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रविवार, 23 फ़रवरी 2020

दया



      मेरे बच्चे आपस में झगड़ा कर के, एक दूसरे की शिकायत करने मेरे पास आए। मैंने दोनों को अलग ले जाकर बारी बारी से दोनों के पक्ष को सुना। क्योंकि दोषी दोनों ही थे, इसलिए हमारी बातचीत के अंत में मैनें दोनों से ही पूछा कि उनके अनुसार दूसरे की गलती के लिए उचित और सही दंड क्या होना चाहिए। दोनों ने ही एक दूसरे के लिए तुरंत ही कठोर दंड दिए जाने के लिए कहा। दोनों ही भौंचक्के रह गए जब मैंने उनके द्वारा सुझाया गया दंड, दूसरे की बजाए उन्हीं पर लागू कर दिया। यह होते ही, तुरंत दोनों इस बात को लेकर विलाप करने लगे कि उन्हें “अनुचित” दंड सहना पड़ रहा है। जब तक वह दंड दूसरे के लिए था, वह उचित था, परन्तु अपने ऊपर आते ही वही दंड तुरंत ही अनुचित हो गया।

      मेरे बच्चों ने परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब द्वारा बताए गए उस “दया रहित निर्णय” का उदाहरण प्रस्तुत किया था, जिसके विरुद्ध परमेश्वर का वचन सचेत करता है (याकूब 2:13)। याकूब हमें स्मरण दिलाता है कि धनी व्यक्तियों या स्वयं अपने प्रति पक्षपात करने के स्थान पर, परमेश्वर यही चाहता है कि हम औरों से भी वैसा ही प्रेम करें जैसा हम अपने आप से करते हैं (पद 8)। बजाए इसके कि हम औरों को स्वार्थ तथा लाभ के लिए प्रयोग करें, या उन की उपेक्षा करें जो हमारे काम का प्रतीत नहीं होता है, याकूब कहता है कि हम उन लोगों के समान बनें जो यह जानते हैं कि उन्हें परमेश्वर की ओर से कितना दिया गया है और कितना कुछ क्षमा किया गया है – और फिर इसी दया को औरों के प्रति भी दिखाएं।

      परमेश्वर ने हम पर उदारता से अपनी दया की है। औरों के प्रति अपने समस्त व्यवहार में, हम उस दया को स्मरण रखें जो हमें प्राप्त हुई है, और उसे दूसरों के प्रति भी दिखाएं। - कर्स्टन होल्मबर्ग

परमेश्वर की दया हमें दयालु होने के लिए प्रेरित करती है।

इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा। - मत्ती 6:14-15

बाइबल पाठ: याकूब 2:1-13
James 2:1 हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो।
James 2:2 क्योंकि यदि एक पुरूष सोने के छल्ले और सुन्‍दर वस्‍त्र पहिने हुए तुम्हारी सभा में आए और एक कंगाल भी मैले कुचैले कपड़े पहिने हुए आए।
James 2:3 और तुम उस सुन्‍दर वस्‍त्र वाले का मुंह देख कर कहो कि तू वहां अच्छी जगह बैठ; और उस कंगाल से कहो, कि तू यहां खड़ा रह, या मेरे पांव की पीढ़ी के पास बैठ।
James 2:4 तो क्या तुम ने आपस में भेद भाव न किया और कुविचार से न्याय करने वाले न ठहरे?
James 2:5 हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उसने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं
James 2:6 पर तुम ने उस कंगाल का अपमान किया: क्या धनी लोग तुम पर अत्याचार नहीं करते? और क्या वे ही तुम्हें कचहिरयों में घसीट घसीट कर नहीं ले जाते?
James 2:7 क्या वे उस उत्तम नाम की निन्‍दा नहीं करते जिस के तुम कहलाए जाते हो?
James 2:8 तौभी यदि तुम पवित्र शास्त्र के इस वचन के अनुसार, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख, सचमुच उस राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो।
James 2:9 पर यदि तुम पक्षपात करते हो, तो पाप करते हो; और व्यवस्था तुम्हें अपराधी ठहराती है।
James 2:10 क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।
James 2:11 इसलिये कि जिसने यह कहा, कि तू व्यभिचार न करना उसी ने यह भी कहा, कि तू हत्या न करना इसलिये यदि तू ने व्यभिचार तो नहीं किया, पर हत्या की तौभी तू व्यवस्था का उलंघन करने वाला ठहरा।
James 2:12 तुम उन लोगों के समान वचन बोलो, और काम भी करो, जिन का न्याय स्‍वतंत्रता की व्यवस्था के अनुसार होगा।
James 2:13 क्योंकि जिसने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्‍त होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:21-41



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