ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 30 जून 2011

कुछ प्रश्न

एक शोधकर्ता ने १५०० व्यवसायिक प्रबन्धकों (Buisness Managers) के बारे में अध्ययन किया, यह जानने के लिए कि उनके नीचे काम करने वाले अपने अधिकारी में किन बातों को मूल्य देते हैं। उसके शोध के नतीजों से पता चल कि लोग ऐसे अगुवों का आद्र करते हैं जो कार्य की योग्यता रखते हैं, दूसरों को कार्य के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, निर्देष देने में निपुण हैं। परन्तु स्ब से अधिक जिस बात को लोग अपने अधिकारी में देखना चाहते थे वह थी ईमानदारी - ऐसे अगुवे जो विश्वासयोग्य हों और अपने कही बात को निभाने में पक्के हों।

यह बात केवल सांसारिक प्रब्न्धकों और अगुवों पर ही लागु नहीं होती, मसीही विश्वासियों पर भी यह बात उतनी ही लागू होती है। ईमानदारी एक ऐसा गुण है जो प्रत्येक मसीही विश्वासी में विद्यमान होना चाहिए, वाहे उसका ओहदा कोई भी हो। भजन १५ के अनुसार इस गुण को प्रत्येक परमेश्वर के भक्त की हर बात और हर कार्य में प्रदर्शित होना चाहिए। क्योंकि बाइबल का परमेश्वर अपनी हर बात ईमानदारी से पूरी करता है, उस परमेश्वर के लोगों को भी ऐसे लोगों के रूप में जने जाना चाहिए जो अपनी हर बात पूरी करते हैं।

हम में से प्रत्येक मसीही विश्वासी को अपने कहे के प्रति ईमानदार रहना है। यह एक ऐसा सत्य है जो मुझे विचिलित करता है। यद्यपि मुझे झूठ बोलने से बच कर रहने में कोई विशेष परेशानी नहीं होती, लेकिन कभी कभी मेरे लिए अपने कहे को निभाना कठिन अवश्य हो जाता है।

क्या हमारे आसपास के लोग हमारी ईमानदारी के लिए हमारी प्रशंसा करते हैं? क्या इसके लिए परमेश्वर हमारी प्रशंसा करता है? क्या हमारा परमेश्वर हमें वही करते देखता है जो हम ने कहा - चाहे इसके लिए हमें दुख ही क्यों न उठाना पड़े? ये कुछ प्रश्न हैं जिन पर हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए। - मार्ट डी हॉन


वे ही ऊपर उठ सकते हैं जो अपनी विश्वासयोग्यता के स्तर को बनाए रखना जानते हैं।

हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?...जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठाना पड़े। - भजन १५:१, ४


बाइबल पाठ: भजन १५

Psa 15:1 हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?
Psa 15:2 वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता है, और हृदय से सच बोलता है;
Psa 15:3 जो अपनी जीभ से निन्दा नहीं करता, और न अपके मित्र की बुराई करता, और न अपने पड़ोसी की निन्दा सुनता है;
Psa 15:4 वह जिसकी दृष्टि में निकम्मा मनुष्य तुच्छ है, और जो यहोवा के डरवैयों का आदर करता है, जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठाना पड़े;
Psa 15:5 जो अपना रूपया ब्याज पर नहीं देता, और निर्दोष की हानि करने के लिये घूस नहीं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब १७-१९
  • प्रेरितों १०:१-२३

बुधवार, 29 जून 2011

पारदर्शी जीवन

अपनी पुस्तक "Helping Those Who Don't Want Help" में लेखक मार्शल शैली ने एक चर्च के पाद्री के जीवन से संबंधित घटना बताई: पाद्री अपने घर के गैराज से अपनी कार बाहर निकाल रहा था कि उसे कुछ टूटने की आवाज़ सुनाई दी। कार रोक कर वह आवाज़ के कारण का पता करने नीचे उतरा और पाया कि उसके प्रीय शौक मछली पकड़ने की बंसी कार के नीचे आकर टूट गई है। उसने ऊँची आवाज़ में पूछा, "मेरी मछली मारने की बंसी से कौन खेल रहा था?" उसके ५ साल के बेटे ने सकपका कर कहा, "पिताजी मैं खेल रहा था, और उसे वापस जगह पर रखना भूल गया था।" पाद्री को बात रास तो नहीं आई, पर अपने आप पर काबू रखकर उसने बस बेटे से इतना ही कहा, "मुझे सच बताने के लिए धन्यवाद" और अपने कार्य पर निकल पड़ा। बेटे ने जाकर माँ से घटना बताई और अपने जेब खर्च से बचाए हुए दो डॉलर, जो उसकी कुल संपत्ति थी, माँ को देते हुए कहा कि मुझे पिताजी के लिए अब एक नई बंसी खरीदनी है। माँ ने कहा, "ठीक है, लेकिन तुम्हें इसके लिए पैसे देने की आवश्यक्ता नहीं है"; बेटा बोला, "लेकिन मैं ऐसा करना चाहता हूँ, क्योंकि मुझे आज यह पता चल गया है कि पिताजी अपनी मछली मारने की बंसी से अधिक मुझ से प्यार करते हैं।" माँ ने यह बात पाद्री को बता दी।

बाद में एक इतवार की चर्च सभा में पाद्री ने अपनी मंडली को यह घटना सुनाई और कहा, "यह सब जानकर मुझे बहुत बढ़िया लगा। मुझे लगा कि चलो मैंने एक बार तो वह किया जो ठीक था।" चर्च सभा के अन्त में कई लोग पाद्री के पास आए और उससे कहने लगे कि उन्हें उसका यह पारदर्शिता दिखाना और यह कहना कि मैंने एक बार तो वह किया जो ठीक था बहुत भाया। वे लोग यह मान कर चलते थे कि पाद्री कभी कुछ गलत नहीं कर सकता; लेकिन पाद्री की ईमानदारी ने लोगों के दिल को छू लिया।

यह प्रत्येक अगुवे के लिए एक बहुमूल्य शिक्षा है। अगुवे को अपने जीवन की खा़मियों और कमज़ोरियों के प्रगट होने से डरना नहीं चाहिए। जब वे अपने जीवनों के प्रति पार्दर्शी होंगे तो उनकी इस ईमानदारी के कारण लोग उन पर अधिक विश्वास रखेंगे और उनके जीवन से सीखने में हिचकिचाएंगे नहीं। यदि वे अपनी बातें छुपाएंगे और लोगों को वही बातें कही बाहर से पता चलेंगी तो फिर वे आलोचना और अविश्वास का कारण बनेंगी। अगुवों की पारदर्शिता उनके अनुसरणकर्ताओं के लिए विश्वास, प्रोत्साहन और सहायता का कारण बन सकती है। - डेव एग्नर


हमें अपने पड़ौसी की नहीं, अपनी गलतियों का ध्यान करना चाहिए।

यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं। - १ युहन्ना १:८


बाइबल पाठ: याकूब ५:१३-२०

Jas 5:13 यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: यदि आनन्‍दित हो, तो वह स्‍तुति के भजन गाए।
Jas 5:14 यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें।
Jas 5:15 और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उस को उठा कर खड़ा करेगा और यदि उस ने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी।
Jas 5:16 इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
Jas 5:17 एलिय्याह भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था और उस ने गिड़िगड़ा कर प्रार्थाना की कि मेंह न बरसे, और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा।
Jas 5:18 फिर उस ने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्‍त हुई।
Jas 5:19 हे मेरे भाइयों, यदि तुम में कोई सत्य के मार्ग से भटक जाए, और कोई उस को फेर लाए।
Jas 5:20 तो वह यह जान ले, कि जो कोई किसी भटके हुए पापी को फेर लाएगा, वह एक प्राण को मृत्यु से बचाएगा, और अनेक पापों पर परदा डालेगा।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब १४-१६
  • प्रेरितों ९:२२-४३

मंगलवार, 28 जून 2011

नेतृत्व की ज़िम्मेदारियाँ

प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन परमेश्वर से संबंधित बातों के प्रति अपनी कड़ुवाहट और आलोचना प्रगट करने में ज़रा भी हिचकिचाते नहीं थे। दुख की बात यह है कि उनके इस दृष्टिकोण और चर्च के प्रति बैर के लिए कई चर्च के अगुवे ही ज़िम्मेदार थे। ट्वेन ऐसे चर्च अगुवों को को जानते थे जो अपने घरों में गुलाम खरीद कर रखते थे और उनसे बहुत दुर्व्यवहार करते थे। वे ऐसे पाद्रियों को भी जानते थे जो बाइबल से गलत शिक्षा और बाइबल की गलत व्याख्या द्वारा गुलाम प्रथा को जायज़ ठहराते थे। उन्होंने ऐसे लोगों को चर्च में देखा था जो चर्च के अन्दर तो बड़े धार्मिक होने का ढोंग करते लेकिन चर्च के बाहर झूठ बोलने और गाली-गलौज करने में ज़रा नहीं हिचकचते थे। यद्यपि मार्क ट्वेन ने कुछ लोगों, जैसे अपनी माता और पत्नि में सच्चा मसीही प्रेम देखा और अनुभव किया, लेकिन वह कभी चर्च के अगुवों के बुरे और दोगले व्यवहार तथा उनके बुरे जीवन को समझ नहीं पाए और इसी कारण मसीह की ओर आकर्षित नहीं हो सके।

नेतृत्व एक विशेषाधिकार है, और इस विशेषाधिकार के साथ इसे भली भांति निभाने और इसके द्वारा लोगों का भला करने का दायित्व भी मिलता है। यह बात मसीही अगुवों और प्रचारकों पर विशेष रूप से लागू होती है। परमेश्वर अपने वचन के शिक्षकों को इस दायित्व के निर्वाह के लिए अन्य लोगों से अधिक ज़िम्मेदार मानता है; क्योंकि वे एक ऐसे पद पर हैं जहाँ से वे लोगों को मसीह के प्रति आकर्षित भी कर सकते हैं और उन्हें मसीह से निरुत्साहित करके उस से दूर भी कर सकते हैं।

चर्च के अगुवे, जैसे प्रमुख, पादरी, शिक्षक आदि की ज़िम्मेदारी निभाना एक बहुत महान और गंभीर अधिकार है। जिन्हें इस ज़िम्मेदारी के लिए बुलाया गया है उन का कार्य है लोगों को मसीह की ओर लेकर आएं न कि लोगों का मसीह से दूर होने का कारण बनें। ये अगुवे अपनी इस ज़िम्मेदारी को तभी भली भांति निभा सकते हैं जब वे उस सच्चे ज्ञान के केवल प्रचार करने वाले न हों, वरन उसे अपने जीवनों में प्रदर्शित भी करें: "जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है" (याकूब ३:१७)। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


अच्छे नेता वही बन सकते हैं जो मसीह यीशु का अनुसरण करते हैं।

हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्‍योंकि जानते हो, कि हम उपदेशक और भी दोषी ठहरेंगे। - याकूब ३:१


बाइबल पाठ: याकूब ३
Jas 3:1 हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्‍योंकि जानते हो, कि हम उपदेशक और भी दोषी ठहरेंगे।
Jas 3:2 इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है।
Jas 3:3 जब हम अपने वश में करने के लिये घोड़ों के मुंह में लगाम लगाते हैं, तो हम उन की सारी देह को भी फेर सकते हैं।
Jas 3:4 देखो, जहाज भी, यद्यपि ऐसे बड़े होते हैं, और प्रचण्‍ड वायु से चलाए जाते हैं, तौभी एक छोटी सी पतवार के द्वारा मांझी की इच्‍छा के अनुसार घुमाए जाते हैं।
Jas 3:5 वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है।
Jas 3:6 जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्‍ड की आग से जलती रहती है।
Jas 3:7 क्‍योंकि हर प्रकार के वन-पशु, पक्षी, और रेंगने वाले जन्‍तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं।
Jas 3:8 पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रूकती ही नहीं, वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है।
Jas 3:9 इसी से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्‍पन्न हुए हैं श्राप देते हैं।
Jas 3:10 एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं।
Jas 3:11 हे मेरे भाइयों, ऐसा नही होना चाहिए।
Jas 3:12 क्‍या सोते के एक ही मुंह से मीठा और खारा जल दोनों निकलता है? हे मेरे भाइयों, क्‍या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता।
Jas 3:13 तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है जो ऐसा हो वह अपने कामों को अच्‍छे चालचलन से उस नम्रता सहित प्रगट करे जो ज्ञान से उत्‍पन्न होती है।
Jas 3:14 पर यदि तुम अपने अपने मन में कड़वी डाह और विरोध रखते हो, तो सत्य के विरोध में घमण्‍ड न करना, और न तो झूठ बोलना।
Jas 3:15 यह ज्ञान वह नहीं, जो ऊपर से उतरता है वरन सांसारिक, और शारीरिक, और शैतानी है।
Jas 3:16 इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्‍कर्म भी होता है।
Jas 3:17 पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।
Jas 3:18 और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ११-१३
  • प्रेरितों ९:१-२१

सोमवार, 27 जून 2011

फलों से पहचानिए

इतिहास साक्षी है कि अनेक बार अधर्मी और अयोग्य लोगों ने अपने प्रभावी व्यक्तित्व और विलक्षण कार्यों द्वारा प्रतापी और ऊँचे ओहदे प्राप्त कर लिये। लेकिन उनके ये स्वाभाविक गुण और विलक्षण कार्य, चाहे वे परमेश्वर के नाम से ही क्यों न किये गए हों, वह भला और आत्मिक नेतृत्व प्रदान नहीं कर सके जो परमेश्वर चाहता है और जिसके लिए अपनी सहमति देता है। इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है एक समय रूस के राज्य में रहा एक "पादरी" रासपुटिन।

रासपुटिन ने रूस के राजा ज़ार निकोलस द्वितीय के घर में अपनी पकड़ बना ली क्योंकि ऐसा लगता था कि किसी आलौकिक शक्ति द्वारा वह राजा के बिमार बेटे को ठीक रख पाता था। उस समय के अन्य चिकित्सकों की बजाए, रासपुटिन उस लड़के के लिए अधिक अच्छा कर पाता था। उसने ज़ार और उसकी पत्नि के मन यह भर दिया कि उनका बेटा केवल तब तक ही जीवित रहेगा जब तक वे उसकी बात मानते रहेंगे। राजा और रानी को अपने वश में करने के बाद रासपुटिन का व्यवहार क्रूर और अनैतिक होता गया, किंतु केवल अपनी धमकियों और भय के द्वारा ही वह महल और समाज में अपना स्थान बनाए रहा।

ठग शातिर हो सकते हैं, वे अद्भुत दिखने वाले झूठे चमत्कार भी कर सकते हैं; लेकिन जब उनके जीवन बारीके से जाँचे जाते हैं तब ही उनकी वास्तविकता पता पड़ती है। ऐसे लोग भला नेतृत्व कभी नहीं दे सकते क्यों कि उनके जीवनों में परमेश्वर के आत्मा के फल नहीं होते। उनका जीवन और भलाई वैसे ही झूठे हैं जैसे किसी सेब के पेड़ पर धागों से सेब बाँध दिये जाएं, यह दिखाने को कि वह पेड़ बहुत फल देने वाला है!

