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सोमवार, 23 अक्टूबर 2023

Blessed and Successful Life / आशीषित एवं सफल जीवन – 58 – Be Stewards of God’s Word / परमेश्वर के वचन के भण्डारी बनो – 44

परमेश्वर के वचन से उचित व्यवहार – 12

 

    पौलुस से परमेश्वर के वचन का उपयोग और उसके प्रति व्यवहार को सीखते हुए, हमने पिछले लेख में 1 कुरिन्थियों 4:6 को देखना आरम्भ किया था। उस पद में हमने देखा था कि पौलुस ने स्वयं को तथा अपुल्लोस को उदाहरण बनाकर, परमेश्वर के वचन के प्रति उनके द्वारा पालन किए जाने वाले दो सिद्धान्त बताए थे। पहला सिद्धान्त था कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना; और दूसरा था कि कलीसिया या मंडली के किसी भी सदस्य को उन्हें, या अन्य किसी भी परमेश्वर के सेवक को, परस्पर एक-दूसरे से बेहतर या बढ़कर नहीं समझना है। साथ ही कलीसिया के लोगों को किसी भी मनुष्य का अनुसरण कभी नहीं करना है, केवल प्रभु परमेश्वर का ही अनुसरण करना है। हमने, पिछले लेख में, दूसरे सिद्धांत को पहले देख लिया था, और आज हम इस पद में कहे गए पहले सिद्धान्त के बारे में देखेंगे।


    पहले सिद्धान्त को देखते हुए, पहले हम पौलुस द्वारा कही गई इस बात की पृष्ठभूमि को देखते हैं।

·        पौलुस, जैसा कि हम जानते हैं, एक फरीसी था, फरीसी वंश से था, और उसने अपने समय के सुविख्यात शिक्षक गमलीएल से शिक्षा पाई थी (प्रेरितों 22:3; 23:6)। इसी प्रकार से, अपुल्लोस भी पवित्र शास्त्र को बहुत अच्छे से जानता था, और एक अच्छा वक्ता था (प्रेरितों 18:24-25)। तो, ये दोनों ही पवित्र शास्त्र, अर्थात हमारे लिए जो पुराना नियम है, उसे बहुत अच्छे से जानते थे।

·        प्रभु यीशु मसीह ने, पृथ्वी की अपनी सेवकाई के समय में, यहूदियों से बहुत स्पष्ट कहा था कि पवित्र शास्त्र उसकी गवाही देता है, और मूसा ने उसके बारे में लिखा था (यूहन्ना 5:39, 46)।

·        प्रभु यीशु ने फरीसियों के एक सरदार, निकुदेमुस से बल देकर यह कहा था कि नया जन्म पाए बिना कोई परमेश्वर के राज्य को देख भी नहीं सकता है, उसमें प्रवेश करना तो दूर की बात है (यूहन्ना 3:3, 5)। जब निकुदेमुस ने इस पर अचरज किया, और उसे हँसी में टालने का प्रयास किया, तब प्रभु ने बहुत गंभीरता से निकुदेमुस से प्रश्न किया “तू इस्राएलियों का गुरु हो कर भी क्या इन बातों को नहीं समझता?” (यूहन्ना 3:10)। दूसरे शब्दों में, पवित्र शास्त्र का अच्छा ज्ञाता और परमेश्वर के वचन की शिक्षाएँ सिखाने वाला होने के नाते, निकुदेमुस से अपेक्षा थी कि वह प्रभु द्वारा नया जन्म पाने की बात को, तथा किसी व्यक्ति के स्वर्ग में प्रवेश पाने के बारे में जानता और समझता होगा।

·        अपने पुनरुत्थान के बाद, अपने दो शिष्यों के साथ इम्माऊस के मार्ग पर वार्तालाप करते हुए, प्रभु ने सम्पूर्ण पवित्र शास्त्र में उसके बारे में जो लिखा गया है, उन्हें बताया (लूका 24:27)।

·        अपने स्वर्गारोहण के समय, अपने शिष्यों को दी गई अपनी महान आज्ञा में, प्रभु यीशु ने एक बार फिर उन से बल देकर सारे सँसार में जाने और शिष्य बनाने के लिए कहा, और उन शिष्यों को जो कुछ प्रभु ने सिखाया था, वही सिखाने के लिए कहा (मत्ती 28:19-20)।

·        प्रभु ने अपने शिष्यों से यह भी कहा था कि उनका सहायक होने के लिए वह पवित्र आत्मा को भेजेगा, और पवित्र आत्मा का एक कार्य होगा कि उसके शिष्यों को प्रभु यीशु के वचनों, अर्थात उसने जो उन्हें सिखाया था, उस को स्मरण करवाए (यूहन्ना 14:16, 26)।

 

    तो, इस प्रकार से हम देखते हैं कि न केवल पौलुस और अपुल्लोस को, वरन प्रभु के अन्य सभी शिष्यों को, तब भी और आज भी, पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं कि परमेश्वर उन्हें जो भी और जहाँ भी प्रचार करने और सिखाने के लिए कहे, वे उसे कर सकें। अगले लेख में हम उपरोक्त तथ्यों के पौलुस तथा अपुल्लोस, तथा तब और अब के अन्य प्रभु के शिष्यों की सेवकाई में व्यवहारिक उपयोगिता के बारे में देखेंगे।   


    यदि आपने प्रभु की शिष्यता को अभी तक स्वीकार नहीं किया है, तो अपने अनन्त जीवन और स्वर्गीय आशीषों को सुनिश्चित करने के लिए अभी प्रभु यीशु के पक्ष में अपना निर्णय कर लीजिए। जहाँ प्रभु की आज्ञाकारिता है, उसके वचन की बातों का आदर और पालन है, वहाँ प्रभु की आशीष और सुरक्षा भी है। प्रभु यीशु से अपने पापों के लिए क्षमा माँगकर, स्वेच्छा से तथा सच्चे मन से अपने आप को उसकी अधीनता में समर्पित कर दीजिए - उद्धार और स्वर्गीय जीवन का यही एकमात्र मार्ग है। आपको स्वेच्छा और सच्चे मन से प्रभु यीशु मसीह से केवल एक छोटी प्रार्थना करनी है, और साथ ही अपना जीवन उसे पूर्णतः समर्पित करना है। आप यह प्रार्थना और समर्पण कुछ इस प्रकार से भी कर सकते हैं, “प्रभु यीशु, मैं अपने पापों के लिए पश्चातापी हूँ, उनके लिए आप से क्षमा माँगता हूँ। मैं आपका धन्यवाद करता हूँ कि आपने मेरे पापों की क्षमा और समाधान के लिए उन पापों को अपने ऊपर लिया, उनके कारण मेरे स्थान पर क्रूस की मृत्यु सही, गाड़े गए, और मेरे उद्धार के लिए आप तीसरे दिन जी भी उठे, और आज जीवित प्रभु परमेश्वर हैं। कृपया मुझे और मेरे पापों को क्षमा करें, मुझे अपनी शरण में लें, और मुझे अपना शिष्य बना लें। मैं अपना जीवन आप के हाथों में समर्पित करता हूँ।” सच्चे और समर्पित मन से की गई आपकी एक प्रार्थना आपके वर्तमान तथा भविष्य को, इस लोक के और परलोक के जीवन को, अनन्तकाल के लिए स्वर्गीय एवं आशीषित बना देगी।

