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बुधवार, 23 दिसंबर 2020

धन्यवादी

 

          एैन वोक्स्कैम्प की पुस्तक, One Thousand Gifts (एक हज़ार उपहार) पाठकों को प्रोत्साहित करती है कि वे अपन जीवनों में प्रतिदिन खोजें कि उस दिन में प्रभु ने उनके लिए क्या कुछ किया है। उस में वह प्रति दिन परमेश्वर की उसके प्रति उदारता को छोटे और बड़े उपहारों में देखती है, जो साधारण से साबुन के बुलबुलों में चमकती हुई सुन्दरता से लेकर उसके तथा हमारे जैसे पापियों के अद्भुत उद्धार में दिखाई देती है। एैन का कहना है कि कृतज्ञ होना ही जीवन के सबसे परेशान करने वाले पलों में भी परमेश्वर की उपस्थिति को देख पाने की कुंजी है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल का एक चरित्र, अय्यूब, उसके जीवन के दुःख से भरे होने के लिए विख्यात है। उसे जो हानि उठानी और सहनी पड़ी, वह गिनती और दुःख की गहराई, दोनों में ही बहुत अधिक थी। उसे ज्ञात हुआ कि अचानक ही उसके सारे पशु लूट लिए गए, पशुओं की देखभाल करने वाले उसके सेवक भी मार डाले गए हैं, और इसके तुरंत ही बाद उसे यह भी पता चला कि उसके दसों बच्चे भी मर गए हैं। अय्यूब का घोर दुःख उसके प्रत्युत्तर से पता चलता है; उसने अपना बागा फाड़ा और सिर मुंडवाया (1:20)। उस अत्यधिक दुःख की घड़ी में अय्यूब जो शब्द प्रयोग करता है वे दिखाते हैं कि वह परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ रहने का अभ्यस्त था, क्योंकि वह तब भी यही अंगीकार करता है कि उसके पास जो भी था, वह सब परमेश्वर ही के द्वारा दिया हुआ था, उसका अपना नहीं था। इतने अभिभूत कर देने वाले दुःख के समय में भी वह और कैसे आराधना करने पाता, यदि वह परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ रहना नहीं जानता होता?

          हमारे दुःख और हानि के समयों में हमारे प्रतिदिन परमेश्वर के प्रति धन्यवादी और कृतज्ञ होने के अभ्यास के द्वारा हमारी पीड़ा मिट तो नहीं जाती है। जैसा कि शेष पुस्तक में लिखा है, अय्यूब अपनी इस पीड़ा और हानि के साथ जूझता रहता है। परन्तु हमारे प्रति परमेश्वर की भलाइयों को, छोटे से छोटे रूप में भी, पहचानने और स्मरण करते रहने के द्वारा हम हमारे सर्वसामर्थी परमेश्वर के सामने झुक कर अपने जीवन के सबसे अंधियारे समयों में भी उसकी आराधना करने के लिए तैयार किए जा सकते हैं, यदि हम उसके धन्यवादी बने रहने के अभ्यस्त रहते हैं तो। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

जीवन में परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होने के विषयों की सूची बनाना आरंभ कीजिए; 

और देखिए कि इससे जीवन कैसे परिवर्तित होता है।

किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों 4:6

बाइबल पाठ अय्यूब 1:13-22

अय्यूब 1:13 एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पी रहे थे;

अय्यूब 1:14 तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, हम तो बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास चर रही थी,

अय्यूब 1:15 कि शबा के लोग धावा कर के उन को ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।

अय्यूब 1:16 वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, कि परमेश्वर की आग आकाश से गिरी और उस से भेड़-बकरियां और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।

अय्यूब 1:17 वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, कि कसदी लोग तीन गोल बान्ध कर ऊंटों पर धावा कर के उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।

अय्यूब 1:18 वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, तेरे बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे,

अय्यूब 1:19 कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचण्ड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, कि वह जवानों पर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।

अय्यूब 1:20 तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत कर के कहा,

अय्यूब 1:21 मैं अपनी मां के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।

अय्यूब 1:22 इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नहूम 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 14

सोमवार, 25 मार्च 2019

कार्य



      
    परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि राजा दाऊद ने मंदिर को बनाने की पूरी तैयारी की, उसके लिए आवश्यक सारा सामान जुटाया (1 इतिहास 28:11-19) परन्तु यरूशलेम में जो पहला मंदिर बनाया गया वह दाऊद द्वारा नहीं वरन उसके पुत्र सुलेमान द्वारा हुआ, और वह सुलेमान का मंदिर जाना गया। क्योंकि परमेश्वर ने दाऊद से कहा, “मेरे निवास के लिये तू घर बनवाने न पाएगा” (1 इतिहास 17:4); परमेश्वर ने दाऊद को नहीं वरन सुलेमान को मंदिर बनवाने के लिए चुना था।

