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रविवार, 1 नवंबर 2020

दया


         ऐनी फ्रैंक अपनी डायरी के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसमें उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के समय उनके परिवार के वर्षों तक नात्ज़ियों से छिपते रहने का वर्णन लिखा है। बाद में जब उन्हें पकड़ लिया गया और नात्ज़ी मृत्यु शिविर में भेज दिया गया, तो उनके साथ के लोग बताते हैं कि “उन लोगों के लिए उनके आँसू कभी नहीं रुके; और जितने उन्हें जानते थे, उन सब के लिए वे एक धन्य उपस्थिति थीं।” इस बात के कारण विद्वान केनेथ बेली का निष्कर्ष था कि ऐनी दया दिखाने में कभी नहीं थकीं।

         पाप से बुरी तरह से टूटे हुए इस संसार में दया दिखाते-दिखाते थक जाना संसार में व्याप्त बुराई का एक दुष्परिणाम हो सकता है। हम चाहे कितने भी उत्तम इरादे रखते हों, किन्तु मानव दुःख की वास्तविक मात्रा हम में से किसी को भी अभिभूत कर सकती है। परन्तु यह थकान प्रभु यीशु के चरित्र का भाग नहीं थी। परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती 9:35-36 में हम देखते हैं “और यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे।”

         हमारा संसार न केवल भौतिक आवश्यकताओं से ग्रसित है, वरन इस में आत्मिक टूटापन भी बहुत है। प्रभु यीशु इस आत्मिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए आए थे और उन्होंने अपने अनुयायियों को इस कार्य में संलग्न रहने के लिए कहा (पद 37-38)। प्रभु ने प्रार्थना की, कि पिता परमेश्वर ऐसे सेवकों को खड़ा करे जो चारों ओर की इस आवश्यकता के साथ जूझ सकें – लोगों की अकेलेपन, पाप, और बीमारी की परिस्थितियों के साथ।

         हमारा प्रभु परमेश्वर हमें ऐसा मन दे कि हम उसके मन के अनुसार कार्य करने वाले बनें। प्रभु परमेश्वर की आत्मा की सहायता से हम दुःख उठाने वालों पर प्रभु के समान दया दिखा सकते हैं। - बिल क्राउडर

 

दुःख से भरे संसार में हम प्रभु यीशु की दया को दिखा सकते हैं।


जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:5

बाइबल पाठ: मत्ती 9:35-38

मत्ती 9:35 और यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा।

मत्ती 9:36 जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे।

मत्ती 9:37 तब उसने अपने चेलों से कहा, पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं।

मत्ती 9:38 इसलिये खेत के स्वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यिर्मयाह 24-26
  • तीतुस 2

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