टेक्सस रेंजर बेसबॉल टीम के खिलाड़ी जोश हैमिलटन ने शराब और नशीले पदार्थों की लत पड़ जाने का सामना किया, और उससे निकल कर आया। इसलिए जब उसकी टीम ने अपनी श्रंखला में जीत प्राप्त करी तो उसे खेल के बाद होने वाली पार्टी के बारे में चिंता हुई, क्योंकि नशे की आदत से बाहर निकल कर सामान्य जीवन जीने का प्रयास करने वाले व्यक्ति के लिए शराब की बाढ़ में सम्मिलित होना अच्छा नहीं होता। लेकिन खेल के बाद की पार्टी में कुछ अनूठा और भला हो गया; उसके टीम के बाकी सदस्यों ने, उसकी स्थिति का ध्यान रखते हुए पार्टी में शराब रखी ही नहीं ताकि जोश हैमिलटन भी उस पार्टी में निसंकोच सम्मिलित हो सके। एक दूसरे के प्रति अपने दायित्व निभाने और दूसरों की आवश्यकताओं को अपनी आवश्यकताओं से ऊपर रखने का कैसा अद्भुत उदाहरण।
प्रेरित पौलुस का भी यही तात्पर्य था जब उसने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों से कहा कि वे दूसरों को अपने से बढ़ कर समझें (फिलिप्पियों 2:3-4)। मसीह यीशु में विश्वास लाने के द्वारा वे सब एक ही परिवार के अंग बन गए थे, एक दूसरे के साथ एक विशेष बन्धन में बंध गए थे। इसलिए एक दूसरे के प्रति उनके रवैये को इस बन्धन को व्यावाहरिक रीति से प्रगट करने वाला होना था: परस्पर प्रेम में एकता, एक दूसरे की सेवा, एक दूसरे की सहायता के द्वारा। इस प्रकार के व्यवहार के द्वारा ही हम मसीह यीशु के व्यवहार को सामान्य मसीही जीवन में दिखाने पाते हैं।
जोश हैमिलटन की टीम के सदस्यों के समान, हम मसीही विश्वासियों का दायित्व है कि हम एक दूसरे के बोझ बाँटें; जब हम निस्वार्थ होकर अपने पड़ौसी से प्रेम रखते हैं, हम परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम को प्रदर्शित करते हैं। - मार्विन विलियम्स
मसीह के प्रति प्रेम, मसीह के समान व्यवहार से प्रगट होता है।
कोई अपनी ही भलाई को न ढूंढे, वरन औरों की। - 1 कुरिन्थियों 10:24
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:1-11
Philippians 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है।
Philippians 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो।
Philippians 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो।
Philippians 2:4 हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्ता करे।
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो।
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है।
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे हैं; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।
एक साल में बाइबल:
- यिर्मयाह 1-2
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