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शनिवार, 29 मई 2010

युद्ध के लिये तैयार

प्रेरित पौलुस, आत्मिक युद्ध का एक साहसी योद्धा था। अपने संघर्षपूर्ण जीवन के अन्त में उसने अपने जीवन की गवाही के लिये कहा, "मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है" (२ तिमुथियुस ४:७)।

इससे कुछ साल पहले यीशु मसीह के इस वीर योद्धा ने अपने संगी मसीहीयों से आग्रह किया था कि वे परमेश्वर के सारे हथियार बांध लें जिससे वे अंधकार की शक्तियों से होने वाले अपने आत्मिक युद्ध में स्थिर खड़े रह सकें। इन हथियारों को प्रतिदिन पहनने की अनिवार्यता से पौलुस भली भांति परिचित था। मसीह की सेवकाई में पौलुस ने कोड़े खाए, मार खाई, उसे पत्थरवाह किया गया, बन्दिगृह में डाला गया, वह कई बार भूखा, प्यासा, थकान से चूर और ठंड में ठिठुरता रहा (२ कुरिन्थियों ११:२२-२८)।

कमर में सत्य की पेटी और सीने पर धार्मिकता का कवच बांध कर, पैरों में मेल-मिलाप की जूती पहिने, हाथ में विश्वास की ढाल लिये और सिर पर उद्धार का टोप पहनकर, आत्मा की तलवार अर्थात पारमेश्वर का वचन लिये वह शैतान के जलते हुए तीरों का सामना करके, इन हथियारों के द्वारा उन तीरों को नाकाम कर सका (इफिसियों ६:१४-१७)। परमेश्वर के इन हथियारों से पौलुस की तरह हम भी युद्ध के लिये पूरी तरह तैयार और सुरक्षित करे गए हैं।

अंधकार का राजकुमार अपने शैतानी सेना के साथ एक बहुत ही धूर्त शत्रु है। इसलिये हमें ज़रूरत है उसकी धोखेबाज़ युक्तियों से सदा सतर्क रहने की, और प्रतिदिन परमेश्वर के हथियारों को बांधे रखने की। यदि हम ऐसा करते हैं, तो पौलुस की तरह अपने जिवन के अन्त के निकट पहुंच कर, हम भी कह सकते हैं कि हमने "विश्वास की रखवाली की है।" - वेर्नन ग्राउंड्स


परमेश्वर के हथियार आपके लिये और आप्के नाप के बनाये गये हैं, बस आपको उन्हें धारण करना है।


बाइबल पाठ: इफिसियों ६:१०-१८


परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको। - इफिसियों ६:११


एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास ७-९
  • यूहन्ना ११:१-२९

शुक्रवार, 28 मई 2010

गवाह

आपराधिक मुकद्दमों में गवाह अपराध के बारे में बहुत अहम जानकारी प्रदान करते हैं। गवाह होने का मतलब है अदालत को जो भी जानते हैं उसकी सच्ची जानकारी देना।

जैसे आपराधिक न्याय विधि गवाहों पर निर्भर करती है, वैसे ही यीशु भी साहसी, विश्वासयोग्य और खरे गवाहों पर निर्भर करता है, उसके वचन और उसकी मण्डली के प्रचार और प्रसार के लिये।

अपने पिता के पास अपने स्वर्गारोहण से पहले यीशु ने अपने चेलों को अन्तिम आज्ञा दी - एक विश्वव्यापी गवाही का अभियान आरंभ करने की। यीशु ने चेलों को बताया कि पवित्र आत्मा उन पर आयेगा और उन्हें आलौकिक सामर्थ देगा, ताकि वे सारे जगत में उसके गवाह हो सकें (प्रेरितों १:८)।

यीशु ने उन आरंभिक प्रेरितों को बुलाया कि वे जगत में जायें जहां लोग उसके बारे में नहीं जानते थे, और जो प्रेरितों ने देखा, सुना और अनुभव किया उसकी सच्ची गवाही दें (प्रेरितों ४:१९, २०)। क्योंकि प्रेरितों ने यीशु का सिद्ध जीवन, उसकी शिक्षाएं, दुखः उठाना, मृत्यु, दफनाया जाना और मुर्दों से जी उठना देखा था (लूका २४:४८, प्रेरितों १-५), उन्हें जाकर यीशु की सच्ची गवाही देनी थी।