भले नेतृत्व की क्षमता बाहर से नहीं, भीतर से आती है। जिसके जीवन में परमेश्वर के आत्मा के फल (गलतियों ५:२२, २३): प्रेम, आनन्द, मेल धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता और संयम हों, वे ही भला नेतृत्व भी प्रदान कर सकते हैं।

भला नेतृत्व दे सकने वाले को पहचानना है, तो उसके जीवन में आत्मा के फलों को खोजिए। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


अच्छा अगुवा वही है जो मार्ग जानता है, स्वयं उस मार्ग पर चलता है और उस मार्ग पर चलने के लिए दूसरों को प्रेरित करता है।

उन के फलों से तुम उन्‍हें पहचान लोगे; - मत्ती ७:१६

बाइबल पाठ: मती ७:१५-२०

Mat 7:15 झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्‍तु अन्दर में फाड़ने वाले भेड़िए हैं।
Mat 7:16 उन के फलों से तुम उन्‍हें पहचान लोगे; क्‍या झाडिय़ों से अंगूर, वा ऊंटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं?
Mat 7:17 इसी प्रकार हर एक अच्‍छा पेड़ अच्‍छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है।
Mat 7:18 अच्‍छा पेड़ बुरा फल नहीं ला सकता, और न निकम्मा पेड़ अच्‍छा फल ला सकता है।
Mat 7:19 जो जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में डाला जाता है।
Mat 7:20 सो उन के फलों से तुम उन्‍हें पहचान लोगे।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ८-१०
  • प्रेरितों ८:२६-४०

रविवार, 26 जून 2011

अच्छा उदाहरण

१९४० के दशक में मूडी बाइबल इन्सटीट्यूट के प्रमुख, विल हौटन, पहले न्यू यॉर्क शहर में एक चर्च के पादरी हुआ करते थे, और उन्के विश्वास के उत्तम जीवन के कारण वहाँ उनका बहुत नाम था। वहाँ रहने वाला एक व्यक्ति जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करता था, आत्म हत्या करने के बारे में सोच रहा था। उसने अपने आप को एक मौका और देने की ठानी और निश्चय किया कि यदि उसे एक भी ऐसा प्रचारक मिल जाएगा जो अपने प्रचार को अपने जीवन में जी कर के दिखाता हो, तो वह उसकी बात सुनेगा। क्योंकि विल हौटन का उन दिनों बहुत नाम था इसलिए उसने विल को ही अपने अध्ययन का विष्य बनाने का निर्णय किया। उसने एक निजी जासूस को नियुक्त किया कि वह विल पर गुप्त रूप से लगातार नज़र रखे और उसकी गतिविधियों का विशलेष्ण कर के उसे बताए। कुछ समय बाद उस जासूस ने अपनी रिपोर्ट उसे पेश करी, जिसका निशकर्ष था कि विल किसी भी बात में दोषी नहीं पाया गया है। वह अविश्वासी विल के चर्च जाने लगा, उसने अपने पापों से पश्चाताप कर के प्रभु यीशु को अपना निज उद्धारकर्ता ग्रहण किया, और बाद में अपनी बेटी को मूडी बाइबल इन्सटीट्यूट में बाइबल अध्ययन के लिए भेजा।

बाइबल का एक पात्र न्हेम्याह भी ऐसा ही व्यक्ति था जिसने अपने जीवन के उदाहरण द्वारा अपने आस-पास के लोगों को प्रभावित किया। यहाँ तक कि बहुत धनी ऊँचे ओहदे वाले लोग भी शाँत होकर आदर से उसकी बात सुनते थे, तब भी जब वह उन्हें डाँट रहा होता था। क्यों? उसके जीवन जीने के स्तर के कारण। जो कुछ वह चाहता था कि दूसरे करें, वह पहले अपने जीवन में उसे कर के दिखाता था। न्हेम्याह ने कभी अपने ओहदे को दौलत जमा करने का ज़रिया नहीं बनाया, उसने कामगारों को केवल काम करने की आज्ञा नहीं दी वरन उनके साथ मिलकर उनके कठोर परिश्रम में उनका हाथ भी बंटाया। ऐसे व्य्क्ति की बात को कौन नहीं सुनता, कौन उसकी बात को टालता?

एक उत्तम जीवन, उन में जो उसे देखते हैं, आत्मिक और नैतिक बोध उत्पन्न करता है और अपनी गवाही के शब्दों पर विश्वास की सामर्थ देता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


अपने होटों से बेहतर प्रचार हम अपने जीवन द्वारा कर सकते हैं।

कोई तेरी जवानी को तुच्‍छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा। - १ तिमुथियुस ४:१२


बाइबल पाठ: न्हेम्याह ५:१-१६

Neh 5:1 तब लोग और उनकी स्त्रियों की ओर से उनके भाई यहूदियों के किरुद्ध बड़ी चिल्लाहट मची।
Neh 5:2 कितने तो कहते थे, हम अपने बेटे-बेटियों समेत बहुत प्राणी हैं, इसलिये हमें अन्न मिलना चाहिये कि उसे खाकर जीवित रहें।
Neh 5:3 और कितने कहते थे, कि हम अपने अपने खेतों, दाख की बारियों और घरों को महंगी के कारण बन्धक रखते हैं, कि हमें अन्न मिले।
Neh 5:4 फिर कितने यह कहते थे, कि हम ने राजा के कर के लिये अपने अपने खेतों और दाख की बारियों पर रुपया उधार लिया।
Neh 5:5 परन्तु हमारा और हमारे भाइयों का शरीर और हमारे और उनके लड़के बाले एक ही समान हैं, तौभी हम अपने बेटे-बेटियों को दास बनाते हैं; वरन हमारी कोई कोई बेटी दासी भी हो चुकी हैं और हमारा कुछ बस नहीं चलता, क्योंकि हमारे खेत और दाख की बारियां औरों के हाथ पड़ी हैं।
Neh 5:6 यह चिल्लाहट ओर ये बातें सुनकर मैं बहुत क्रोधित हुआ।
Neh 5:7 तब अपने मन में सोच विचार करके मैं ने रईसों और हाकिमों को घुड़क कर कहा, तुम अपने अपने भाई से ब्याज लेते हो। तब मैं ने उनके विरुद्ध एक बड़ी सभा की।
Neh 5:8 और मैं ने उन से कहा, हम लोगों ने तो अपनी शक्ति भर अपने यहूदी भाइयों को जो अन्यजातियों के हाथ बिक गए थे, दाम देकर छुड़ाया है, फिर क्या तुम अपने भाइयों को बेचोगे? क्या वे हमारे हाथ बिकेंगे? तब वे चुप रहे और कुछ न कह सके।
Neh 5:9 फिर मैं कहता गया, जो काम तुम करते हो वह अच्छा नहीं है; क्या तुम को इस कारण हमारे परमेश्वर का भय मानकर चलना न चाहिये कि हमारे शत्रु जो अन्यजाति हैं, वे हमारी नामधराई न करें?
Neh 5:10 मैं भी और मेरे भाई और सेवक उनको रुपया और अनाज उधार देते हैं, परन्तु हम इसका ब्याज छोड़ दें।
Neh 5:11 आज ही अनको उनके खेत, और दाख, और जलपाई की बारियां, और घर फेर दो; और जो रुपया, अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल तुम उन से ले लेते हो, उसका सौवां भाग फेर दो;
Neh 5:12 अन्होंने कहा, हम उन्हें फेर देंगे, और उन से कुछ न लेंगे; जैसा तू कहता है, वैसा ही हम करेंगे। तब मैं ने याजकों को बुलाकर उन लोगों को यह शपथ खिलाई, कि वे इसी वचन के अनुसार करेंगे।
Neh 5:13 फिर मैं ने अपने कपड़े की छोर फाड़ कर कहा, इसी रीति से जो कोई इस वचन को पूरा न करे, उसको परमेश्वर फाड़ कर, उसका घर और कमाई उस से छुड़ाए, और इसी रीति से वह फाड़ा जाए, और छूछा हो जाए। तब सारी सभा ने कहा, आमीन ! और यहोवा की स्तुति की। और लोगों ने इस वचन के अनुसार काम किया।
Neh 5:14 फिर जब से मैं यहूदा देश में उनका अधिपति ठहराया गया, अर्थात राजा अर्तझत्र के बीसवें वर्ष से ले उसके बत्तीसवें वर्ष तक, अर्थात बारह वर्ष तक मैं और मेरे भाई अधिपति के हक का भोजन खाते रहे।
Neh 5:15 परन्तु पहिले अधिपति जो मुझ से आगे थे, वह प्रजा पर भार डालते थे, और उन से रोटी, और दाखमधु, और इस से अधिक चालीस शेकेल चान्दी लेते थे, वरन उनके सेवक भी प्रजा के ऊपर अधिकार जताते थे, परन्तु मैं ऐसा नहीं करता था, क्योंकि मैं यहोवा का भय मानता था।
Neh 5:16 फिर मैं शहरपनाह के काम में लिपटा रहा, और हम लोगों ने कुछ भूमि मोल न ली और मेरे सब सेवक काम करने के लिये वहां इकट्ठे रहते थे।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ५-७
  • प्रेरितों ८:१-२५

शनिवार, 25 जून 2011

अनुसरणीय नेतृत्व

शिकागो शहर के अखबारों में शहर की भीतरी भागों में स्थित एक आवासीय बस्ती में लगातार हो रही गुण्डागर्दी और लोगों पर हो रहे हमलों की घटनाओं की चर्चा थी। ऐसा प्रतीत होता था कि पुलिस इन घटनाओं को रोक पाने में असमर्थ थी। शिकागो नगरपलिका की अध्य्क्षा जेन बायर्न इस समस्या को सुलझाने में लगी थी लेकिन कोई कारगर हल नहीं मिल पा रहा था। फिर अचानक सब को अचंभित करते हुए जेन ने घोषणा करी कि वे और उनके पति उस आवासीय बस्ती में जा कर वहाँ रहना आरंभ करेंगे। उनके इस साहस पूर्ण कदम ने तुरंत उन्हें समाज में लोकप्रीय बना दिया और इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्हें समाज का भरपूर समर्थन भी प्राप्त हुआ। उनके समस्या से ग्रसित स्थान पर स्वयं जाकर रहने से एक दम बहुत प्रभाव पड़ा और समस्या को काबू में लाने में बहुत सहायता मिली।

यह घटना और उदाहरण मुझे स्मरण दिलाता है परमेश्वर के वचन के एक पात्र नहेम्याह की। नहेम्याह फारस के राजा के पास ऊँचे पद पर काम करने वाला एक यहूदी दास था, और राजा का विश्वासपात्र था। जब उसे अपनी मातृभूमि में यरुशलेम की दुर्दशा - शहर की ध्वस्त दीवारें, उखड़े और जले हुए फाटक और वहाँ रहने वाले लोगों के दुखी जीवन का पता चला तो वह बहुत दुखी हुआ। हृदय की वेदना के साथ उसने अपने लोगों के पापों के लिए कई दिनों तक परमेश्वर के सामने विलाप किया, उपवास रखा और प्रार्थनाएं करीं। फिर जैसा परमेश्वर ने उसे निर्देश दिया, वह अपनी नौकरी की सुरक्षा और आराम को छोड़ कर दुर्दशा में पड़े यरुशलेम को संवारने के लिए वहाँ जाकर रहने लगा। उसने यरुशलेम का पुनःर्निमाण आरंभ किया और इस कार्य में अनेक कठिनाईयों का सामना करते हुए वह वहाँ तब तक रहा जब तक शहर की दीवारें फिर से नहीं बन गईं और शहर में शाँति तथा व्यवस्था स्थापित नहीं हो गई।

हम चाहे किसी भी ओहदे पर कार्य करते हों, यदि हमें परमेश्वर के लिए उपयोगी होना है तो मनुष्यों की तकलीफों को समझने, उन्हें महसूस करने और उन के निवारण का माध्यम बनने के लिए तैयार होना आवश्यक है। तब ही हम अनुसरणीय नेतृत्व प्रदान करने वाले बन सकते हैं और समाज का कुछ भला कर सकते हैं। - मार्ट डी हॉन


जो लोग हमारे कथनी पर विश्वास नहीं करते, वे हमारी करनी देखकर विश्वास लाएंगे।

मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ा फाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा। - नहेम्याह २:१३


बाइबल पाठ: नहेम्याह १:१-६; २:११-१८

Neh 1:1 हकल्याह के पुत्र नहेम्याह के वचन। बीसवें वर्ष के किसलवे नाम महीने में, जब मैं शूशन नाम राजगढ़ में रहता था,
Neh 1:2 तब हनानी नाम मेरा एक भाई और यहूदा से आए हुए कई एक पुरुष आए; तब मैं ने उन से उन बचे हुए यहूदियों के विषय जो बन्धुआई से छूट गए थे, और यरूशलेम के विष्य में पूछा।
Neh 1:3 उन्होंने मुझ से कहा, जो बचे हुए लोग बन्धुआई से छूटकर उस प्रान्त में रहते हैं, वे बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं, और उनकी निन्दा होती है क्योंकि यरूशलेम की शहरपनाह टूटी हुई, और उसके फाटक जले हुए हैं।
Neh 1:4 ये बातें सुनते ही मैं बैठ कर रोने लगा और कितने दिन तक विलाप करता और स्वर्ग के परमेश्वर के सम्मुख उपवास करता और यह कहकर प्रार्थना करता रहा।
Neh 1:5 हे स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा, हे महान और भययोग्य ईश्वर ! तू जो अपने प्रेम रखने वाले और आज्ञा मानने वाले के विष्य अपनी वाचा पालता और उन पर करुणा करता है;
Neh 1:6 तू कान लगाए और आंखें खोले रह, कि जो प्रार्थना मैं तेरा दास इस समय तेरे दास इस्राएलियों के लिये दिन रात करता रहता हूँ, उसे तू सुन ले। मैं इस्राएलियों के पापों को जो हम लोगों ने तेरे विरुद्ध किए हैं, मान लेता हूँ। मैं और मेरे पिता के घराने दोनों ने पाप किया है।
Neh 2:11 जब मैं यरूशलेम पहुंच गया, तब वहां तीन दिन रहा।
Neh 2:12 तब मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा; मैं ने किसी को नहीं बताया कि मेरे परमेश्वर ने यरूशलेम के हित के लिये मेरे मन में क्या उपजाया था। और अपनी सवारी के पशु को छोड़ कोई पशु मेरे संग न था।
Neh 2:13 मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ा फाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा।
Neh 2:14 तब मैं आगे बढ़कर सोते के फाटक और राजा के कुणड के पास गया परन्तु मेरी सवारी के पशु के लिये आगे जाने को स्थान न था।
Neh 2:15 तब मैं रात ही रात नाले से हो कर शहरपनाह को देखता हुआ चढ़ गया फिर घूमकर तराई के फाटक से भीतर आया, और इस प्रकार लौट आया।
Neh 2:16 और हाकिम न जानते थे कि मैं कहां गया और क्या करता था वरन मैं ने तब तक न तो यहूदियों को कुछ बताया था और न याजकों और न रईसों और न हाकिमों और न दूसरे काम करने वालों को।
Neh 2:17 तब मैं ने उन से कहा, तुम तो आप देखते हो कि हम कैसी दुर्दशा में हैं, कि यरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं। तो आओ, हम यरूशलेम की शहरपनाह को बनाएं, कि भविष्य में हमारी नामधराई न रहे।
Neh 2:18 फिर मैं ने उनको बतलाया, कि मेरे परमेश्वर की कृपादृष्टि मुझ पर कैसी हुई और राजा ने मुझ से क्या क्या बातें कही थीं। तब उन्होंने कहा, आओ हम कमर बान्धकर बनाने लगें। और उन्होंने इस भले काम को करने के लिये हियाव बान्ध लिया।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब ३, ४
  • प्रेरितों ७:४४-६०

