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शनिवार, 24 अक्टूबर 2015

नया जीवन


   क्रिस सिंप्सन का जीवन घृणा से भरा हुआ था। अपने पहले बच्चे की म्रुत्यु से आहत होकर क्रिस चकरा गया, क्रोध और रोष से भर गया। उसने अपने क्रोध का निशाना विभिन्न जातीय समुदायों को बनाया और अपने शरीर पर घृणा से भरे अनेक वाक्य गुदवा लिए। लेकिन जब क्रिस ने अपने बेटे को उसी घृणा की नकल करते देखा तो उसे एहसास हुआ कि उसे अपना रवैया बदलना होगा। उन्हीं दिनों उसने साहस पर बनी मसीही विश्वास से संबंधित एक फिल्म देखी और फिर चर्च जाना आरंभ कर दिया। इसके एक माह पश्चात क्रिस ने प्रभु यीशु का अनुयायी बन कर अपने मसीही विश्वास की गवाही के रूप में बप्तिस्मा लिया। आज क्रिस सिंप्सन एक नया व्यक्ति है, उसने अपने घृणा से भरे जीवन को पीछे छोड़ दिया है और अब वह कष्टदायक तथा महंगी प्रक्रिया में लगा है - अपने बीते जीवन के चिन्हों, उन घृणापूर्ण गोदनों को अपने शरीर से हटाने की प्रक्रिया।

   प्रेरित पौलुस भी इसी प्रकार के जीवन परिवर्तन के गहरे अनुभव से होकर निकला था। पहले वह प्रभु यीशु मसीह से नफरत करता था और प्रभु यीशु के अनुयायियों को सताता था (प्रेरितों 22:4-5; 1 कुरिन्थियों 15:9)। लेकिन प्रभु यीशु मसीह से हुए उसके व्यक्तिगत साक्षत्कार तथा परिणमस्वरूप मसीह यीशु से बने आत्मिक संबंध ने यह सब कुछ बदल दिया। प्रभु यीशु ने जो कार्य क्रूस पर समस्त मानवजाति के लिए किया है उसने पौलुस को अपने जीवन पर पुनःविचार करने के लिए बाध्य किया। प्रभु यीशु के साथ जुड़े इस आत्मिक संबंध ने पौलुस को एक नया मनुष्य बना दिया; अतीत के पाप, मृत्यु और स्वार्थ का पुराना नज़रिया बदल गया, उसके स्थान पर एक नई वाचा, एक नया नज़रिया और जीवन की नई शैली आ गई।

   जब प्रभु यीशु जीवन में आते हैं तो जीवन परिवर्तित हो जाता है; पुरानी बातें बीत जाती हैं (2 कुरिन्थियों 5:17), आशीष और आनन्द से भरा एक नया जीवन आरंभ हो जाता है। - मार्विन विलियम्स


मसीह यीशु में होना नवीनिकरण मात्र नहीं वरन नया र्सृजन है।

मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया। - गलतियों 2:20 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:12-21
2 Corinthians 5:12 हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे साम्हने नहीं करते वरन हम अपने विषय में तुम्हें घमण्‍ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन दिखवटी बातों पर घमण्‍ड करते हैं। 
2 Corinthians 5:13 यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं। 
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 3-5
  • 1 तिमुथियुस 4


शनिवार, 8 जनवरी 2011

परमेश्वर के लिये घृणित

परमेश्वर पाप से घृणा करता है। नीतिवचन ६ में लेखक ने ७ विशिश्ट पाप गिनाये हैं जिनसे परमेश्वर विशेष घृणा करता है। परमेश्वर के लिये पाप इतना असहनीय है कि क्रूस पर जब उसके सिद्ध पुत्र यीशु मसीह ने संसार के पाप अपने ऊपर ले लिये, तो परमेश्वर पिता ने संसार के पापों को लिये हुए अपने प्रीय पुत्र से मुँह मोड़ लिया। उस घड़ी की तमस और क्रूस की पीड़ा में मसीह पुकार उठा "...हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्‍यों छोड़ दिया?" (मत्ती २७:४६)

यदि पाप परमेश्वर की नज़रों में इतना घृणित है तो हमें भी उससे डरना चाहिये, उससे बचना चाहिये और उससे घृणा करनी चाहिये।

योहन पीटर लैंग ने, जो जर्मनी में १९वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध धर्मशास्त्री थे, एक धार्मिक अगुवे से संबंधित कहानी सुनाई; इस अगुवे से वहां का राजा नफरत करता था। उस राजा के कुछ सलाहकारों ने राजा को सलाह दी कि राजा उस अगुवे को आग में झोंक दें, या उसकी सम्पत्ति ज़ब्त कर लें, या उसे सांकलों में बंध्वा दें, या किसी रीति से मरवा दें। लेकिन कुछ अन्य सलाहकार इन सब बातों से सहमत नहीं थे। उन्होंने राजा से कहा, "ऐसा करके आप कुछ भी लाभ नहीं पाएंगे। देश निकाला देने से भी वह परमेश्वर की संगति में मगन रहेगा; उसे अपनी सांकलों से प्रेम है और मृत्यु उसके लिये स्वर्ग के द्वार खोल देगी। उसे दुख देने का बस एक ही तरीका है, उसे केवल पाप करने से ही डर लगता है, इसलिये किसी तरह उससे पाप करवा दीजिए।"

क्या हम भी उस अगुवे की तरह हैं, जिन्हें संसार में केवल पाप ही से डर लगता हो? परन्तु दुर्भाग्य की बात यह है कि अकसर हम पाप से डरने की बजाए उसमें मज़ा लेते हैं। लेकिन इस बात का सदा ध्यान रखिये कि परमेश्वर पाप के प्रति कैसा नज़रिया रखता है। यदि हम परमेश्वर से प्रेम रखते हैं तो उसके समान पाप से घृणा भी करेंगे। - रिचर्ड डी हॉन


बागबानों के लिये केवल फूलों से प्रेम रखना ही काफी नहीं है, उन्हें बगीचा खराब कर देने वाली खर-पतवार से भी घृणा रखनी चाहिये।

हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो। - भजन ९७:१०


बाइबल पाठ: नीतिवचन ६:१२-१९

ओछे और अनर्थकारी को देखो, वह टेढ़ी टेढ़ी बातें बकता फिरता है,
वह नैन से सैन और पांव से इशारा, और अपनी अगुंलियों से संकेत करता है,
उसके मन में उलट फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा रगड़ा उत्पन्न करता है।
इस कारण उस पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी, वह पल भर में ऐसा नाश हो जाएगा, कि बचने का कोई उपाय न रहेगा।
छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उसको घृणा है
अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ,
अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव,
झूठ बोलने वाला साक्षी और भाइयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करने वाला मनुष्य।

एक साल में बाइबल:
  • उत्पत्ति २०-२२
  • मत्ती ६:१९-३४