      परमेश्वर द्वारा उसे मंदिर बनवाने से रोके जाने के प्रति दाऊद की प्रतिक्रिया अनुकरणीय थी। उसने इस बात पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए कि वह क्या कुछ नहीं कर सका, उसने अपना ध्यान इस बात पर अलगाया कि परमेश्वर क्या कुछ कर सकता है (पद 16-25)। दाऊद ने एक धन्यवादी मन बनाए रखा, और जो कुछ और भी वह कर सकता था, वह सब किया। उसने इस कार्य में सुलेमान की सहायता के लिए योग्य लोगों को भी खड़ा किया (देखें 1 इतिहास 22)।

      बाइबल टीकाकार जे. जी. मैक्कोन्विल ने इस संदर्भ में लिखा, “बहुधा यह हो सकता है कि जो कार्य हम मसीही सेवकाई में करना चाहते हैं, उस कार्य के लिए हम पूर्णतः योग्य न हों, और वह कार्य परमेश्वर द्वारा हमारे लिए निर्धारित कार्य न हो। हो सकता है, जैसे दाऊद के साथ हुआ, हमारी सेवकाई केवल तैयारी करने की हो, जिसका आगे चल कर प्रयोग किसी अन्य अति भव्य योजना की पूर्ति के लिए किया जाए।”

      दाऊद की इच्छा अपनी नहीं, परमेश्वर की महिमा करना था। उसने परमेश्वर के मंदिर के निर्माण के लिए विश्वासयोग्यता के साथ वह सब कुछ किया जो कुछ वह कर सकता था। उसने अपने बाद आकर उस कार्य को पूरा करने वाले के लिए एक अच्छी तैयारी की, जिससे उस कार्य करने वाले को कोई कमी न रहे।

      इसी प्रकार से आज हम भी उन कार्यों को स्वीकार करें जो परमेश्वर ने हमारे करने के लिए रखें हैं, और उन्हें पूर्ण विश्वासयोग्यता के साथ करके अपनी सेवकाई को परमेश्वर के प्रति धन्यवादी मन के साथ पूरा करें; यह स्मरण रखते हुए कि हमारा परमेश्वर कुछ बहुत ही भव्य कार्य करने जा रहा है। - पो फैंग चिया


हो सकता है कि परमेश्वर की योजना के उद्देश्य गुप्त हों, किन्तु उसकी योजनाए निरुद्देश्य नहीं हैं।

जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहां तू जाने वाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है। - सभोपदेशक 9:10