शुक्रवार, 24 जून 2011

ठहराव

जब पतझड़ की ऋतु आती है और मेरे पड़ौस के स्थान में स्थित पेड़ों के पते गिरने लगते हैं तो अपनी खिड़की से मुझे एक दुखद दृश्य दिखाई देने लगता है - एक खंडहर होता मकान जो चारों ओर जंगली घास और झाड़ियों से घिरा हुआ है। उसके निर्माण करने वालों के मन में हर प्रकार की सुविधाओं और संसाधनों से युक्त एक आलीशान स्वास्थ्य क्लब बनाने की इच्छा थी, और इसी के अनुसार कार्य भी आरंभ हुआ। लेकिन कुछ समय में निर्माण के कार्य में कुछ बाधाएं आ गईं, कार्य रुक गया फिर और कुछ समय पश्चात उन्होंने इस योजना को समाप्त कर दिया। अब वह अधूरी इमारत खंडर बनती जा रही है और देकने वालों को इस बात का स्मर्ण दिलाती है कि जो उत्तम हो सकता था वह अधूरा और व्यर्थ रह गया।

एक तरह से कुछ ऐसी ही दुखदायी परिस्थित से बचने की चेतावनी इब्रानियों का लेखक अपने पाठकों को पुस्तक के पाँचवें अध्याय में दे रहा है - चेतावनी जिसे प्रत्येक मसीही विश्वासी को गंभीरता से लेना चाहिए। लेखक कह रहा है कि हमारे जीवनों में पापों से पश्चाताप और उद्धार की नींव पड़ जाने के बाद ठहराव नहीं आ जाना चाहिए वरन हमें अपने विश्वास की उस परिपक्वता तक पहुँचने के प्रयास में लगा रहना चाहिए जो हमारे विश्वास के सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने हमारे लिए निर्धारित किया है - एक ऐसा जीवन जो संसार के सामने उस पर किए गए विश्वास की उत्तमता और परिणामतः प्राप्त श्रेष्ठ प्रतिफलों को प्रकट करे और परमेश्वर को महिमा दे। इस ध्येय को प्राप्त करने के लिए जो भी आवश्यकताएं और साधन चाहिएं जैसे समय, वचन की शिक्षा और अध्ययन, सामर्थ, संगति आदि, वह सब उसने हमारे लिए न केवल उपल्ब्ध करा दिए हैं परन्तु समयनुसार उपलब्ध करवाता भी रहेगा। इसलिए जब कठिनाईयाँ आएं या प्रलोभन हमें कार्य से दूर खींचें तो हमें एक दृढ़ निश्चय के साथ इन भटकाने वाली बातों का इन्कार करके अपने निर्धारित कार्य को पूरा करने में पूरे यत्न सहित जुटे रहना है; कार्य में कभी ठहराव नहीं आना चाहिए।

परमेश्वर ने हमें चुना है "कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों" (इफिसियों १:४)। हमारे जीवनों में इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए परमेश्वर ने हमें अपना पवित्र वचन और अपना पवित्र आत्मा दिया है जो हम में निवास करता है। अब इन साधनों का सदुपयोग करना और अपने मसीही विश्वास के जीवनों को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाना हमारी ज़िम्मेदारी है। - डेव ब्रैनन


परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी न होने दें वरन परमेश्वर प्रदित संसाधनों द्वारा परिस्थितियों को वश में करके सिद्धता की ओर बढ़ते जाएं।

इसलिये आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़ कर, हम सिद्धता की ओर बढ़ते जाएं... - इब्रानियों ६:१


बाइबल पाठ: इब्रानियों ५:१२-६:३

Heb 5:12 समय के विचार से तो तुम्हें गुरू हो जाना चाहिए था, तौभी क्‍या यह आवश्यक है, कि कोई तुम्हें परमेश्वर के वचनों की आदि शिक्षा फिर से सिखाए? और ऐसे हो गए हो, कि तुम्हें अन्न के बदले अब तक दूध ही चाहिए।
Heb 5:13 क्‍योंकि दूध पीने वाले बच्‍चे को तो धर्म के वचन की पहिचान नहीं होती, क्‍योंकि वह बालक है।
Heb 5:14 पर अन्न सयानों के लिये है, जिन के ज्ञानेन्‍द्रिय अभ्यास करते करते, भले बुरे में भेद करने के लिये पक्के हो गए हैं।
Heb 6:1 इसलिये आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़ कर, हम सिद्धता की ओर बढ़ते जाएं, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने।
Heb 6:2 और बपतिस्मों और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अन्‍तिम न्याय की शिक्षा रूपी नेव, फिर से न डालें।
Heb 6:3 और यदि परमेश्वर चाहे, तो हम यहीं करेंगे।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब १, २
  • प्रेरितों ७:२२-४३

गुरुवार, 23 जून 2011

अधूरी तस्वीर

एक लड़का अपनी माँ के डेस्क पर बैठकर और माँ की कलम दवात लेकर बड़े ध्यान से अपने पालतु कुत्ते की तस्वीर बना रहा था। थोड़ी देर के बाद उसने कलम दवात रख दी और उठ कर जाने लगा। जाने से पहले उसने बड़े गर्व से अपनी माँ को वह तस्वीर दिखाई, माँ ने देख कर तस्वीर की प्रशंसा करी और कहा कि वाकई तसवीर उनके पलतु कुत्ते के समान लगती थी, लेकिन तभी माँ का ध्यान तस्वीर में एक बात की ओर गया और उसने विस्मय से अपने बेटे से पूछा, "अरे, उसकी दुम कहाँ है?" लड़के ने बड़ी लापरवाही से उत्तर दिया, "उसकी दुम तो अभी दवात में ही है।"

बाइबल कि न्यायियों की पुस्तक में रूबेन का गोत्र भी कुछ ऐसी ही पृवर्ति का था। जब इस्त्राएल की चौथी न्यायी दबोरा ने कनानियों पर प्राप्त इस्त्राएल की विजय के उपलक्ष में गीत गाया (न्यायियों ५:२-३१) तो उसने रूबेन के गोत्र का उल्लेख किया। उसने कहा कि "रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम मन में ठाने गए" (पद १५), लेकिन फिर साथ ही यह भी कहा कि "तू चरवाहों का सीटी बजाना सुनने को भेड़शालों के बीच क्यों बैठा रहा? रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम सोचे गए" (पद १६)। अर्थात रूबेन के लोग योजनाएं तो बहुत बनाते थे परन्तु उनको कार्यान्वित नहीं करते थे; उनके ध्यान इधर उधर हो जाते और योजनाएं धरी की धरी रह जाती थीं।

मसीही विश्वास के जीवन में भी यह बात अन्जानी नहीं है। कुछ विश्वासी भी ऐसे ही योजनाएं तो अनेक बनाते हैं किंतु उनको पूरा कम ही कर पाते हैं। एक आम बात जिसमें यह अधिकतर देखा जाता है वह है हमारा परमेश्वर के वचन को पढ़ने और सीखने का निर्णय, जिसकी अकसर अन्य गतिविधियों द्वारा अवहेलना हो जाती है। कुछ ऐसा ही हमारा प्रार्थना के समय के साथ भी होता है; हम कई बातों और लोगों के लिए प्रार्थना करने का निर्णय तो लेते हैं, कुछ समय तक करते भी हैं, फिर वे निर्णय ढीले पड़ जाते हैं, अन्य बातें प्राथमिकता ले लेती हैं और प्रार्थनाएं अधूरी रह जाती हैं।

हम जिस परमेश्वर की उपासाना करते हैं और जिसपर विश्वास रखते हैं वह कभी कुछ अधूरा नहीं छोड़ता। उसका हर कार्य सिद्ध और संपूर्ण होता है। हमारी योजनाएं कितनी भी अच्छी क्यों न हों, हमारे इरादे कितने भी उमदा क्यों न हों, यदि पूर्णतया कार्यान्वित नहीं होते तो वे कभी परमेश्वर को आदर और महिमा नहीं दे सकते।

किसी भी दुम को दवात में मत छोड़िए, अपने निर्णय की तस्वीर को सदा पूरा कीजिए। - पौल वैन गोर्डर


हम सही मार्ग पर हो सकते हैं, परन्तु मार्ग पर केवल बैठे रह जाने से ही मंज़िल नहीं मिल जाती।

यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रख कर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं। - लूका ९:६२


बाइबल पाठ: लूका ९:५७-६२

Luk 9:57 जब वे मार्ग में चले जाते थे, तो किसी न उस से कहा, जहां जहां तू जाएगा, मैं तेरे पीछे हो लूंगा।
Luk 9:58 यीशु ने उस से कहा, लोमडिय़ों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं।
Luk 9:59 उस ने दूसरे से कहा, मेरे पीछे हो ले; उस ने कहा, हे प्रभु, मुझे पहिले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूं।
Luk 9:60 उस ने उस से कहा, मरे हुओं को अपने मुर्दे गाड़ने दे, पर तू जा कर परमेश्वर के राज्य की कथा सुना।
Luk 9:61 एक और ने भी कहा; हे प्रभु, मैं तेरे पीछे हो लूंगा, पर पहिले मुझे जाने दे कि अपने घर के लोगों से विदा हो आऊं।
Luk 9:62 यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रख कर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं।

एक साल में बाइबल:
  • एस्तर ९-१०
  • प्रेरितों ७:१-२१

बुधवार, 22 जून 2011

पूरा करने वाला

प्रत्येक मेहनतकश किसी कार्य को भली भांति पूरा करने में गर्व महसूस करता है; यह विचार मुझे तब आया जब मैं अपने एक मित्र के पास उसके निर्माणाधीन मकान को देखने गया। घर की नींव रखी गई थी, दीवारें बन गई थीं, छत डाल दी गई थी और बिजली के तार तथा पानी के पाइप यथास्थान बिछा कर लगा दिये गए थे। लेकिन यह ढांचा अभी घर कहलाने लायक नहीं था; वहाँ काम को पूरा करने वालों की आवश्यक्ता थी। बिना लकड़ी का कार्य करने वालों, अलमारियां बनाने वालों, दीवारों पर रंग की पुताई करने वालों, कालीन बिछाने वालों और मकान की भीतरी सजावट करने वालों के वह मकान अधूरा था। उस ढांचे को घर बनाने के लिए पूरा करने वाले चाहिए थे।

ऐसा लगता है कि भजन ७७ के भजनकार को भी अपने जीवन में अधूरेपन का एहसास हुआ, उसे लगा कि जैसे परमेश्वर ने उसके जीवन मे अपना कार्य रोक दिया है, क्योंकि भजनकार व्याकुलता के साथ कहता है, "क्या ईश्वर अनुग्रह करना भूल गया? क्या उस ने क्रोध करके अपनी सब दया को रोक रखा है?" (भजन ७७:९)। कभी कभी अपने जीवनों में हमें भी ऐसा लग सकता है। हमें प्रतीत होगा कि शायद हमारे जीवन से संबंधित योजनाओं पर रोक लग गई है, उन्हें बन्द करके पीछे रख दिया गया है और हमारे जीवन में परमेश्वर का कार्य रुक गया है। लेकिन परमेश्वर कभी अपनी सन्तान के जीवन में अपने कार्य को नहीं रोकता, अपने समयानुसार वह हमें तराशता और संवारता रहता है।

परमेश्वर ने अपनी सन्तान के जीवन में अपने कार्य को जारी रखने के लिए हमें अपना पवित्र आत्मा दिया है, जो प्रत्येक मसीही विश्वासी के अन्दर निवास करता है और हमारा सहायक है। परमेश्वर के आत्मा का हमें पवित्र करने का कार्य मसीह में हमारे विश्वास लाने के क्षण से आरंभ होता है और जैसे जैसे हम अपने "विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर" देखते रहते हैं, उसकी आज्ञाकारिता में रहते हैं, पवित्र आत्मा का कार्य भी हमारे जीवनों में सिद्ध होता जाता है। हमारे जीवनों में पाप आकर इस कार्य को अवरोधित तो कर सकता है परन्तु रोक नहीं सकता, क्योंकि पवित्र आत्मा तब हमें पाप के लिए कायल करके उसके लिए क्षमा माँगने को प्रेरित करता है, और जैसे ही हम यह करते हैं, उसका कार्य फिर से आरंभ हो जाता है। परमेश्वर का कोई कार्य अधूरा कभी नहीं रहता। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें आश्वासन देता है कि "मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिस ने तुम में अच्‍छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा भी करेगा" (फिलिप्पियों १:६)।

परमेश्वर ने हमारे जीवन में "पूरा करने वाला" अपना पवित्र आत्मा हमें दिया है, अब हमारा कर्तव्य है उसके साथ संगति और आज्ञाकारिता में बने रहना, शेष वह करेगा। - पौल वैन गोर्डर


परमेश्वर के साथ कदम मिलाए रखिये; उसने आपके जीवन मार्ग के हर कदम की योजना निर्धारित कर रखी है।

और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर से ताकते रहें... - इब्रानियों १२:२


बाइबल पाठ: इब्रानियों १२:१-४

Heb 12:1 इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।
Heb 12:2 और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर से ताकते रहें; जिस ने उस आनन्‍द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न करके, क्रूस का दुख सहा और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
Heb 12:3 इसलिये उस पर ध्यान करो, जिस ने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया, कि तुम निराश होकर हियाव न छोड़ दो।
Heb 12:4 तुम ने पाप से लड़ते हुए उस से ऐसी मुठभेड़ नहीं की, कि तुम्हारा लोहू बहा हो।

एक साल में बाइबल:
  • एस्तर ६-८
  • प्रेरितों ६

मंगलवार, 21 जून 2011

अधूरा

कभी कभी जब मैं समुद्र तट पर सैर के लिए जाता हूँ तो रेत के बने कई अधूरे किले दिखाई देते हैं। संभवतः उन्हें बनाने वालों का ध्यान किसी दूसरी चीज़ की ओर आकर्शित हो गया होगा और उन्होंने अपना यह प्रयास अधूरा ही छोड़ दिया, और किसी अन्य बात में व्यस्त हो गए। अधूरे चित्र, अधूरी कलाकृतियाँ, अधूरे मकान, अधूरे लेख आदि सब गवाह हैं मनुष्य के बातों को अधूरा छोड़ देने की पृवर्त्ति के।

अपनी पुस्तक Intercepted Letters में विलियम मार्शल लिखते हैं, "एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो स्वभाव से हर चीज़ को पूरा करना और पूरे होते देखना चाहता है यह अधूरेपन की पृवर्त्ति कितनी परेशान कर देने वाली होती है और प्रश्न उठाती है कि ये अधूरे टुकड़े कितने अधूरे जीवनों के भाग हैं? ऐसा अधूरेपन की पृवर्त्ति वाले व्यक्ति को अपने आप से पूछना चाहिए, ’अपने जीवन के परिश्रम को दिखाने के लिए मेरे पास क्या है?’ ऐसे में बस हम यही भरोसा रख सकते हैं कि हमारा परमेश्वर हमारे अधूरे प्रयासों को लेकर अपनी सिद्धता और परिपूर्णता में उन्हें ढाँप लेगा क्योंकि वह कुछ अधूरा नहीं छोड़ता, वह कभी चूक नहीं सकता।"

