ब्राज़ील के फिलिप मस्सा को सिंगापुर में सितंबर 2008 में आयोजित कार ग्राँ-प्री रेस का विजेता होना चाहिए था, लेकिन एक चूक ने सब बदल दिया। रेस में अग्रणीय स्थान पर चल रहे फिलिप ने ईंधन डलवाने के लिए कार अन्दर करी और ईंधन डलवाने के बाद, इससे पहले कि ईंधन की नली और पाइप अलग किया जाता, अपनी कार चला दी। कार से उलझी हुई नली और पाइप को निकालने में हुई देरी के कारण फिलिप को प्रथम की बजाए १३वाँ स्थान पाने पर ही सन्तोष करना पड़ा।
इस संसार में बहुत सी लुभावनी बातें हैं जो हमारा ध्यान आकर्षित करके हमें अपने वासत्विक लक्ष्य से भटका देती हैं, जैसे हमारे कुछ शौक, सिनेमा, मौज-मस्ती, कंप्यूटर खेल, टी.वी. कार्यक्रम इत्यादि। ये और ऐसी अन्य बातें आरंभ होती हैं विश्राम और तनाव दूर करने की गतिविधियों के रूप में और धीरे धीरे बढ़कर ऐसी लत बन जाती हैं जो हमारा बहुत सा उपयोगी समय ले लेती हैं और स्वयं तनाव का एक कारण हो जाती हैं। इनमें उलझकर हम मसीही विश्वासी अपने मूल उद्देश्य - प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार का प्रचार तथा अपने जीवनों से परमेश्वर को महिमा देना और उसकी सेवकाई में लगे रहना, में शिथिल पड़ जाते हैं या उससे भटक जाते हैं।
प्रेरित पुलुस ने अपने युवा साथी तिमुथियुस को भी उन सांसारिक उलझनों से बचकर रहने की चेतावनी दी जिनके कारण आत्मिक जीवन में पिछड़ापन आ जाता है। उसने तिमुथियुस को चिताया कि अपने प्रभु यीशु और उसके कार्यों से संसार की कोई बात उसके ध्यान को बंटाने ना पाए। पौलुस ने तिमुथियुस को समझाया कि क्यों उसे संसार कि बातों में उलझने से बचना है - जिससे वह अपने प्रभु को प्रसन्न कर सके। प्रेरित यूहन्ना ने भी अपनी पत्री में मसीही विश्वासीयों को संसार की बातों में उलझने से बचने के लिए लिखा क्योंकि, "क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है। और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।" (1 यूहन्ना 2:17-18)।
आज आपका मसीही विश्वास का जीवन कैसा है? क्या आपके जीवन से प्रभु का उद्देश्य पूरा हो रहा है? कहीं सांसारिक बातों में उलझ कर आप अपनी आशीषें तो गवाँ नहीं दे रहे हैं? - सी. पी. हिया
हम मसीही विश्वासी इस संसार मे रहते अवश्य हैं परन्तु हमारी नागरिकता और उद्देश्य स्वर्गीय हैं।
जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता - 2 तिमुथियुस 2:4
बाइबल पाठ: - 2 तिमुथियुस 2:1-7
2 Timothy 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्त हो जा।
2 Timothy 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2 Timothy 2:3 मसीह यीशु के अच्छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा।
2 Timothy 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता
2 Timothy 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2 Timothy 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2 Timothy 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।
एक साल में बाइबल:
- रूत 1-4
- लूका 8:1-25
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (6-4-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!