जब मैं पहली कक्षा में अक्षर लिखना सीख रही थी, तब मेरी अध्यापिका इस बात पर बल देती थी कि मैं अपनी पेंसिल एक विशेष रीति से पकड़ूँ। जब तक वह मुझ पर ध्यान लगाए रखती थीं, मैं पेंसिल उनके कहे अनुसार पकड़े रहती थी; परन्तु जैसे ही उनका ध्यान मुझ पर से हटता, मैं फिर से पेंसिल उस रीति से पकड़ लेती जैसी मुझे सुविधाजनक लगती थी।
मुझे लगता था कि पेंसिल पकड़ने के इस द्वंद में मैं ही विजयी हुई हूँ, मैं आज भी पेंसिल अपनी सुविधानुसार पकड़ती हूँ। परन्तु अब दशकों के बाद मुझे यह एहसास हुआ है कि मेरी अध्यापिका जानती थी कि यदि मैं पेंसिल को वैसे पकड़ूँगी जैसे पकड़ना मुझे अच्छा लगता है, तो मेरी यह हठीली आदत आगे चलकर लिखने में बाधा डालेगी क्योंकि मेरी इच्छानुसार पेंसिल पकड़ने से हाथ शीघ्र थक जाएगा और लिखाई अच्छी नहीं आएगी।
अकसर बच्चे वह नहीं समझ पाते हैं जो उनके लिए अच्छा होता है; वे बस वही चाहते और करते हैं जो उस समय पर उन्हें अच्छा या सही लगता है। संभवतः इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में इस्त्राएल के लोगों को अनेकों बार "इस्त्राएल की सन्तान" कहकर संबोधित किया गया है - अपने व्यवहार में वे बच्चों के समान हठीले बने रहे। परमेश्वर द्वारा अनेकों बार चिताए, समझाए और ताड़ना दिए जाने के बाद भी वे उस एकमात्र सच्चे जीवते परमेश्वर की उपासना के स्थान पर अपने आस-पास के लोगों के देवी-देवताओं की उपासना में पड़ते रहे, और परिणामस्वरूप परमेश्वर ने अपनी आशीष भी उनपर से हटा ली (न्यायियों 2:20-22)। उनके ऐसे कार्यों ने परमेश्वर को बहुधा क्रोधित किया, क्योंकि वह जानता था कि उनके लिए क्या भला है, परन्तु तब भी वे इस्त्राएली उसकी बात अधिक समय तक नहीं मानते थे।
पास्टर रिक वारेन का कहना है, "आज्ञाकारिता और ढिठाई एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। आजाकारिता से आनन्द आता है, परन्तु ढिठाई का परिणाम दुःखद होता है।" यदि बलवाई प्रवृत्ति हमें परमेश्वर का आज्ञाकारी होने से रोक रही है, तो अभी समय है कि हम हृदय परिवर्तन कर लें। अपनी बलवाई प्रवृत्ति के आधीन होकर परमेश्वर के अनाज्ञाकारी न रहें, पश्चाताप और क्षमा याचना के साथ उसके पास लौट आएं; वह अनुग्रहकारी और दयालू क्षमा करने वाला परमेश्वर है। - सिंडी हैस कैस्पर
पहले हम आदतें बनाते हैं; फिर आदतें हमें बनाती हैं।
यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करूणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करने वाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है। - गिनती 14:18
बाइबल पाठ: न्यायियों 2:11-22
Judges 2:11 इसलिये इस्राएली वह करने लगे जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और बाल नाम देवताओं की उपासना करने लगे;
Judges 2:12 वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत किया; और यहोवा को रिस दिलाई।
Judges 2:13 वे यहोवा को त्याग कर के बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों की उपासना करने लगे।
Judges 2:14 इसलिये यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा, और उसने उन को लुटेरों के हाथ में कर दिया जो उन्हें लूटने लगे; और उसने उन को चारों ओर के शत्रुओं के आधीन कर दिया; और वे फिर अपने शत्रुओं के साम्हने ठहर न सके।
Judges 2:15 जहां कहीं वे बाहर जाते वहां यहोवा का हाथ उनकी बुराई में लगा रहता था, जैसे यहोवा ने उन से कहा था, वरन यहोवा ने शपथ खाई थी; इस प्रकार से बड़े संकट में पड़ गए।
Judges 2:16 तौभी यहोवा उनके लिये न्यायी ठहराता था जो उन्हें लूटने वाले के हाथ से छुड़ाते थे।
Judges 2:17 परन्तु वे अपने न्यायियों की भी नहीं मानते थे; वरन व्यभिचारिन की नाईं पराये देवताओं के पीछे चलते और उन्हें दण्डवत करते थे; उनके पूर्वज जो यहोवा की आज्ञाएं मानते थे, उनकी उस लीक को उन्होंने शीघ्र ही छोड़ दिया, और उनके अनुसार न किया।
Judges 2:18 और जब जब यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता तब तब वह उस न्यायी के संग रहकर उसके जीवन भर उन्हें शत्रुओं के हाथ से छुड़ाता था; क्योंकि यहोवा उनका कराहना जो अन्धेर और उपद्रव करने वालों के कारण होता था सुनकर दु:खी था।
Judges 2:19 परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत कर के अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे।
Judges 2:20 इसलिये यहोवा का कोप इस्राएल पर भड़क उठा; और उसने कहा, इस जाति ने उस वाचा को जो मैं ने उनके पूर्वजों से बान्धी थी तोड़ दिया, और मेरी बात नहीं मानी,
Judges 2:21 इस कारण जिन जातियों को यहोशू मरते समय छोड़ गया है उन में से मैं अब किसी को उनके साम्हने से न निकालूंगा;
Judges 2:22 जिस से उनके द्वारा मैं इस्राएलियों की परीक्षा करूं, कि जैसे उनके पूर्वज मेरे मार्ग पर चलते थे वैसे ही ये भी चलेंगे कि नहीं।
एक साल में बाइबल:
- भजन 46-48
- प्रेरितों 28
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