 

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Appropriately Handling God’s Word – 12

 

 

    In learning from Paul about utilizing and handling the Word of God, in the previous article we had started looking at 1 Corinthians 4:6. We had seen in this verse, that using himself and Apollos as examples, Paul states two principles that they followed about God’s Word. The first principle was no to go beyond what is written; and the second was, that no one of the Church was to consider either of them, or any of God’s minister, as better than another, and not follow any man but only the Lord God. We had seen about the second principle first, in the previous article, and today we will be considering the first principle stated in this verse.


    In considering the first principle, let us first look at the background of this statement from Paul.

·        Paul, as we know, was a Pharisee, from the family of Pharisees, and had been trained under the renowned teacher of that time, Gamaliel (Acts 22:3; 23:6). Similarly, Apollos too, was well versed in the Scriptures, and an eloquent man (Acts 18:24-25). So, both of them knew the Scriptures, i.e., the Old Testament for us, very well.

·        The Lord Jesus, during His earthly ministry had very clearly said to the Jews, that the Scriptures testified of Him; and Moses wrote about Him (John 5:39, 46).

·        In His conversation with Nicodemus, a leader of the Pharisees, the Lord Jesus categorically states to Nicodemus that without being Born-Again, even he would not even see the Kingdom of God, let alone enter in it (John 3:3, 5). When Nicodemus expressed surprise at this, tried to laugh it away, the Lord very seriously, asked Nicodemus the question, “Are you the teacher of Israel, and do not know these things?” (John 3:10). In other words, as one well versed in the Scriptures, and teaching God’s Word to the people of God, Nicodemus was expected to know what the Lord meant by his having to be Born-Again, and how a person would enter the Kingdom of God.

·        After His resurrection, in the conversation with two of His disciples, on the road to Emmaus, He had expounded to them from all the Scriptures the things concerning Him (Luke 24:27).

·        At the time of His ascension, in His Great Commission to His disciples, the Lord Jesus once again emphatically told them to go into the world and make disciples, and to those new disciples, teach all that He, the Lord, had taught them (Matthew 28:19-20).

·        The Lord had also told His disciples that He will send the Holy Spirit to be with them as helper, and one of the functions of the Holy Spirit will be to remind them of the Words of the Lord Jesus, i.e., what He had taught them (John 14:16, 26).

 

    So, we see that not only Paul and Apollos, but even the other disciples of the Lord, then as well as now, had enough resources available to them to preach and teach whatever God wanted them to, whenever He wanted them to do so. In the next article, we will learn about the application of the above facts to the ministry of Paul, Apollos and the other disciples, then, as well as now.


    If you have not yet accepted the discipleship of the Lord, make your decision in favor of the Lord Jesus now to ensure your eternal life and heavenly blessings. Where there is obedience to the Lord, where there is respect and obedience to His Word, there is also the blessing and protection of the Lord. Repenting of your sins, and asking the Lord Jesus for forgiveness of your sins, voluntarily and sincerely, surrendering yourself to Him - is the only way to salvation and heavenly life. You only have to say a short but sincere prayer to the Lord Jesus Christ willingly and with a penitent heart, and at the same time completely commit and submit your life to Him. You can also make this prayer and submission in words something like, “Lord Jesus, I am sorry for my sins and repent of them. I thank you for taking my sins upon yourself, paying for them through your life.  Because of them you died on the cross in my place, were buried, and you rose again from the grave on the third day for my salvation, and today you are the living Lord God and have freely provided to me the forgiveness, and redemption from my sins, through faith in you. Please forgive my sins, take me under your care, and make me your disciple. I submit my life into your hands." Your one prayer from a sincere and committed heart will make your present and future life, in this world and in the hereafter, heavenly and blessed for eternity.


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गुरुवार, 8 जुलाई 2021

प्रावधान


          बारबरा की परवरिश, 1960 के दशक में, ब्रिटिश सरकार की देखरेख में हुई, लेकिन जब वह 16 वर्ष की हुई तो वह और उसका नवजात शिशु बे-घर हो गए। उस आयु पर आकर अब उसकी देखभाल और परवरिश राज्य का दायित्व नहीं थे। बारबरा ने इंग्लैंड की रानी को सहायता के लिए पत्र लिखा, और उसे उत्तर भी मिला! रानी ने सहानुभूति-पूर्वक प्रावधान किया कि बारबरा को रहने के लिए मकान उपलब्ध करवाया जाए।

          इंग्लैंड की रानी के पास उपयुक्त संसाधन थे जिनसे वह बारबरा की सहायता कर सकी; और उसकी सहानुभूति पूर्वक की गई सहायता को परमेश्वर द्वारा दी जाने वाली सहायता का एक लघु चित्रण भी देखा जा सकता है। स्वर्ग और सृष्टि का राजा, हमारा प्रभु परमेश्वर हमारी सभी आवश्यकताओं को जानता है, और उन्हें उपलब्ध करवाने के लिए वह हमारे जीवनों में अपनी योजनाओं को कार्यान्वित करता है। यह करते समय उसकी यह लालसा भी रहती है कि हम उसके पास एक स्थाई संबंध में आ जाएँ – उसके साथ अपनी आवश्यकताओं और अन्य चिंताओं तथा बातों को बाँटें – उसके साथ हमारे प्रेम-पूर्ण संबंध के अन्तर्गत।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि इस्राएली उनके छुटकारे की आवश्यकता को परमेश्वर के पास लेकर आए। वे मिस्र के दासत्व के नीचे कराह रहे थे, और उन्होंने सहायता के लिए गुहार लगाई। परमेश्वर ने उनकी सुनी, और उनसे की गई अपनी प्रतिज्ञा को स्मरण किया: “और परमेश्वर ने इस्राएलियों पर दृष्टि कर के उन पर चित्त लगाया” (निर्गमन 2:25)। उसने अपने लोगों को स्वतंत्र करवाकर निकल लाने के लिए मूसा को भेजा, और कहा कि वह उनको छुड़ाकर “... एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है ... पहुंचाऊं” (निर्गमन 3:8)।

