जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति एब्राहम लिंकन का परिचय लेखिका हैरियट बीचर स्टोव से करवाया गया तो कहा जाता है कि उन्हों ने उन से कहा कि "आप ही वह छोटी सी नारी हैं जिनकी लिखी पुस्तक के कारण यह बड़ा युध्द आरंभ हुआ।"
यद्यपि राष्ट्रपति लिंकन की यह टिपण्णी पूर्ण्तया गंभीरता सहित नहीं वरन कुछ विनोद के भाव से कही गई थी, किंतु यह सत्य है कि अमेरिका से दास प्रथा के अन्त कराने में स्टोव के उपन्यास ’अंकल टोम्स कैबिन’ (Uncle Tom's Cabin) का बहुत बड़ा योगदान रहा था। इस उपन्यास में दिये रंगभेद और दास प्रथा के सुचित्रित वर्णन द्वारा ही लोग इन बातों की दुखदायी वास्तविकता को पहिचान सके और इनके अन्त के लिये लड़ने को प्रोत्साहित हो सके। इसी युद्ध के अन्त में एब्राहम लिंकन द्वारा की गई स्वतंत्रता की घोषणा से सभी दास स्वतंत्र घोषित हुए। इस प्रकार स्टोव के उपन्यास ने एक राष्ट्र की नैतिक दिशा बदलने में सहायता की।
इससे सदियों पहिले, राजा सुलेमान को परमेश्वर ने बताया कि वह क्या होगा जो परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल की नैतिक दिशा बदलेगा - इसका आरंभ नम्रता और पापों के अंगीकार से होगा। परमेश्वर ने सुलेमान से कहा: "यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा" (२ इतिहास ७:१४)।
एक मसीही समुदाय होने के नाते हमें सबसे पहिले अपने जीवन का लेखा-जोखा लेना चाहिये। जब हम पापों के लिये पश्चाताप और प्रार्थना में नम्रता सहित परमेश्वर के निकट आते हैं, तो हमारे जीवनों में परिवर्तन आने आरंभ हो जाते हैं। तब परमेश्वर राष्ट्र की नैतिक दिशा बदलने में हमारा उपयोग कर सकता है। - डेनिस फिशर
यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा।" - २ इतिहास ७:१४
बाइबल पाठ: २ इतिहास ७:१-१४
जब सुलैमान यह प्रार्थना कर चुका, तब स्वर्ग से आग ने गिरकर होमबलियों तथा और बलियों को भस्म किया, और यहोवा का तेज भवन में भर गया।
और याजक यहोवा के भवन में प्रवेश न कर सके, क्योंकि यहोवा का तेज यहोवा के भवन में भर गया था।
और जब आग गिरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इस्राएली देखते रहे, और फर्श पर झुककर अपना अपना मुंह भूमि की ओर किए हुए दणडवत किया, और यों कहकर यहोवा का धन्यवाद किया कि, वह भला है, उसकी करुणा सदा की है।
तब सब प्रजा समेत राजा ने यहोवा को बलि चढ़ाई।
और राजा सुलैमान ने बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़ -बकरियां चढ़ाई। यों पूरी प्रजा समेत राजा ने यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की।
और याजक अपना अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत के गाने के लिये बाजे लिये हूए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी और इनके साम्हने याजक लोग तुरहियां बजाते रहे और सब इस्राएली खड़े रहे।
फिर सुलैमान ने यहोवा के भवन के साम्हने आंगन के बीच एक स्थान पवित्र करके होमबलि और मेलबलियों की चर्बी वहीं चढ़ाई, क्योंकि सुलैमान की बनाई हुई पीतल की वेदी होमबलि और अन्नबलि और चर्बी के लिये छोटी थी।
उसी समय सुलैमान ने और उसके संग हमात की घाटी से लेकर मिस्र के नाले तक के सारे इस्राएल की एक बहुत बड़ी सभा ने सात दिन तक पर्व को माना।
और आठवें दिन को उन्होंने महासभा की, उन्होंने वेदी की प्रतिष्ठा सात दिन की और पर्वों को भी सात दिन माना।
निदान सातवें महीने के तेइसवें दिन को उस ने प्रजा के लोगों को विदा किया, कि वे अपने अपने डेरे को जाएं, और वे उस भलाई के कारण जो यहोवा ने दाऊद और सुलैमान और अपनी प्रजा इस्राएल पर की थी आनन्दित थे।
यों सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और यहोवा के भवन में और अपने भवन में जो कुछ उस ने बनाना चाहा, उस में उसका मनोरथ पूरा हुआ।
तब यहोवा ने रात में उसको दर्शन देकर उस से कहा, मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और इस स्थान को यज्ञ के भवन के लिये अपनाया है।
यदि मैं आकाश को ऐसा बन्द करूं, कि वर्षा न हो, वा टिडियों को देश उजाड़ने की आज्ञा दूं, वा अपनी प्रजा में मरी फैलाऊं,
तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा।
एक साल में बाइबल:
यद्यपि राष्ट्रपति लिंकन की यह टिपण्णी पूर्ण्तया गंभीरता सहित नहीं वरन कुछ विनोद के भाव से कही गई थी, किंतु यह सत्य है कि अमेरिका से दास प्रथा के अन्त कराने में स्टोव के उपन्यास ’अंकल टोम्स कैबिन’ (Uncle Tom's Cabin) का बहुत बड़ा योगदान रहा था। इस उपन्यास में दिये रंगभेद और दास प्रथा के सुचित्रित वर्णन द्वारा ही लोग इन बातों की दुखदायी वास्तविकता को पहिचान सके और इनके अन्त के लिये लड़ने को प्रोत्साहित हो सके। इसी युद्ध के अन्त में एब्राहम लिंकन द्वारा की गई स्वतंत्रता की घोषणा से सभी दास स्वतंत्र घोषित हुए। इस प्रकार स्टोव के उपन्यास ने एक राष्ट्र की नैतिक दिशा बदलने में सहायता की।
इससे सदियों पहिले, राजा सुलेमान को परमेश्वर ने बताया कि वह क्या होगा जो परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल की नैतिक दिशा बदलेगा - इसका आरंभ नम्रता और पापों के अंगीकार से होगा। परमेश्वर ने सुलेमान से कहा: "यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा" (२ इतिहास ७:१४)।
एक मसीही समुदाय होने के नाते हमें सबसे पहिले अपने जीवन का लेखा-जोखा लेना चाहिये। जब हम पापों के लिये पश्चाताप और प्रार्थना में नम्रता सहित परमेश्वर के निकट आते हैं, तो हमारे जीवनों में परिवर्तन आने आरंभ हो जाते हैं। तब परमेश्वर राष्ट्र की नैतिक दिशा बदलने में हमारा उपयोग कर सकता है। - डेनिस फिशर
नैतिक रीति से गलत बात कभी राजनैतिक रीति से सही नहीं हो सकती। - लिंकन
यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा।" - २ इतिहास ७:१४
बाइबल पाठ: २ इतिहास ७:१-१४
जब सुलैमान यह प्रार्थना कर चुका, तब स्वर्ग से आग ने गिरकर होमबलियों तथा और बलियों को भस्म किया, और यहोवा का तेज भवन में भर गया।
और याजक यहोवा के भवन में प्रवेश न कर सके, क्योंकि यहोवा का तेज यहोवा के भवन में भर गया था।
और जब आग गिरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इस्राएली देखते रहे, और फर्श पर झुककर अपना अपना मुंह भूमि की ओर किए हुए दणडवत किया, और यों कहकर यहोवा का धन्यवाद किया कि, वह भला है, उसकी करुणा सदा की है।
तब सब प्रजा समेत राजा ने यहोवा को बलि चढ़ाई।
और राजा सुलैमान ने बाईस हजार बैल और एक लाख बीस हजार भेड़ -बकरियां चढ़ाई। यों पूरी प्रजा समेत राजा ने यहोवा के भवन की प्रतिष्ठा की।
और याजक अपना अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत के गाने के लिये बाजे लिये हूए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी और इनके साम्हने याजक लोग तुरहियां बजाते रहे और सब इस्राएली खड़े रहे।
फिर सुलैमान ने यहोवा के भवन के साम्हने आंगन के बीच एक स्थान पवित्र करके होमबलि और मेलबलियों की चर्बी वहीं चढ़ाई, क्योंकि सुलैमान की बनाई हुई पीतल की वेदी होमबलि और अन्नबलि और चर्बी के लिये छोटी थी।
उसी समय सुलैमान ने और उसके संग हमात की घाटी से लेकर मिस्र के नाले तक के सारे इस्राएल की एक बहुत बड़ी सभा ने सात दिन तक पर्व को माना।
और आठवें दिन को उन्होंने महासभा की, उन्होंने वेदी की प्रतिष्ठा सात दिन की और पर्वों को भी सात दिन माना।
निदान सातवें महीने के तेइसवें दिन को उस ने प्रजा के लोगों को विदा किया, कि वे अपने अपने डेरे को जाएं, और वे उस भलाई के कारण जो यहोवा ने दाऊद और सुलैमान और अपनी प्रजा इस्राएल पर की थी आनन्दित थे।
यों सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और यहोवा के भवन में और अपने भवन में जो कुछ उस ने बनाना चाहा, उस में उसका मनोरथ पूरा हुआ।
तब यहोवा ने रात में उसको दर्शन देकर उस से कहा, मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और इस स्थान को यज्ञ के भवन के लिये अपनाया है।
यदि मैं आकाश को ऐसा बन्द करूं, कि वर्षा न हो, वा टिडियों को देश उजाड़ने की आज्ञा दूं, वा अपनी प्रजा में मरी फैलाऊं,
तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन ६६, ६७
- रोमियों ७
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