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शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

मैं कर सकता हूँ

बच्चों की एक कहानी है, एक छोटे ट्रेन ईंजन के बारे में। एक चढ़ाई पर आकर उसने ट्रेन को ऊपर ले जाने की ठान ली और अपने अप से कहता गया ’मैं सोचता हूँ कि मैं यह कर सकता हूँ’ और चढ़ता गया। थोड़ी देर में उसका विचार निश्चय में बदल गया और फिर उसने कहना शुरू कर दिया ’मैं जानता हूँ कि मैं कर सकता हूँ।’

कोई इस बात से इन्कार नहीं करेगा कि मसीह के अनुयायीयों को सकारात्मक सोच के साथ जीवन निर्वाह करना है। किंतु क्या कभी आप अपने आप को अपनी योग्यताओं और सामर्थ पर अधिक और आप में बसने वाले परमेश्वर के आत्मा की सामर्थ पर कम भरोसा रखते हुए पाते हैं?

यूहन्ना १५ में प्रभु यीशु ने समझाया कि उसके अनुयायीयों को पूर्ण्तयाः उस पर निर्भर रहना चाहिये, उसने कहा " मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो, जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्‍योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते" (यूहन्ना १५:५)। पौलुस ने स्मरण दिलाया कि "जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं" (फिलिप्पियों ४:१३); और "कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ पाकर बलवन्‍त होते जाओ" (इफिसियोम ३:१६) जिससे "...कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, बरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे" (२ कुरिन्थियों ४:७)।

परमेश्वर की उपलब्ध सामर्थ के द्वारा, उसमें होकर हम वह सब कुछ कर सकते हैं जो वह हमसे चाहता है। हम अपना भरोसा अपनी सीमित योग्यताओं और सामर्थ पर नहीं, वरन परमेश्वर की असीमित सामर्थ और वाचाओं पर रख सकते है।

इसलिये आज अपनी हर परिस्थिति और कठिनाई में, हमें उपलब्ध उस असीम सामर्थ के आधार पर, उस छोटे ट्रेन इंजन से कहीं अधिक दृढ़ता से हम कह सकते हैं "मैं जानता हूँ मैं कर सकता हूँ; मैं जानता हूँ मैं कर सकता हूँ - प्रभु यीशु के कारण।" - सिंडी हैस कैस्पर


परमेश्वर के काम परमेश्वर की सामर्थ से ही पूरे होते हैं

अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है - इफीसियों ३:२०


बाइबल पाठ: इफीसियों ३:१४-२१

मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं,
जिस से स्‍वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है।
कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ पाकर बलवन्‍त होते जाओ।
और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर।
सब पवित्र लागों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है।
और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।
अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है,
कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उस की महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १०५, १०६ १
  • कुरिन्थियों ३

गुरुवार, 19 अगस्त 2010

दिल की बात

टी. वी. के एक व्यापरिक विज्ञापन में, विनोदात्मक रूप से दिखाया गया, कि जब भी सूसन मुहँ खोलती तो उसके मुहँ से सायरन की सी आवाज़ निकलती, क्योंकि सूसन के दांत खराब थे और वह अपने दन्त चिकित्सक के पास जाना टालती जा रही थी। उसे स्मरण दिलाने के लिये उसके दांतों से सायरन बजता था।

इस विज्ञापन ने मुझे सोच में डाल दिया कि जब मैं मुहँ खोलता हूँ तो मेरे मुहँ से क्या निकलता है? प्रभु यीशु ने कहा कि हमारे मुहँ के शब्द हमारे हृदय से आते हैं (मत्ती १५:१८)। यीशु ने कहा कि "जो मुंह में जाता है, वह मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता, पर जो मुंह से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है। तब चेलों ने आकर उस से कहा, क्‍या तू जानता है कि फरीसियों ने यह वचन सुनकर ठोकर खाई" (मत्ती १५:११, १२), और उसकी इस बात ने उसके समय के धर्मगुरुओं - फरीसियों को क्रुद्ध किया। फरीसी मानते थे कि वे परमेश्वर के साथ सही हैं क्योंकि वे धर्म संबंधी नियमों और रीति रिवाज़ों का कड़ाई से पालन करते थे। वे केवल "शुद्ध" भोजन वस्तुएं ही ग्रहण करते थे और भोजन से पहले शरीर की स्वच्छता का पालन करते थे। यीशु ने अपनी शिक्षाओं से उनके धर्म संबम्धी घमण्ड को झकझोरा, जो उन्हें अच्छा नहीं लगा।

