मेरे कॉलेज भवन के घंटाघर पर एक प्रतिमा बनी है, जिसका नाम है "बोनेवाला"। उसके नीचे परमेश्वर के वचन बाइबल में से गलतियों 6:7 का भाग "मनुष्य जो बोता है" लिखा गया है। मिशिगन स्टेट विश्वविद्यालय कृषि शोध में अग्रणीय है; परन्तु कृषि तकनीकी तथा फसल उत्पादन के क्षेत्र में लाए गए अनेकों सुधारों के बावजूद, आज भी मक्की के दाने बोने से सेम की फसल पाना संभव नहीं हुआ है! जो हम बोते हैं, उसी की फसल हमें प्राप्त होती है।
प्रभु यीशु मसीह ने अपनी शिक्षाओं को समझाने के लिए कृषि से संबंधित कई रूपक अलंकारों का प्रयोग किया। बीज बोने वाले के दृष्टांत में (मरकुस 4:1-20), उन्होंने परमेश्वर के वचन को भिन्न प्रकार की भूमि में बोए गए बीज के रूपक से समझाया। जैसा उस दृष्टांत में कहा गया है, बोने वाला तो बिना फर्क किए सभी स्थानों पर बीज डालता है, यह जानते हुए कि कुछ बीज ऐसे स्थानों पर भी पड़ेगा जहाँ वह उगने नहीं पाएगा।
प्रभु यीशु के समान ही हमें भी हर समय सभी स्थानों पर बीज डालना है। यह परमेश्वर की ज़िम्मेदारी है कि वह बीज कहाँ गिरे और कैसा उगे तथा फल लाए। परमेश्वर नहीं चाहता है कि हम विनाश की कटनी काटें, इसलिए वह चाहता है कि हम अच्छा और सही बीज बोएं: "दुष्ट मिथ्या कमाई कमाता है, परन्तु जो धर्म का बीज बोता, उसको निश्चय फल मिलता है" (नीतिवचन 11:18)। प्रेरित पौलुस ने इस रूपक को और विस्तार से समझाते हुए गलतिया के मसीही विश्वासियों को लिखा कि बुराई के नहीं वरन अनन्त जीवन की आशीष के बीज बोएं (गलतियों 6:8)।
इस प्रश्न, "क्या बोएं?" का उत्तर है, "वही बोएं जिसकी फसल आप काटना चाहते हैं"। अच्छाई की फसल काटने के लिए आज से ही अच्छाई के बीज बोना आरंभ कर दें। - जूली ऐकैरमैन लिंक
ज़मीन के अन्दर बोया गया बीज ही फलदायक वृक्ष बनता है;
निःस्वार्थ जीवन ही अनन्त आशीष की फसल लाता है।
धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा। क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। - गलतियों 6:7-8
बाइबल पाठ: मरकुस 4:1-20
Mark 4:1 वह फिर झील के किनारे उपदेश देने लगा: और ऐसी बड़ी भीड़ उसके पास इकट्ठी हो गई, कि वह झील में एक नाव पर चढ़कर बैठ गया और सारी भीड़ भूमि पर झील के किनारे खड़ी रही।
Mark 4:2 और वह उन्हें दृष्टान्तों में बहुत सी बातें सिखाने लगो, और अपने उपदेश में उन से कहा।
Mark 4:3 सुनो: देखो, एक बोनेवाला, बीज बाने के लिये निकला!
Mark 4:4 और बोते समय कुछ तो मार्ग के किनारे गिरा और पक्षियों ने आकर उसे चुग लिया।
Mark 4:5 और कुछ पत्थरीली भूमि पर गिरा जहां उसको बहुत मिट्टी न मिली, और गहरी मिट्टी न मिलने के कारण जल्द उग आया।
Mark 4:6 और जब सूर्य निकला, तो जल गया, और जड़ न पकड़ने के कारण सूख गया।
Mark 4:7 और कुछ तो झाड़ियों में गिरा, और झाड़ियों ने बढ़कर उसे दबा लिया, और वह फल न लाया।
Mark 4:8 परन्तु कुछ अच्छी भूमि पर गिरा; और वह उगा, और बढ़कर फलवन्त हुआ; और कोई तीस गुणा, कोई साठ गुणा और कोई सौ गुणा फल लाया।
Mark 4:9 और उसने कहा; जिस के पास सुनने के लिये कान हों वह सुन ले।
Mark 4:10 जब वह अकेला रह गया, तो उसके साथियों ने उन बारह समेत उस से इन दृष्टान्तों के विषय में पूछा।
Mark 4:11 उसने उन से कहा, तुम को तो परमेश्वर के राज्य के भेद की समझ दी गई है, परन्तु बाहर वालों के लिये सब बातें दृष्टान्तों में होती हैं।
Mark 4:12 इसलिये कि वे देखते हुए देखें और उन्हें सुझाई न पड़े और सुनते हुए सुनें भी और न समझें; ऐसा न हो कि वे फिरें, और क्षमा किए जाएं।
Mark 4:13 फिर उसने उन से कहा; क्या तुम यह दृष्टान्त नहीं समझते? तो फिर और सब दृष्टान्तों को क्योंकर समझोगे?
Mark 4:14 बोने वाला वचन बोता है।
Mark 4:15 जो मार्ग के किनारे के हैं जहां वचन बोया जाता है, ये वे हैं, कि जब उन्होंने सुना, तो शैतान तुरन्त आकर वचन को जो उन में बोया गया था, उठा ले जाता है।
Mark 4:16 और वैसे ही जो पत्थरीली भूमि पर बोए जाते हैं, ये वे हैं, कि जो वचन को सुनकर तुरन्त आनन्द से ग्रहण कर लेते हैं।
Mark 4:17 परन्तु अपने भीतर जड़ न रखने के कारण वे थोड़े ही दिनों के लिये रहते हैं; इस के बाद जब वचन के कारण उन पर क्लेश या उपद्रव होता है, तो वे तुरन्त ठोकर खाते हैं।
Mark 4:18 और जो झाडियों में बोए गए ये वे हैं जिन्होंने वचन सुना।
Mark 4:19 और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और और वस्तुओं का लोभ उन में समाकर वचन को दबा देता है। और वह निष्फल रह जाता है।
Mark 4:20 और जो अच्छी भूमि में बोए गए, ये वे हैं, जो वचन सुनकर ग्रहण करते और फल लाते हैं, कोई तीस गुणा, कोई साठ गुणा, और कोई सौ गुणा।
एक साल में बाइबल:
- नीतिवचन 3-5
- 2 कुरिन्थियों 1
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