          हमारा राजा प्रसन्न होता है जब हम उसके पास आते हैं। वह अपनी बुद्धिमानी में हमें वह उपलब्ध करवाता है जो हमारे लिए उपयुक्त होता है, न कि वह जो हम माँगते हैं। हम अपने प्रभु परमेश्वर के संसाधनों और प्रावधान में आश्वस्त होकर भरोसा बनाए रखें। - रूथ ओरिली-स्मिथ

 

पिता परमेश्वर मैं आपके संसाधनों और प्रावधानों में सदा सन्तुष्ट रहूं।


इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। - मत्ती 6:33

बाइबल पाठ: निर्गमन 3:1-9

निर्गमन 3:1 मूसा अपने ससुर यित्रो नाम मिद्यान के याजक की भेड़-बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की परली ओर होरेब नाम परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया।

निर्गमन 3:2 और परमेश्वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उसने दृष्टि उठा कर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती।

निर्गमन 3:3 तब मूसा ने सोचा, कि मैं उधर फिरके इस बड़े अचम्भे को देखूंगा, कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती।

निर्गमन 3:4 जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, कि हे मूसा, हे मूसा। मूसा ने कहा, क्या आज्ञा।

निर्गमन 3:5 उसने कहा इधर पास मत आ, और अपने पांवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है।

निर्गमन 3:6 फिर उसने कहा, मैं तेरे पिता का परमेश्वर, और इब्राहीम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूं। तब मूसा ने जो परमेश्वर की ओर निहारने से डरता था अपना मुंह ढांप लिया।

निर्गमन 3:7 फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम कराने वालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ;

निर्गमन 3:8 इसलिये अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकाल कर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुंचाऊं।

निर्गमन 3:9 सो अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है,

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 36-37
  • प्रेरितों 15:22-41


सोमवार, 19 अक्टूबर 2020

सहायता

 

         सन 2017 में हार्वे नामक चक्रवाधी समुद्री तूफ़ान से पूर्वी टेक्सास प्रांत में विनाशकारी बाढ़ आ गई। वर्षा के प्रचंड प्रहार से हज़ारों लोग अपने अपने घरों में ही फंसे रह गए, बाढ़ के पानी से बाहर न निकल पाने के कारण। ऐसे में अनेकों नागरिक प्रांत तथा देश के अन्य भागों से अपनी नावों को लेकर आए और लोगों की सहायता की, उन्हें बाहर निकालने में सहायक हुए। इन लोगों को “टेक्सास नेवी” का नाम दिया गया।

         इन साहसी एवं उदार लोगों का यह कार्य परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन 3:27 का स्मरण करवाता है, जो हमें निर्देश देता है कि हम औरों की यथासंभव सहायता करें, जब भी हमें अवसर मिले। उन लोगों के पास आवश्यकता में पड़े लोगों की सहायता करने के लिए अपनी नावों को लगा देने की सामर्थ्य थी, और उन्होंने यही किया भी।  उनका यह कार्य उनके पास उपलब्ध संसाधनों का दूसरों की सहायता और भलाई में उपयोग करने की चाह को दिखाता है।

         हम सदा ही अपने आप को हमारे सामने आई आवश्यकता के सक्षम अनुभव नहीं करते हैं; अकसर हम यह सोचकर निष्क्रिय हो जाते हैं कि हमारे पास उस कार्य के योग्य कौशल, अनुभव, संसाधन, या समय नहीं है जिससे हम सहायता कर सकें। इसलिए परिस्थिति आने पर हम अपने आप को एक किनारे कर लेते हैं, बिना उसे किसी महत्व का समझे, जो हमारे पास है और जिससे हम किसी और की सहायता कर सकते हैं।

         “टेक्सास नेवी” के वह लोग न तो पानी को चढ़ने से रोक सकते थे, और न ही सरकारी सहायता लाए जाने के लिए कोई कानून बना सकते थे। परन्तु उनके पास जो कुछ भी था, उन्होंने उसे ही अपने लोगों की सहायता के लिए प्रयोग किया। हमारे पास उपलब्ध संसाधन चाहे जो भी हों, हम समय और आवश्यकता के अनुसार उनका प्रयोग लोगों की सहायता के लिए करें। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

परमेश्वर अपने लोगों की सहायता अन्य लोगों के द्वारा ही करता है।


इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ। - गलातियों 6:10

बाइबल पाठ: नीतिवचन 3:21-31

नीतिवचन 3:21 हे मेरे पुत्र, ये बातें तेरी दृष्टि की ओट न होने पाएं; खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर,

नीतिवचन 3:22 तब इन से तुझे जीवन मिलेगा, और ये तेरे गले का हार बनेंगे।

नीतिवचन 3:23 और तू अपने मार्ग पर निडर चलेगा, और तेरे पांव में ठेस न लगेगी।

नीतिवचन 3:24 जब तू लेटेगा, तब भय न खाएगा, जब तू लेटेगा, तब सुख की नींद आएगी।

नीतिवचन 3:25 अचानक आने वाले भय से न डरना, और जब दुष्टों पर विपत्ति आ पड़े, तब न घबराना;

नीतिवचन 3:26 क्योंकि यहोवा तुझे सहारा दिया करेगा, और तेरे पांव को फन्दे में फंसने न देगा।

नीतिवचन 3:27 जिनका भला करना चाहिये, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना।

नीतिवचन 3:28 यदि तेरे पास देने को कुछ हो, तो अपने पड़ोसी से न कहना कि जा कल फिर आना, कल मैं तुझे दूंगा।

नीतिवचन 3:29 जब तेरा पड़ोसी तेरे पास बेखटके रहता है, तब उसके विरुद्ध बुरी युक्ति न बान्धना।

नीतिवचन 3:30 जिस मनुष्य ने तुझ से बुरा व्यवहार न किया हो, उस से अकारण मुकद्दमा खड़ा न करना।

नीतिवचन 3:31 उपद्रवी पुरुष के विषय में डाह न करना, न उसकी सी चाल चलना;

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 56-58
  • 2 थिस्सलुनीकियों 2