प्रभु यीशु हमारे घमण्ड को भी झकझोरता है। हम सोचते हैं कि हम धर्मी हैं क्योंकि हम नियम से चर्च जाते हैं, प्रार्थना करते हैं, विधियों का पलन करते हैं आदि; लेकिन और क्या करते हैं - पीठ पीछे लोगों की बुराई, इससे-उससे किसी के बारे में उलटा सीधा बोलना? याकूब ने अपनी पत्री में लिखा "इसी [हमारी जीभ] से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं, और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्‍पन्न हुए हैं श्राप देते हैं। एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं। हे मेरे भाइयों, ऐसा नहीं होना चाहिए।" (याकूब ३:९-११)

जब हम मुहँ खोलें और अनुचित बोलें तो हमें अपने दिल को जांचने और मन की मलिन्ता के लिये परमेश्वर से क्षमा माँगने की आवश्यक्ता है, और साथ ही परमेश्वर से यह भी माँगें कि उसकी सहायता से हम दूसरों के लिये आशीश का कारण हो सकें। - एने सेटास


आपका मुहँ आपके मन का दर्पण है।

पर जो कुछ मुंह से निकलता है, वह मन से निकलता है, और वही मनुष्य को अशुद्ध करता है। - मत्ती १५:१८


बाइबल पाठ: मत्ती १५:७-२०

हे कपटियों, यशायाह ने तुम्हारे विषय में यह भविष्यद्वाणी ठीक की।
कि ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है।
और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्‍योंकि मनुष्य की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।
और उस ने लोगों को अपने पास बुलाकर उन से कहा, सुनो और समझो।
जो मुंह में जाता है, वह मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता, पर जो मुंह से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।
तब चेलों ने आकर उस से कहा, क्‍या तू जानता है कि फरीसियों ने यह वचन सुनकर ठोकर खाई
उस ने उत्तर दिया, हर पौधा जो मेरे स्‍वर्गीय पिता ने नहीं लगाया, उखाड़ा जाएगा।
उन को जाने दो; वे अन्‍धे मार्ग दिखाने वाले हैं: और अन्‍धा यदि अन्‍धे को मार्ग दिखाए, तो दोनों गड़हे में गिर पड़ेंगे।
यह सुनकर, पतरस ने उस से कहा, यह दृष्‍टान्‍त हमें समझा दे।
उस ने कहा, क्‍या तुम भी अब तक ना समझ हो?
क्‍या नहीं समझते, कि जो कुछ मुंह में जाता, वह पेट में पड़ता है, और सण्‍डास में निकल जाता है?
पर जो कुछ मुंह से निकलता है, वह मन से निकलता है, और वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।
क्‍योंकि कुचिन्‍ता, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्‍दा मन ही से निकलती हैं।
यही हैं जो मनुष्य को अशुद्ध करती हैं, परन्‍तु हाथ बिना धोए भोजन करना मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता।

एक साल में बाइबल:
  • भजन१०३, १०४ १
  • कुरिन्थियों २

बुधवार, 18 अगस्त 2010

धोखे से सावधान

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, ६ जून १९४४ को मित्र देशों की सम्मिलित सेना ने फ्रांस के नॉरमैण्डी शहर के निकट समुद्र तट पर नौसेना द्वारा बहुत बड़ा हमला किया। साथ ही वायुसेना ने हज़ारों छाताधारी सैनिक उस इलाके में उतारे गये। इन छाताधारी सैनिकों के साथ उन्होंने रबर के बने बहुत से पुतले भी, जिन्हें ’रूपर्ट’ नाम दिया गया था, शत्रु की सेना के पीछे उतारे, जिससे शत्रु को पीछे से हमले की गलतफहमी हो और वह असमंजस में पड़ जाए। पुतलों को अपने पीछे ज़मीन पर उतरते देख कई जर्मन चौकियों का ध्यान उनसे लड़ने की ओर चला गया जिससे उनकी सुरक्षा पंक्ति कमज़ोर हो गई और असली सैनिकों को पांव जमाने का अवसर मिल गया।

