एक ऊदबिलाव हमारे गैराज के किनारों को काटने लग गया था; उसे पकड़कर पार्क में लेजाकर छोड़ने के लिए मैंने पिंजरा लिया और उसे आकर्षित करने के लिए पिंजरे में भोजन वस्तुएं डाल दीं। अगले दिन सुबह मैं यह देखकर बड़ा उत्साहित हुआ कि पिंजरे में एक जानवर बन्द हो गया है। लेकिन जब पास जाकर देखा तो पिंजरे में ऊदबिलाव नहीं वरन एक बिज्जु था। अब मेरे सामने उस बिज्जु को पिंजरे से बाहर निकालने की समस्या थी, क्योंकि वे जानवर डरने पर अपने बचाव के लिए तीव्र दुर्गन्धात्मक पदार्थ छोड़ते हैं जिसकी दुर्गन्ध बहुत परेशान करती है, और मैं उस दुर्गन्ध को अपने ऊपर आने देना कदापि नहीं चाहता था।
इसलिए उसे पिंजरे से निकालने के तरीके पाने के लिए मैं इंटरनैट पर खोजने लगा। तरीके तो मिले लेकिन सब ही अपने आप को बचाने के लिए बहुत सावधानी बरतने को कह रहे थे; वे प्लास्टिक के थैले, दस्ताने, तिर्पाल, चशमे, कंबल आदि के प्रयोग के लिए बता रहे थे। बिज्जु को पिंजरे से निकालने का कार्य खतरनाक और डरावना लगने लगा था। ऐसे में मेरा दामाद, ईविंग, सामने आया। वह बस पिंजरे तक गया, उसके दरवाज़े को खोला और बाग़ में पानी डालने वाले पाइप से पानी की धार बिज्जु पर डाली, और वह पिंजरे से निकलकर भाग निकला।
हमारे भय हमें अकसर निषक्रीय कर देते हैं; हम अपनी सुरक्षा को लेकर इतने चिंतित रहते हैं कि परिस्थिति का सामना करने से घबराने लगते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि जब राजा आसा को ज्ञात हुआ कि परमेश्वर चाहता है कि वह इस्त्राएल में से सभी मूर्तियाँ हटा दे, तो उसने ऐसा करने का साहस किया (2 इतिहास 15:8)। ऐसा करने से राज्य में बलवा हो सकता था, लेकिन आसा ने परमेश्वर पर भरोसा रखते हुए उसके कहे कार्य को करने का साहस किया, और परिणामस्वरूप देश में खुशहाली आई: "और यह शपथ खाकर सब यहूदी आनन्दित हुए, क्योंकि उन्होंने अपने सारे मन से शपथ खाई और बडी अभिलाषा से उसको ढूंढ़ा और वह उन को मिला, और यहोवा ने चारों ओर से उन्हें विश्राम दिया" (2 इतिहास 15:15)।
क्या आपके सामने कोई आत्मिक चुनौती खड़ी है? परमेश्वर पर परिणाम के लिए भरोसा रख कर, साहस के साथ आगे बढ़ें और परमेश्वर की इच्छा पूरी करें। - डेव ब्रैनन
साहस वह भय है जो प्रार्थना के साथ परमेश्वर को समर्पित कर दिया गया है।
इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशु 1:7
बाइबल पाठ: 2 इतिहास 15:1-12
2 Chronicles 15:1 तब परमेश्वर का आत्मा ओदेद के पुत्र अजर्याह में समा गया,
2 Chronicles 15:2 और वह आसा से भेंट करने निकला, और उस से कहा, हे आसा, और हे सारे यहूदा और बिन्यामीन मेरी सुनो, जब तक तुम यहोवा के संग रहोगे तब तक वह तुम्हारे संग रहेगा; और यदि तुम उसकी खोज में लगे रहो, तब तो वह तुम से मिला करेगा, परन्तु यदि तुम उसको त्याग दोगे तो वह भी तुम को त्याग देगा।
2 Chronicles 15:3 बहुत दिन इस्राएल बिना सत्य परमेश्वर के और बिना सिखाने वाले याजक के और बिना व्यवस्था के रहा।
2 Chronicles 15:4 परन्तु जब जब वे संकट में पड़ कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की ओर फिरे और उसको ढूंढ़ा, तब तब वह उन को मिला।
2 Chronicles 15:5 उस समय न तो जाने वाले को कुछ शांति होती थी, और न आने वाले को, वरन सारे देश के सब निवासियों में बड़ा ही कोलाहल होता था।
2 Chronicles 15:6 और जाति से जाति और नगर से नगर चूर किए जाते थे, क्योंकि परमेश्वर नाना प्रकार का कष्ट देकर उन्हें घबरा देता था।
2 Chronicles 15:7 परन्तु तुम लोग हियाव बान्धो और तुम्हारे हाथ ढीले न पड़ें, क्योंकि तुम्हारे काम का बदला मिलेगा।
2 Chronicles 15:8 जब आसा ने ये वचन और ओदेद नबी की नबूवत सुनी, तब उसने हियाव बान्ध कर यहूदा और बिन्यामीन के सारे देश में से, और उन नगरों में से भी जो उसने एप्रैम के पहाड़ी देश में ले लिये थे, सब घिनौनी वस्तुएं दूर कीं, और यहोवा की जो वेदी यहोवा के ओसारे के साम्हने थी, उसको नये सिरे से बनाया।
2 Chronicles 15:9 और उसने सारे यहूदा और बिन्यामीन को, और एप्रैम, मनश्शे और शिमोन में से जो लोग उसके संग रहते थे, उन को इकट्ठा किया, क्योंकि वे यह देख कर कि उसका परमेश्वर यहोवा उसके संग रहता है, इस्राएल में से उसके पास बहुत से चले आए थे।
2 Chronicles 15:10 आसा के राज्य के पन्द्रहवें वर्ष के तीसरे महीने में वे यरूशलेम में इकट्ठे हुए।
2 Chronicles 15:11 और उसी समय उन्होंने उस लूट में से जो वे ले आए थे, सात सौ बैल और सात हजार भेड़-बकरियां, यहोवा को बलि कर के चढ़ाई।
2 Chronicles 15:12 और उन्होंने वाचा बान्धी कि हम अपने पूरे मन और सारे जीव से अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की खोज करेंगे।
एक साल में बाइबल:
- भजन 129-131
- 1 कुरिन्थियों 11:1-16
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