बसंत
और ग्रीषम ऋतु में, मैं अपने पड़ौसी के आँगन में उगने वाले फलों को सराहता हूँ। हम
दोनों के आँगनों के मध्य की बाड़ के किनारे लगाई गई अंगूर की लाता में अंगूर के बड़े-बड़े
गुच्छे लटकते हैं। हमारे हाथों की पहुँच के अन्दर ही पेड़ों पर अलूचे और संतरे लगे
होते हैं। यद्यपि हम उनके आंगन में न तो मिट्टी की गुड़ाई करते हैं, न बीज बोते
हैं, न पोधों में पानी देते या बगीचे की सफाई करते हैं, फिर भी हमारे पड़ौसी उनके
आँगन में होने वाली इस बहुतायत की फसल को हमारे साथ बाँटते हैं। उस फसल की देख-रेख
करने की जिम्मेदारी वे लेते हैं, परन्तु अपनी फसल से हमें भी आनन्दित होने देते
हैं।
बाड़
की दूसरी ओर के पेड़ों और लता के फलों से मुझे एक और प्रकार के फलों की फसल का
स्मरण हो आता है जिससे मैं और परमेश्वर द्वारा मेरे जीवन में रखे गए लोग लाभान्वित
होते हैं। वह फसल है आत्मा के फलों की।
मसीह
यीशु के अनुयायियों को नियुक्त किया गया है कि वे परमेश्वर के पवित्र-आत्मा की
सामर्थ्य के द्वारा जीवन जीने के लाभों को लें (गलातियों 5:16-21)। जब परमेश्वर के
वचन के सत्य के बीज हमारे हृदयों में बढ़ोतरी पाते हैं, तो पवित्र-आत्मा हमारे अन्दर
से अपने फलों, “प्रेम, आनन्द, मेल,
धीरज, कृपा, भलाई,
विश्वास, नम्रता, और
संयम” (पद 22-23) को अधिकाई से प्रगट होने देने में सहायता करता है।
जब
हम अपने जीवन प्रभु यीशु को समर्पित कर देते हैं, तो फिर हमें अपनी स्वार्थी
इच्छाओं के द्वारा नियंत्रित नहीं रहना होता है (पद 24)। समय के साथ पवित्र-आत्मा
हमारी सोच, व्यवहार, और हमारे कार्यों को बदल देता है। जैसे-जैसे हम मसीह में बढ़ते
और परिपक्व होते जाते हैं, तो हम अपने आस-पास के लोगों के साथ पवित्र-आत्मा के
फलों की इस उदार फसल की आशीषों को बाँटने के द्वारा, परमेश्वर के उनके प्रति प्रेम
को भी उन पर प्रगट कर सकते हैं। - जोशील डिक्सन
पवित्र-आत्मा के फल हमें बदलते हैं, जिससे
हम अपने आस-पास के लोगों पर प्रभाव डाल सकें।
तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने
तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और
तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से
मांगो, वह तुम्हें दे। - यूहन्ना 15:16
बाइबल पाठ: गलातियों 5:16-25
Galatians 5:16 पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी
रीति से पूरी न करोगे।
Galatians 5:17 क्योंकि शरीर आत्मा के
विरोध में, और आत्मा शरीर के विरोध में लालसा करती है,
और ये एक दूसरे के विरोधी हैं; इसलिये कि जो
तुम करना चाहते हो वह न करने पाओ।
Galatians 5:18 और यदि तुम आत्मा के चलाए
चलते हो तो व्यवस्था के आधीन न रहे।
Galatians 5:19 शरीर के काम तो प्रगट हैं,
अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन।
Galatians 5:20 मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध,
फूट, विधर्म।
Galatians 5:21 डाह, मतवालापन,
लीलाक्रीड़ा, और इन के जैसे और और काम हैं,
इन के विषय में मैं तुम को पहिले से कह देता हूं जैसा पहिले कह भी
चुका हूं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले परमेश्वर के राज्य के
वारिस न होंगे।
Galatians 5:22 पर आत्मा का फल प्रेम,
आनन्द, मेल, धीरज,
Galatians 5:23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता,
और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई
भी व्यवस्था नहीं।
Galatians 5:24 और जो मसीह यीशु के हैं,
उन्होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा
दिया है।
Galatians 5:25 यदि हम आत्मा के द्वारा
जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।
एक साल में बाइबल:
- भजन 126-128
- 1 कुरिन्थियों 10:19-33
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