इस तरह के धोखे को हम दुशमन के इरादों को नाकाम करने और युद्ध लड़ने की एक जायज़ नीति कह सकते हैं, किंतु शैतान द्वारा हमें ऐसे ही किसी धोखे में फंसाना, कभी स्वीकार्य नहीं होना चाहिये। पौलुस ने समझाया कि, "यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्‍योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्‍वर्गदूत का रूप धारण करता है" और "शैतान के सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धारण करते हैं" ( २ कुरिन्थियों ११:१४, १५)।

हमें सचेत रहना है! हमारा आत्मिक शत्रु सदा इस प्रयास में रहता है कि मसीह के अनुयायी झूठी शिक्षा और गलत सिद्धांतों को मानकर गलत रास्ते पर चल निकलें। परन्तु यदि हम अपना ध्यान प्रभु यीशु मसीह पर और उसके वचन की स्पष्ट शिक्षाओं पर केंद्रित रखते हैं तो प्रभु से हमें सही दिशा निर्देश मिलता रहेगा।

धोखे से सावधान, शैतान के ’रूपर्टों’ से सचेत रहो। - बिल क्राउडर


परमेश्वर का सत्य शैतान के झूठ को उजागर कर देता है।

यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्‍योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्‍वर्गदूत का रूप धारण करता है। - २ कुरिन्थियों ११:१४, १५


बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों ११:३, ४, १२-१५

परन्‍तु मैं डरता हूं कि जैसे सांप ने अपनी चतुराई से हव्‍वा को बहकाया, वैसे ही तुम्हारे मन उस सीधाई और पवित्रता से जो मसीह के साथ होनी चाहिए कहीं भ्रष्‍ट न किए जाएं।
यदि कोई तुम्हारे पास आकर, किसी दूसरे यीशु को प्रचार करे, जिस का प्रचार हम ने नहीं किया: या कोई और आत्मा तुम्हें मिले, जो पहिले न मिला था, या और कोई सुसमाचार जिसे तुम ने पहिले न माना था, तो तुम्हारा सहना ठीक होता।
परन्‍तु जो मैं करता हूं, वही करता रहूंगा, कि जो लोग दांव ढूंढ़ते हैं, उन्‍हें मैं दांव न पाने दूं, ताकि जिस बात में वे घमण्‍ड करते हैं, उस में वे हमारे ही समान ठहरें।
क्‍योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित, और छल से काम करने वाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरने वाले हैं।
और यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्‍योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्‍वर्गदूत का रूप धारण करता है।
सो यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कुछ बड़ी बात नहीं परन्‍तु उन का अन्‍त उन के कामों के अनुसार होगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १००-१०२
  • १ कुरिन्थियों १

मंगलवार, 17 अगस्त 2010

स्तुति का नया गीत

पास्टर विलिस को ९४ वर्ष की आयु में एक बुज़ुर्गों की देख भाल करने वाली संस्था में भर्ती कराया गया। एक से दूसरे स्थान जाने के लिये पहिये वाली कुर्सी पर निर्भर होने पर भी, उन्होंने आनन्द के साथ बताया कि कैसे इस संस्था में भर्ती होने के द्वारा परमेश्वर ने उन्हें सुसमाचार प्रचार का नया क्षेत्र दिया है। कुछ वर्ष पश्चात जब वह पूर्णत्य: शय्याग्रस्त हो गये तो वे बड़े जोश के साथ परमेश्वर की ओर मुंह रखने की सबसे उत्तम स्थिति में होने के बारे में बात करते थे। जब १०० वर्ष की आयु में उनका देहान्त हुआ तो वे अपने पीछे जीवन के हर मोड़ पर परमेश्वर की स्तुति का एक नया गीत गाने की विरासत छोड़ कर गए।