शनिवार, 4 अप्रैल 2020

सहायता



     एक अत्याधिक गरम दिन में, आठ वर्षीय कारमाइन मैकडैनियल यह सुनिशचित करना चाहता था कि उन्हें डाक बांटने वाले डाकिए के लिए ठंडा पानी और स्फूर्तिदायक ठंडा पेय उपलब्ध हो। इसलिए उसने अपने घर के बरामदे में एक कूलर में ठन्डे पानी की बोतलें और एक ठंडा पेय रख दिया। उसके परिवार द्वारा सुरक्षा के लिए लगाए गए कैमरे में, उन वस्तुओं को देखकर, डाकिए की प्रतिक्रिया रिकॉर्ड हो गई: “अरे वाह, पानी और पेय! परमेश्वर आपका धन्यवाद, धन्यवाद!” कारमाइन की माँ ने कहा, “कारमाइन को लगता है कि चाहे वे घर पर न भी हों, तो भी यह उनका कर्तव्य है कि डाकिए को कुछ ठंडा पीने के लिए उपलब्ध रहे।”

     यह कहानी हमारे हृदयों को छूती है, किन्तु साथ ही हमें यह भी स्मरण करवाती है कि कोई है जो हमारी “हर एक घटी को पूरा करेगा” जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने लिखा। यह लिखते समय पौलुस जेल में बंदी था और उसका भविष्य अनिश्चित था। उसने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों के प्रति अपने आनन्द को व्यक्त किया, क्योंकि उनकी आर्थिक सहायता में हो कर परमेश्वर ने पौलुस की आवश्यकताओं को पूरा किया था। फिलिप्पी की मसीही मंडली धनी तो नहीं थी, परन्तु उदार अवश्य थी, और अपनी निर्धनता में भी वे पौलुस और अन्य लोगों की सहायता करते थे (2 कुरिन्थियों 8:1-4)। पौलुस ने लिखा की जिस प्रकार से उन्होंने उसकी सहायता तथा आवश्यकताओं की पूर्ति की थी, उसी प्रकार से परमेश्वर भी उनके लिए करेगा: “और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा” (फिलिप्पियों 4:19)।

     परमेश्वर अकसर अनेपक्षित स्त्रोतों से सहायता उपलब्ध करवा देता है; वह हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए औरों को सहायातार्थ खड़ा करता है। जब हम उस पर भरोसा बनाए रखते हैं, तो जैसे पौलुस ने सीखा, हम भी पाएंगे कि सच्चे संतोष का स्त्रोत वही है, उसकी सहायता सदा उपलब्ध रहती है। - मार्विन विलियम्स

परमेश्वर के संसाधन, हमारी आवश्यकताओं से सदा बढ़कर होते हैं।

अब हे भाइयों, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है। कि क्‍लेश की बड़ी परीक्षा में उन के बड़े आनन्द और भारी कंगालपन के बढ़ जाने से उन की उदारता बहुत बढ़ गई। और उनके विषय में मेरी यह गवाही है, कि उन्होंने अपनी सामर्थ्य भर वरन सामर्थ्य से भी बाहर मन से दिया। और इस दान में और पवित्र लोगों की सेवा में भागी होने के अनुग्रह के विषय में हम से बार बार बहुत बिनती की। - 2 कुरिन्थियों 8:1-4

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:10-20
फिलिप्पियों 4:10 मैं प्रभु में बहुत आनन्‍दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्‍चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला।
फिलिप्पियों 4:11 यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्‍तोष करूं।
फिलिप्पियों 4:12 मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है।
फिलिप्पियों 4:13 जो मुझे सामर्थ्य देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।
फिलिप्पियों 4:14 तौभी तुम ने भला किया, कि मेरे क्‍लेश में मेरे सहभागी हुए।
फिलिप्पियों 4:15 और हे फिलप्‍पियो, तुम आप भी जानते हो, कि सुसमाचार प्रचार के आरम्भ में जब मैं ने मकिदुनिया से कूच किया तब तुम्हें छोड़ और किसी मण्‍डली ने लेने देने के विषय में मेरी सहयता नहीं की।
फिलिप्पियों 4:16 इसी प्रकार जब मैं थिस्सलुनीके में था; तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्या वरन दो बार कुछ भेजा था।
फिलिप्पियों 4:17 यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।
फिलिप्पियों 4:18 मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्हें पाकर मैं तृप्‍त हो गया हूं, वह तो सुगन्‍ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है।
फिलिप्पियों 4:19 और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।
फिलिप्पियों 4:20 हमारे परमेश्वर और पिता की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • रूत 1-4
  • लूका 8:1-25



रविवार, 27 अक्टूबर 2019

प्रावधान



      मेरी खिड़की के बाहर गिलहरियां शरद ऋतु के आगमन की तैयारी में लगी हैं; वे बाँझफलों (Accorns) को  सुरक्षित किन्तु सरलता से पहुँचे जा सकने वाले स्थानों में ले जाकर दबा रही हैं जिससे जब बर्फ पड़े तो उन्हें भोजन उपलब्ध रहे। यह करते हुए जो शोर वो मचाती हैं वह मुझे मनोरंजक लगता है। इसकी तुलना में, हिरणों का पूरा झुण्ड हमारे घर के पीछे के आँगन से बिना कोई शोर किए निकल सकता है, परन्तु एक गिलहरी इतना शोर कर सकती है मानो कोई आक्रमण हो रहा हो।

      ये दोनों जीव एक अन्य प्रकार से भी भिन्न हैं। हिरन सर्दी के समय के लिए भोजन एकत्रित नहीं करते हैं। जब बर्फ पड़ती है तब जो भी उन्हें चलते हुए मिलता है, वह चाहे हमारे बगीचे के पौधे ही क्यों न हों, वे सब खाते चले जाते हैं। परन्तु यदि गिलहरियां उन हिरणों के समान व्यवहार करें तो उन्हें उपयुक्त भोजन नहीं मिलेगा और वे भूखी मर जाएँगी।

      गिलहरियाँ और हिरन परमेश्वर द्वारा हमारे लिए किए जाने वाले प्रावधानों के प्रतीक हैं। परमेश्वर ने हमें क्षमता और योग्यता दी है कि हम कार्य करें और अपने भविष्य के लिए कुछ बचत करके रखें; परन्तु यदि हमारे पास संसाधानों की घटी हो तो भी वह हमारी आवश्यकताएँ पूरी कर देता है। जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन से हम सीखते हैं, परमेश्वर हमारे जीवनों में बहुतायत के समय देता है जिससे हम घटी के समयों के लिए तैयारीयां कर के रख सकें (नीतिवचन 12:11)। इसी प्रकार से भजन 23 हमें सिखाता है कि परमेश्वर हमें घोर अन्धकार के स्थानों से निकाल कर हरियाली चारागाहों में लिए चलता है।