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 17:1-4, 16-25
 1 Chronicles 17:1 जब दाऊद अपने भवन में रहने लगा, तब दाऊद ने नातान नबी से कहा, देख, मैं तो देवदारु के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक तम्बू में रहता है।
1 Chronicles 17:2 नातान ने दाऊद से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो उसे कर, क्योंकि परमेश्वर तेरे संग है।
1 Chronicles 17:3 उसी दिन रात को परमेश्वर का यह वचन नातान के पास पहुंचा, जा कर मेरे दास दाऊद से कह,
1 Chronicles 17:4 यहोवा यों कहता है, कि मेरे निवास के लिये तू घर बनवाने न पाएगा।
1 Chronicles 17:16 तब दाऊद राजा भीतर जा कर यहोवा के सम्मुख बैठा, और कहने लगा, हे यहोवा परमेश्वर! मैं क्या हूँ? और मेरा घराना क्या है? कि तू ने मुझे यहां तक पहुंचाया है?
1 Chronicles 17:17 और हे परमेश्वर! यह तेरी दृष्टि में छोटी सी बात हुई, क्योंकि तू ने अपने दास के घराने के विषय भविष्य के बहुत दिनों तक की चर्चा की है, और हे यहोवा परमेश्वर! तू ने मुझे ऊंचे पद का मनुष्य सा जाना है।
1 Chronicles 17:18 जो महिमा तेरे दास पर दिखाई गई है, उसके विषय दाऊद तुझ से और क्या कह सकता है? तू तो अपने दास को जानता है।
1 Chronicles 17:19 हे यहोवा! तू ने अपने दास के निमित्त और अपने मन के अनुसार यह बड़ा काम किया है, कि तेरा दास उसको जान ले।
1 Chronicles 17:20 हे यहोवा! जो कुछ हम ने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार तेरे तुल्य कोई नहीं, और न तुझे छोड़ और कोई परमेश्वर है।
1 Chronicles 17:21 फिर तेरी प्रजा इस्राएल के भी तुल्य कौन है? वह तो पृथ्वी भर में एक ही जाति है, उसे परमेश्वर ने जा कर अपनी निज प्रजा करने को छुड़ाया, इसलिये कि तू बड़े और डरावने काम कर के अपना नाम करे, और अपनी प्रजा के साम्हने से जो तू ने मिस्र से छुड़ा ली थी, जाति जाति के लोगों को निकाल दे।
1 Chronicles 17:22 क्योंकि तू ने अपनी प्रजा इस्राएल को अपनी सदा की प्रजा होने के लिये ठहराया, और हे यहोवा! तू आप उसका परमेश्वर ठहरा।
1 Chronicles 17:23 इसलिये, अब हे यहोवा, तू ने जो वचन अपने दास के और उसके घराने के विषय दिया है, वह सदैव अटल रहे, और अपने वचन के अनुसार ही कर।
1 Chronicles 17:24 और तेरा नाम सदैव अटल रहे, और यह कह कर तेरी बड़ाई सदा की जाए, कि सेनाओं का यहोवा इस्राएल का परमेश्वर है, वरन वह इस्राएल ही के लिये परमेश्वर है, और तेरा दास दाऊद का घराना तेरे साम्हने स्थिर रहे।
1 Chronicles 17:25 क्योंकि हे मेरे परमेश्वर, तू ने यह कह कर अपने दास पर प्रगट किया है कि मैं तेरा घर बनाए रखूंगा, इस कारण तेरे दास को तेरे सम्मुख प्रार्थना करने का हियाव हुआ है।

एक साल में बाइबल:  
  • यहोशू 19-21
  • लूका 2:25-52



रविवार, 20 जनवरी 2019

कृतज्ञता और धन्यवाद



      एक सर्द, जमा देने वाली ठंडी की प्रातः, मैं और मेरी बेटी चलकर स्कूल जा रहे थे, और उस ठण्ड में हम अपने श्वास को भाप में परिवर्तित होता देखकर आनन्दित हो रहे थे। हम भाप के उन छोटे बादलों को बनाने से आनन्दित हो रहे थे, मेरे लिए वे पल एक उपहार के समान थे, जब मैं अपनी बेटी की संगति में आनदित हो सकती थी, जीवित अनुभव कर सकती थी।

      हमारी श्वास जो सामान्यतः अदृश्य रहती है, हवा के ठन्डे होने के कारण दिखाई दे रही थी, और इससे मैं अपने जीवन और श्वास के स्त्रोत – हमारे सृष्टिकर्ता प्रभु के बारे में सोचने लगी। उसी ने आदम को धरती की मिट्टी से बनाया और उसमें जीवन का श्वास फूंका, और वही है जो हमें तथा सभी जीवित प्राणियों को जीवन का दान देता है (उत्पत्ति 2:7)। सभी वस्तुएँ उस ही से आती हैं, हमारी श्वास भी, जिसे अन्दर-बाहर लेते हुए हम उसके बारे में सोचते भी नहीं हैं।

      हम आज की तकनीकियों और सुविधाओं में होकर अपने आरंभ को तथा इस तथ्य को कि परमेश्वर ही है जो हमें जीवन देता है, भूल सकते हैं। परन्तु जब हम थोड़ा थम कर यह स्मरण करते हैं कि परमेश्वर ही हमारा सृष्टिकर्ता है, तो हम उसके प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी बन सकते हैं। हम उससे अपने जीवन एवं कार्यों के लिए सहायता माँग सकते हैं, और कृतज्ञ तथा धन्यवादी हृदयों के साथ उससे मिलने वाली सहायता, कृपा और सुरक्षा के लिए उसकी आराधना कर सकते हैं। हमारा यह कृतज्ञ एवँ धन्यवादी होना औरों को भी छू सकता है, और उन्हें भी इन बातों के प्रति सजग करके, उनके मनों से भी कृतज्ञता एवँ धन्यवाद के साथ परमेश्वर की आराधना और स्तुति करवा सकता है। - एमी बाउचर पाई


अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी रहो, 
जिससे जीवन और सभी आशीषें मिलती हैं।

इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। - 1 तिमुथियुस 6:17

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 2:4-8
Genesis 2:4 आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्पन्न हुए अर्थात जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया:
Genesis 2:5 तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था;
Genesis 2:6 तौभी कोहरा पृथ्वी से उठता था जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी
Genesis 2:7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।
Genesis 2:8 और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक वाटिका लगाई; और वहां आदम को जिसे उसने रचा था, रख दिया।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 49-50
  • मत्ती 13:31-58



गुरुवार, 29 नवंबर 2018

धनवान



      संभव है कि आपने टेलिविज़न पर दिखाया जाने वाला वह विज्ञापन देखा होगा जिसमें एक व्यक्ति घर के दरवाज़े पर होने वाली दस्तक के प्रत्युत्तर में दरवाज़ा खोलता है और बाहर खड़ा एक जन उसे एक बहुत बड़ी रकम का चेक पकड़ाता है, जिसे लेकर वह दरवाज़ा खोलने वाला व्यक्ति आनन्द के मारे यह कहते हुए कि “मैं जीत गया, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है, मेरी सभी समस्याओं का समाधान हो गया है!” चिल्लाना, उछालना, और सभी को गले लगाने लगता है। धनवान हो जाना बहुत भावनात्मक हो सकता है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 119 में, जो बाइबल का सबसे लंबा अध्याय भी है, हम यह अद्भुत वाक्य पढ़ते हैं: “मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं” (पद 14)। कैसी विलक्षण तुलना है; जीवन के लिए परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करना भी धनवान हो जाने के समान ही हर्षित करने वाला हो सकता है। इससे आगे पद 16 में भी भजनकार इसी बात को बल देता है, यह कहते हुए कि “मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा” (पद 16)।

      परन्तु यदि हम ऐसा अनुभव नहीं करें तो क्या? जीवन के लिए परमेश्वर के निर्देशों में आनदित होना धनावान हो जाने के समान ही उत्साहवर्द्धक कैसे हो सकता है? इसका आरंभ कृतज्ञ होने से होता है, और यह करना रवैया भी हो सकता है और चुनाव भी। हम जिसे मूल्यवान आंकते हैं, उस पर ध्यान भी देते हैं। इसलिए हम उन उपहारों पर ध्यान करके जो परमेश्वर ने हमें प्रदान किए हैं, उसका आभारी और धन्यवादी होने के द्वारा आरंभ कर सकते हैं। फिर हम प्रभु परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं कि उसने अपने वचन बाइबल में जो बुद्धिमता, ज्ञान और शान्ति के खज़ाने हमारे लिए रखें हैं, उन्हें पहिचानने के लिए हमारी आँखों को खोल दे।

      प्रभु परमेश्वर के वचन के अध्ययन के साथ जैसे जैसे उसके प्रति हमारा प्रेम बढ़ता जाएगा, हम उसकी निकटता में बढ़ते जाएँगे, उसकी आशीषों और बातों में धनवान होते चले जाएँगे। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर के वचन बाइबल में अद्भुत खज़ाने खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

जैसे कोई बड़ी लूट पा कर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूं। - भजन 119:162

बाइबल पाठ: भजन 119:9-16
Psalms 119:9 जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन के अनुसार सावधान रहने से।
Psalms 119:10 मैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!
Psalms 119:11 मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं।
Psalms 119:12 हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियां सिखा!
Psalms 119:13 तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैं ने अपने मुंह से किया है।
Psalms 119:14 मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं।
Psalms 119:15 मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा।
Psalms 119:16 मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा।


एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 35-36
  • 2 पतरस 1



बुधवार, 1 मार्च 2017

कीमत


   हाल ही में हमने अपने दो-वर्षीय बेटे के लिए नए जूते खरीदे; उन्हें पाकर वह इतना प्रसन्न हुआ कि रात को सोने के लिए जाते समय तक उसने उन्हें नहीं उतारा। लेकिन अगली प्रातः वह उनके बारे में भूल गया और उसने अपने पुराने जूते ही पहन लिए। यह देखकर मेरे पति ने टिप्पणी की, "काश कि उसे ध्यान होता कि चीज़ों की कीमत क्या होती है।" उसके नए जूते महंगे थे लेकिन एक छोटा बच्चा वेतन के लिए काम करने के घंटों, मेहनत और चुकाए गए करों के बारे में नहीं जानता है। उसे जो उपहार मिलते हैं उन्हें वह खुले हाथों से स्वीकार तो कर लेता है, लेकिन उससे यह अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि वह उन महंगे उपहारों को खरीदने और देने में माता-पिता द्वारा चुकाई गई कीमत और किए गए बलिदान के बारे में ध्यान करे या उसकी सराहना करे।

