मेरी सहेली मेलिस्सा की 9 वर्षीय पुत्री, सिडनी, बीमार थी, अस्पताल में भर्ती थी और उसे कीमोथैरपी तथा बोन-मैरो ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी। मुझे उसके बारे में एक स्वपन दिखाई दिया जिसमें मैंने देखा कि सिडनी अस्पताल के एक केंद्रीय कक्ष में अपने माता-पिता के साथ है, उस कक्ष के चारों ओर अन्य कमरे बने हैं जिनमें उनके परिवार तथा मित्रगण हैं और वे सभी सिडनी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वास्तविक जीवन में, भौतिक रूप से, सिडनी परिवार या मित्रजनों से घिरी हुई नहीं थी, वे उसके चारों ओर उपस्थित नहीं थे किंतु आत्मिक रीति से उन सबकी प्रार्थनाओं और प्रेम ने उसे घेर रखा था।
प्रेरित पौलुस भी प्रार्थनाओं से घिरे रहने की लालसा रखता था। पौलुस द्वारा भिन्न मसीही मण्डलियों को लिखी पत्रियों में से अधिकांश में उसने उन मण्डलियों से अनुरोध किया कि वे उसे अपनी प्रार्थनाओं में प्रभु के सम्मुख स्मरण रखें (2 कुरिन्थियों 1:11; इफिसीयों 6:18-20; कुलुस्सियों 4:2-4; फिलेमॉन 1:22)। रोम की मसीही मण्डली के सदस्यों को पौलुस ने लिखा: "और हे भाइयों; मैं यीशु मसीह का जो हमारा प्रभु है और पवित्र आत्मा के प्रेम का स्मरण दिला कर, तुम से बिनती करता हूं, कि मेरे लिये परमेश्वर से प्रार्थना करने में मेरे साथ मिलकर लौलीन रहो" (रोमियों 15:30)। पौलुस जानता था कि जब तक सहयोगियों तथा सहकर्मियों की प्रार्थना की सामर्थ उसके साथ नहीं है, वह परमेश्वर के लिए अपनी सेवकाई में प्रभावी नहीं हो सकता।
परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु यीशु भी हमारे लिए प्रार्थना करता है (यूहन्ना 17:20; इब्रानियों 7:25) और परमेश्वर का पवित्र आत्मा भी प्रार्थना में हमारी सहायता करता है कि हम परमेश्वर की इच्छा के अनुसार प्रार्थना कर सकें (रोमियों 8:27)। हम मसीही विश्वासियों के लिए यह कितनी शांति, सांत्वना और सामर्थ की बात है कि अन्य मसीही विश्वासियों, प्रभु यीशु और पवित्र आत्मा की प्रार्थनाएं हमें घेरे हुए रखती हैं, सुरक्षित रखती हैं, प्रभावी बनाती हैं। एक दूसरे के लिए प्रार्थना करते रहें, एक दूसरे को प्रार्थनाओं से घेरे रहें। - ऐनी सेटास
पवित्र आत्मा की प्रेरणा से करी गई प्रार्थना अति प्रभावी होती है।
हमारे लिये प्रार्थना करते रहो, क्योंकि हमें भरोसा है, कि हमारा विवेक शुद्ध है; और हम सब बातों में अच्छी चाल चलना चाहते हैं। - इब्रानियों 13:18
बाइबल पाठ: रोमियों 15:22-33
Romans 15:22 इसी लिये मैं तुम्हारे पास आने से बार बार रूका रहा।
Romans 15:23 परन्तु अब मुझे इन देशों में और जगह नहीं रही, और बहुत वर्षों से मुझे तुम्हारे पास आने की लालसा है।
Romans 15:24 इसलिये जब इसपानिया को जाऊंगा तो तुम्हारे पास होता हुआ जाऊंगा क्योंकि मुझे आशा है, कि उस यात्रा में तुम से भेंट करूं, और जब तुम्हारी संगति से मेरा जी कुछ भर जाए, तो तुम मुझे कुछ दूर आगे पहुंचा दो।
Romans 15:25 परन्तु अभी तो पवित्र लोगों की सेवा करने के लिये यरूशलेम को जाता हूं।
Romans 15:26 क्योंकि मकिदुनिया और अखया के लोगों को यह अच्छा लगा, कि यरूशलेम के पवित्र लोगों के कंगालों के लिये कुछ चन्दा करें।
Romans 15:27 अच्छा तो लगा, परन्तु वे उन के कर्जदार भी हैं, क्योंकि यदि अन्यजाति उन की आत्मिक बातों में भागी हुए, तो उन्हें भी उचित है, कि शारीरिक बातों में उन की सेवा करें।
Romans 15:28 सो मैं यह काम पूरा कर के और उन को यह चन्दा सौंप कर तुम्हारे पास होता हुआ इसपानिया को जाऊंगा।
Romans 15:29 और मैं जानता हूं, कि जब मैं तुम्हारे पास आऊंगा, तो मसीह की पूरी आशीष के साथ आऊंगा।
Romans 15:30 और हे भाइयों; मैं यीशु मसीह का जो हमारा प्रभु है और पवित्र आत्मा के प्रेम का स्मरण दिला कर, तुम से बिनती करता हूं, कि मेरे लिये परमेश्वर से प्रार्थना करने में मेरे साथ मिलकर लौलीन रहो।
Romans 15:31 कि मैं यहूदिया के अविश्वासियों बचा रहूं, और मेरी वह सेवा जो यरूशलेम के लिये है, पवित्र लोगों को भाए।
Romans 15:32 और मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आनन्द के साथ आकर तुम्हारे साथ विश्राम पाऊं।
Romans 15:33 शान्ति का परमेश्वर तुम सब के साथ रहे। आमीन।
एक साल में बाइबल:
- सभोपदेशक 4-6
परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु यीशु भी हमारे लिए प्रार्थना करता है
जवाब देंहटाएंपरमेश्वर के लिए सभी प्यारे होते हैं वह तो इंसान ही भेद करता है
बहुत बढ़िया प्रस्तुति