बैतलहेम की वह रात, जिस रात उसने राजाओं के राजा को जन्म दिया, सहमी हुई युवती मरियम के लिये शान्त और सौम्य नहीं रही होगी। मरियम के पास अपने शिशु के जन्म की पीड़ा को सहने में सहायातार्थ सिवाय उसके बढ़ई पति यूसुफ के सख्त और खुरदुरे हाथों के और कुछ नही था। निकट के मैदानों में चरवाहों ने तो उस शिशु के जन्म की खुशी में स्वर्गदूतों से गीत सुने परन्तु मरियम और युसुफ के लिये तो गौशाला के जान्वरों की, प्रसव पीड़ा की और नवजात शिशु के रोने की आवाज़ ही थी। बाहर आकाश में एक विशेष सितारा अपनी चमक बिखेर रहा था, लेकिन इन दो परदेशी आगन्तुकों के लिये गौशाला का निरानन्द दृश्य ही था।
जब युसुफ ने मरियम के हाथों में उस शिशु को रखा तो विस्मय, पीड़ा, भय और आनन्द की मिली-जुली भावनाएं उसके हृदय से होकर गुज़री होंगी। स्वर्गदूत की प्रतिज्ञा के कारण वह जानती थी कि कपड़े में लिपटा यह नन्हा सा बालक "परमप्रधान का पुत्र" (लूका १:३२) है, और जब उस धुंधली सी रौशनी में मरियम ने उस शिशु की आंखों में झांक कर फिर युसुफ की ओर देखा होगा तो उसे असमंजस हुआ होगा कि वह कैसे सृष्टि के चलाने वाले और ऐसे अधिपति के मातृत्व की ज़िम्मेवारी संभाल पाएगी, जिसके राज्य का कोई अन्त नहीं होगा।
उस विशेष रात्रि को मरियम के लिये विचार करने को बहुत कुछ था।
अब २००० वर्ष के पश्चात, हम में से प्रत्येक को यीशु के जन्म के महत्व और बाद में उसके मारे जाने, पुनुरुत्थान और फिर लौट कर आने के वायदे के बारे में गंभीरता से विचार करने की आवश्यक्ता है। - डेव ब्रैनन
परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। - लूका २:१९
बाइबल पाठ: लूका १:२६-३५
छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया।
जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था।
और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है।
वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है?
स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम, भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है।
और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा, तू उसका नाम यीशु रखना।
वह महान होगा और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा।
और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा और उसके राज्य का अन्त न होगा।
मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं।
स्वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया कि पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होने वाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।
एक साल में बाइबल:
जब युसुफ ने मरियम के हाथों में उस शिशु को रखा तो विस्मय, पीड़ा, भय और आनन्द की मिली-जुली भावनाएं उसके हृदय से होकर गुज़री होंगी। स्वर्गदूत की प्रतिज्ञा के कारण वह जानती थी कि कपड़े में लिपटा यह नन्हा सा बालक "परमप्रधान का पुत्र" (लूका १:३२) है, और जब उस धुंधली सी रौशनी में मरियम ने उस शिशु की आंखों में झांक कर फिर युसुफ की ओर देखा होगा तो उसे असमंजस हुआ होगा कि वह कैसे सृष्टि के चलाने वाले और ऐसे अधिपति के मातृत्व की ज़िम्मेवारी संभाल पाएगी, जिसके राज्य का कोई अन्त नहीं होगा।
उस विशेष रात्रि को मरियम के लिये विचार करने को बहुत कुछ था।
अब २००० वर्ष के पश्चात, हम में से प्रत्येक को यीशु के जन्म के महत्व और बाद में उसके मारे जाने, पुनुरुत्थान और फिर लौट कर आने के वायदे के बारे में गंभीरता से विचार करने की आवश्यक्ता है। - डेव ब्रैनन
परमेश्वर हमारे साथ रहने आया, जिससे हमें उसके साथ निवास करने का मार्ग मिल सके।
परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। - लूका २:१९
बाइबल पाठ: लूका १:२६-३५
छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया।
जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था।
और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है।
वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है?
स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम, भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है।
और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा, तू उसका नाम यीशु रखना।
वह महान होगा और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा।
और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा और उसके राज्य का अन्त न होगा।
मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं।
स्वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया कि पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होने वाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।
एक साल में बाइबल:
- सपन्याह १-३
- प्रकाशितवाक्य १६
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