   कभी कभी मैं भी एक बच्चे के समान व्यवहार करती हूँ। खुले हाथों से मैं परमेश्वर द्वारा मुझे उपहार के रूप में दी गई असीम करुणा और अनुग्रह को स्वीकार तो कर लेती हूँ, परन्तु क्या मैं उस सब के लिए सदा उसके प्रति धन्यवादी रहती हूँ? मेरे प्रति रखी गई परमेश्वर की यह करुणा और अनुग्रह बेशकीमती है, अमूल्य है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस इसकी कीमत के विषय में लिखता है: "क्योंकि तुम जानते हो, कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता है उस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अर्थात नाशमान वस्‍तुओं के द्वारा नहीं हुआ। पर निर्दोष और निष्‍कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ" (1 पतरस 1:18-19)। प्रभु यीशु ने अपने लहू, अपने प्राण के बलिदान के द्वारा इस कीमत को हमारे लिए चुकाया है; और परमेश्वर ने उसे मृतकों में से जिला उठाया (पद 21), जिससे हम उसके परिवार में सम्मिलित हो सकें।

   जब हम सेंत-मेंत में, हमें उपहारास्वरूप मिले इस उद्धार की कीमत समझने लगते हैं, तब ही हम उसके लिए परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी भी रहने लगते हैं। - कीला ओकोआ


हमारा उद्धार बेशकीमती है, अमूल्य है, 
परन्तु हमें सेंत-मेंत उपलब्ध करवाया गया है।

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो। - 1 कुरिन्थियों 6:19-20

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:15-23
1 Peter 1:15 पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो। 
1 Peter 1:16 क्योंकि लिखा है, कि पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं। 
1 Peter 1:17 और जब कि तुम, हे पिता, कह कर उस से प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ। 
1 Peter 1:18 क्योंकि तुम जानते हो, कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता है उस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अर्थात नाशमान वस्‍तुओं के द्वारा नहीं हुआ। 
1 Peter 1:19 पर निर्दोष और निष्‍कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ। 
1 Peter 1:20 उसका ज्ञान तो जगत की उत्‍पत्ति के पहिले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्‍तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ। 
1 Peter 1:21 जो उसके द्वारा उस परमेश्वर पर विश्वास करते हो, जिसने उसे मरे हुओं में से जिलाया, और महिमा दी; कि तुम्हारा विश्वास और आशा परमेश्वर पर हो। 
1 Peter 1:22 सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो। 
1 Peter 1:23 क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 23-25
  • मरकुस 7:14-37


रविवार, 25 नवंबर 2012

धन्यवादी


   घर पर परमेश्वर के धन्यवादी होने का पर्व मनाने और एक साथ भोजन करने के लिए परिवार के सभी सदस्य एकत्रित थे, भोजन के लिए मेज़ पर आकर बैठे हुए थे। उन्हें देखकर और उनकी विभिन्न योग्यताओं के बारे में सोचकर मैं प्रसन्न थी और मुस्कुरा रही थी। मेज़ पर डॉकटर भी थे और संगीतज्ञ भी। मैं चिकित्सकों के लिए भी धन्यवादी थी क्योंकि उनके द्वारा हमारे शरीर स्वस्थ बने रहते हैं, और संगीतज्ञों के लिए भी क्योंकि उनके संगीत से मन प्रफुल्लित होता है तथा विचलित मस्तिष्क शांति पाते हैं।

   डॉकटरों और संगीतज्ञों की योग्यताएं एक दूसरे से बहुत भिन्न हैं, किंतु उन दोनो के कार्य का प्रभावी होना एक ही बात पर निर्भर करता है - व्यवस्थित, क्रमबद्ध और सुचारू रूप से कार्यकारी संसार। यदि संसार में व्यवस्था और क्रमबद्धता नहीं होगी तो किसी बात का पूर्वानुमान संभव नहीं होगा; यदि पूर्वानुमान सही नहीं होगा तो ना संगीत बनेगा और ना ही चिकित्सा कार्यकारी होगी।

