दूसरे विश्वयुद्ध में मई १९४५ में ओकिनावा के युद्ध के समय डौस ने बारंबार अपने जीवन को जोखिम में डाल कर युद्धभूमि में अनेक घायलों की जान बचाई। अपनी इस निस्वार्थ सेवा कार्य के कारण उन्होंने ना केवल उनका आदर और कृतज्ञता प्राप्त करी जिनकी उन्होंने जान बचाई थी, वरन अपने आलोचकों और ठठ्ठा करने वालों से भी प्रशंसा प्राप्त करी। डौस का यह व्यवहार और उसका प्रतिफल, परमेश्वर के वचन बाइबल से उन्हें मिली शिक्षाओं के आधार पर था।
प्रभु यीशु के चेले प्रेरित पतरस ने अपनी पत्री में प्रभु यीशु के अनुयायीयों को अनुचित और अन्यायपूर्ण आलोचना के विष्य में लिखा, कि वे इस से ना घबराएं, वरन अपने जीवन में परमेश्वर को आदर देते हुए नम्रता के साथ अपनी आशा के विष्य में पूछने वालों को उत्तर देने के लिए तैयार सदा तैयार रहें : "और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ। पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ" (१ पतरस ३:१४-१५)।
आज यही व्यवहार, इस मसीह विरोधी और पाप से दुखी संसार के लोगों को, प्रत्येक मसीही विश्वासी के जीवन में दिखना चाहिए जिससे वे परमेश्वर के प्रेम और क्षमा का अनुभव ले सकें, और पापों से फिरने के महत्व को जान सकें। - डेविड मैक्कैसलैंड
भलाई के बदले भलाई करना तो मानवीय, परन्तु बुराई के बदले भलाई करना ईश्वरीय व्यवहार है।
और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ। - १ पतरस ३:१४
बाइबल पाठ: १ पतरस ३:८-१७
1Pe 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र बनो।
1Pe 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो, और न गाली के बदले गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के वारिस होने के लिये बुलाए गए हो।
1Pe 3:10 क्योंकि जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे।
1Pe 3:11 वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्न में रहे।
1Pe 3:12 क्योंकि प्रभु की आंखे धमिर्यों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है।
1Pe 3:13 और यदि तुम भलाई करने में उत्तेजित रहो तो तुम्हारी बुराई करने वाला फिर कौन है?
1Pe 3:14 और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ।
1Pe 3:15 पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ।
1Pe 3:16 और विवेक भी शुद्ध रखो, इसलिये कि जिन बातों के विषय में वे जो तुम्हारे मसीही अच्छे चालचलन का अपमान करते हैं लज्ज़ित हों।
1Pe 3:17 क्योंकि यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो, कि तुम भलाई करने के कारण दुख उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दुख उठाने से उत्तम है।
एक साल में बाइबल:
- २ इतिहास २५-२७
- यूहन्ना १६
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