भजन ९८ हमें परमेश्वर के लिये एक नया गीत गाने के लिये प्रेरित करता है "क्योंकि उस ने आश्चर्य कर्म किए हैं! उसके दहिने हाथ और पवित्रा भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है!" (भजन ९८:१)। हमें मुश्किल परिस्थितियों में भी उसकी स्तुति करनी चाहिये क्योंकि "...अपनी करूणा और सच्चाई की सुधि ली..." (पद ३)। यद्यपि यह भजन परमेश्वर द्वारा इस्त्राएलियों को बंधुआई से छुड़ाए जाने के बारे में है, यह आने वाले समय में प्रभु यीशु द्वारा पाप की गुलामी से मिलने वाली स्वतंत्रता की और उसके न्याय की भविष्यद्वाणी भी है। जब हम याद करते हैं कि परमेश्वर ने हमारे लिये क्या कुछ किया है तो हम उस पर भरोसा भी रख सकते हैं कि वह आज की मुश्किलों और आने वाले समय की अनिश्चित्ताओं में भी हमारी सहायता करेगा।

भजनकार ने लिखा "समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें, जगत और उसके निवासी महाशब्द करें! नदियां तालियां बजाएं, पहाड़ मिलकर जयजयकार करें। यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आनेवाला है। वह धर्म से जगत का, और सीधाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा" (पद ७-९)। आइये हम भी परमेश्वर की सृष्टि के साथ मिलकर अपने उद्धारकर्ता की स्तुति करें। - अल्बर्ट ली


परमेश्वर के साथ स्वर मिलाने वाल हृदय ही उसकी स्तुति के गीत गा सकता है।


हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जय जय कार करो, उत्साह पूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ! - भजन ९८:४


बाइबल पाठ: भजन ९८

यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उस ने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दहिने हाथ और पवित्रा भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है!
यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उस ने अन्य जातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है।
उस ने इस्राएल के घराने पर की अपनी करूणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है।
हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो, उत्साह पूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ!
वीणा बजाकर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजाकर भजन का स्वर सुनाओ।
तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें, जगत और उसके निवासी महाशब्द करें!
नदियां तालियां बजाएं, पहाड़ मिलकर जयजयकार करें।
यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आनेवाला है। वह धर्म से जगत का, और सीधाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ९७-९९
  • रोमियों १६

सोमवार, 16 अगस्त 2010

प्रभुत्व की पहचान

बालकपन में मुझे एक फिल्म Little Lord Fauntleroy देखना बहुत पसन्द था। यह फिल्म एक बालक सेडरिक की कहानी है जो अपनी मां के साथ न्यूयॉर्क में गरीबी की हालत में रहता है। एक दिन उसे समाचार मिलता है कि वह इंग्लैंड के एक कुलीन परिवार का सीधा वंशज है और बड़ी संपत्ति का उत्तराधिकारी है। न्यूयॉर्क की सड़कों पर खेलने वाला यह गरीब बालक अब अचानक ही इंग्लैंड की सड़कों पर लोगों से जयज्यकार के नारे सुनने और राजसी ठाठ के साथ चलने वाला व्यक्ति बन जाता है।

यदि आपने यीशु को नासरत की सड़कों पर खेलते देखा होता तो आपने उस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया होता। यदि उसे उसकी बढ़ई की दुकान में काम करते देखते तो उसके देवत्व के बारे में आपको आभास भी न होता। और यदि आपने उसे क्रूस पर लटके देखा होता, और आप उसमें निहित महान रहस्य को नहीं जानते, तो उस हृदय विदारक दृष्य ने आपको उसका आदर करने को कतई न उभारा होता।

लेकिन अपने मृत्कों में से पुनुरुत्थान के द्वारा यीशु ने अपनी सच्ची पहिचन संसार के सामने रख दी, कि वह सर्वोत्तम, सर्वश्रेष्ठ और सर्वोच्च महाराजाधिराज है! जबकि "...परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्‍ठ है" (फिलिप्पियों २:९) इसलिये आइये हम बड़े आदर के साथ उसकी आराधना करें, जिसने इतनी नम्रता से अपना समर्पण किया और अपना बलिदान दिया ताकि वह हमारे लिये पाप और मृत्यु पर विजयी महाराजाधिराज हो सके। - जो स्टोवैल


परमेश्वर द्वारा निर्धारित राजाधिकारी को पहिचानिये, उसका आदर कीजिये, उसकी उपासना कीजिये।