सुसमाचार को जगत के छोर तक ले जाने के लिये हमें बुलाया गया है, कि हम यीशु की सच्चाई की गवाही दें और बताएं कि कैसे उसने हमारे जीवन को बदला है। "फिर जिस पर उन्‍होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्‍योंकर लें और जिस की नहीं सुनी उस पर क्‍योंकर विश्वास करें?" (रोमियों १०:१४)।

दूसरों को गवाही देने के लिये आप क्या कर रहे हैं? - मारविन विलियम्स


परमेश्वर ने हमें संसार में गवाह होने के लिये छोड़ा है।


बाइबल पाठ: प्रेरितों के काम १:१-११


परन्‍तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे, और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। - प्रेरितों के काम १:८


एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास ४-६
  • यूहन्ना १०:२४-४२

गुरुवार, 27 मई 2010

कितने अंधे?

गायक रे स्टीवन्स को इस वाक्यांश "उसके जैसा कोई अंधा नहीं जो देखना न चाहे" कहने का श्रेय दिया जाता है, यह रे के एक गीत "Everything is Beautiful" (सब कुछ सुन्दर है) की एक पंक्ति है। किंतु २५० वर्ष पहले मैथ्यू हेनरी नामक प्रचारक ने इस वाक्यांश को प्रयोग किया था, बाइबल के एक भजनकार आसफ के एक भजन पर करी गई अपनी टिप्पणी में।

आसफ के भजन स्टीवन्स के गीतों जैसे लोकप्रीय नहीं थे। परमेश्वर द्वारा दिये गये उद्देश्यों को पूरा न करने के लिये आसफ के इस भजन में इस्त्राएल को डांट लगाई गई है। परमेश्वर ने इस्त्राएल को चुना था संसार को दिखाने के लिये कि कैसे सही रीति से जीवन व्यतीत किया जाता है और सच्चा न्याय चुकाया जाता है, किंतु इस उद्देश्य में वे बुरी तरह से नाकाम रहे। कमज़ोर और अनाथों की रक्षा करने के स्थान पर वे अन्यायियों और दुष्टों का पक्ष ले रहे थे (भजन ८२:२, ३)।

भजन ८२ पर अपनी व्याख्या में मैथ्यु हैनरी ने लिखा, "गुप्त में दिया गया उपहार उन्हें अंधा कर देता है। वे जानते नहीं क्योंकि वे जानना चाहते ही नहीं। उनके जैसा कोई अंधा नहीं जो देखना नहीं चाहते। उन्होंने अपनी अन्तरात्मा को दबा दिया है, इसलिये अन्धकार में चलते हैं।"

यीशु ने कमज़ोर और असहाय लोगों के प्रति परमेश्वर की रुचि को दिखाया; उसने कहा कि जो कुछ भी "इन छोटे से छोटों" के लिये किया जाता है, वह परमेश्वर के लिये किया जाता है ( पढ़ें मत्ती २५: ३४-४०)। उसने अपने चेलों को डांटा छोटे बच्चों को उस के पास ना आने देने के लिये ( पढ़ें लूका १८:१६)।

जो वैसे देखते हैं जैसे परमेश्वर देखता है, वे असहायों की सहायता के उपाय करते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


सच्चे मसीही प्रेम की परख: क्या आप उनकी सहायता करते हैं जो प्रत्युत्तर में आपकी सहायता नहीं कर सकते?


बाइबल पाठ: भजन ८२


तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया। - मत्ती २५:४०


एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास १-३
  • यूहन्ना १०:१-२३

बुधवार, 26 मई 2010

बुरे को भला कहना

कई वर्षों से "विज़रड ऑफ ओज़" नामक पुस्तक लोकप्रीय रही है। उसके पात्रों, जैसे डौरोथी, स्केअरक्रो, टिनमैन और कायर सिंह से लोगों ने कई नैतिक शिक्षाएं लीं हैं। मूल कथानक में जिस बड़े शत्रु पर जय पानी है वह है पश्चिम में रहने वाली दुष्ट डाईन। मूल कथानक में बुराई को और उस पर भलाई की विजय को स्पष्ट दिखाया गया है।

ब्रॉडवे की एक संगीत नाटक मंडली ने इस कहानी के नैतिक तत्व को पलट दिया है। उनकी परिवर्तित कहानी में दुष्ट डाईन को एक सहनुभूति क पात्र बनाया गया है। वह हरे रंग की खाल के साथ पैदा हुई, इसलिये अपने आप को अकेली और अलग महसूस करती है। मुख्य पात्र और उनकी भूमिकाएं तथा कहानी की घटानाएं इस तरह बदल दी गईं हैं दुष्ट डाईन एक गलतफहमी का शिकार हुए व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत की जाती है। दर्षक इस परिवर्तित नाटक से यह भ्रम लेकर आ सकते हैं कि बुरा भला है और भला बुरा।