      एक अन्य विधि है जिसके द्वारा परमेश्वर हमें उपलब्ध करवाता है – जिनके पास बहुतायत से है उन्हें उनके साथ बाँटने के द्वारा, जिनके पास घटी है (व्यवस्थाविवरण 24:19)। इसलिए जब बात प्रावधान की हो, तो बाइबल का सन्देश यह है कि, जब कार्य कर सकते हो तो करो; जो बचत कर सकते हो वह भी करो; और जो औरों के साथ बाँट सकते हो वह भी बांटो; तथा परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखो कि वह हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा। - जूली एकरमैन लिंक

हमारी आवश्यकताएं, कभी भी परमेश्वर के संसाधानों से अधिक नहीं हो सकती हैं।

जो अपनी भूमि को जोतता, वह पेट भर खाता है; परन्तु जो निकम्मों की संगति करता, वह निर्बुद्धि ठहरता है। - नीतिवचन 12:11

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 24:19-22
Deuteronomy 24:19 जब तू अपने पक्के खेत को काटे, और एक पूला खेत में भूल से छूट जाए, तो उसे लेने को फिर न लौट जाना; वह परदेशी, अनाथ, और विधवा के लिये पड़ा रहे; इसलिये कि परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में तुझ को आशीष दे।
Deuteronomy 24:20 जब तू अपने जलपाई के वृक्ष को झाड़े, तब डालियों को दूसरी बार न झाड़ना; वह परदेशी, अनाथ, और विधवा के लिये रह जाए।
Deuteronomy 24:21 जब तू अपनी दाख की बारी के फल तोड़े, तो उसका दाना दाना न तोड़ लेना; वह परदेशी, अनाथ और विधवा के लिये रह जाए।
Deuteronomy 24:22 और इस को स्मरण रखना कि तू मिस्र देश में दास था; इस कारण मैं तुझे यह आज्ञा देता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 12-14
  • 2 तिमुथियुस 1



शनिवार, 26 अक्टूबर 2019

उपहार



      मेरा जन्म-दिन, मेरी माँ के जन्म-दिन के अगले ही दिन होता है। अपनी किशोरावस्था में, उनके जन्म-दिन पर मैं अपने खर्च की सीमा के अन्दर अपनी माँ को प्रसन्न करने वाला उपहार देने का प्रयास करती थी। वह सदा ही मेरे उपहारों को सराहना के साथ ग्रहण करती थीं, और अगले दिन, मेरे जन्म-दिन पर वे मुझे उपहार देती थीं। सदा ही उनके द्वारा दिया गया उपहार, मेरे दिए उपहार से बेहतर होता था। उनका उद्देश्य मेरे उपहार को नीचा दिखाना नहीं होता था; वरन वे अपने संसाधनों के आधार पर, जो कि मेरे संसाधनों से कहीं बढ़कर थे, उदारता से देती थीं, इसलिए उनका उपहार सदा ही बेहतर होता था।

      अपनी माँ को उपहार देने की मेरी इच्छा, मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद द्वारा परमेश्वर के लिए भवन बनाने की इच्छा को स्मरण करवाती है। दाऊद ने जब अपने रहने के महल को तुलनात्मक रीति से परमेश्वर की वाचा के सन्दूक को रखने के लिए बने तम्बू से देखा, तो दाऊद के अन्दर परमेश्वर का मंदिर बनवाने की लालसा जागृत हुई। दाऊद की इच्छा की पूर्ति की स्वीकृति देने के स्थान पर, परमेश्वर ने दाऊद को इससे कहीं बढ़कर तथा बेहतर उपहार दिया। परमेश्वर ने दाऊद से प्रतिज्ञा की, कि न केवल उसका एक पुत्र (सुलेमान) मंदिर को बनवाएगा (1 इतिहास 17:11), वरन परमेश्वर दाऊद के वंश को सदा के लिए स्थापित करेगा। परमेश्वर की इस प्रतिज्ञा का आरंभ सुलेमान से हुआ और पूर्ति प्रभु यीशु में हुई, जिसके स्वर्गीय राज्य का कभी अन्त नहीं होगा (पद 12)। दाऊद ने परमेश्वर को अपने सीमित संसाधनों के अनुसार देना चाहा, परन्तु परमेश्वर ने उसे अपने असीम संसाधनों के अनुसार दे दिया।

      दाउद के समान हम भी सदा परमेश्वर के कृतज्ञ होकर उसे सप्रेम अपने धन्यवाद के उपहार अर्पित करें। और हम देखेंगे कि परमेश्वर कैसे हमें अपनी बहुतायत में से प्रभु यीशु मसीह में होकर देता जाता है। - कर्सटिन होल्म्बर्ग

