बच्पन में मेरी एक प्रीय पुस्तक थी ’पोलियन्ना’ (Pollyanna)। यह एक आशावादी लड़की की कहानी थी जो हर परिस्थिति में, चाहे वह बुरी ही क्यों न हो, प्रसन्न रहने की कोई न कोई बात ढूंढ लेती थी।
हाल ही में मुझे उस लड़की पोलियन्ना की कहानी याद आई जब मेरी एक सहेली, मेरिएन, साइकल चलते हुए दुर्घटनाग्रस्त हुई और उसकी बांह टूट गई। जब उससे मेरी बात हुई तो मेरीएन ने मुझे बताया कि वह कितनी धन्यावादी थी कि टूटी बांह के बावजूद वह घर तक साइकल चला के आ सकी। वह बहुत आभारी थी कि उसे अपनी टूटी बांह को ठीक कराने के लिये किसी ऑपरेशन के आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी। उसे प्रसन्न्ता थी कि क्योंकि उसकी बांयी बाज़ू टूटी थी और वह दाहिने हाथ से काम करती थी, इसलिये वह अभी भी अपने काम को कर सकेगी। उसे हर्ष और अचंभा था कि उसकी हड्डियां इतनी मज़बूत थीं जिससे उसकी बांह जब जुड़ेगी तो उसमें पूरी ताकत होगी, और यह कितना अद्भुत था कि दुर्घटना के कारण कोई और गंभीर चोट नहीं आई।
वाह मेरिएन! मेरिएन उदाहरण है ऐसे व्यक्तित्व का जिसने परेशानियों में भी आनन्दित रहना सीख लिया है। उसे पूरा विश्वास है कि चाहे जो हो जाए, परमेश्वर उसकी सदा देखभाल करता है और करता रहेगा।
दुख कभी न कभी सब पर आते हैं, और अधिकतर लोगों के लिये दुखों में आभारी होना उनकी प्रथम प्रतिक्रीया नहीं होती। परन्तु परमेश्वर हमसे प्रसन्न होता है जब हम हर परिस्थिति में उसके प्रति धन्यवादी होने के कारण ढूंढते हैं (१ थिसलूनिकियों ५:१६-१८)। यदि हम सच्चे मन से खराब परिस्थितियों में भी भलाई ढूंढते हैं, तो हम आभारी रह सकते हैं कि परमेश्वर हमें संभाले हुए है। जब हम उसकी भलाई में विश्वास रखते हैं तब ही हम हर परिस्थिति में प्रसन्न रह सकते हैं। - सिंडी हैस कैस्पर
आज का दिन जो यहोवा ने बनाया है, हम इस में मगन और आनन्दित हों। - भजन ११८:२४
बाइबल पाठ: भजन ३०
हे यहोवा मैं तुझे सराहूंगा, क्योंकि तू ने मुझे खींचकर निकाला है, और मेरे शत्रुओं को मुझ पर आनन्द करने नहीं दिया।
हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी और तू ने मुझे चंगा किया है।
हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है।।
हे यहोवा के भक्तों, उसका भजन गाओ, और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो।
क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सवेरे आनन्द पहुंचेगा।।
मैं ने तो चैन के समय कहा था, कि मैं कभी नहीं टलने का।
हे यहोवा अपनी प्रसन्नता से तू ने मेरे पहाड़ को दृढ़ और स्थिर किया था, जब तू ने अपना मुख फेर लिया तब मैं घबरा गया।।
हे यहोवा मैं ने तुझी को पुकारा और यहोवा से गिड़गिड़ाकर यह बिनती की, कि
जब मैं कब्र में चला जाऊंगा तब मेरे लोहू से क्या लाभ होगा? क्या मिट्टी तेरा धन्यवाद कर सकती है? क्या वह तेरी सच्चाई का प्रचार कर सकती है?