..जो स्‍वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे हैं, वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है। - फिलिप्पियों २:१०, ११


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:५-११

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो।
जिस ने परमेश्वर के स्‍वरूप में होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्‍तु न समझा।
वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्‍ठ है।
कि जो स्‍वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे हैं, वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ९४-९६
  • रोमियों १५:१४-३३

रविवार, 15 अगस्त 2010

नियमित अभ्यास

पाईक्स पीक चढ़ाई की दौड़ १३.३२ मील की एक अत्यन्त चुनौती भरी दौड़ है जो पहाड़ की तले से आरंभ होकर पहाड़ पर ७८१५ फीट की उंचाई पर समाप्त होती है। मेरे मित्र डॉन वालेस ने इसमें २० बार हिस्सा लिया है। अन्तिम बार जब उसने हिस्सा लिया तब वह अपने ६७वें जन्म दिन से केवल एक सप्ताह दूर था! डॉन इस की तैयारी दौड़ से कुछ समय पहले आरंभ नहीं करता, वरन उसने नियम बना रखा है कि वह प्रतिदिन ६ मील दौड़ेगा और सारे साल वह ऐसा करता है, चाहे वह जहां भी हो। यह अभ्यास वह लगभग अपने संपूर्ण व्यस्क जीवन करता रहा है और अब भी करता है।

पौलुस, १ कुरिन्थियों ९ अध्याय में अपने अनुशासित मसीही जीवन को जीने की उपमा दौड़ने से देता है। वह उद्देश्य और अनुशासन से दौड़ा जिससे कि अनन्त जीवन में वह जीत का मुकुट पा सके, और उसने औरों को भी ऐसा ही करने को प्रोत्साहित किया: "क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो" (१ कुरिन्थियों ९:२४)।

इससे अगले पद, पद २५ में, वह अपने पाठकों को स्मरण दिलाता है कि जो खिलाड़ी इनाम पाने की आशा रखते हैं वे संयम के साथ नियमित अभ्यास करते हैं, क्योंकि अन्तिम समय पर करी गई किसी भी तैयारी की अपेक्षा ऐसा करना कहीं अधिक महत्वपूर्ण और कार्यकारी होता है।

जो जीवन की दौड़ हमारे सामने रखी है (इब्रानियों १२:१), हम उसे कैसा लेते हैं - परमेश्वर को प्रसन्न करने के निश्चय और उद्देश्य के अनुशासन के साथ या हलके में और लापरवाही से?

मसीही जीवन की दौड़ को सफलता से पूरी करने की कुंजी, प्रतिदिन उसके अनुशासन का नियमित अभ्यास है। - डेविड मैककैसलैंड


मसीही जीवन की दौड़ को दौड़ने के लिये समर्पण और अनुशासन अनिवार्य हैं।

क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। - १ कुरिन्थियों ९:२४


बाइबल पाठ:१ कुरिन्थियों ९:२४-२७

क्‍या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्‍तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो।
और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्‍तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं।
इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्‍तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्‍तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है।
परन्‍तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं, ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ९१-९३
  • रोमियों १५:१-१३

शनिवार, 14 अगस्त 2010

सबसे घातक रोग

वियतनाम में सन २००३ में एक घातक शवास रोग SARS (Severe Acute Respiratory Syndrome) का पता लगा। जब तक कि इसे नियंत्रित किया जा पाता, यह सारे विश्व में फैल चुक था और ८०० के लगभग लोगों की जान ले चुका था। आरंभ में इसके घातक होने का प्रमुख कारण इसे उत्पन्न करने वाले वायरस का पता ना होना था। एक बार उस वायरस को पहचान कर और उसे समझ लिया गया, तो SARS पर काबू पाना आसान हो गया और काबू पा लिया गया।

एक अन्य, इससे भी घातक, बीमारी हमारे संसार में व्याप्त है - पाप का रोग। इसे भी काबू करना आसान नहीं है क्योंकि बहुत से लोग इसकी भयानकता को नहीं पहचानते, और कई इसके विष्य में बाइबल द्वारा दिये निदान और उपचार को नहीं मानते।