प्रभु यीशु के रूप में हमें मिला परमेश्वर का उपहार सभी उपहारों से बहुत बढ़कर है।

परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो। - 2 कुरिन्थियों 9:15

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 17:1-15
1 Chronicles 17:1 जब दाऊद अपने भवन में रहने लगा, तब दाऊद ने नातान नबी से कहा, देख, मैं तो देवदारु के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक तम्बू में रहता है।
1 Chronicles 17:2 नातान ने दाऊद से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो उसे कर, क्योंकि परमेश्वर तेरे संग है।
1 Chronicles 17:3 उसी दिन रात को परमेश्वर का यह वचन नातान के पास पहुंचा, जा कर मेरे दास दाऊद से कह,
1 Chronicles 17:4 यहोवा यों कहता है, कि मेरे निवास के लिये तू घर बनवाने न पाएगा।
1 Chronicles 17:5 क्योंकि जिस दिन से मैं इस्राएलियों को मिस्र से ले आया, आज के दिन तक मैं कभी घर में नहीं रहा; परन्तु एक तम्बू से दूसरे तम्बू को ओर एक निवास से दूसरे निवास को आया जाया करता हूँ।
1 Chronicles 17:6 जहां जहां मैं ने सब इस्राएलियों के बीच आना जाना किया, क्या मैं ने इस्राएल के न्यायियों में से जिन को मैं ने अपनी प्रजा की चरवाही करने को ठहराया था, किसी से ऐसी बात कभी कही, कि तुम लोगों ने मेरे लिये देवदारु का घर क्यों नहीं बनवाया?
1 Chronicles 17:7 सो अब तू मेरे दास दाऊद से ऐसा कह, कि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तो तुझ को भेड़शाला से और भेड़-बकरियों के पीछे पीछे फिरने से इस मनसा से बुला लिया, कि तू मेरी प्रजा इस्राएल का प्रधान हो जाए;
1 Chronicles 17:8 और जहां कहीं तू आया और गया, वहां मैं तेरे संग रहा, और तेरे सब शत्रुओं को तेरे साम्हने से नष्ट किया है। अब मैं तेरे नाम को पृथ्वी के बड़े बड़े लोगों के नामों के समान बड़ा कर दूंगा।
1 Chronicles 17:9 और मैं अपनी प्रजा इस्राएल के लिये एक स्थान ठहराऊंगा, और उसको स्थिर करूंगा कि वह अपने ही स्थान में बसी रहे और कभी चलायमान न हो; और कुटिल लोग उन को नाश न करने पाएंगे, जैसे कि पहिले दिनों में करते थे;
1 Chronicles 17:10 उस समय भी जब मैं अपनी प्रजा इस्राएल के ऊपर न्यायी ठहराता था; सो मैं तेरे सब शत्रुओं को दबा दूंगा। फिर मैं तुझे यह भी बताता हूँ, कि यहोवा तेरा घर बनाये रखेगा।
1 Chronicles 17:11 जब तेरी आयु पूरी हो जायेगी और तुझे अपने पितरों के संग जाना पड़ेगा, तब मैं तेरे बाद तेरे वंश को जो तेरे पुत्रों में से होगा, खड़ा कर के उसके राज्य को स्थिर करूंगा।
1 Chronicles 17:12 मेरे लिये एक घर वही बनाएगा, और मैं उसकी राजगद्दी को सदैव स्थिर रखूंगा।
1 Chronicles 17:13 मैं उसका पिता ठहरूंगा और वह मेरा पुत्र ठहरेगा; और जैसे मैं ने अपनी करुणा उस पर से जो तुझ से पहिले था हटाई, वैसे मैं उस पर से न हटाऊंगा,
1 Chronicles 17:14 वरन मैं उसको अपने घर और अपने राज्य में सदैव स्थिर रखूंगा और उसकी राजगद्दी सदैव अटल रहेगी।
1 Chronicles 17:15 इन सब बातों और इस दर्शन के अनुसार नातान ने दाऊद को समझा दिया।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 9-11
  • 1 तिमुथियुस 6



मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019

संसाधन



      वह लड़का केवल आठ वर्ष का ही था जब उसने अपने माता-पिता के मित्र, वॉली, को बताया, “मैं प्रभु यीशु से प्रेम करता हूँ और कभी परमेश्वर की सेवा विदेश में करना चाहता हूँ।” अगले दस वर्ष तक वॉली उसके लिए प्रार्थना करता रहा और उसे बढ़ते हुए देखता रहा। जब बाद में इस जवान ने एक मिशन एजेंसी में माली देश में जाकर सेवकाई करने के लिए आवेदन दिया, तो वॉली ने उससे कहा, “अब इसका समय आ गया है! जब मैंने सुना कि तुम क्या करना चाहते हो, तो मैंने कुछ पैसा तुम्हारे लिए निवेश कर दिया, और मैं उसे इस अच्छे समाचार को सुनने के लिए बचाकर रखे हुए हूँ।” वॉली के पास औरों की सहायता करने वाला हृदय है, और परमेश्वर के सुसमाचार को औरों तक पहुँचाने वाला भी।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु और उसके साथियों को एक से दूसरे नगर जाने और परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार को बताने के लिए आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता थी (लूका 8:1-3)। उन स्त्रियों का एक समूह, जिन्हें दुष्टात्माओं और बीमारियों से चंगाई मिली थी, अपनी संपत्ति से प्रभु की सेवा करती थीं (पद 3); उनमें से एक मरियम मगदलीनी थी जिस में से सात दुष्टात्माएं निकाली गईं थीं। एक अन्य योअन्ना थी, जो हेरोदेस के भण्‍डारी खोजा की पत्‍नी थी। “सूसन्नाह और बहुत सी और स्‍त्रियां” के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, परन्तु हम यह जानते हैं कि प्रभु ने उनकी आत्मिक आवश्यकताओं को पूरा किया था। और अब वे अपने सांसारिक और आर्थिक संसाधनों द्वारा उसकी सहायता कर रही थीं।

      जब हम उस सब का ध्यान करते हैं जो प्रभु यीशु ने हम सबके लिए किया है, तो औरों के लिए उसके हृदय के भाव हमारे अन्दर भी उत्पन्न होते हैं। हम परमेश्वर से प्रार्थना में पूछें कि उसकी सेवकाई के लिए, उसके द्वारा हमें प्रदान किए गए संसाधनों का हम प्रयोग कैसे कर सकते हैं। - ऐनी सेटास


प्रभु यीशु ने अपना सर्वस्व हमारे लिए बलिदान कर दिया; 
वह हमारे सर्वस्व का हकदार है।

सो जैसे हर बात में अर्थात विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्‍न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ। - 2 कुरिन्थियों 8:7

बाइबल पाठ: लूका 8:1-8
Luke 8:1 इस के बाद वह नगर नगर और गांव गांव प्रचार करता हुआ, और परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार सुनाता हुआ, फिरने लगा।
Luke 8:2 और वे बारह उसके साथ थे: और कितनी स्‍त्रियां भी जो दुष्टात्माओं से और बीमारियों से छुड़ाई गई थीं, और वे यह हैं, मरियम जो मगदलीनी कहलाती थी, जिस में से सात दुष्टात्माएं निकली थीं।
Luke 8:3 और हेरोदेस के भण्‍डारी खोजा की पत्‍नी योअन्ना और सूसन्नाह और बहुत सी और स्‍त्रियां: ये तो अपनी सम्पत्ति से उस की सेवा करती थीं।
Luke 8:4 जब बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई, और नगर नगर के लोग उसके पास चले आते थे, तो उसने दृष्‍टान्‍त में कहा।
Luke 8:5 कि एक बोने वाला बीज बोने निकला: बोते हुए कुछ मार्ग के किनारे गिरा, और रौंदा गया, और आकाश के पक्षियों ने उसे चुग लिया।
Luke 8:6 और कुछ चट्टान पर गिरा, और उपजा, परन्तु तरी न मिलने से सूख गया।
Luke 8:7 कुछ झाड़ियों के बीच में गिरा, और झाड़ियों ने साथ साथ बढ़कर उसे दबा लिया।
Luke 8:8 और कुछ अच्छी भूमि पर गिरा, और उगकर सौ गुणा फल लाया: यह कहकर उसने ऊंचे शब्द से कहा; जिस के सुनने के कान हों वह सुन ले।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 13
  • मत्ती 26:26-50