परमेश्वर और मनुष्यों में कितना बड़ा अन्तर है! सृष्टिकर्ता जो आरंभ करता है, उसे अवश्य पूरा भी करता है। उसकी सभी कारीगरी, बीते अनन्त में योजनाबद्ध हुई, समय के साथ आरंभ हुई और समय की पूर्ति के साथ भविष्य के अनन्त के लिए पूरी भी हो जाएगी और तब उसका हर एक विश्वासी, उस ही के स्वरूप में बदला हुआ होगा।

आज हम मसीह की समानता में आने और बढ़ने के लिए संघर्ष करते रहते हैं, लेकिन यह निश्वित है कि एक दिन हम अपने इस लक्षय तक पहुँच भी जाएंगे; क्योंकि परमेश्वर स्वयं अपने हर एक विश्वासी को तराश रहा है, अपने पुत्र की समानता में ढाल रहा है और जो उसने आरंभ किया है उसे वह पूरा भी करेगा क्योंकि वह कुछ अधूरा नहीं छोड़ता।

यदि आप मसीही विश्वासी हैं तो निराश होकर हार कभी न माने, क्योंकि परमेश्वर आप में निरंतर कार्यरत है और आपको सम्पूर्णतः मसीह की समान्ता में ढाले बगैर वह आपको कभी अधूरा नहीं छोड़ेगा। आपका भविष्य आपकी किसी भी कलपना से भी कहीं अधिक महिमामय है। - पौल वैन गोर्डर


पापी का मन परिवर्तन क्षण भर में होने वाला आश्चर्यकर्म है; पापी से सन्त बनने की प्रक्रिया जीवन भर की मेहनत है।

और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिस ने तुम में अच्‍छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा। - फिलिप्पियों १:६


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों १:१-११

Php 1:1 मसीह यीशु के दास पौलुस और तीमुथियुस की ओर से सब पवित्र लोगों के नाम, जो मसीह यीशु में होकर फिलिप्पी में रहते हैं, अध्यक्षों और सेवकों समेत।
Php 1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
Php 1:3 मैं जब जब तुम्हें स्मरण करता हूं, तब तब अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं।
Php 1:4 और जब कभी तुम सब के लिये बिनती करता हूं, तो सदा आनन्‍द के साथ बिनती करता हूं।
Php 1:5 इसलिये, कि तुम पहिले दिन से लेकर आज तक सुसमाचार के फैलाने में मेरे सहभागी रहे हो।
Php 1:6 और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिस ने तुम में अच्‍छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा।
Php 1:7 उचित है, कि मैं तुम सब के लिये ऐसा ही विचार करूं क्‍योंकि तुम मेरे मन में आ बसे हो, और मेरी कैद में और सुसमाचार के लिये उत्तर और प्रमाण देने में तुम सब मेरे साथ अनुग्रह में सहभागी हो।
Php 1:8 इस में परमेश्वर मेरा गवाह है, कि मैं मसीह यीशु की सी प्रीति करके तुम सब की लालसा करता हूं।
Php 1:9 और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।
Php 1:10 यहां तक कि तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और मसीह के दिन तक सच्‍चे बने रहो और ठोकर न खाओ।
Php 1:11 और उस धामिर्कता के फल से जो यीशु मसीह के द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिस से परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति होती रहे।

एक साल में बाइबल:
  • एस्तर ३-५
  • प्रेरितों ५:२२-४२

सोमवार, 20 जून 2011

निरंतर बढ़ते रहो

एक सुहाने दिन मैंने और मेरे ३ मित्रों ने पास की नदी के किनारे किनारे ५ मील के पैदल सफर का निर्णय लिया। हमारे सफर के अन्त स्थल पर हमारे अन्य मित्रों को हमारी बाट जोहनी थी और हमें उन से जा कर मिलना था। हम ने बड़े उत्साह और सामर्थ से अपना सफर आरंभ किया, फिर कुछ देर के बाद नदी के मोड़ों के साथ पगडंडी भी टेढ़ी-मेढ़ी और ऊबड़-खाबड़ होने लगी और हमारा सफर कुछ जटिल हो गया। जब हम और आगे बढ़ए तो कहीं हमें तट से ऊपर चढ़ना पड़ा तो कहीं हमें नदी किनारे की फिसलन, कीचड़ और खर-पतवार से होकर बहुत संभल संभल कर निकलना पड़ा। हमारे शरीर थकने लगे थे और अब हमें निश्चित भी नहीं हो पा रहा था कि हमें और कितना आगे जाना है तथा आगे का मार्ग कैसा होगा। लेकिन बस इस एक खयाल ने हमें आगे बढ़ने के लिए तत्पर किया कि यात्रा के अन्तिम स्थान पर हमारे मित्र हमारी प्रतीक्षा कर रहे होंगे, और हम आगे बढ़ते ही रहे।

यात्रा के अनत में जब हम बैठ कर सुस्ता रहे थे तो इस यात्रा और हमारी मसीही जीवन की यात्रा में हमें कई समानान्तर दीख पड़े और हम मित्रों ने बैठे बैठे इनकी चर्चा आपस में करी। साधारणत्या हम अपना मसीही जीवन का सफर अपने उद्धार के अनुभव के साथ बड़े उत्साह से करते हैं, योजनाएं बनाते हैं, बहुत कुछ करना चाहते हैं। कुछ देर के बाद जीवन के उतार चढ़ाव, समस्याएं और प्रलोभन हमारे मसीही विश्वास के रास्तों को टेढ़ा-मेढ़ा बना देते हैं। अपने विश्वास में उतम स्तर बनाए रखने कि बजाए साधारण स्तर से ही संतुष्ट होने के दलदल, सांसारिक उपलब्धियों को पाने के झाड़-झंकाड़ और घमंड की फिसलन भी हमारे आगे बढ़ने में बाधाएं बनते हैं। कभी कभी हमें समझ में नहीं आता कि हमारे आगे क्या आने वाला है, परिस्थितियों की अनिश्चितता हमें निराशा की ओर धकेलेती है। लेकिन फिर भी हम एक बात दृढ़ता और पूरे विश्वास से जानते हैं कि हमारे सफर के अन्त में परमेश्वर के साथ महिमामयी अनन्तता और हमारा उद्धारकर्ता प्रभु हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं, और यह तथ्य हमें धीरज के साथ अपनी यह यात्रा पूरी करने को प्रेरित करते हैं।

हम सभी को निराशा और थकान का सामना करना पड़ता है; कितनी ही बार हमें लगता है कि कितना अच्छा हो यदि हम जहाँ हैं बस वहीं पड़े रहें, अब और कुछ करने की आवश्यक्ता नहीं है। जब प्रलोभन आते हैं तो वह समय होता है आत्मा की सामर्थ की एक लंबी साँस भर लेने का और दृढ़ निश्च्य के साथ निरंतर कदम आगे बढ़ाने का, स्मरण करके कि अन्त में एक महिमामयी और अति उत्तम प्रतिफल हमारी प्रतीक्षा कर रहा है। - डेव एग्नर


जब निराश होकर छोड़ देने का प्रलोभन आए तब स्वर्ग की ओर दृष्टि उठाना।

इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। - इब्रानियों १२:१


बाइबल पाठ: इब्रानियों १०:३२-३९

Heb 10:32 परन्‍तु उन पहिले दिनों को स्मरण करो, जिन में तुम ज्योति पाकर दुखों के बड़े झमेले में स्थिर रहे।
Heb 10:33 कुछ तो यों, कि तुम निन्‍दा, और क्‍लेश सहते हुए तमाशा बने, और कुछ यों, कि तुम उन के साझी हुए जिन की र्दुदशा की जाती थी।
Heb 10:34 क्‍योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्‍द से लुटने दी, यह जानकर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है।
Heb 10:35 सो अपना हियाव न छोड़ो क्‍योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है।
Heb 10:36 क्‍योंकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर की इच्‍छा को पूरी करके तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ।
Heb 10:37 क्‍योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा।
Heb 10:38 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा।
Heb 10:39 पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं।

एक साल में बाइबल:
  • एस्तर १, २
  • प्रेरितों ५:१-२१

रविवार, 19 जून 2011

दृढ़ निश्चय

एक मसीही सेवक कुछ समय से एक चर्च में पास्टर का कार्य कर रहा था, लेकिन उसकी सेवकाई और मेहनत का कोई विषेश प्रभाव उसे चर्च की मण्डली में दिखाई नहीं दे रह था और वह निराश होने लगा। एक रात उसे एक स्वप्न दिखाई दिया जिसमें वह एक घन द्वारा एक भारी चट्टान को तोड़ने का प्रयत्न कर रहा है। घंटों की लगातार मेहनत और पूरी सामर्थ से किए गए प्रहारों के बावजूद उस चट्टान पर कोई प्रभाव दिखाई नहीं दिया, और थक कर उसने निराशा से कहा, "इसमें कोई फायदा नहीं, मैं इस काम को छोड़ रहा हूँ" और घन नीचे रखने लगा। तभी एक व्यक्ति उसके पास आकर खड़ा हो गया और उससे पूछा, "क्या तुम्हें इसी कार्य के लिए नियुक्त नहीं किया गया था? तुम क्यों अपनी ज़िम्मेवारी से मुँह मोड़ रहे हो?" सेवक ने उत्तर दिया, "श्रीमन, यह कार्य व्यर्थ है; इतनी मेहनत के बाद भी इस चट्टान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। अब क्यों और व्यर्थ इसमें अपनी ताकत और समय गवाऊँ?" व्यक्ति ने उत्तर दिया, "यह सब सोचना तुम्हारा कार्य नहीं है। जिसने तुम्हें यह ज़िम्मेदारी दी, वह इस सब के बारे में जानता है; उसे तुम्हारी योग्यता और सामर्थ भी पता है तथा इस चट्टान की मज़बूती भी। बस सौंपा गया कार्य करो भली-भाँति करो, परिणाम की चिंता मत करो। चलो निराशा छोड़ो और अपने काम में पुनः लग जाओ।" उस व्यक्ति के कहने से सेवक ने घन फिर से उठाकर उस चट्टान पर भरपूर प्रहार किया, अब कि बार के एक ही प्रहार से चट्टान टुकड़े टुकड़े होकर बिखर गई। वह चौंक कर जाग उठा; उसे मार्ग मिल गया था, वह अपने कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण सबक अब सीख चुका था।

यदि परमेश्वर ने हमें किसी कार्य पर नियुक्त किया है, तो वह हमारी क्षमता और योग्यता तथा कार्य की आवश्यक्ताएं हम से बेहतर जानता है। उसके चुनाव और नियुक्ति में कोई गलती नहीं हो सकती, इसलिए निराश होकर उसके कार्य को अधूरा छोड़ देना हमारे लिए विकल्प कभी नहीं हो सकता। अपने जीवन की ’चट्टानें’ हमें लोहे से भी अधिक मजबूत लग सकती हैं, लेकिन हमें अपने प्रयास में लगे रहना हैं क्योंकि परमेश्वर के समय और विधि में वे अवश्य ही टूट जाएंगी। निराशा और हताश होकर हार मानवा लेना शैतान के हथियार हैं। ऐसा कोई मसीही सेवक नहीं है जिन्हें इन परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ा हो, लेकिन वे ही कामयाब हुए और उन्होंने ही प्रतिफल पाया, जो दृढ़ निश्चय और दृढ़ विश्वास के साथ परमेश्वर द्वारा सौंपे गए कार्य में सन्लग्न रहे।

जब हम निराश और असंभव प्रतीत होने वाली परिस्थितियों में हों, तो ऐसे में हमारे विश्वास का प्रमाण हमारा दृढ़ निश्चय के साथ कार्यरत रहना ही है। - डेनिस डी हॉन


दृढ़ता से कार्य पर डटे रहना केवल मज़बूत मनोबल से ही नहीं होता, वरन उसके साथ उतनी ही मज़बूती से निराशा का इनकार भी करना होता है।

हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्‍योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। - गलतियों ६:९


बाइबल पाठ: गलतियों ६:९-१८

Gal 6:9 हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्‍योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे।
Gal 6:10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष करके विश्वासी भाइयों के साथ।
Gal 6:11 देखो, मैं ने कैसे बड़े बड़े अक्षरों में तुम को अपने हाथ से लिखा है।
Gal 6:12 जितने लोग शारीरिक दिखावा चाहते हैं वे तुम्हारे खतना करवाने के लिये दबाव देते हैं, केवल इसलिये कि वे मसीह के क्रूस के कारण सताए न जाएं।
Gal 6:13 क्‍योंकि खतना कराने वाले आप तो, व्यवस्था पर नहीं चलते, पर तुम्हारा खतना कराना इसलिये चाहते हैं, कि तुम्हारी शारीरिक दशा पर घमण्‍ड करें।
Gal 6:14 पर ऐसा न हो, कि मैं और किसी बात का घमण्‍ड करूं, केवल हमारे प्रभु यीशु मसीह के क्रूस का जिस के द्वारा संसार मेरी दृष्‍टि में और मैं संसार की दृष्‍टि में क्रूस पर चढ़ाया गया हूं।
Gal 6:15 क्‍योंकि न खतना, और न खतनारिहत कुछ है, परन्‍तु नई सृष्‍टि।
Gal 6:16 और जितने इस नियम पर चलेंगे उन पर, और परमेश्वर के इस्‍त्राएल पर, शान्‍ति और दया होती रहे।
Gal 6:17 आगे को कोई मुझे दुख न दे, क्‍योंकि मैं यीशु के दागों को अपनी देह में लिये फिरता हूं।
Gal 6:18 हे भाइयो, हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम्हारी आत्मा के साथ रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • नहेम्याह १२, १३
  • प्रेरितों ४:२३-३७

शनिवार, 18 जून 2011

प्रयासरत रहिए

एक लघु कथा है, दो मेंढक किसी घर में घुस आए और यहाँ-वहाँ फुदकते हुए घूमने लगे। फुदकते हुए वे एक गहरे पात्र में गिर पड़े जिसमें मलाई रखी हुई थी। उन्होंने बाहर निकलने बहुत की कोशिश करी लेकिन मलाई की फिसलन और पात्र की गहराई के कारण न निकल सके। उनमें से एक ने मलाई में डूब जाने द्वारा अपना अन्त निकट देखकर अपने मित्र से अलविदा कहा, लेकिन दूसरे ने कहा, मैंने अभी हार नहीं मानी है। मैं बाहर निकलने का अपना प्रयास तब तक जारी रखुंगा जब तक मैं अपने अंग चला सकता हूँ। और यह कहकर वह पात्र में चारों ओर तैरने लगा और फुदककर बहर जाने का सतत प्रयास करने लगा। थोड़ी देर में उसका हताश मित्र तो अपने कहे अनुसार मलाई में डूब गया, किंतु इस मेंढक के प्रयास से मथ कर मलाई से मक्खन अलग होने लगा। और कुछ देर के प्रयास के बाद, मलाई के उपर मक्खन का एक बन्धा हुआ डला तैरने लगा। मेंढक फुदककर उसपर जा बैठा, फिर कुछ देर आराम करके उसने मक्खन पर से पात्र के बाहर की ओर छलांग लगाई और पात्र से बाहर हो गया। कहानी का सन्देश यही है कि यदि किसी परिस्थिति से बचने का तुरंत मार्ग ना भी मिले फिर भी अपने प्रयास में ढीले न पड़ें।

