शेन नामक उपन्यास में, अमेरिका के सीमान्त इलाके के एक किसान, जो स्टैरेट और उसके घर आए एक रहस्यमय अनजान व्यक्ति शेन के बीच में मित्रता हो जाती है। इस मित्रता का आरंभ होता है जब वे दोनों मिलकर एक विशाल पेड़ के ठूँठ और जड़ को जो स्टैरेट के फार्म की धरती से निकालते हैं। फिर जब जो स्टैरेट शेन को एक झगड़े में से बचाता है, और जब शेन जो स्टैरेट को उसके फार्म की रक्षा करना तथा बेहतर बनाने के तरीके सिखाता है तो यह मित्रता और गहरी हो जाती है। दोनों व्यक्ति परस्पर आदर और वफादारी की भावना रखने लगते हैं। उनका यह व्यवहार परमेश्वर के वचन बाइबल में कही गई बात, "एक से दो अच्छे हैं, क्योंकि उनके परिश्रम का अच्छा फल मिलता है। क्योंकि यदि उन में से एक गिरे, तो दूसरा उसको उठाएगा; परन्तु हाय उस पर जो अकेला हो कर गिरे और उसका कोई उठाने वाला न हो" (सभोपदेशक 4:9-10) की पुष्टि है।
बाइबल के दो अन्य पात्रों, दाऊद और राजा शाऊल के पुत्र योनातान ने भी इसी बात को व्यावाहरिक जीवन से दिखाया। वे दोनों मित्र थे, और परिस्थितियों ने उनकी मित्रता को जाँचा; दाऊद को शक था कि राजा शाऊल उसे मरवाना चाहता है, लेकिन योनातान इस बात को नहीं मानता था। तब उन्होंने निर्णय किया कि दाऊद जाकर छुप जाएगा और योनातान अपने पिता राजा शाऊल से इस बारे में बात करेगा और सच्चाई को जानने का प्रयास करेगा। जब योनातान ने जाना कि दाऊद का शक सही था और वास्तव में उसका पिता दाऊद को मारना चाहता था, तो उसने यह बात जाकर दाऊद को बता दी, उसे सुरक्षित निकल जाने के लिए भी कहा और उसके गले लगकर रोया भी तथा योनातान ने दाऊद को जाते-जाते आशीष भी दी।
यदि आपने उसके पापों की क्षमा, समर्पण तथा उद्धार के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है तो प्रभु यीशु मसीह में आपके पास एक सच्चा मित्र है जो सदा आपके साथ वफादार बना रहेगा; यदि आप ठोकर खाएं तो आपको संभालेगा, सदा आपका सहायक रहेगा, आपके लिए सदा उपलब्ध रहेगा। उसने अपने प्रेम और मित्रता की वफादारी का प्रमाण आपके लिए कलवरी के क्रूस पर अपने प्राण बलिदान करने के द्वारा दिया है। प्रभु यीशु की मित्रता स्वीकार करना कभी भी किसी भी रीति से हानि का सौदा नहीं है, वरन सभी के लिए अनन्तकालीन लाभ और आनन्द का मार्ग है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
प्रभु यीशु से बढ़कर सच्चा और वफादार मित्र कोई और नहीं है।
इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। - यूहन्ना 15:13-14
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 20:32-42
1 Samuel 20:32 योनातन ने अपने पिता शाऊल को उत्तर देकर उस से कहा, वह क्यों मारा जाए? उसने क्या किया है?
1 Samuel 20:33 तब शाऊल ने उसको मारने के लिये उस पर भाला चलाया; इससे योनातन ने जान लिया, कि मेरे पिता ने दाऊद को मार डालना ठान लिया है।
1 Samuel 20:34 तब योनातन क्रोध से जलता हुआ मेज पर से उठ गया, और महीने के दूसरे दिन को भोजन न किया, क्योंकि वह बहुत खेदित था, इसलिये कि उसके पिता ने दाऊद का अनादर किया था।
1 Samuel 20:35 बिहान को योनातन एक छोटा लड़का संग लिये हुए मैदान में दाऊद के साथ ठहराए हुए स्थान को गया।
1 Samuel 20:36 तब उसने अपने छोकरे से कहा, दौड़कर जो जो तीर मैं चलाऊं उन्हें ढूंढ़ ले आ। छोकरा दौड़ता ही था, कि उसने एक तीर उसके परे चलाया।
1 Samuel 20:37 जब छोकरा योनातन के चलाए तीर के स्थान पर पहुंचा, तब योनातन ने उसके पीछे से पुकार के कहा, तीर तो तेरी परली ओर है।
1 Samuel 20:38 फिर योनातन ने छोकरे के पीछे से पुकारकर कहा, बड़ी फुर्ती कर, ठहर मत। और योनातन ने छोकरे के पीछे से पुकार के कहा, बड़ी फुर्ती कर, ठहर मत! और योनातन का छोकरा तीरों को बटोर के अपने स्वामी के पास ल आया।
1 Samuel 20:39 इसका भेद छोकरा तो कुछ न जानता था; केवल योनातन और दाऊद इस बात को जानते थे।
1 Samuel 20:40 और योनातन ने अपने हथियार अपने छोकरे को देकर कहा, जा, इन्हें नगर को पहुंचा।
1 Samuel 20:41 ज्योंही छोकरा चला गया, त्योंही दाऊद दक्खिन दिशा की अलंग से निकला, और भूमि पर औंधे मुंह गिर के तीन बार दण्डवत की; तब उन्होंने एक दूसरे को चूमा, और एक दूसरे के साथ रोए, परन्तु दाऊद को रोना अधिक था।
1 Samuel 20:42 तब योनातन ने दाऊद से कहा, कुशल से चला जा; क्योंकि हम दोनों ने एक दूसरे से यह कहके यहोवा के नाम की शपथ खाई है, कि यहोवा मेरे और तेरे मध्य, और मेरे और तेरे वंश के मध्य में सदा रहे। तब वह उठ कर चला गया; और योनातन नगर में गया।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 53-55
- 2 थिस्सलुनीकियों 1
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