हे यहोवा, सुन, मुझ पर अनुग्रह कर, हे यहोवा, तू मेरा सहायक हो।।
तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है;
ताकि मेरी आत्मा तेरा भजन गाती रहे और कभी चुप न हो। हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं सर्वदा तेरा धन्यवाद करता रहूंगा।
एक साल में बाइबल:
हाल ही में मुझे उस लड़की पोलियन्ना की कहानी याद आई जब मेरी एक सहेली, मेरिएन, साइकल चलते हुए दुर्घटनाग्रस्त हुई और उसकी बांह टूट गई। जब उससे मेरी बात हुई तो मेरीएन ने मुझे बताया कि वह कितनी धन्यावादी थी कि टूटी बांह के बावजूद वह घर तक साइकल चला के आ सकी। वह बहुत आभारी थी कि उसे अपनी टूटी बांह को ठीक कराने के लिये किसी ऑपरेशन के आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी। उसे प्रसन्न्ता थी कि क्योंकि उसकी बांयी बाज़ू टूटी थी और वह दाहिने हाथ से काम करती थी, इसलिये वह अभी भी अपने काम को कर सकेगी। उसे हर्ष और अचंभा था कि उसकी हड्डियां इतनी मज़बूत थीं जिससे उसकी बांह जब जुड़ेगी तो उसमें पूरी ताकत होगी, और यह कितना अद्भुत था कि दुर्घटना के कारण कोई और गंभीर चोट नहीं आई।
वाह मेरिएन! मेरिएन उदाहरण है ऐसे व्यक्तित्व का जिसने परेशानियों में भी आनन्दित रहना सीख लिया है। उसे पूरा विश्वास है कि चाहे जो हो जाए, परमेश्वर उसकी सदा देखभाल करता है और करता रहेगा।
दुख कभी न कभी सब पर आते हैं, और अधिकतर लोगों के लिये दुखों में आभारी होना उनकी प्रथम प्रतिक्रीया नहीं होती। परन्तु परमेश्वर हमसे प्रसन्न होता है जब हम हर परिस्थिति में उसके प्रति धन्यवादी होने के कारण ढूंढते हैं (१ थिसलूनिकियों ५:१६-१८)। यदि हम सच्चे मन से खराब परिस्थितियों में भी भलाई ढूंढते हैं, तो हम आभारी रह सकते हैं कि परमेश्वर हमें संभाले हुए है। जब हम उसकी भलाई में विश्वास रखते हैं तब ही हम हर परिस्थिति में प्रसन्न रह सकते हैं। - सिंडी हैस कैस्पर
धन्यावादी मन हर परिस्थिति में कुछ भलाई ढूंढ लेता है।
आज का दिन जो यहोवा ने बनाया है, हम इस में मगन और आनन्दित हों। - भजन ११८:२४
बाइबल पाठ: भजन ३०
हे यहोवा मैं तुझे सराहूंगा, क्योंकि तू ने मुझे खींचकर निकाला है, और मेरे शत्रुओं को मुझ पर आनन्द करने नहीं दिया।
हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी और तू ने मुझे चंगा किया है।
हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है।।
हे यहोवा के भक्तों, उसका भजन गाओ, और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो।
क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सवेरे आनन्द पहुंचेगा।।
मैं ने तो चैन के समय कहा था, कि मैं कभी नहीं टलने का।
हे यहोवा अपनी प्रसन्नता से तू ने मेरे पहाड़ को दृढ़ और स्थिर किया था, जब तू ने अपना मुख फेर लिया तब मैं घबरा गया।।
हे यहोवा मैं ने तुझी को पुकारा और यहोवा से गिड़गिड़ाकर यह बिनती की, कि
जब मैं कब्र में चला जाऊंगा तब मेरे लोहू से क्या लाभ होगा? क्या मिट्टी तेरा धन्यवाद कर सकती है? क्या वह तेरी सच्चाई का प्रचार कर सकती है?
हे यहोवा, सुन, मुझ पर अनुग्रह कर, हे यहोवा, तू मेरा सहायक हो।।
तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है;
ताकि मेरी आत्मा तेरा भजन गाती रहे और कभी चुप न हो। हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं सर्वदा तेरा धन्यवाद करता रहूंगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन ६३-६५
- रोमियों ६
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