क्या
आपने कभी कोई ऐसी ई-मेल भेजी है जिसे भेजते ही आपको एहसास हुआ हो कि वह किसी गलत
व्यक्ति को चली गई है, या उसमें कुछ ऐसा लिखा है जो कि कटु और हानिकारक है, और आप
नहीं चाहते हैं कि वह पढ़ा जाए? काश कि ऐसा कोई प्रावधान होता कि हम ऐसे संदेशों को
रोकने पाते। अब ऐसा संभव हो गया है। अनेकों कंपनियां अब आपको यह सुविधा प्रदान
करती हैं कि ई-मेल भेजने के कुछ समय पश्चात तक आप उसे अपने कंप्यूटर से आगे जाने
से रोके रख सकते हैं। किन्तु प्रेषित हो जाने के पश्चात फिर वह सन्देश मुँह से
निकले शब्द के समान है जिसे वापस लौटाया नहीं जा सकता है। ई-मेल को रोक कर रखने के
प्रावधान को समस्याओं के समाधान की बजाए एक ऐसी स्मृति के रूप में देखना चाहिए जो
हमें सचेत करती है कि हम जो भी कहें पहले उसके विषय में सावधानीपूर्वक विचार अवश्य
कर लें।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस की पहली पत्री में उसने प्रभु यीशु मसीह के अनुयायियों
से कहा,कि वे अपने प्रति की गई बुराई का प्रत्युत्तर बुराई से न दें, वरन भलाई से
दें, अपनी जुबां को बुरा कहने से रोक कर रखें, और बुराई का नहीं वरन भलाई और
शान्ति की बातों के खोजी हों (1 पतरस 3:9-11)। भजनकार दाऊद ने लिखा, “हे यहोवा,
मेरे मुख का पहरा बैठा, मेरे हाठों के द्वार
पर रखवाली कर!” (भजन 141:3)। दिन आरंभ करने के लिए, तथा
प्रत्येक उस परिस्थिति के लिए जिसमें हम अपने शब्दों के द्वारा किसी पर प्रहार
करना चाहते हैं, किसी से बदला लेना चाहते हैं, यह एक बहुत अच्छी प्रार्थना है।
हे
प्रभु हमारे शब्दों की रखवाली करें और हमारे मुँह पर पहरा लगाएँ जिससे हम अपने
शब्दों के द्वारा किसी की कोई हानि न करें। - डेविड मैक्कैस्लैंड
जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते
हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा। -
नीतिवचन 18:21
बाइबल पाठ: 1 पतरस 3:8-18
1 Peter 3:8 निदान,
सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो।
1 Peter 3:9 बुराई के
बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये
बुलाए गए हो।
1 Peter 3:10 क्योंकि
जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्छे दिन देखना चाहता है,
वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को
छल की बातें करने से रोके रहे।
1 Peter 3:11 वह
बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह
मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्न में रहे।
1 Peter 3:12 क्योंकि
प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की
बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के
विमुख रहता है।
1 Peter 3:13 और यदि
तुम भलाई करने में उत्तेजित रहो तो तुम्हारी बुराई करने वाला फिर कौन है?
1 Peter 3:14 और यदि
तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ।
1 Peter 3:15 पर मसीह
को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई
तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर
देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ।
1 Peter 3:16 और
विवेक भी शुद्ध रखो, इसलिये कि जिन बातों के विषय में
तुम्हारी बदनामी होती है उनके विषय में वे, जो तुम्हारे
मसीही अच्छे चालचलन का अपमान करते हैं लज्ज़ित हों।
1 Peter 3:17 क्योंकि
यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो, कि तुम भलाई करने के कारण दुख
उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दुख उठाने से उत्तम है।
1 Peter 3:18 इसलिये
कि मसीह ने भी, अर्थात अधर्मियों के लिये धर्मी ने पापों के
कारण एक बार दुख उठाया, ताकि हमें परमेश्वर के पास पहुंचाए:
वह शरीर के भाव से तो घात किया गया, पर आत्मा के भाव से
जिलाया गया।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 27-29
- 1 पतरस 3
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