सोमवार, 7 जनवरी 2019

संसाधन



      अगस्त 2010 में, सँसार का ध्यान चिली देश के कोपिआको इलाके में एक खान के साथ जुड़ी हुई घटनाओं पर लगा हुआ था। एक खान में हुई दुर्घटना के कारण, तैंतीस खनिक धरती की सतह से 2,300 फीट नीचे फंसे हुए थे। उन्हें कोई आशा नहीं थी कि कोई सहायता उन तक कभी पहुँचेगी भी कि नहीं। सत्रह दिनों की प्रतीक्षा के पश्चात, उन्होंने ड्रिल मशीन की आवाज़ सुनी और बचाव दल ने उस खान की सुरंग की छत में एक छेद बनाने में सफलता पा ली। उसके बाद तीन और छेद बनाए गए, जिससे उन फंसे हुए खनिकों को पानी, भोजन और दवाईयाँ पहुँचने का मार्ग बन गया। वे खनिक अब सतह के साथ संपर्क के उन छेदों पर निर्भर थे, जहाँ से उनके जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों को पहुंचाया जा रहा था। अन्ततः उनहत्तरवें दिन उन में से अंतिम खनिक को बाहर निकाल लिया गया।

      इस सँसार में हम में से कोई भी, हमारी अपनी क्षमता और योग्यता से बाहर, परमेश्वर द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे संसाधनों के बिना जीवित नहीं रह सकता है। इस सृष्टि का सृष्टिकर्ता, परमेश्वर, ही सँसार के प्रत्येक व्यक्ति को हमारी आवश्यकता की प्रत्येक वस्तु उपलब्ध करवाता है। जैसे उन खनिकों के लिए वे छेद आवश्यक वस्तुओं के लिए संपर्क माध्यम थे, हम मसीही विश्वासियों के लिए प्रार्थना परमेश्वर से हमारे संपर्क का साधन है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को प्रोत्साहित किया कि वे परमेश्वर से प्रार्थना करें, हर बात के लिए, अपनी प्रतिदिन की रोटी के लिए भी (मत्ती 6:11)। जैसे आज, वैसे ही उस समय भी रोटी जीवन का बुनियादी संसाधन थी, और लोगों की दैनिक आवश्यकताओं को चित्रित करती थी। प्रभु यीशु की यह शिक्षा न केवल प्रतिदिन के भोजन के लिए थी, वरन हमारी सभी भौतिक आवश्यकताओं, आराम, चंगाई, साहस, बुद्धिमता आदि के लिए भी थी।

      प्रार्थना के द्वारा हम कभी भी परमेश्वर तक पहुँच सकते हैं, और अपनी बात उसके समक्ष रख सकते हैं। यद्यपि वह हमारे माँगने से पहले जानता है कि हमें किस वस्तु की आवश्यकता है, परन्तु फिर भी वह हम से बात करना चाहता है, हमारी सुनना चाहता है। आज आप किस बात को लेकर परेशान हैं? निःसंकोच प्रभु परमेश्वर के पास जाईए और उससे कहिए; “जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है” (भजन 145:18); उसके संसाधन आपके लिए उपलब्ध हैं। - बिल क्राउडर


प्रार्थना विश्वास की आवाज़ है, इस भरोसे पर कि परमेश्वर जानता है और देखभाल करता है।

जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:45

बाइबल पाठ: मत्ती :6:9-15
Matthew 6:9 सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो; “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए।
Matthew 6:10 तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।
Matthew 6:11 हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे।
Matthew 6:12 और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर।
Matthew 6:13 और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।आमीन।
Matthew 6:14 इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।
Matthew 6:15 और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 18-19
  • मत्ती 6:1-18



बुधवार, 31 अक्टूबर 2018

योजना



      मेरी एक मित्र अपने कार्य से सेवा-निवृत्ति पाने वाली थी, और मैंने उससे पूछा कि जीवन के अगले चरण के लिए उसकी क्या योजना है? उसने कहा कि वह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसके पास जीवन यापन के लिए पर्याप्त पैसा रहे। इस वार्तालाप के अगले दिन, मैं अपने आर्थिक सलाहकार के साथ बात कर रहा था, और उसने मुझे सलाह दी कि मैं कैसे सुनिश्चित कर सकता हूँ कि मेरे पास पैसे की कमी न होने पाए। इसमें कोई संदेह नहीं कि हम सभी चाहते हैं कि हमारे पास हमारे शेष जीवन भर के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें।

      किन्तु कोई भी आर्थक योजना पृथ्वी पर इस प्रकार की सुरक्षा की संपूर्ण गारंटी नहीं दे सकती है। परन्तु एक योजना है जो न केवल पृथ्वी पर, वरन इस जीवन के बाद भी अनन्त काल तक के लिए हमें सुरक्षा प्रदान कर सकती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में इसका विवरण दिया गया है। प्रभु यीशु का शिष्य, प्रेरित पतरस इसके विषय लिखते हुए कहता है, “हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये” (1 पतरस 1:3-4)।

      जब हम प्रभु यीशु मसीह में विशवास लाते हैं और उससे अपने पापों की क्षमा माँगकर अपना जीवन उसे समर्पित कर देते हैं, तब हम अपने उस विश्वास के द्वारा परमेश्वर की संतान और उसके घराने के हो जाते हैं, और परमेश्वर की अनन्त, अक्षय मीरास के वारिस बन जाते हैं। विश्वास से मिली इस आशीष के कारण, हम अनन्त काल तक जीवित रहेंगे और हमें कभी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति में कमी नहीं होगी।

      यदि हम ऐसा कर सकते हैं, तो सेवा-निवृत्ति के लिए योजनाएं बनाना अच्छा है। परन्तु सबसे अधिक महत्वपूर्ण है ऐसे अक्षय संसाधनों और मीरास का वारिस होना, जिसकी सुरक्षा सदा बनी रहेगी, उपलब्ध रहेगी। और ऐसी योजना का लाभार्थी होना केवल प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास के द्वारा ही संभव है। - डेव ब्रैनन


स्वर्ग की प्रतिज्ञा हमारी अनन्त आशा है।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:3-9
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया।
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये।
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है।
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो।
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे।
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है।
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 22-23
  • तीतुस 1



सोमवार, 22 अक्टूबर 2018

संसाधन



      कई वर्ष पहले जब दक्षिणी कैलिफोर्निया की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई, तो पास्टर बॉब जॉन्सन को इसमें न केवल कठिनाइयाँ दिखाई दीं, वरन अवसर भी दिखाई दिए। इसलिए उन्होंने अपने शहर के महापौर के साथ मिलने का समय लिया और उनके पास जाकर पूछा, “हमारा चर्च आपकी क्या सहायता कर सकता है?” महापौर चकित रह गए। सामान्यतः लोग उनके पास सहायता लेने के लिए आते थे; परन्तु यहाँ एक पादरी था जो अपने सारे चर्च के साथ उसे सहायता देने की पेशकश कर रहा था!