   जब परमेश्वर ने सृष्टि की रचना करी तो सब कुछ व्यवस्थित, क्रमबद्ध और सुचारू था। एक व्यवस्थित और क्रमबद्ध संसार में रोग इस बात का सूचक है कि कुछ अव्यवस्थित है; क्रमानुसार नहीं है। इसके विपरीत चंगाई इस बात का सूचक है कि अब व्यवस्था और क्रमबद्धता पुनः स्थापित हो गई है। जब यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने जानना चाहा कि क्या यीशु ही वह आने वाला उद्धारकर्ता है तो प्रभु यीशु ने उन सन्देशवाहकों से कहा: "...जो कुछ तुम ने देखा और सुना है, जाकर यूहन्ना से कह दो; कि अन्‍धे देखते हैं, लंगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं, और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है" (लूका ७:२२)। यह विभिन्न प्रकार कि चंगाई इस बात का प्रमाण थी कि यीशु ही वह उद्धारकर्ता है जिसकी संसार बाट जोह रहा था (मलाकी ४:२) और जो सब कुछ संसार के पाप में बिगड़ने से पहले के समान बहाल कर देगा (प्रेरितों ३:२१)।

   मैं संगीत के लिए भी धन्यवादी हूँ जो मेरे विचलित मन-मस्तिष्क को शांति देता है, और चिकित्सा के साधनों के लिए भी जिनसे मेरा शरीर स्वस्थ रहता है। यह मुझे स्मरण दिलाते रहते हैं कि मेरे प्रभु यीशु में मुझे और संसार के प्रत्येक मसीही विश्वासी को पापों से क्षमा, पाप के दण्ड से मुक्ति तथा परमेश्वर के साथ अनन्त काल की शांति और बहाली सेंत-मेंत मिली है। यही आशीषें उन सबके लिए भी ऐसे ही सेंत-मेंत उपलब्ध हैं जो प्रभु यीशु पर विश्वास लाते हैं और उसे अपने निज उद्धारकर्ता ग्रहण कर लेते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु पाप से बिगड़े हुओं को सुधारने और बहाल करने का विशेषज्ञ है।

परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धर्म का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; और तुम निकल कर पाले हुए बछड़ों की नाईं कूदोगे और फांदोगे। - मलाकी ४:२

बाइबल पाठ: लूका ७:११-२३
Luk 7:11  थोड़े दिन के बाद वह नाईन नाम के एक नगर को गया, और उसके चेले, और बड़ी भीड़ उसके साथ जा रही थी। 
Luk 7:12  जब वह नगर के फाटक के पास पहुंचा, तो देखो, लोग एक मुरदे को बाहर लिए जा रहे थे, जो अपनी मां का एकलौता पुत्र था, और वह विधवा थी: और नगर के बहुत से लोग उसके साथ थे। 
Luk 7:13  उसे देख कर प्रभु को तरस आया, और उस ने कहा; मत रो। 
Luk 7:14  तब उस ने पास आकर, अर्थी को छुआ; और उठाने वाले ठहर गए, तब उस ने कहा, हे जवान, मैं तुझ से कहता हूं, उठ। 
Luk 7:15  तब वह मुरदा उठ बैठा, और बोलने लगा: और उस ने उसे उस की मां को सौप दिया। 
Luk 7:16  इस से सब पर भय छा गया; और वे परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे कि हमारे बीच में एक बड़ा भविष्यद्वक्ता उठा है, और परमेश्वर ने अपने लोगों पर कृपा दृष्‍टि की है। 
Luk 7:17  और उसके विषय में यह बात सारे यहूदिया और आस पास के सारे देश में फैल गई।
Luk 7:18  और यूहन्ना को उसके चेलों ने इन सब बातों का समचार दिया। 
Luk 7:19  तब यूहन्ना ने अपने चेलों में से दो को बुलाकर प्रभु के पास यह पूछने के लिये भेजा, कि क्‍या आने वाला तू ही है, या हम किसी और दूसरे की बाट देखें? 
Luk 7:20  उन्‍होंने उसके पास आकर कहा, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने हमें तेरे पास यह पूछने को भेजा है, कि क्‍या आने वाला तू ही है, या हम दूसरे की बाट जोहें?
Luk 7:21  उसी घड़ी उस ने बहुतों को बीमारियों और पीड़ाओं, और दुष्‍टात्माओं से छुड़ाया, और बहुत से अन्‍धों को आंखे दी। 
Luk 7:22  और उस ने उन से कहा, जो कुछ तुम ने देखा और सुना है, जाकर यूहन्ना से कह दो; कि अन्‍धे देखते हैं, लंगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं, और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है। 
Luk 7:23  और धन्य है वह, जो मेरे कारण ठोकर न खाए।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल २४-२६ 
  • १ पतरस २