अमेरिका की एक पत्रिका में एक लेखक बताता है कि कैसे आजकल कुछ माँ-बाप अपने बच्चों को सब धर्मों का समान परिचय देना चाहते हैं। एमा ड्रॉइलार्ड, जो धार्मिक रीतियाँ करवाती हैं, के पास एक दम्पति आये, और अपनी बच्ची ग्रियर के लिये एक प्र्कार की रीति करवाने की इच्छा व्यक्त की। माँ ने कहा कि हम चाहते हैं कि कोई विशाल आत्मा हमारी बेटी का मार्गदर्शन करे। एक विशेष विश्वास पर ज़ोर न दिया जाये। मसीही विश्वास का एक बहुत हल्का रूप एक सामन्य नीतिबोध ही उसे देना है, जिसमें स्वर्गदूत, परियों, प्रेत आत्माओं और सान्ताक्लास पर विश्वास होता हो।"
यह आज की हमारी संस्कृति में आत्मिक सत्यों को बहुत कम महत्त्व देने वाली प्रवृति का उदहरण है।
प्रेरित पौलुस ने तिमुथियुस को सावधान किया कि एक समय आयेगा, जब लोग ’हल्के’ आत्मिक भोजन चाहेंगे और "खरा उपदेश न सह सकेंगे" (२ तिमुथियुस ४:३,४)। उसने पहले से चिता दिया कि झूठे उपदेशों की भरमार होगी और ऐसे उपदेश ही लोगों को ग्रहण योग्य होंगे, क्योकि वे लोगों की शारीरिक अभिलाषाओं को तृप्त करने वाले होंगे। वे खराई नहीं अपितु मनोरन्जन चाहते हैं और अपने को अच्छा बताने वाले उपदेश सुनना चाहते हैं।
पौलुस ने तिमुथियुस को सचेत किया कि उसे परमेश्वर के वचन पर निरभर होकर और परमेश्वर के वचन के खरे सिद्धांत सिखाकर ही इस प्रवृति का सामना करना है। ऐसे खरे उपदेश का लक्षय होना चाहिये सही शिक्षा देना, डांटना और समझाना (पद २)।
विश्वासियों को चाहिये कि वे परमेश्वर के वचन को सिखाएं और मानें, केवल प्रचलित संस्कृति की खुजली न करें। - मार्विन विलिअम्स
ऐसा समय आयेगा कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे। - २ तिमुथियुस ४:३
एक साल में बाइबल:
यह आज की हमारी संस्कृति में आत्मिक सत्यों को बहुत कम महत्त्व देने वाली प्रवृति का उदहरण है।
प्रेरित पौलुस ने तिमुथियुस को सावधान किया कि एक समय आयेगा, जब लोग ’हल्के’ आत्मिक भोजन चाहेंगे और "खरा उपदेश न सह सकेंगे" (२ तिमुथियुस ४:३,४)। उसने पहले से चिता दिया कि झूठे उपदेशों की भरमार होगी और ऐसे उपदेश ही लोगों को ग्रहण योग्य होंगे, क्योकि वे लोगों की शारीरिक अभिलाषाओं को तृप्त करने वाले होंगे। वे खराई नहीं अपितु मनोरन्जन चाहते हैं और अपने को अच्छा बताने वाले उपदेश सुनना चाहते हैं।
पौलुस ने तिमुथियुस को सचेत किया कि उसे परमेश्वर के वचन पर निरभर होकर और परमेश्वर के वचन के खरे सिद्धांत सिखाकर ही इस प्रवृति का सामना करना है। ऐसे खरे उपदेश का लक्षय होना चाहिये सही शिक्षा देना, डांटना और समझाना (पद २)।
विश्वासियों को चाहिये कि वे परमेश्वर के वचन को सिखाएं और मानें, केवल प्रचलित संस्कृति की खुजली न करें। - मार्विन विलिअम्स
परमेश्वर के वचन पर स्थिर रहो तो गलत सिद्धांतों के फंदे में नहीं पड़ोगे।
बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:१-८ऐसा समय आयेगा कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे। - २ तिमुथियुस ४:३
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण ५-७
- मरकुस ११:१-१८
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