बहुत से लोग अपने लक्ष्य को पाने में इसीलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि वे विपरीत परिस्थितियों से निराश और हताश होकर हार मान लेते हैं, अपने प्रयास छोड़ देते हैं और लक्ष्य के निकट होते हुए भी असफल रह जाते हैं। नहेम्याह ने जब परमेश्वर की आज्ञानुसार उजड़े हुए यरुशलेम जाकर उसे फिर से ठीक करने कि ठानी तो उसे बहुत निराशाओं और प्रतिरोधियों का सामना करना पड़ा, किंतु वह अपने प्रयास में ढीला नहीं हुआ और न ही अपने साथ कार्य करने वालों को निराशा में पड़ने दिया (नहेम्याह २-६)। उनके सतत प्रयास और फलस्वरूप परमेश्वर से मिली सुरक्षा और सहायता से, केवल बावन दिनों में नगर की शहरपनाह बन कर तैयार हो गई जो किसी की भी कलपना से भी परे था; और उनके विरोधी जान गए कि यह परमेश्वर की ओर से हुआ है (नहेम्याह ६:१५)।

प्रभु यीशु ने अपने चेलों को चिताया, "जिस ने मुझे भेजा है, हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आने वाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता" (यूहन्ना ९:४)। जब हम परमेश्वर के कार्य में लगते हैं तो शैतान अवश्य विरोध करता है और विपरीत परिस्थितियाँ, मुश्किलें और सताव लेकर आता है। पतरस प्रेरित ने लिखा "सचेत हो, और जागते रहो, क्‍योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाई इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए" (१ पतरस ५:१८); पौलुस प्रेरित ने कहा, "पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे" (२ तिमुथियुस ३:१२)। परमेश्वर का वचन हमें बार बार चिताता है कि शैतान के इन हमलों से निराश होकर हम अपने प्रयास न छोड़ दें क्योंकि प्रभु यीशु ने हमें पहले से बता रखा है कि हमारे विश्वास के कारण शैतान हम पर कैसे आक्रमण करेगा "ये बातें मैं ने तुम से इसलिये कहीं कि तुम ठोकर न खाओ। वे तुम्हें आराधनालयों में से निकाल देंगे, वरन वह समय आता है, कि जो कोई तुम्हें मार डालेगा यह समझेगा कि मैं परमेश्वर की सेवा करता हूं।" (युहन्ना १६:१, २); लेकिन साथ ही प्रभु का कभी न टलने वाला आश्वासन भी है कि "जो दु:ख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर: क्‍योंकि देखो, शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ...प्राण देने तक विश्वासी रह तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा" (प्रकाशितवाक्य २:१०)।

"धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है, क्‍योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।" (याकूब १:१२)

यदि परमेश्वर से जीवन का मुकुट चाहते हैं तो उसके कार्यों में सदा प्रयासरत रहिए। - रिचर्ड डी हॉन


निरंतर प्रयास ही सफल्ता की कुंजी है।

सब बातों का अन्‍त तुरन्‍त होने वाला है इसलिये संयमी होकर प्रार्थना के लिये सचेत रहो। - १ पतरस ४:७

बाइबल पाठ: १ पतरस ४:१२-१९; ५:६-११
1Pe 4:12 हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझ कर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है।
1Pe 4:13 पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्‍द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो।
1Pe 4:14 फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्‍दा की जाती है, तो धन्य हो क्‍योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है।
1Pe 4:15 तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुख न पाए।
1Pe 4:16 पर यदि मसीही होने के कारण दुख पाए, तो लज्ज़ित न हो, पर इस बात के लिये परमेश्वर की महिमा करे।
1Pe 4:17 क्‍योंकि वह समय आ पहुंचा है, कि पहिले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए, और जब कि न्याय का आरम्भ हम ही से होगा तो उन का क्‍या अन्‍त होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते?
1Pe 4:18 और यदि धर्मी व्यक्ति ही कठिनता से उद्धार पाएगा, तो भक्तिहीन और पापी का क्‍या ठिकाना?
1Pe 4:19 इसलिये जो परमेश्वर की इच्‍छा के अनुसार दुख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए, अपने अपने प्राण को विश्वासयोग्य सृजनहार के हाथ में सौंप दें।
1Pe 5:6 इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए।
1Pe 5:7 और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्‍योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।
1Pe 5:8 सचेत हो, और जागते रहो, क्‍योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाई इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए।
1Pe 5:9 विश्वास में दृढ़ होकर, और यह जानकर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।
1Pe 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिस ने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्‍त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा।
1Pe 5:11 उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • नहेम्याह १०, ११
  • प्रेरितों ४:१-२२

शुक्रवार, 17 जून 2011

बाइबल से समस्याएं

एक बाइबल कॉलेज के शिक्षक ने नए आए छात्रों की पहली क्लास में आकर एक छात्र से पूछा, "श्रीमान, क्या आपको बाइबल से कोई समस्या है?" नए छात्र ने बड़े हियाव से उत्तर दिया, "जी नहीं!" शिक्षक ने उससे कहा, "तब तो आप को बाइबल पढ़ना आरंभ कर देना चाहिए। यदि पढ़ेंगे तो अवश्य ही समस्याएं भी होंगीं।"

यह बात बिलकुल सत्य है; ध्यान पूर्वक बाइबल पढ़ने वालों के मन में प्रश्न अवश्य ही उठते हैं। प्रभु यीशु के एक चेले पतरस प्रेरित ने पौलुस प्रेरित की पत्रियों के बारे में अपनी पत्री में लिखा, "और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस न भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है। वैसे ही उस ने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिन में कितनी बातें ऐसी हैं, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उन के अर्थों को भी पवित्र शास्‍त्र की और बातों की नाईं खींच तान कर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं" (२ पतरस ३:१५, १६)।

बाइबल अध्ययन करते समय अनेक बार हमें उस समय किसी सत्य का कोई एक ही पहलु दिखाई देता है, या हमें किसी बात में कोई विरोधाभास दिखाई देता है। फिर, बाइबल अध्ययन हमारा ध्यान कई जटिल बातों की ओर ले जाता है, जैसे परमेश्वर द्वारा पहले से चुने जाना, मनुष्य की स्वतन्त्रता, बुराई का मूल, दुखों और क्लेशों के कारण आदि। लेकिन इन जटिलताओं के होने या उनका उत्तर न ढूंढ पाने के कारण हमारा विश्वास बाइबल की सच्चाईयों पर से न तो हटना चाहिए और न ही कमज़ोर पड़ना चाहिए। इन और ऐसे ही अन्य प्रश्नों का हमारे मनों में उठना इस बात को दर्शाता है कि बाइबल हमारे मनों से बात कर रही है और अपनी सच्चाई तथा खराई परखने के लिए हमें प्रेरित कर रही है।

बाइबल ही एक मात्र ऐसा धर्मग्रंथ है जो अन्धविश्वास के लिए नहीं वरन अध्ययन करने वाले द्वारा स्वयं परख कर जाँचने और तब विश्वास करने के लिए निमंत्रण देता है:
  • "सब बातों को परखो: जो अच्‍छी हैं उसे पकड़े रहो।" (१ थिसुलिनीकियों ५:२१);
  • "परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।" (भजन ३४:८);
  • "अब हम तेरे कहने ही से विश्वास नहीं करते क्‍योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।" (युहन्ना ४:४२)

परमेश्वर चाहता है कि हम जिज्ञासा के साथ उसके पवित्र वचन बाइबल को पढ़ें क्योंकि जिज्ञासु मन ही खोजने वाला और सीखने का इच्छुक भी होता है। संभव है कि कभी हमारी जिज्ञासा की सम्पूर्ण सन्तुष्टी न भी हो, अथवा उस ही समय न हो। जो आज अस्पष्ट है, वह कल किसी अन्य अध्ययन में स्पष्ट हो सकता है या किसी अन्य के द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। ऐसे में हमें अस्प्ष्ट अथवा अधूरी समझ में आई बातों पर अटके रह कर बाइबल पर शक करने कि बजाए बाइबल की स्पष्ट और अद्भुत बातों की ओर अपना ध्यान करना चाहिए और उन्हें अपने जीवनों में लागू करना चाहिए।

चाहे कोई भी समस्या हमें बाइबल की सच्चाईयों को पूर्णतः समझने में आड़े क्यों न आए, हम परमेश्वर के धन्यवादी हों कि उसने अपने वचन में हमें अपने बारे में इतना कुछ तो स्पष्ट बताया है कि हम उस पर अपना विश्वास ला सकते हैं, उसके सत्य के आधार पर अपने जीवन उसे समर्पित कर सकते हैं, उसकी सन्तान होने का आदर पा सकते हैं और स्वर्ग के वारिस बन सकते हैं। - डेनिस डी हॉन


बाइबल की सच्चाईयों को समझने में होने वाली कठिनाईयाँ का कारण परमेश्वर की गल्तियाँ नहीं, हमारी की अज्ञानता है।

गुप्त बातें हमारे परमेश्वर यहोवा के वश में हैं, परन्तु जो प्रगट की गई हैं वे सदा के लिये हमारे और हमारे वंश में रहेंगी, इसलिये कि इस व्यवस्था की सब बातें पूरी ही जाएं। - व्यवस्थाविवरण २९:२९

बाइबल पाठ: २ पतरस ३:१४-१८

2Pe 3:14 इसलिये, हे प्रियो, जब कि तुम इन बातों की आस देखते हो तो यत्‍न करो कि तुम शान्‍ति से उसके साम्हने निष्‍कलंक और निर्दोष ठहरो।
2Pe 3:15 और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस न भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है।
2Pe 3:16 वैसे ही उस ने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिन में कितनी बातें ऐसी है, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उन के अर्थों को भी पवित्र शास्‍त्र की और बातों की नाईं खींच तान कर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं।
2Pe 3:17 इसलिये हे प्रियो तुम लोग पहिले ही से इन बातों को जान कर चौकस रहो, ताकि अधमिर्यों के भ्रम में फंस कर अपनी स्थिरता को हाथ से कहीं खो न दो।
2Pe 3:18 पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • नहेम्याह ७-९
  • प्रेरितों ३

गुरुवार, 16 जून 2011

वचन से शुद्धता

एक स्त्री ने अपने पापों की क्षमा माँगकर प्रभु यीशु मसीह को अपना निज उद्धारकर्ता ग्रहण किया और मसीही विश्वासी बन गई। जिस व्यक्ति के द्वारा उसने प्रभु यीशु मसीह और उद्धार के बारे में जाना था वह उसके पास नियमित बाइबल अध्ययन के लिए आने लगी। कुछ ही समय में उसे बाइबल सिखाने वाला व्यक्ति उससे बहुत निराश हो गया क्योंकि जो कुछ भी वह सिखाता था, वह स्त्री उसे जल्द ही भूल जाती थी। एक दिन शिक्षक ने अपनी छात्रा से व्याकुल होकर उससे कहा, "कभी कभी मैं सोचता हूँ कि तुम्हें कुछ सिखाने से क्या लाभ; तुम तो सब जल्द ही भूल जाती हो। तुम मुझे छलनी की याद दिलाती हो, जैसे छलनी में जितना भी पानी डाला जाए, वह सब उसमें से होकर निकल जाता है, उसमें रुकता नहीं; ऐसे ही मैं जो कुछ तुम्हारे दिमाग में डालने का प्रयास करता हूँ, वह सब कहीं बाहर बह जाता है, तुम्हारे अन्दर बिलकुल भी नहीं रुकता।" छात्रा ने तुरंत सहज भाव से अपने शिक्षक को उत्तर दिया, "यह सही है कि मैं आप के द्वारा सिखाई गई हर बात याद नहीं रख पाती। लेकिन जैसे छलनी में से होकर बहता पानी चाहे उसके भीतर न रुके तो भी पानी के बहने से छलनी साफ हो जाती है, वैसे ही जो भी आप मुझे बाइबल में से सिखाते हैं वह मेरे जीवन को स्वच्छ बनाता है और मुझे इस स्वच्छता की बहुत आवश्यक्ता है। मैं बाइबल से मिलने वाली इसी स्वच्छता के लिए आपके पास बार बार आती रहती हूँ।"

इस नई मसीही विश्वासी ने जो कुछ उसे सिखाया गया, सभी याद तो नहीं रखा, लेकिन बाइबल की सच्चाईयाँ जैसे जैसे उसके जीवन और दिमाग़ से होकर निकलती रहीं, वह उनकी शुद्ध करने वाली सामर्थ को अनुभव करती रही और यह शुद्धता का अनुभव उसे और नए अनुभव के लिए प्रेरित करता रहा। परमेश्वर के वचन बाइबल में मन और जीवन को शुद्ध करने की सामर्थ है। एक जयवन्त मसीही जीवन जीने का सबसे अचूक मार्ग है प्रतिदिन बाइबल की शिक्षाओं से अपने आप को स्व्च्छ करना। जब हम परमेश्वर के वचन बाइबल को नियमित रूप से पढ़ते हैं, उसकी बातों पर मनन करते हैं और उनका पालन करते हैं तो यह वचन हमारे मन-ध्यान-विचारों और जीवन को शुद्ध और स्वच्छ बनाता है।

यह आवश्यक है कि हम प्रतिदिन परमेश्वर के वचन के साथ पाए जाएं, परन्तु इससे भी कहीं अधिक आवश्यक है कि परमेश्वर का वचन प्रतिदिन हममें बहुतायत से निवास करता पाया जाये। तभी इस वचन का शुद्ध करने का कार्य हमारे जीवनों में प्रभावी होगा और सब के समक्ष विदित भी होगा। - रिचर्ड डी हॉन


यदि हम परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते रहेंगे तो उसका शुद्ध करने का कार्य भी हमारे जीवनों में होता रहेगा।

तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो। - यूहन्ना १५:३


बाइबल पाठ: यूहन्ना १५:१-७

Joh 15:1 सच्‍ची दाखलता मैं हूं और मेरा पिता किसान है।
Joh 15:2 जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।
Joh 15:3 तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो।
Joh 15:4 तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते।
Joh 15:5 में दाखलता हूं: तुम डालियां हो, जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्‍योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
Joh 15:6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाई फेंक दिया जाता, और सूख जाता है और लोग उन्‍हें बटोर कर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
Joh 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • नहेम्याह ४-६
  • प्रेरितों २:२२-४७

बुधवार, 15 जून 2011

बन्दूक, नशीले पदार्थ और बाइबल

एक मिशनरी महिला, विदेशों में हुए अपने अनुभवों का वर्णन कर रही थी। उसने अपने एक ऐसे देश में सीमा पार करने के अनुभव को बताया जहाँ के निवासियों को कोई भी धर्म मानने की स्वतंत्रता नहीं थी। सीमा चौकी पर तैनात अधिकारी ने प्रवेश की अनुमति देने से पहले उससे पूछा, "क्या आपके पास बन्दूक, नशीले पदार्थ या बाइबल में से कुछ भी है?"

उन्हें यह लगा होगा की बन्दुक और नशीले पदार्थों के सामान बाइबल भी उनके लिए खतरनाक हो सकती हैवे सीमा प्रहरी शायद बाइबल के इब्रानियों ४:१२ (क्‍योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव और आत्मा को, और गांठ गांठ और गूदे गूदे को अलग करके, आर पार छेदता है, और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है) को जानने वाले रहे होंगे!