यशायाह भविष्यद्वक्ता की सेवाकाई के दिनों में इस्त्राएल में नैतिक मूल्यों का परिवर्तन हो गया था। कुछ लोग हत्या, मूर्तिपूजा और व्यभिचार जैसे पापों को भला मानने लगे थे। प्रत्युत्तर में यशायाह ने उन्हें एक कड़ी चेतावनी दी, "हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते हैं" (यशायाह ५:२०)। हमारे इस तुलनात्मक संसार में, लोकप्रीय संस्कृति सदा बाइबल के मूल्यों को चुनौती देती रहती है। परमेश्वर के वचन को सीखना, याद करना और उसपर मनन करना यह सुनिश्चित कर सकता है कि हम भले और बुरे की पहचान कर सकें। - डेनिस फिशर


यदि हम सत्य को जानते हैं तो असत्य को पहचान सकते हैं।


बाइबल पाठ: यशायाह ५:१८-२३


हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते हैं - यशायाह ५:२०


एक साल में बाइबल:
  • १ इतिहास २८, २९
  • यूहन्ना ९:२४-४१

मंगलवार, 25 मई 2010

बिकाऊ: एक आत्मा

गोएथे के उपन्यास ’डॉकटर फॉस्टस’ में जैसे फॉस्टस अपनी आत्मा शैतान को बेचता है, हम मान सकते हैं कि यह काल्पनिक कहानीयों में ही होता है। चाहे हमें यह किस्से-कहानीयों की बात लगे, लेकिन आत्मा बेचने की कई घटनाएं हो चुकी हैं।

’वायर्ड’ पत्रिका ने यह समाचार छापा कि २९ वर्षीय विश्व्विद्यालय के एक प्रशीक्षक ने अपनी अमर आत्मा १,३२५ अमेरीकी डॉलर में बेच दी। उसका कहना है कि, "अमेरिका में आप वास्तविक अथवा आलंकारिक रूप से अपनी आत्मा बेच सकते हैं और उसके लिये पुरुस्कृत हो सकते हैं"। यह विसम्य की बात है कि खरीदने वाला, खरीदी हुई आत्मा को प्राप्त कैसे करेगा!

हम वास्तविक रूप में अपनी आत्मा बेच नहीं सकते पर उसे खोकर कुछ और प्राप्त कर सकते हैं। हमें यीशु के प्रश्न पर विचार करना चाहिये "मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्या देगा?" (मत्ती १६:२६)। आज के समय का हमारा उत्तर, यीशु के ज़माने के लोगों के उत्तर से कुछ ज़्यादा भिन्न नहीं होगा: जगत, शरीर और शैतान। हमें आकर्षित करके वश में करने वाली लालसाएं, वासनओं की बेरोकटोक तृप्ति, बदले की भावना, सांसारिक सफलता और वस्तुओं की प्राप्ति आदि कई लोगों लिये अनन्त काल के स्वर्गीय जीवन की उपेक्षा कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं।

संसार की किसी भी चीज़ की तुलना परमेश्वर के प्रेम और क्षमा से नहीं की जा सकती। यदि संसार के सुख-विलास का प्रेम आपको मसीह यीशु में विश्वास करने से रोक रहे हैं तो एक बार फिर विचार कर लीजिए - यह सब आपके अमर आत्मा से अधिक मूल्यवान नहीं हैं। - डेविड एगनर


यीशु ही वह जल स्त्रोत है जोप प्यासी आत्मा को तृप्त कर सकता है।


बाइबल पाठ: मत्ती १६:२४-२८


मनुष्य अपने प्राण के बदले में क्या देगा? - मत्ती १६:२६


एक साल में बाइबल:
  • १ इतिहास २५-२७
  • यूहन्ना ९:१-२३

सोमवार, 24 मई 2010

मित्रों की गवाही

पुलिट्ज़र पुरुस्कार विजेता डेविड हलबेरस्ट्रोम, कोरिया युद्ध में अमेरिका की भूमिका पर लिखी अपनी महान कृति के प्रकाशन से ५ महीने पूर्व एक सड़क दुर्घटना में चल बसे। उस लेखक की मृत्यु के बाद उसके सहलेखकों और मित्रों ने स्वेच्छापूर्वक उसकी पुस्तक को लेकर सारे देश का दौरा किया। हर स्थान पर जहां वे जाते, वे हलबेरस्ट्रोम के सम्मान में उसकी की पुस्तक के कुछ अंश पढ़ते और अपने दिवंगत मित्र से संबंधित अपनी यादें बांटते।

