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गुरुवार, 11 नवंबर 2010

निस्वार्थ वीरता का प्रोत्साहन

अमेरिका के एक अखबार Chicago Tribune में एक रिपोर्ट छपी जिसमें बताया गया कि बहुत से ऐसे अमेरिकी नागरिक है, पादरियों से लेकर वकीलों और कंपनियों के उच्च संचालकों तक जो ऐसे शौर्य के कार्यों के लिये पदकों का दावा कर रहे हैं जो उन्होंने कभी किये ही नहीं! युद्ध के रिकार्डों में हेरा-फेरी और पराक्रम के झूठे दावे हमारी कल्पना से कहीं अधिक प्रचलित हैं। एक व्यक्ति, जिसने जल सेना के शौर्य पदक का झूठा दावा किया, बाद में इस बात के लिये शर्मिंदा हुआ, और कहा कि वास्तविक शूरवीर कभी अपने कार्यों का स्वयं बखान नहीं करते।

वीरता की निशानी होती है दूसरों की भलाई के लिये निस्वार्थ रीति से अपनी जान भी जोखिम में डाल देने की पृवर्ति।

फिलिप्पियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस अपने दो ऐसे साथियों की, उनके विश्वास के सच्चे नायक होने के लिये सराहना करता है, जो समाज में बहुत ही साधारण सा जीवन और स्थान रखते थे किंतु विश्वास में उनकी कर्मठता ने उन्हें परमेश्वर के वचन में सदा काल के लिये उदाहरण बना दिया और असाधारण स्थान दे दिया। तिमुथियुस को, उसके निस्वार्थ और परखे हुआ चरित्र के कारण, पौलुस अपने ऐसे पुत्र की संज्ञा देता है जिसने सुसमाचार प्रचार में उसकी सेवा करी (फिलिप्पियों २:२२)। पौलुस एपाफ्रुदितुस की भी सराहना करता है क्योंकि मसीह के कार्य के लिये उसने अपनी जान जोखिम में डाली, और उसे अपना भाई, सहकर्मी और संगी योद्धा करके संबोधित करता है (फिलिप्पियों २:२५, ३०)। फिलिप्पियों के विश्वासियों को पौलुस ने समझाया कि ऐसे लोगों का बहुत आदर करें (फिलिप्पियों २:२९)।

अपने सहविश्वासियों का, परमेश्वर के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिये आदर करना बाइबल की शिक्षा है। इसका तात्पर्य ऐसे वीरों की पूजा करना नहीं है, वरन एक भला जीवन जीने के लिये उनके प्रति आदर का भाव रखना है।

आज हमारा यह कर्तव्य है कि हम परमेश्वर के लिये निस्वार्थ कार्य करने वालों और उसके नाम की खातिर दूसरों की सहयतार्थ अपना जीवन बिताने वालों का आदर करें और अपने शब्दों द्वारा अथवा किसी ठोस कार्य के द्वारा उन्हें प्रोत्साहित करें। - डेविड मैककैसलैंड


मसीह में विश्वास द्वारा साधारण मनुष्य भी असाधारण नायक बन जाते हैं।

इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्‍द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना। - फिलिप्पियों २:२९


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:१९-३०

मुझे प्रभु यीशु में आशा है, कि मैं तीमुथियुस को तुम्हारे पास तुरन्‍त भेजूंगा, ताकि तुम्हारी दशा सुन कर मुझे शान्‍ति मिले।
क्‍योंकि मेरे पास ऐसे स्‍वाभाव का कोई नहीं, जो शुद्ध मन से तुम्हारी चिन्‍ता करे।
क्‍योंकि सब अपने स्‍वार्थ की खोज में रहते हैं, न कि यीशु मसीह की।
पर उसको तो तुम ने परखा और जान भी लिया है, कि जैसा पुत्र पिता के साथ करता है, वैसा ही उस ने सुसमाचार के फैलाने में मेरे साथ परिश्रम किया।
सो मुझे आशा है, कि ज्योंही मुझे जान पड़ेगा कि मेरी क्‍या दशा होगी, त्योंही मैं उसे तुरन्‍त भेज दूंगा।
और मुझे प्रभु में भरोसा है, कि मैं आप भी शीघ्र आऊंगा।
पर मैं ने एपाफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा।
क्‍योंकि उसका मन तुम सब में लगा हुआ था, इस कारण वह व्याकुल रहता था क्‍योंकि तुम ने उस की बीमारी का हाल सुना था।
और निश्‍चय वह बीमार तो हो गया था, यहां तक कि मरने पर था, परन्‍तु परमेश्वर ने उस पर दया की, और केवल उस ही पर नहीं, पर मुझ पर भी, कि मुझे शोक पर शोक न हो।
इसलिये मैं ने उसे भेजने का और भी यत्‍न किया कि तुम उस से फिर भेंट कर के आनन्‍दित हो जाओ और मेरा शोक घट जाए।
इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्‍द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना।
क्‍योंकि वही मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठा कर मरने के निकट हो गया था, ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई, उसे पूरा करे।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ५०
  • इब्रानियों ८