अपनी मनोरंजक पुस्तक Eats, Shoots & Leaves में लेखिका लिन ट्रस, वर्तमान समय में लेखन में विराम चिन्हों के गलत उपयोग और उन के कारण उत्पन्न होने वाली गलत समझ की कहानी बताती हैं। इस बात का एक उदाहरण है एक पाण्डा की कहानी। पाण्डा चीन में पाया जाने वाला भालू प्रजाति और सौम्य प्रवृति का एक जानवर है जो बांस की कोंपलें (shoots) और कोमल पत्तियां खाना पसन्द करता है। कहानी में एक पाण्डा एक होटल में प्रवेश करता है, अपने खाने के लिए सैन्डविच मंगाता है, सैण्डविच खाकर फिर वह बन्दूक निकालता है और गोलियां चलाने लगता है। जब होटल का वेटर उस से उस के इस व्यवहार के कारण को पूछता है तो पाण्डा उसे जंगल और जंगली जानवरों की जानकारी देने वाली एक पुस्तिका की प्रति देता है, जिसमें विराम चिन्हों का ठीक उपयोग नहीं हुआ है, और उस से कहता है कि इसमें से पाण्डा के बारे में दी गई जानकारी पढ़ो। वेटर पुस्तिका में से पाण्डा की जानकारी वाला पृष्ठ निकालता है, और वहां उसे लिखा मिलता है: "Panda: Large black-and-white bear-like mammal, native to China. Eats, shoots and leaves" - जिसका अनुवाद बनता है - "पाण्डा: चीन में रहने वाला, बड़ा काले-सफेद रंग का भालू के समान जानवर। खाता है, गोली चलाता है और चला जाता है।" अन्तिम वाक्य में Eats के बाद लगे गलत अल्पविराम ने वाक्य का अर्थ ही बदल डाला। लिखने वाले का तात्पर्य था बांस की कोंपलें तथा कोमल पत्तियां खाता है, लेकिन गलत जगह लगे अल्पविराम ने वाक्य का अर्थ कुछ और ही कर दिया।
भाषा के साथ सावधानी बरतना परमेश्वर के वचन बाइबल के अध्ययन में भी अति महत्वपूर्ण है। प्रेरित पौलुस ने इस बात के संदर्भ में लिखा, "अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो" (२ तिमुथियुस २:१५)। जिस वाक्यांश का अनुवाद "ठीक रीति से काम में लाना" हुआ है वह मूल भाषा में किसी कुशल कारीगर द्वारा बिलकुल सीध में तराशने या काटने के लिए प्रयोग होता था; अर्थात पौलुस प्रेरित के कहने का तात्पर्य था कि एक कुशल कारिगर के समान परमेश्वर के वचन की व्याख्या ऐसे कर कि जिस से उस में कोई टेढ़ा या बांकापन ना आने पाए।
परमेश्वर के वचन बाइबल के अध्ययन में यह तब ही संभव है जब परमेश्वर को अपने आप को समर्पित कर के, परमेश्वर की पवित्र आत्मा की अगुवाई में बाइबल का ध्यान पूर्वक अध्ययन करना जीवन का अभिन्न अंग बन जाए। तब ही परमेश्वर के वचन के गूढ़ सत्य सही रीति से समझ में आते हैं और फिर किसी को सही रीति से सिखाए जा सकते हैं। यह सतत प्रयास प्रत्येक सच्चे मसीही विश्वासी का कर्तव्य है; उसके जीवन से परमेश्वर के वचन का दुरुपयोग या निरादर कभी नहीं होना चाहिए, किसी को कोई गलत शिक्षा कभी नहीं जानी चाहिए। - डेनिस फिशर
अपने आप को बाइबल के अध्ययन में, और बाइबल को अपने जीवन में लागू कीजिए।
अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो। - २ तिमुथियुस २:१५
बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस २:१-१५
2Ti 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्त हो जा।
2Ti 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी है, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2Ti 2:3 मसीह यीशु के अच्छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा।
2Ti 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता;
2Ti 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2Ti 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2Ti 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।
2Ti 2:8 यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा, और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है।
2Ti 2:9 जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं।
2Ti 2:10 इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएं।
2Ti 2:11 यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी।
2Ti 2:12 यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे : यदि हम उसका इन्कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्कार करेगा।
2Ti 2:13 यदि हम अविश्वासी भी हों तौभी वह विश्वासयोग्य बना रहता है, क्योंकि वह आप अपना इन्कार नहीं कर सकता।
2Ti 2:14 इन बातों की सुधि उन्हें दिला, और प्रभु के साम्हने चिता दे, कि शब्दों पर तर्क-वितर्क न किया करें, जिन से कुछ लाभ नहीं होता, वरन सुनने वाले बिगड़ जाते हैं।
2Ti 2:15 अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।
2Ti 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्त हो जा।
2Ti 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी है, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2Ti 2:3 मसीह यीशु के अच्छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा।
2Ti 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता;
2Ti 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2Ti 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
2Ti 2:7 जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा।
2Ti 2:8 यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा, और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है।
2Ti 2:9 जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं।
2Ti 2:10 इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएं।
2Ti 2:11 यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी।
2Ti 2:12 यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे : यदि हम उसका इन्कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्कार करेगा।
2Ti 2:13 यदि हम अविश्वासी भी हों तौभी वह विश्वासयोग्य बना रहता है, क्योंकि वह आप अपना इन्कार नहीं कर सकता।
2Ti 2:14 इन बातों की सुधि उन्हें दिला, और प्रभु के साम्हने चिता दे, कि शब्दों पर तर्क-वितर्क न किया करें, जिन से कुछ लाभ नहीं होता, वरन सुनने वाले बिगड़ जाते हैं।
2Ti 2:15 अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।
एक साल में बाइबल:
- एज़रा ३-५
- यूहन्ना २०
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