क्योंकि बाइबल प्रत्येक असत्य को उजागर करके नष्ट करने की क्षमता रखती है, इसलिए अत्याचार और क्रूरता से लोगों पर राज करने या उन्हें काबू में रखने के प्रयास करने वाले उससे डरते हैं। बाइबल ऐसे लोगों की सामर्थ और नियंत्रण के खोखलेपन को प्रगट करके लोगों को वह देती है, जो कोई भी सरकार कभी नहीं दे सकती, विशेष कर नास्तिक कम्युनिस्ट सरकार तो कभी भी नहीं - उन्मुक्त मानव आत्मा, मन में आशा और जीवन में शाँति की भरपूरी। इसी लिए किसी कम्युनिस्ट शासन को यह बन्दूक और नशीले पदार्थों के समान खतरनाक लगती है।

भजन ११९ में भजनकार ने अपने जीवन में परमेश्वर के वचन के कुछ सामर्थी प्रभावों को बताया: वचन उसे जिलाता है (पद २५); सम्भालता है (पद २८); सत्य का मार्ग दिखाता है (पद ३०); हिम्मत बढ़ाता है (पद ३२)। भजनकार को तो केवल पुराने नियम का भी थोड़ा ही भाग उपलब्ध था, शेष लिखा जा रहा था और संकलित भी नहीं हुआ था, लेकिन परमेश्वर के वचन का यह थोड़ा भाग ही उसके जीवन में अद्भुत परिवर्तन और सामर्थ के लिए काफी था।

आज हमारे पास पूरी बाइबल आसानी से अपनी ही भाषा में उपलब्ध है। यह संपूर्ण संकलित बाइबल परमेश्वर द्वारा दिया गया अपना सिद्ध तथा संपूर्ण प्रकाशन है। जब हम विश्वास के साथ इस अद्भुत और सामर्थी पुस्तक के सन्देश को ग्रहण कर के उस पर मनन और उनका पालन करते हैं तो अपने जीवनों में इसके प्रभाव को स्पष्ट अनुभव कर सकते हैं क्योंकि परमेश्वर का आत्मा जो प्रत्येक विश्वासी के अन्दर निवास करता है, इसे प्रत्येक विश्वासी के लिए सजीव और प्रभावकारी बना देता है।

बन्दूक, नशीले पदार्थ और बाइबल, तीनों ही अति प्रतापी और प्रभावकारी हैं, लेकिन केवल बाइबल ही है जो असत्य को प्रकट करके उसका नाश करती है और सत्य को स्थिर करती तथा बढ़ाती है और जीवन को सही दिशा में ले चलती है। - डेनिस डी हॉन


शैतान के भण्डार का कोई भी शस्त्र परमेश्वर की आत्मा की तलवार, परमेश्वर का वचन - बाइबल, का कभी नाश नहीं कर सकता।

क्‍योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव और आत्मा को, और गांठ गांठ और गूदे गूदे को अलग करके, आर पार छेदता है, और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है। - इब्रानियों ४:१२


बाइबल पाठ: भजन ११९:२५-३२

Psa 119:25 मैं धूल में पड़ा हूं, तू अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला!
Psa 119:26 मैं ने अपनी चालचलन का तुझ से वर्णन किया है और तू ने मेरी बात मान ली है; तू मुझ को अपनी विधियां सिखा!
Psa 119:27 अपने उपदेशों का मार्ग मुझे बता, तब मैं तेरे आशचर्यकर्मों पर ध्यान करूंगा।
Psa 119:28 मेरा जीवन उदासी के मारे गल चला है, तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल!
Psa 119:29 मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर और करूणा करके अपनी व्यवस्था मुझे दे।
Psa 119:30 मैं ने सच्चाई का मार्ग चुन लिया है, तेरे नियमों की ओर मैं चित्त लगाए रहता हूं।
Psa 119:31 मैं तेरी चितौनियों में लौलीन हूं, हे यहोवा, मेरी आशा न तोड़!
Psa 119:32 जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा, तब मैं तेरी आज्ञाओं के मार्ग में दौडूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • नहेम्याह १-३
  • प्रेरितों २:१-२१

मंगलवार, 14 जून 2011

एक पुस्तक, प्रत्येक के लिए

प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण के बाद, मसीही विश्वास के आरंभिक समय से ही, मसीही विश्वासी, मसीह में पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को स्थान स्थान पर मौखिक रुप से बताते रहे क्योंकि तब बाइबल के यह खंड लिखे जा रहे थे और आज के समान संकलित तथा छपे हुए रूप में उपलब्ध नहीं थे। किंतु उस सीमित रूप में भी, संचार व्यवस्था की कमी होते हुए भी, परमेश्वर का वचन अपना कार्य करता रहा, लोगों के मन और जीवन परिवर्तित करता रहा। तब से लेकर आज तक, हर पीढ़ी के मसीही विश्वासी, जहाँ जहाँ गए - चाहे अपने विश्वास के कारण मिले सताव और खदेड़े जाने के कारण, अथवा अपनी यात्रा में, वे परमेश्वर का वचन लोगों को बताते, सुनाते और बाँटते चले गए। उन्होंने परमेश्वर के वचन और उद्धार के सुसमाचार का खुलेआम भी प्रचार किया और गुपचुप रूप में भी किया। लेकिन परमेश्वर का वचन जहाँ भी बोया गया, वहाँ उसने जड़ पकड़ी और लोगों के जीवन में परमेश्वर के उद्धार, मन परिवर्तन और अद्भुत शाँति का फल लाया।

मसीही विश्वास के संसार के प्रत्येक भाग में, मसीही विश्वासियों पर आए हर सताव, प्रताड़ना और झूठे दोषारोपण के बावजूद, बहुतायत से पनपने और बढ़ते चले जाने का एकमात्र कारण है परमेश्वर के वचन की अद्भुत जीवन बदल देने वाली सामर्थ। यदि इस वचन पर विश्वास करने वालों ने इस सामर्थ को स्वतः अपने जीवन में अनुभव न किया होता, तो उनके पास कोई कारण नहीं था कि इतने दुख उठाते हुए भी वे इस वचन का प्रचार और प्रसार पिछले २००० वर्षों से आज तक करते चले आएं।

लेखक हेनरी वैन डाईक ने इस पुस्तकों में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक, बाइबल, के प्रभाव को कुछ ऐसे व्यक्त किया है: "यह पूर्व देश में जन्मी, पूर्वी शैली और प्रतीकों को अपनाया, किंतु बाइबल संसार के हर स्थान में ऐसे घुलमिल जाती है मानो वह उसी क्षेत्र ही की हो; हर देश में यह सहजता से अपनों को पा लेती है। यह संसार की प्रत्येक भाषा में बोलना जानती है; यह संसार में हर प्रकार के और हर परिस्थिति में पड़े मनुष्य के हृदय से बात कर सकती है। यह राजा - महाराजाओं के महलों में जाकर उन्हें समझाती है कि वे परमेश्वर की ओर से नियुक्त प्रजा की देख भाल करने के लिए परमेश्वर के सेवक मात्र ही हैं और रंक की झोपड़ी में जाकर उसे ढाढ़स देती है कि वह राजाओं के राजा सर्वश्क्तिमान परमेश्वर पिता की सन्तान हैं।"

राजधिकरियों, आम लोगों और रंकों ने बाइबल पढ़कर इसके सन्देश पर विश्वास किया है। उनके विश्वास द्वारा देशों में बदलाव आया और संसकृतियों में उन्न्ति हो गई। जब हम बाइबल को पढ़ते हैं, इसके सन्देश पर मनन करते हैं और उसे अपने जीवन में लागू करते हैं तो यह हमारे जीवनों को बदल देती है। इसे पढ़ने और समझने के लिए आप को किसी विशेष भाषा/समुदाय/जाति/वर्ग/शिक्षित स्तर का होना आवश्यक नहीं है। अनपढ़ भी इसके सन्देश को केवल सुनने से ही वही लाभ पा सकता है जो कोई पढ़ा लिखा पढ़ने से पा सकता है क्योंकि परमेश्वर का आत्मा स्वयं इस पुस्तक को अपने प्रत्येक विश्वास करने वालों को सिखाता समझाता है।

बाइबल, एक पुस्तक, प्रत्येक के लिए - क्या आपने इसे पढ़कर देखा है? - डेव एग्नर


बाइबल, बैंक के समान तभी उपयोगी होती है जब वह खुली हुई हो।

क्‍योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में वरन सामर्थ और पवित्र आत्मा, और बड़े निश्‍चय के साथ पहुंचा है; जैसा तुम जानते हो, कि हम तुम्हारे लिये तुम में कैसे बन गए थे। और तुम बड़े क्‍लेश में पवित्र आत्मा के आनन्‍द के साथ वचन को मानकर हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे। - १ थिस्सलुनीकियों १:५, ६


बाइबल पाठ: भजन ११९:४१-४८

Psa 119:41 हे यहोवा, तेरी करूणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वचन के अनुसार, मुझ को भी मिले;
Psa 119:42 तब मैं अपनी नामधराई करने वालों को कुछ उत्तर दे सकूंगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।
Psa 119:43 मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर है।
Psa 119:44 तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूंगा;
Psa 119:45 और मैं चौड़े स्थान में चला फिरा करूंगा, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है।
Psa 119:46 और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के साम्हने भी करूंगा, और संकोच न करूंगा;
Psa 119:47 क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूं, और मैं उन से प्रीति रखता हूं।
Psa 119:48 मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिन में मैं प्रीति रखता हूं, हाथ फैलाऊंगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • एज़्रा ९-१०
  • प्रेरितों १

सोमवार, 13 जून 2011

मसीही समाज

दूसरे विश्वयुद्ध के समय, सन १९४५ में एक पत्रकार क्लैरैंस हॉल अमरिकी सेना के साथ साथ जापान के ओकिनावा क्षेत्र में चल रहा था। उस क्षेत्र का दौरा करते हुए वह और उसकी जीप का चालक एक छोटे शहर में पहुँचे जो उनके समक्ष मसीही समाज का एक उतकृष्ट उदहरण था। पत्रकार ने अपने विवरण में लिखा, "हमने ओकिनावा के अन्य गाँव और कसबे देख रखे थे, सब जगह निराश में डूबे और जीवन से हारे हुए लोग ही मिलते थे। उन सब की तुलना में यह छोटा सा शहर ऐसे लग रहा था मानो कूड़े के ढेर पर हीरा चमक रहा हो। उस शहर में हर जगह हमारा स्वागत मुसकुराते चेहरों और आदर पूर्वक किये गए अभिवादन ने किया। गर्व के साथ वहाँ के वृद्ध लोगों ने अपने साफ सुथरे घर, अपने लहलहाते खेत, अपने अनाज के भण्डार स्थान हमें दिखाए, और अपनी बहुमूल्य चीनी बनाने की मिल भी दिखाई।"

उस शहर में पत्रकार हॉल ने कोई शराबी नहीं देखा, वहाँ कोई कारावास नहीं था और वह समाज तलाक से अन्जान था। कारण ढूँढने पर पता चला कि लगभग ३० वर्ष पूर्व एक मसीही प्रचारक वहाँ आया था, उसके प्रचार से वहाँ के दो वृद्ध लोग मसीही विश्वासी बन गए और वह प्रचारक उन्हें जापानी भाषा में बाइबल की एक प्रति देकर चला गया। उन दोनो नए विश्वासियों ने बाइबल को पढ़ा, उसकी शिक्षाओं को माना तथा उनका पलन किया और फिर वे अपने शहर के लोगों में मसीही जीवन का प्रदर्शन और प्रचार करने लगे। यह सुनकर पत्रकार हॉल के जीप चालक ने टिप्पणी करी, "तो यह परिणाम है केवल एक बाइबल और मसीह के समान जीवन व्यतीत करने का प्रयत्न करने वाले केवल दो बुज़ुर्गों के जीवन का।"

परमेश्वर के वचन की महान सामर्थ मसीह पर विश्वास द्वारा लोगों को पापों की क्षमा और उद्धार तक पहुँचाती है और उन्हें मसीह की समानता में बढ़ने को अग्रसर करती है। मसीह की समानता में आए ये लोग एक विशेष समाज बन जाते हैं; वे एक दूसरे से प्रेम रखते हैं, एक दूसरे को परमेश्वर की निकटता में रहने को उभारते रहते हैं और एक साथ मिलकर परमेश्वर की सेवा में लगे रहते हैं।

हम मसीही विश्वासियों को सदैव इस प्रयास और प्रार्थना में लगे रहना चाहिए कि लोग हमारे जीवनों और हमारे समाज में मसीह के प्रतिरूप को देख सकें और हम संसार के लिए परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए उद्धार की सामर्थ को केवल प्रचार करने वाले ही नहीं, वरन प्रदर्शित करने वाले लोग हों। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

संसार की पतित अवस्था को उन्नत मसीही समाज की अत्यंत आवश्यक्ता है।

पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी, याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्‍धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। - १ पतरस २:९


बाइबल पाठ: प्रेरितों के काम ४:३२-३७

Act 4:32 और विश्वास करने वालों की मण्‍डली एक चित्त और एक मन के थे यहां तक कि कोई भी अपनी सम्पति अपनी नहीं कहता था, परन्‍तु सब कुछ साझे का था।
Act 4:33 और प्रेरित बड़ी सामर्थ से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था।
Act 4:34 और उन में कोई भी दरिद्र न था, क्‍योंकि जिन के पास भूमि या घर थे, वे उन को बेच बेचकर, बिकी हुई वस्‍तुओं का दाम लाते, और उसे प्ररितों के पांवों पर रखते थे।
Act 4:35 और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बांट दिया करते थे।
Act 4:36 और यूसुफ नाम, कुप्रुस का एक लेवी था जिसका नाम प्रेरितों ने बरनबास अर्थात शान्‍ति का पुत्र रखा था।
Act 4:37 उस की कुछ भूमि थी, जिसे उस ने बेचा, और दाम के रूपये लाकर प्रेरितों के पांवों पर रख दिए।

एक साल में बाइबल:
  • एज़्रा ६-८
  • यूहन्ना २१

रविवार, 12 जून 2011

अदृश्य सामर्थ

एक बाइबल वितरक माईकल बिलेस्टर दूसरे विश्व युद्ध से थोड़ा पहले पोलैण्ड के एक छोटे से कसबे में पहुँचा। वह बाइबल की एक प्रति वहाँ के एक निवासी को देकर चला गया। उस व्यक्ति ने बाइबल को पढ़ा और पापों से पश्चाताप किया और प्रभु यीशु को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण कर लिया। इस नए विश्वासी ने बाइबल की वह प्रति एक अन्य व्यक्ति को दी, और उसके साथ भी यही हुआ, फिर उस नए विश्वासी ने वह प्रति किसी और को दी। बाइबल पढ़ने, पाप के लिए कायल होने, मसीही विश्वास में आने और फिर किसी और को बाइबल पढ़ने के लिए दिये जाने का यह सिलसिला उस कसबे में चलता रहा और उस एक बाइबल के द्वारा २०० लोग मसीही विश्वास में आ गए।

१९४० में बिलेस्टर उस कसबे में वापस आया, और विश्वासियों का यह समूह परमेश्वर की आराधना के लिए एकत्रित हुआ। उन्होंने बिलेस्टर से अनुरोध किया कि वह उन्हें बाइबल से कोई सन्देश दे। बिलेस्टर ने सुझाव दिया कि क्यों न उपस्थित लोगों में से जिन्हें याद हों, वे अपनी स्मरण शक्ति से बाइबल के पद सबको सुनाएं। कुछ देर के आपसी विचार विमर्श के बाद उपस्थित समूह में से एक व्यक्ति खड़ा हुआ और बिलेस्टर से बोला, "क्षमा कीजिए, शायद हमारे सुनने में कोई गलती हुई है; आप ने बाइबल के पद सुनाने के लिए कहा है या अध्याय?"

