कि पुराने भविष्यद्वक्ताओं में से कोई जी उठा है। 
Luke 9:20 उसने उन से पूछा, परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो? पतरस ने उत्तर दिया, परमेश्वर का मसीह। 
Luke 9:21 तब उसने उन्हें चिताकर कहा, कि यह किसी से न कहना। 
Luke 9:22 और उसने कहा, मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और पुरिनए और महायाजक और शास्त्री उसे तुच्‍छ समझकर मार डालें, और वह तीसरे दिन जी उठे। 
Luke 9:23 उसने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। 
Luke 9:24 क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा। 
Luke 9:25 यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपना प्राण खो दे, या उस की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? 
Luke 9:26 जो कोई मुझ से और मेरी बातों से लजाएगा; मनुष्य का पुत्र भी जब अपनी, और अपने पिता की, और पवित्र स्वर्ग दूतों की, महिमा सहित आएगा, तो उस से लजाएगा। 
Luke 9:27 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कोई कोई ऐसे हैं कि जब तक परमेश्वर का राज्य न देख लें, तब तक मृत्यु का स्‍वाद न चखेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 11-13
  • प्रेरितों 9:1-21


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