      उस महापौर और पादरी ने मिलकर अनेकों आवश्यक समस्याओं के समाधान की योजनाएँ बनाईं। केवल उन के ही इलाके में पिछले वर्ष में 20,000 से अधिक वृद्ध लोगों के पास कोई मिलने और उनका हाल-चाल पूछने नहीं गया था। सैकंडों आश्रित बच्चों को पालन-पोषण में सहायता देने के लिए परिवारों के निर्णयों की आवश्यकता थी; और अनेकों बच्चों को उनके स्कूलों के कार्यों में सहायता देने वालों की आवश्यकता थी। इनमें से कुछ आवश्यकताएँ तो ऐसी थीं जिनका समाधान बिना कुछ विशेष धन खर्च किए किया जा सकता था। परन्तु सभी समस्याओं के लिए समय और इच्छा होना आवश्यक था। और उस चर्च ने अपने इन्हीं संसाधनों को लोगों को प्रदान किया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था कि भविष्य में एक ऐसा भी दिन आएगा जब वह अपने विश्वासी अनुयायियों से कहेंगे, “हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है” (मत्ती 25:34)। प्रभु ने यह भी कहा कि वे अनुयायी अपने पुरुस्कारों को देखकर चकित होंगे, और तब प्रभु उन्हें कहेगा, “तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया” (पद 40)।

      जब हम परमेश्वर द्वारा हमें उपलब्ध करवाए गए समय, प्रेम, और भौतिक संसाधानों को परमेश्वर के राज्य के कार्यों में उदारता से लगाते हैं, तो उसके राज्य की बढ़ोतरी होती है। - टिम गुस्ताफ्सन


दान देना केवल धनी लोगों के लिए ही नहीं है; हम सभी के लिए है।

दिया करो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा: लोग पूरा नाप दबा दबाकर और हिला हिलाकर और उभरता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे, क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा। - लूका 6:38

बाइबल पाठ: मत्ती 25:31-40
Matthew 25:31 जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और सब स्वर्ग दूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिहांसन पर विराजमान होगा।
Matthew 25:32 और सब जातियां उसके साम्हने इकट्ठी की जाएंगी; और जैसा चरवाहा भेड़ों को बकिरयों से अलग कर देता है, वैसा ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा।
Matthew 25:33 और वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकिरयों को बाई और खड़ी करेगा।
Matthew 25:34 तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है।
Matthew 25:35 क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को दिया; मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी पिलाया, मैं परदेशी था, तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया।
Matthew 25:36 मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्‍दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए।
Matthew 25:37 तब धर्मी उसको उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया? या प्यासा देखा, और पिलाया?
Matthew 25:38 हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए?
Matthew 25:39 हम ने कब तुझे बीमार या बन्‍दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए?
Matthew 25:40 तब राजा उन्हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 65-66
  • 1 तिमुथियुस 2



सोमवार, 9 जुलाई 2018

प्रावधान



      इंगलैंण्ड के एक ग्रामीण इलाके के मैदान में मसीही लेखक और व्याख्याकर्ता, जी. के. चेस्टरटन, अपने स्थान से जहाँ वे बैठे हुए थे, वहाँ से एकदम से उठकर खड़े हुए और बहुत ज़ोर से ठहाका मार कर हंसने लगे। उनका ऐसा करना इतना अचानक और प्रबल था कि मैदान की गाएं उनकी ओर देखने लगीं।

      ऐसा करने के कुछ मिनिट पहले चेस्टरटन बहुत दुखी थे। वे बेचैन होकर पहाड़ियों में घूमते फिर रहे थे, रंगीन चौक से खाकी कागज़ पर रेखा चित्र बना रहे थे। परन्तु चित्र बनाते-बनाते वे अचंभित हो गए जब उन्हें ध्यान आया कि उनके पास सफ़ेद रंग का चौक नहीं है, जो उनके विचार से, उनकी चित्रकारी के लिए बहुत आवश्यक था। लेकिन शीघ्र ही वे हँसने लगे, जब उन्हें एहसास हुआ कि उनके नीचे की धरती सफ़ेद चूना-पत्थर की बनी हुई है, जो सफ़ेद चौक के समान ही था। उन्होंने उस चूना-पत्थर का एक टुकड़ा तोड़ा और चित्र बनाना फिर से आरंभ कर दिया।

      जैसे चेस्टरटन ने एहसास किया कि वे “सफ़ेद चौक के असीम भण्डार पर बैठे हुए हैं” हम मसीही विश्वासियों के पास भी परमेश्वर के असीम भौतिक और आत्मिक संसाधनों का खज़ाना है: “क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ्य ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है” (2 पतरस 1:3)।

      हो सकता है कि आपको ऐसा लगे कि भक्ति के लिए आवश्यक किसी महत्वपूर्ण तत्व, जैसे कि विश्वास, अनुग्रह, और बुद्धिमता, की आपके पास कमी है। किन्तु यदि आपके साथ प्रभु यीशु मसीह है, तो आपके पास जो कुछ भी आपके लिए आवश्यक है, वह उपलब्ध है, और बहुतायत से है। मसीह यीशु में होकर आपके पास परमेश्वर पिता के सभी संसाधन उपलब्ध हैं; पिता परमेश्वर ने अपनी संतान के लिए अपने बड़े अनुग्रह मैं सभी प्रावधान कर के दिए हैं। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर के सामर्थ्य और संसाधनों की कोई सीमा नहीं है।

हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती! जवान सिंहों तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।  - भजन 34:9-10

बाइबल पाठ: 2 पतरस 1:1-10
2 Peter 1:1 शमौन पतरस की और से जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धामिर्कता से हमारा सा बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है।
2 Peter 1:2 परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्‍ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए।
2 Peter 1:3 क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ्य ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है।
2 Peter 1:4 जिन के द्वारा उसने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं: ताकि इन के द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूट कर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्‍वभाव के समभागी हो जाओ।
2 Peter 1:5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्‍न कर के, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ।
2 Peter 1:6 और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति।
2 Peter 1:7 और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ।
2 Peter 1:8 क्योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएं, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्‍फल न होने देंगी।
2 Peter 1:9 और जिस में ये बातें नहीं, वह अन्‍धा है, और धुन्‍धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुल कर शुद्ध होने को भूल बैठा है।
2 Peter 1:10 इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भांति यत्‍न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 38-40
  • प्रेरितों 16:1-21