यहोशु ७ में हम अकान के पाप की दुखद घटना पढ़ते हैं। परमेश्वर की आज्ञा के विरुद्ध उसने यरीहो से युद्ध की लूट की कुछ वस्तुएं ले कर, अपने डेरे में छिपा दीं (पद २१). उसे और उसके परिवार को इसकी कीमत अपनी जान दे कर चुकानी पड़ी (पद २५)।

परमेश्वर द्वारा दिया गया यह घोर दंड हमें सहमा सकता है। धन्यावाद की बात है कि परमेश्वर हमसे ऐसा व्यवहार नहीं करता, यदि उसने ऐसा किया होता तो हम में से कोई भी जीवित नहीं बचता। तौभी हमें पाप की भयानक घातकता को हलका करके नहीं आंकना चाहिये - हमारे पाप के कारण ही मसीह यीशु को क्रूस पर बलि होना पड़ा।

जैसे SARS को काबू करने के लिये, वैसे ही पाप को काबू करने के लिये भी, पहली आवश्यक्ता है उसकी वास्तविक्ता और कारण को पहिचानना और फिर उसके सही उपचार का पालन करना। परमेश्वर से, पाप के प्रतिफल मृत्यु के स्थान पर मसीह यीशु में अनन्त जीवन के दान को कृतज्ञता से स्वीकार करें। फिर "...अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्‍कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है। इन ही के कारण परमेश्वर का प्रकोप आज्ञा न मानने वालों पर पड़ता है" (कुलुसियों ३:५,६)। यही तरीका है संसार के सबसे घातक रोग को काबू करने का। - सी. पी. हिया


पाप एक ऐसा रोग है जिसका उपचार केवल सृष्टि का सबसे बड़ा चिकित्सक - परमेश्वर ही कर सकता है।

परन्तु वह [यीशु] हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया, हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। - याशायाह ५३:५

बाइबल पाठ: यहोशु ७:१, १९-२६
परन्तु इस्राएलियों ने अर्पण की वस्तु के विषय में विश्वासघात किया, अर्थात्‌ यहूदा के गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्म्मी का पुत्र था, उस ने अर्पण की वस्तुओं में से कुछ ले लिया, इस कारण यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा।
तब यहोशू आकान से कहने लगा, हे मेरे बेटे, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का आदर कर, और उसके आगे अंगीकार कर, और जो कुछ तू ने किया है वह मुझ को बता दे, और मुझ से कुछ मत छिपा।
और आकान ने यहोशू को उत्तर दिया, कि सचमुच मैं ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के विरूद्ध पाप किया है, और इस प्रकार मैं ने किया है,
कि जब मुझे लूट में शिनार देश का एक सुन्दर ओढ़ना, और दो सौ शेकेल चांदी, और पचास शेकेल सोने की एक ईट देख पड़ी, तब मैं ने उनका लालच करके उन्हें रख लिया, वे मेरे डेरे के भीतर भूमि में गड़े हैं, और सब के नीचे चांदी है।
तब यहोशू ने दूत भेजे, और वे उस डेरे में दौड़े गए और क्या देखा, कि वे वस्तुएं उसके डेरे में गड़ी हैं, और सब के नीचे चांदी है।
उन को उन्हों ने डेरे में से निकाल कर यहोशू और सब इस्राएलियों के पास लाकर यहोवा के साम्हने रख दिया।
तब सब इस्राएलियों समेत यहोशू जेरहवंशी आकान को, और उस चांदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को, और उसके बेटे-बेटियों को, और उसके बैलों, गदहों और भेड़-बकरियों को, और उसके डेरे को, निदान जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नाम तराई में ले गया।
तब यहोशू ने उस से कहा, तू ने हमें क्यों कष्ट दिया है? आज के दिन यहोवा तुझी को कष्ट देगा। तब सब इस्राएलियों ने उसको पत्थरवाह किया, और उनको आग में डालकर जलाया, और उनके ऊपर पत्थर डाल दिए।
और उन्होंने उसके ऊपर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज तक बना है। तब यहोवा का भड़का हुआ कोप शान्त हो गया। इस कारण उस स्थान का नाम आज तक आकोर तराई पड़ा है।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ८९, ९०
  • रोमियों १४