किसी व्यक्ति की महानता और उसके व्यक्तित्व का बयान एक मित्र से बेहतर कोई नहीं कर सकता। प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनुरुत्थान और स्वर्गारोहण के बाद उसके शिष्यों ने उस अनुपम व्यक्ति के साथ अपने अनुभवों बारे में औरों को बताना आरम्भ कर दिया - "हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्‍त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ" (१ यूहन्ना १:२)। उनका उद्देश्य था कि लोग परमेश्वर पिता और उसके पुत्र यीशु को जानें (पद ३)।

कभी कभी हमें लग सकता है कि दूसरों के सामने गवाही देना और मसीह में अपने विश्वास का बयान करना एक भयावह या बोझिल कार्य है। किंतु इसे यदि एक ऐसे मित्र के बारे में बात करने के रूप में देखें, जिसकी उपस्थिति और प्रभाव ने हमारा जीवन बदल दिया है, तो इस कार्य के प्रति हमारा नज़रिया बदल सकता है।

मसीह का सुसमाचार सदा उसके मित्रों की गवाही के द्वारा ही सबसे प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया जाता है। - डेविड मैककैस्लैंड


आप यीशु से जितना अधिक प्रेम रखेंगे, उतना ही अधिक आप उसके बारे में बताएंगे।


बाइबल पाठ: १ यूहन्ना १:१-७


हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्‍त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ। - १ यूहन्ना १:२


एक साल में बाइबल:
  • १ इतिहास २२-२४
  • यूहन्ना ८:२८-५९

रविवार, 23 मई 2010

मार्ग बनाओ

डवाईट डी. आईज़नहावर, द्वितीय विश्वयुद्ध में अपने साहसी नेतृत्व के लिये प्रसिद्ध थे। उनके युद्धकौशल से उनकी सेना ने योरप पर पुनः कब्ज़ा किया। एक वीर नायक के रूप में अमेरिका वापस लौटने के कुछ समय बाद उन्हें वहां का राष्ट्रपति चुन लिया गया।

जब वे योरप में थे तो आईज़नहावर ने वहां टेढ़े-मेढ़े रास्ते पार करने की कठिनाइयों और खतरों का अनुभव किया था। इसलिये अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये उन्होंने सड़कों का एक जाल सारे देश में फैलाने की योजना बनाई जो राष्ट्रिय़ राजमार्ग प्रणाली बनी। इसके लिये पहाड़ों में सुरंगें बनाईं गईं और तराईयों पर विशाल पुल बांधे गये।

प्राचीन कल में भी कब्ज़ा करने वाले राजा, नये इलाकों में अपनी सेना के लिये बनाये गये मार्गों से प्रवेश पाते थे। यशायाह के मन में यह रूपक था जब उसने कहा, "जंगल में यहोवा का मार्ग सुधारो, हमारे परमेश्वर के लिये अराबा में एक राजमार्ग चौरस करो" (यशायाह ४०:३)। तथा यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने लोगों को पश्चाताप के लिये पुकारा, आने वाले राजा यीशु के लिये उनके मनों में मार्ग बनाने के लिये।

आपके हृदय में यीशु के निर्बाध्य प्रवेश के लिये किस तैयारी की आवश्यक्ता है? क्या वहां कोई कड़ुवाहट की चट्टाने हैं जिन्हें क्षमा के द्वारा ढाया जाना ज़रूरी है? क्या शिकायत की खाईयां हैं जिन्हें सन्तुष्टि से भरा जाना ज़रूरी है?

हम इस आत्मिक कार्य को नज़रांदाज़ नहीं कर सकते। आईये राजा के लिये राजमार्ग तैयार करें। - जो स्टोवैल


मनफिराव राजा के साथ हमारे संबंध को ठीक करने के मार्ग को साफ कर देता है।


बाइबल पाठ: यशायाह ४०:३-५


जंगल में यहोवा का मार्ग सुधारो, हमारे परमेश्वर के लिये अराबा में एक राजमार्ग चौरस करो। - यशायाह ४०:३


एक साल में बाइबल:
  • १ इतिहास १९-२१
  • यूहन्ना ८:१-२७