उस कसबे के लोगों ने अपनी एकमात्र बाइबल से केवल कुछ चुनिन्दा पद ही याद नहीं किए थे, वरन पूरे अध्याय याद कर रखे थे और कुछ ने पूरी पुस्तकें ही याद कर लीं थीं। उनमें से १३ लोगों को मत्ती और लूका रचित सुसमाचार और उत्पत्ती की आधी पुस्तक याद थी। एक अन्य व्यक्ति को पूरा भजन संहिता याद था। बिलेस्टर द्वारा दी गई बाइबल - परमेश्वर के जीवते वचन की उस एक प्रति ने, लोगों को पापों के लिए कायल करने और उनके मन और जीवन परिवर्तित करने का अपना कार्य कर दिखाया था।

जो लोग परमेश्वर के वचन बाइबल को अति सामन्य समझते हैं, वे उसमें विद्यमान परमेश्वर की सामर्थ से अनजान हैं। बाइबल की सामर्थ को जानने के लिए उसे नियमित रूप से पढ़िए, उसे अपने हृदय में बसा लीजिए और उसके निर्देषों का पालन कीजिए।

भजनकार के समान परमेश्वर के वचन को अपने हृदय में बसा लीजिए, क्योंकि परमेश्वर का वचन मनुष्य के मन में जड़ पकड़ता है और जीवन में परमेश्वर की धार्मिकता का फल लाता है। - पौल वैन गोर्डर


बाइबल का सही स्थान आपकी अलमारी नहीं, आपका हृदय है।

मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरूद्ध पाप न करूं। - भजन ११९:११


बाइबल पाठ: भजन ११९:९-१६

Psa 119:9 जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन के अनुसार सावधान रहने से।
Psa 119:10 मैं पूरे मन से तेरी खोज मे लगा हूं, मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!
Psa 119:11 मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरूद्ध पाप न करूं।
Psa 119:12 हे यहोवा, तू धन्य है, मुझे अपनी विधियां सिखा!
Psa 119:13 तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैं ने अपने मुंह से किया है।
Psa 119:14 मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानों सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूं।
Psa 119:15 मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूंगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूंगा।
Psa 119:16 मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा और तेरे वचन को न भूलूंगा।

एक साल में बाइबल:
  • एज़्रा ३-५
  • यूहन्ना २०

शनिवार, 11 जून 2011

दर्पण

जटिल आपसी समस्याओं के कारण एक परिवार विभाजित हो गया। पारिवारिक उथल पुथल से परेशान उनका एक बेटा किसी अन्य के साथ रहने चला गया, और कुछ समय में वह उसे ही अपना घर समझने लगा। एक दिन टेलिविज़न पर खोए हुए बच्चों से संबंधित कार्यक्रम देखते समय हुए उसने अपनी तस्वीर को पहचाना और अपने असली परिवार की जनकारी देखी, तब उसे एहसास हुआ कि उसका वास्तविक परिवार और घर कहीं और है। उसने यह बात अपनी आया को बताई, आया ने संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया और कुछ समय के बाद वह बेटा अपने वासत्विक घर में अपने परिवार के साथ था।

यह घटना पढ़ कर मुझे बाइबल में २ राजा २२ अध्याय में वर्णित योशिय्याह राजा की याद आई। योशिय्याह एक भला राजा था, परमेश्वर का भय मानता था और वह अपने तथा अपने राज्य के आत्मिक जीवन के संबंध में निश्चिंत था कि वे सही मार्ग पर हैं। उसने परमेश्वर के भवन की सफाई करवाने के लिए पुरोहितों से कहा और उन्हें सफाई के समय वहाँ परमेश्वर के लिखित वचन की एक प्रति मिली। पुरोहित परमेश्वर के वचन की प्रति को योशिय्याह राजा के पास लाया और उसे परमेश्वर का वचन पढ़कर सुनाया। जब योशिय्याह ने परमेश्वर का वचन सुना और उसके समक्ष अपने आप को जाँचा तब उसे एहसास हुआ कि वह और उसकी प्रजा वास्तव में परमेश्वर से कितने दूर हैं और उसकी आज्ञाओं के उल्लंघन में जीवन व्यतीत कर रहे हैं - उनके पाप ने उन्हें परमेश्वर से दूर कर रखा है। योशिय्याह राजा ने अपनी वास्तविक दशा से व्यथित हो कर अपने कपड़े फाड़ डाले और पश्चाताप किया और परमेश्वर की नबी के पास भेजकर परमेश्वर की इच्छा पता करवाई तथा परमेश्वर की ओर लौट आया। योशिय्याह के साथ साथ उसकी प्रजा ने भी पश्चाताप किया और परमेश्वर की ओर मन फिराया (२ राजा २३)। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि योशिय्याह राजा और उसकी प्रजा ने अपने वास्तविक स्वरूप को परमेश्वर के वचन के दर्पण में देखा और पहचाना कि उनकी वास्तविक स्थिति वह नहीं थी जिसे वे मान कर बैठे हुए थे।

यही बात कई बार हमारे व्यक्तिगत जीवन में भी होती है, हम मान लेते हैं कि हम आत्मिक रूप से ठीक हैं और अपनी इन्हीं भावनाओं के आधार पर चलते रहते हैं, जबकि हमारे जीवन में छुपा हुआ पाप हमें परमेश्वर से दूर किये हुए होता है। परमेश्वर ने अपना वचन बाइबल हमें इसलिए दिया कि एक दर्पण के समान वह हमें हमारी वास्तविक दशा दिखा सके। जब हम सच्चे मन से बाइबल को पढ़ने लगते हैं तो वास्तव में हम बाइबल को नहीं पढ़ रहे होते, बाइबल हमें पढ़ती है, हम पर हमारी असलियत प्रगट कर देती है और हमें बोध होता है कि हमारी वास्तविक दशा क्या है।

जहाँ कहीं परमेश्वर हमें हमारे पाप का बोध कराए, हमें उस बात के लिए पश्चाताप और परमेश्वर से क्षमा याचना करके अपने संबंध परमेश्वर से सही कर लेने चाहिएं। तब ही हम अपने सही स्थान पर लौट सकते हैं और बने रह सकते हैं। - मार्ट डी हॉन


कोई भी अन्य पुस्तक हमारे ज्ञानवर्धन के लिए हो सकती है; किंतु पाप से मन परिवर्तन के लिए केवल बाइबल ही सक्षम है।

व्यवस्था की उस पुस्तक की बातें सुनकर राजा ने अपने वस्त्र फाड़े। - २ राजा २२:११


बाइबल पाठ: २ राजा २२:८-२०

2Ki 22:8 और हिलकिय्याह महायाजक ने शापान मंत्री से कहा, मुझे यहोवा के भवन में व्यवस्था की पुस्तक मिली है; तब हिलकिय्याह ने शापान को वह पुस्तक दी, और वह उसे पढ़ने लगा।
2Ki 22:9 तब शापान मंत्री ने राजा के पास लौटकर यह सन्देश दिया, कि जो चान्दी भवन में मिली, उसे तेरे कर्मचारियों ने थैलियों में डाल कर, उनको सौंप दिया जो यहोवा के भवन में काम कराने वाले हैं।
2Ki 22:10 फिर शपान मंत्री ने राजा को यह भी बता दिया, कि हिलकिय्याह याजक ने उसे एक पुस्तक दी है। तब शपान उसे राजा को पढ़कर सुनाने लगा।
2Ki 22:11 व्यवस्था की उस पुस्तक की बातें सुनकर राजा ने अपने वस्त्र फाड़े।
2Ki 22:12 फिर उस ने हिलकिय्याह याजक, शापान के पुत्र अहीकाम, मीकायाह के पुत्र अकबोर, शापान मंत्री और असाया नाम अपने एक कर्मचारी को आज्ञा दी,
2Ki 22:13 कि यह पुस्तक जो मिली है, उसकी बातों के विष्य तुम जाकर मेरी और प्रजा की और सब सहूदियों की ओर से यहोवा से पूछो, क्योंकि यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इस कारण भड़की है, कि हमारे पुरखाओं ने इस पुस्तक की बातें न मानी कि कुछ हमारे लिये लिखा है, उसके अनुसार करते।
2Ki 22:14 हिलकिय्याह याजक और अहीकाम, अकबोर, शापान और असाया ने हुल्दा नबिया के पास जाकर उस से बातें की, वह उस शल्लूम की पत्नी थी जो तिकवा का पुत्र और हर्हस का पोता और वस्त्रों का रखवाला था, (और वह स्त्री यरूशलेम के नये टोले में रहती थी) ।
2Ki 22:15 उस ने उन से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि जिस पुरुष ने तुम को मेरे पास भेजा, उस से यह कहो,
2Ki 22:16 यहोवा यों कहता है, कि सुन, जिस पुस्तक को यहूदा के राजा ने पढ़ा है, उसकी सब बातों के अनुसार मैं इस स्थान और इसके निवासियों पर विपत्ति डाला चाहता हूँ।
2Ki 22:17 उन लोगों ने मुझे त्याग कर पराये देवताओं के लिये धूप जलाया और अपनी बनाई हुई सब वस्तुओं के द्वारा मुझे क्रोध दिलाया है, इस कारण मेरी जलजलाहट इस स्थान पर भड़केगी और फिर शांत न होगी।
2Ki 22:18 परन्तु यहूदा का राजा जिस ने तुम्हें यहोवा से पूछने को भेजा है उस से तुम यों कहो, कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा कहता है।
2Ki 22:19 इसलिये कि तू वे बातें सुनकर दीन हुआ, और मेरी वे बातें सुनकर कि इस स्थान और इसके निवासियों देखकर लोग चकित होंगे, और शाप दिया करेंगे, तू ने यहोवा के साम्हने अपना सिर नवाया, और अपने वस्त्र फाड़कर मेरे साम्हने रोया है, इस कारण मैं ने तेरी सुनी है, यहोवा की यही वाणी है।
2Ki 22:20 इसलिये देख, मैं ऐसा करूंगा, कि तू अपने पुरखाओं के संग मिल जाएगा, और तू शांति से अपनी कबर को पहुंचाया जाएगा, और जो विपत्ति मैं इस स्थान पर डाला चाहता हूँ, उस में से तुझे अपनी आखों से कुछ भी देखना न पड़ेगा। तब उन्होंने लौटकर राजा को यही सन्देश दिया।

एक साल में बाइबल:
  • एज़्रा १, २
  • यूहन्ना १९:२३-४२

शुक्रवार, 10 जून 2011

सुरक्षा

सुरक्षा के अनेक स्वरूप होते हैं। खतरा आने पर खरगोश अपने बिल में और हिरन झाड़ियों में छिप जाता है; डर कर एक छोटा बच्चा अपने पिता की टाँगों से लिपटकर, तो युद्ध में एक सैनिक तोपखाने के बचावी हमले में अपने आप को सुरक्षित अनुभव करता है। लेकिन खतरे का आभास होने पर एक मसीही विश्वासी को क्या करना चाहिए? उसकी सुरक्षा क्या है?

जब दाउद ने भजन ३१ लिखा था तब वह जानता था कि उसके लिए परिस्थितियाँ ठीक नहीं हैं। वह कमज़ोर, थका हुआ और दुख में था; उसका दिल टूट चुका था। उसके शत्रु उसका पीछा कर रहे थे और उसके मित्र उसे छोड़ कर भाग चुके थे। दाउद शरीर और सामर्थ में कमज़ोर तो था लेकिन असहाय और असुरक्षित नहीं था। वह जानता था कि परमेश्वर ही उसकी सुरक्षा का सर्वोत्तम स्थान है और परमेश्वर से उसके सही संबंध ही उसकी सुरक्षा की सही और सबसे कारगर नीति हैं। उसने अपनी सुरक्षा परमेश्वर में ही ढूँढी। जैसे जब किसी धौंस देने वाले बदमाश के आगे एक बच्चा अपने बड़े भाई को सहायता के लिए पुकाराता है, दाउद ने परमेश्वर को पुकारा। क्योंकि दाउद परमेश्वर की संगति में रहता था, उसने अपने आप को उसी की सुरक्षा में छुपा लिया जो उससे कभी न बदलने वाले प्रेम से प्रेम रखता था और पहले भी अनेक बार उसकी सहायता कर चुका था।

दाउद के समान क्या हम भी परमेश्वर में अपनी सुरक्षा को खोजने के लिए ऐसे ही तत्पर रहते हैं? परमेश्वर सदैव विश्वासयोग्य है; वह दाउद के लिए छिपने का सुरक्षित स्थान था, वह हमारे लिए भी मुसीबत में छिपने का सुरक्षित स्थान है। - मार्ट डी हॉन


मसीही विश्वासी की सुरक्षा खतरे की अनुपस्थिति से नहीं वरन उसके साथ परमेश्वर की उपस्थिति से है।

क्योंकि तू मेरे लिये चट्टान और मेरा गढ़ है इसलिये अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई कर, और मुझे आगे ले चल। - भजन ३१:३


बाइबल पाठ: भजन ३१:१-१६
Psa 31:1 हे यहोवा मेरा भरोसा तुझ पर है, मुझे कभी लज्जित होना न पड़े? तू अपने धर्मी होने के कारण मुझे छुड़ा ले!
Psa 31:2 अपना कान मेरी ओर लगा कर तुरन्त मुझे छुड़ा ले!
Psa 31:3 क्योंकि तू मेरे लिये चट्टान और मेरा गढ़ है इसलिये अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई कर, और मुझे आगे ले चल।
Psa 31:4 जो जाल उन्होंने मेरे लिये बिछाया है उस से तू मुझ को छुड़ा ले, क्योंकि तू ही मेरा दृढ़ गढ़ है।
Psa 31:5 मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूं; हे यहोवा, हे सत्यवादी ईश्वर, तू ने मुझे मोल लेकर मुक्त किया है।
Psa 31:6 जो व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं, उन से मैं घृणा करता हूं परन्तु मेरा भरोसा यहोवा ही पर है।
Psa 31:7 मैं तेरी करूणा से मगन और आनन्दित हूं, क्योंकि तू ने मेरे दु:ख पर दृष्टि की है, मेरे कष्ट के समय तू ने मेरी सुधि ली है,
Psa 31:8 और तू ने मुझे शत्रु के हाथ में पड़ने नहीं दिया; तू ने मेरे पांवों को चौड़े स्थान में खड़ा किया है।
Psa 31:9 हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर क्योंकि मैं संकट में हूं; मेरी आंखे वरन मेरा प्राण और शरीर सब शोक के मारे घुले जाते हैं।
Psa 31:10 मेरा जीवन शोक के मारे और मेरी अवस्था कराहते कराहते घट चली है; मेरा बल मेरे अधर्म के कारण जाता रह, ओर मेरी हडि्डयां घुल गईं।
Psa 31:11 अपने सब विरोधियों के कारण मेरे पड़ोसियों में मेरी नामधराई हुई है, अपने जान पहिचान वालों के लिये डर का कारण हूं; जो मुझ को सड़क पर देखते है वह मुझ से दूर भाग जाते हैं।
Psa 31:12 मैं मृतक की नाई लोगों के मन से बिसर गया, मैं टूटे बासन के समान हो गया हूं।
Psa 31:13 मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना, चारों ओर भय ही भय है! जब उन्होंने मेरे विरूद्ध आपस में सम्मति की तब मेरे प्राण लेने की युक्ति की।
Psa 31:14 परन्तु हे यहोवा मैं ने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैं ने कहा, तू मेरा परमेश्वर है।
Psa 31:15 मेरे दिन तेरे हाथ में है, तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सताने वालों के हाथ से छुड़ा।
Psa 31:16 अपने दास पर अपने मुंह का प्रकाश चमका; अपनी करूणा से मेरा उद्धार कर।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास ३४-३६
  • यूहन्ना १९:१-२२

