आपको सबसे अधिक ताज़गी किस से प्राप्त होती है? किसी गर्म दिन में कुछ ठंडा पीने से? दोपहर में नींद लेने से? स्तुति और आराधना के गीत सुनने से?
परमेश्वर के वचन बाइबल में ताज़गी के अर्थ को अनेक शारीरिक और आत्मिक बातों के साथ जोड़ा गया है। वचन में हम सबत के दिन विश्राम द्वारा ताज़गी पाने के बारे में पढ़ते हैं (निर्गमन २३:१२); शारीरिक परिश्रम के बाद ठंडे पानी से मिलने वाली ताज़गी के बारे में पढ़ते हैं (न्यायियों १५:१८-१९); मनमोहक संगीत द्वारा शांति पाने के विषय में पढ़ते हैं (१ शमूएल १६:२३); प्रोत्साहित करने वाली संगति के बारे में पढ़ते हैं (२ तिमुथियुस १:१६)।
प्रेरित पतरस ने पिन्तेकुस्त के दिन आई आत्मिक शांति के बारे में अपने श्रोताओं को बताते हुए कहा "इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएं, जिस से प्रभु के सम्मुख से विश्रान्ति के दिन आएं" (प्रेरितों ३:१९)। पतरस का यह कथन उसके यहूदी श्रोताओं के लिए विशेषकर अर्थपूर्ण था क्योंकि वह भविष्य में मसीह यीशु के आने वाले शासन तथा शांति से संबंधित था। इसी आत्मिक शांति और नए जीवन का सुसमाचार ग़ैर-यहूदी अन्य-जातियों को भी इसी आशय से दिया गया (प्रेरितों १०)।
आज हम मसीही विश्वासी इसी ताज़गी का अनुभव अपने मनों को शांत और स्थिर कर के परमेश्वर के वचन बाइबल के अध्ययन और प्रार्थना में बिताए गए समय द्वारा कर सकते हैं। जब हम एकांत में परमेश्वर के साथ समय बिताते हैं तो उसकी शांति और आनन्द हमारे मनों को भर देती है और हमारी आत्मा ताज़गी पाती है।
परमेश्वर से संपर्क और आत्मिक ताज़गी पाने की इस सहज विधि के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें और इसका भरपूरी से लाभ उठाएं। - डेनिस फिशर
जब हम परमेश्वर के निकट आते हैं तो हमारे मन ताज़गी पाते हैं और हमारी सामर्थ बहाल हो जाती है।
इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएं, जिस से प्रभु के सम्मुख से विश्रान्ति के दिन आएं। - प्रेरितों ३:१९
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ४:४-९
Php 4:4 प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्दित रहो।
Php 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
Php 4:6 किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
Php 4:7 तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षित रखेगी।
Php 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगया करो।
Php 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल ४२-४४
- १ यूहन्ना १
जवाब देंहटाएंप्रिय ब्लॉगर मित्र,
हमें आपको यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है साथ ही संकोच भी – विशेषकर उन ब्लॉगर्स को यह बताने में जिनके ब्लॉग इतने उच्च स्तर के हैं कि उन्हें किसी भी सूची में सम्मिलित करने से उस सूची का सम्मान बढ़ता है न कि उस ब्लॉग का – कि ITB की सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉगों की डाइरैक्टरी अब प्रकाशित हो चुकी है और आपका ब्लॉग उसमें सम्मिलित है।
शुभकामनाओं सहित,
ITB टीम
http://indiantopblogs.com
पुनश्च:
1. हम कुछेक लोकप्रिय ब्लॉग्स को डाइरैक्टरी में शामिल नहीं कर पाए क्योंकि उनके कंटैंट तथा/या डिज़ाइन फूहड़ / निम्न-स्तरीय / खिजाने वाले हैं। दो-एक ब्लॉगर्स ने अपने एक ब्लॉग की सामग्री दूसरे ब्लॉग्स में डुप्लिकेट करने में डिज़ाइन की ऐसी तैसी कर रखी है। कुछ ब्लॉगर्स अपने मुँह मिया मिट्ठू बनते रहते हैं, लेकिन इस संकलन में हमने उनके ब्लॉग्स ले रखे हैं बशर्ते उनमें स्तरीय कंटैंट हो। डाइरैक्टरी में शामिल किए / नहीं किए गए ब्लॉग्स के बारे में आपके विचारों का इंतज़ार रहेगा।
2. ITB के लोग ब्लॉग्स पर बहुत कम कमेंट कर पाते हैं और कमेंट तभी करते हैं जब विषय-वस्तु के प्रसंग में कुछ कहना होता है। यह कमेंट हमने यहाँ इसलिए किया क्योंकि हमें आपका ईमेल ब्लॉग में नहीं मिला। [यह भी हो सकता है कि हम ठीक से ईमेल ढूंढ नहीं पाए।] बिना प्रसंग के इस कमेंट के लिए क्षमा कीजिएगा।
सुन्दर प्रस्तुति !!
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