गुरुवार, 9 जून 2011

छिपने का स्थान

अमरीकी राष्ट्रपति जौन कैनेडी ने कहा था कि प्रत्येक दिन हमें भयानक विपत्ति के क्षण के नज़दीक लाता जा रहा है। एक वैज्ञानिक पत्रिका Bulletin of Atomic Scientists एक २४ घंटे की घड़ी और उसकी सूईयों के द्वारा मानव इतिहास को दर्शाते हैं। मानव विनाश के खतरे की गंभीरता के अनुसार घड़ी की सूईयाँ आगे या पीछे करी जाती हैं और उनकी घड़ी के अनुसार २४ घंटे पूरे होने में कुछ ज़्यादा देर नहीं है। मानव जाति के विनाश के खतरे बढते ही जा रहे हैं, हर जगह फैलते हुए आतंकवाद और परमाणु अस्त्रों की उपस्थिति ने इस खतरे को बहुत बढ़ा दिया है। वैज्ञानिकों में इस बात पर कोई दो राय नहीं है कि यदि परमाणु युद्ध हुआ तो ममानव जाति का विनाश तय है।

अपनी पुस्तक No Place to Hide में एक वैज्ञानिक डॉ। डेविड ब्रैडली, जो परमाणु अस्त्रों के प्रारंभिक दिनों में उनके परीक्षण के समय निकली विकिरण और ऊर्जा का निरीक्षण करते थे, ने लिखा "अगर हम विचारें कि हमारे शरीर में रेडियम के एक ग्राम का दस लाखवाँ भाग भी यदि आ जाए तो हमारे लिए घातक हो जाएगा, तो यह तथ्य हमारा ध्यान Calculus से हटकर मसीही विश्वास की ओर ले जाने के लिए काफी है।" उनका यह कहना बिलकुल सही है क्योंकि मसीही विश्वासी जैसा परमेश्वर के प्रेम और उपस्थिति में सुरक्षित है, वैसा और कोई कहीं भी नहीं है।

भजन ९१ में भजनकार ने प्रभु परमेश्वर को, उसकी सुरक्षा के गुण के लिए कई संज्ञाएं दी हैं जैसे, छिपने का गुप्त स्थान, छाया मिलने (अर्थात निकट होने) का स्थान, शरणस्थान, दृढ़ गढ़, रक्षक, छुटकारा देने वाला आदि, क्योंकि हम उसमें सदा सुरक्षित हैं। चाहे हमारा खतरा परमाणु युद्ध से हो, किसी बीमारी से हो, किसी पारिवारिक परेशानी से हो या किसी शैतानी आक्रमण से हो, कोई भी या कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो, परमेश्वर हमारा दृढ़ गढ़ बना रहता है।

किसी भी मसीही विश्वासी के लिए इन खतरनाक अनिश्चित दिनों में परमेश्वर ही एकमात्र निशित सुरक्षित छिपने का स्थान है। - डेव एग्नर


परमेश्वर हमारे जितना निकट बना रहता है, उतना निकट कोई भी खतरा कभी नहीं आ सकता।

तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है। - भजन ११९:११४

बाइबल पाठ: भजन ११९:११३-१२०

Psa 119:113 मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।
Psa 119:114 तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।
Psa 119:115 हे कुकर्मियों, मुझ से दूर हो जाओ, कि मैं अपने परमेश्वर की आज्ञाओं को पकड़े रहूं।
Psa 119:116 हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल, कि मैं जीवित रहूं, और मेरी आशा को न तोड़!
Psa 119:117 मुझे थाम रख, तब मैं बचा रहूंगा, और निरन्तर तेरी विधियों की ओर चित्त लगाए रहूंगा!
Psa 119:118 जितने तेरी विधियों के मार्ग से भटक जाते हैं, उन सब को तू तुच्छ जानता है, क्योंकि उनकी चतुराई झूठ है।
Psa 119:119 तू ने पृथ्वी के सब दुष्टों को धातु के मैल के समान दूर किया है; इस कारण मैं तेरी चितौनियों में प्रीति रखता हूं।
Psa 119:120 तेरे भय से मेरा शरीर कांप उठता है, और मैं तेरे नियमों से डरता हूं।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास ३२-३३
  • यूहन्ना १८:१९-४०

बुधवार, 8 जून 2011

परमेश्वर सदा हमारे साथ है

एक व्यक्ति ने दूसरे से पूछा, "आप क्यों कहते हैं कि परमेश्वर हर जगह विद्यमान है, मुझे तो यहाँ कहीं कोई परमेश्वर नहीं दिखाई दे रहा?" पहले ने कहा, "महोदय, आप ज़रा अपनी आँखें बन्द कीजिए, मैं अभी यहीं आपको परमेश्वर का आभास करवाए देता हूँ।" दूसरे ने जैसे ही आँखें बन्द करीं, पहले ने कसकर उसके मूँह पर एक तमाचा मार दिया। पहला भिन्ना कर बोला, "यह क्या किया?" दूसरे ने बड़े भोलेपन से पूछा, "क्यों, क्या हुआ?" पहला बोला, "आपने मुझे तमाचा मारा।" पहले ने फिर प्रश्न किया, "क्या आपने देखा कि मैंने तमाचा मारा है?" दूसरे ने झल्लाकर कहा, "देखा नहीं तो क्या हुआ, अनुभव तो किया; अभी भी तेज़ दर्द हो रहा है।" पहले ने कहा, "महोदय बस यही बात आपको समझानी थी, परमेश्वर चाहे दिखाई न भी दे, हम उसे महसूस अवश्य कर सकते हैं। ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ परमेश्वर उपस्थित न हो।"

परमेश्वर के सर्वविद्यमान होने का गुण एक मसीही विश्वासी के लिए आशा और प्रोत्साहन का स्त्रोत है। बहुत साल पहले प्रचारक थोमस चाल्मर्स ने लिखा, "जब मैं मार्ग पर चल रहा होता हूँ, तो परमेश्वर मेरे साथ चल रहा होता है। अगर मैं मित्र मंडली में आकर उस की उपस्थिति को भूल भी जाता हूँ, तब भी वह मुझे छोड़ नहीं देता। रात्रि के पलों में जब मेरी आँखें बन्द होती हैं और मेरी आत्मा बेसुध होती है, तब भी उसकी कभी न ऊँघने वाली निगाहें मुझ पर बनी रहती हैं। मैं चाहे जहाँ चला जाऊँ, मैं उसकी उपस्थिति से दूर नहीं हो सकता। वह सदा मेरा मार्गदर्शन करता है, मेरी देखभाल करता है, मेरी रक्षा करता है।"

हम मसीही विश्वासीयों के लिए यह निश्चित है कि हम कहीं भी जाएं, परमेश्वर सदैव हमारे साथ चलता है, हमारी अगुवाई करता है, हमारी सहायता करता है, हमें सांत्वना देता है और आशीष देता है। हम इस बात में निश्चित और सन्तुष्ट रह सकते हैं कि चाहे अन्देखा हो, परन्तु परमेश्वर सदा हमारे साथ है। - डेव एग्नर


प्रश्न यह नहीं है कि "परमेश्वर कहाँ है?" वरन प्रश्न यह है कि "परमेश्वर कहाँ नहीं है?"

यहोवा की यह वाणी है, क्या मैं ऐसा परमेश्वर हूँ, जो दूर नहीं, निकट ही रहता हूँ? फिर यहोवा की यह वाणी है, क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूं? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझ से परिपूर्ण नहीं हैं? - यिर्मयाह २३:२३, २४


बाइबल पाठ: भजन १३९:१-१२

Psa 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।
Psa 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।
Psa 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है।
Psa 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो।
Psa 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है।
Psa 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है, यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
Psa 139:7 मैं तेरे आत्मा से भागकर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं?
Psa 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है!
Psa 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़कर समुद्र के पार जा बसूं,
Psa 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।
Psa 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्धेरा हो जाएगा,
Psa 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी, क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास ३०-३१
  • यूहन्ना १८:१-१८

मंगलवार, 7 जून 2011

अनुग्रह की भुजाएं

एक स्त्री जो बहुत कठिन परिस्थितियों से होकर निकल रही थी प्रचारक हिनसन के पास आयी और अपनी परेशानी बताकर कहने लगी कि, "मुझे बड़ा डर है कि मैं कहीं गिर न पड़ूँ।" प्रचारक हिनसन ने उससे कहा, "अच्छा, तो फिर आप गिर क्यों नहीं जातीं?" स्त्री ने पूछा, "यदि मैं गिरी तो कहाँ जाऊंगी?" प्रचारक ने सरल भाव से उत्तर दिया, "आप परमेश्वर की अनन्त बाहों में गिरेंगी। वह सदा अपनी बाहें अपने बच्चों के नीचे फैलाए रहता है, और मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि यदि आप उसकी बाहों में गिरेंगे तो यह तय है कि फिर उन बाहों के घेरे के बाहर कहीं नहीं गिर सकते।"

जब मैं व्यवस्थाविवरण ३३ पढ़ रहा था तो मुझे एडा हैबरशौअन द्वारा लिखा एक पुराना भजन स्मरण आया, "जब मुझे भय हो कि मैं गिर जाऊँगी, तब मसीह मुझे थाम लेगा; जब शैतान मुझ पर प्रबल होना चाहे, तब मसीह मुझे थाम लेगा।"

एक मसीही विश्वासी अपने परमेश्वर पिता की कभी न क्षय होने वाली सामर्थ में निशचिंत होकर आश्रय ले सकता है। परमेश्वर हमें अपने इस संरक्षण का निश्च्य याशायाह ४१:१० में देता है, जहाँ वह कहता है कि, "मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा।" हमारे प्रभु यीशु ने हमारे लिए प्रार्थना करी, "हे पवित्र पिता, अपने उस नाम से जो तू ने मुझे दिया है, उन की रक्षा कर, कि वे हमारी नाई एक हों" (युहन्ना १७:११) - और उसकी प्रार्थना का कभी इन्कार नहीं होगा।

हमारे प्रभु ने हमें परमेश्वर पिता के हाथों में सुरक्षित रखे जाने के लिए सौंप दिया है। अब यदि हम लड़खड़ा कर गिरें भी, तौ भी परमेश्वर के अनन्त अनुग्रह की भुजाओं में ही गिरेंगे। - डेव एग्नर


जब हम ऐसी परिस्थिति में पहुँचें जहाँ परमेश्वर के अलावा और कोई रास्ता न हो, तो हम पाएंगे कि परमेश्वर के अलावा हमें किसी और रास्ते की आवश्यक्ता भी नहीं है।

अनादि परमेश्वर तेरा गृहधाम है, और नीचे सनातन भुजाएं हैं। वह शत्रुओं को तेरे साम्हने से निकाल देता, और कहता है, उनको सत्यानाश कर दे। - व्यवस्थाविवरण ३३:२७

बाइबल पाठ: भजन २७:१-६

Psa 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है, मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं?
Psa 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psa 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरूद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरूद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशिचित रहूंगा।
Psa 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा, कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।
Psa 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा, अपने तम्बू के गुप्तस्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
Psa 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा और उसका भजन गाऊंगा।

एक साल में बाइबल: २ इतिहास २८-२९ यूहन्ना १७

सोमवार, 6 जून 2011

परमेश्वर - हमारी ढाल

मैं एक अंतरिक्ष संग्रहालय देखने गया, और वहँ रखे उन अंतरिक्ष कैप्सूलों को देखकर अचंभित हुआ जिनमें अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष यात्रा करके वापस आते थे। इन कैप्सूलों पर लगे ताप प्रतिरोधक ढाल की ओर मेरा ध्यान आकर्षित हुआ। विशेष रीति और वस्तुओं से बनाए गए और परत के उपर परत करके लगाए गए ये ताप प्रतिरोधक ही थे जिन्होंने कैप्सूल के अन्दर बैठे अंतरिक्ष यात्रियों को जल कर भस्म होने से बचाए रखा, जब उनका अंतरिक्ष यान पुनः धरती के वायुमण्डल में प्रवेश करके नीचे उतरता था और वायुघर्षण से यान का बाहरी तापमान अत्यंत उच्च हो जाता था। यदि यह रक्षक ढाल न होती तो अंतरिक्ष यात्रा से लौट पाना भी संभव नहीं होता।

लेकिन एक और रक्षक ढाल है जो मुझे इससे भी अधिक आश्चर्य में डालती है - पृथ्वी को घेरे हुए विशाल चुम्बकीय क्षेत्र की ढाल, जिसे वैज्ञानिक हीलियोस्फीयर कहते हैं और जो पृथ्वी और उस पर बसने वाले प्राणियों को अत्याधिक उर्जामय बाह्य अंतरिक्ष से आने वाली किरणों cosmic rays द्वारा होने वाले नुकसान से बचाए रखती है। यदि यह हीलियोस्फीयर की ढाल न हो तो ये किरणें पृथ्वी तक पहुँच जाएं और तब पृथ्वी पर जीवन संभव ही नहीं है।

जब मैं अंतरिक्ष यात्रियों की ताप प्रतिरोधक ढाल और पृथ्वी की हीलियोस्फीयर ढाल के बारे में सोच रहा था तो मुझे एक और ढाल का ध्यान आया, जो हर परिस्थिति के लिए सबसे उत्तम और कारगर ढाल है - स्वयं परमेश्वर। दाउद ने अपने भजन में लिखा, "यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है" (भजन १८:२)। दाउद जानता था कि परमेश्वर ही है जो उसे विरोधी संसार में सुरक्षित रख सकता है, और उसने परमेश्वर की इस अद्भुत सुरक्षा को अपने जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में सदैव अनुभव किया।

दाउद के समान हम भी अपना विश्वास उस जीवते परमेश्वर पर रख सकते हैं और उसकी सुरक्षा को अनुभव कर सकते हैं। चाहे शैतान हमारा कितना भी विरोध करे और संसार हमारा कैसा भी बैरी हो, हमारा प्रभु सदैव हमारा रक्षक बना रहता है। जब कभी हमें परिस्थितियों से घबराहट हो, या यह लगे कि हमारे विरोधी अति प्रबल हैं, तो यह वास्तविकता हमें सांत्वना और शांति देती है कि हमारी सुरक्षा की ढाल, हमारा प्रभु परमेश्वर, संसार या शैतान से कहीं अधिक बलवंत है और उनके द्वारा किये जाने वाले किसी भी प्रहार से हमारी रक्षा भली भांति कर सकता है। - डेव एग्नर


जीवन की आँधियों के विरुद्ध नहीं वरन जीवन की आँधियों में परमेश्वर हमारी सिद्ध सुरक्षा रहता है।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है। - भजन १८:२



बाइबल पाठ: भजन १८:१-६

Psa 18:1 हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं।
Psa 18:2 यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है।
Psa 18:3 मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा, इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।
Psa 18:4 मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया;
Psa 18:5 पाताल की रस्सियां मेरे चारो ओर थीं, और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे।
Psa 18:6 अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा, मैं ने अपने परमेश्वर को दोहाई दी। और उस ने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास २५-२७
  • यूहन्ना १६