परमेश्वर पाप से घृणा करता है। नीतिवचन ६ में लेखक ने ७ विशिश्ट पाप गिनाये हैं जिनसे परमेश्वर विशेष घृणा करता है। परमेश्वर के लिये पाप इतना असहनीय है कि क्रूस पर जब उसके सिद्ध पुत्र यीशु मसीह ने संसार के पाप अपने ऊपर ले लिये, तो परमेश्वर पिता ने संसार के पापों को लिये हुए अपने प्रीय पुत्र से मुँह मोड़ लिया। उस घड़ी की तमस और क्रूस की पीड़ा में मसीह पुकार उठा "...हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?" (मत्ती २७:४६)
यदि पाप परमेश्वर की नज़रों में इतना घृणित है तो हमें भी उससे डरना चाहिये, उससे बचना चाहिये और उससे घृणा करनी चाहिये।
योहन पीटर लैंग ने, जो जर्मनी में १९वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध धर्मशास्त्री थे, एक धार्मिक अगुवे से संबंधित कहानी सुनाई; इस अगुवे से वहां का राजा नफरत करता था। उस राजा के कुछ सलाहकारों ने राजा को सलाह दी कि राजा उस अगुवे को आग में झोंक दें, या उसकी सम्पत्ति ज़ब्त कर लें, या उसे सांकलों में बंध्वा दें, या किसी रीति से मरवा दें। लेकिन कुछ अन्य सलाहकार इन सब बातों से सहमत नहीं थे। उन्होंने राजा से कहा, "ऐसा करके आप कुछ भी लाभ नहीं पाएंगे। देश निकाला देने से भी वह परमेश्वर की संगति में मगन रहेगा; उसे अपनी सांकलों से प्रेम है और मृत्यु उसके लिये स्वर्ग के द्वार खोल देगी। उसे दुख देने का बस एक ही तरीका है, उसे केवल पाप करने से ही डर लगता है, इसलिये किसी तरह उससे पाप करवा दीजिए।"
क्या हम भी उस अगुवे की तरह हैं, जिन्हें संसार में केवल पाप ही से डर लगता हो? परन्तु दुर्भाग्य की बात यह है कि अकसर हम पाप से डरने की बजाए उसमें मज़ा लेते हैं। लेकिन इस बात का सदा ध्यान रखिये कि परमेश्वर पाप के प्रति कैसा नज़रिया रखता है। यदि हम परमेश्वर से प्रेम रखते हैं तो उसके समान पाप से घृणा भी करेंगे। - रिचर्ड डी हॉन
हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो। - भजन ९७:१०
बाइबल पाठ: नीतिवचन ६:१२-१९
ओछे और अनर्थकारी को देखो, वह टेढ़ी टेढ़ी बातें बकता फिरता है,
वह नैन से सैन और पांव से इशारा, और अपनी अगुंलियों से संकेत करता है,
उसके मन में उलट फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा रगड़ा उत्पन्न करता है।
इस कारण उस पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी, वह पल भर में ऐसा नाश हो जाएगा, कि बचने का कोई उपाय न रहेगा।
छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उसको घृणा है
अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ,
अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव,
झूठ बोलने वाला साक्षी और भाइयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करने वाला मनुष्य।
एक साल में बाइबल:
यदि पाप परमेश्वर की नज़रों में इतना घृणित है तो हमें भी उससे डरना चाहिये, उससे बचना चाहिये और उससे घृणा करनी चाहिये।
योहन पीटर लैंग ने, जो जर्मनी में १९वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध धर्मशास्त्री थे, एक धार्मिक अगुवे से संबंधित कहानी सुनाई; इस अगुवे से वहां का राजा नफरत करता था। उस राजा के कुछ सलाहकारों ने राजा को सलाह दी कि राजा उस अगुवे को आग में झोंक दें, या उसकी सम्पत्ति ज़ब्त कर लें, या उसे सांकलों में बंध्वा दें, या किसी रीति से मरवा दें। लेकिन कुछ अन्य सलाहकार इन सब बातों से सहमत नहीं थे। उन्होंने राजा से कहा, "ऐसा करके आप कुछ भी लाभ नहीं पाएंगे। देश निकाला देने से भी वह परमेश्वर की संगति में मगन रहेगा; उसे अपनी सांकलों से प्रेम है और मृत्यु उसके लिये स्वर्ग के द्वार खोल देगी। उसे दुख देने का बस एक ही तरीका है, उसे केवल पाप करने से ही डर लगता है, इसलिये किसी तरह उससे पाप करवा दीजिए।"
क्या हम भी उस अगुवे की तरह हैं, जिन्हें संसार में केवल पाप ही से डर लगता हो? परन्तु दुर्भाग्य की बात यह है कि अकसर हम पाप से डरने की बजाए उसमें मज़ा लेते हैं। लेकिन इस बात का सदा ध्यान रखिये कि परमेश्वर पाप के प्रति कैसा नज़रिया रखता है। यदि हम परमेश्वर से प्रेम रखते हैं तो उसके समान पाप से घृणा भी करेंगे। - रिचर्ड डी हॉन
बागबानों के लिये केवल फूलों से प्रेम रखना ही काफी नहीं है, उन्हें बगीचा खराब कर देने वाली खर-पतवार से भी घृणा रखनी चाहिये।
हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो। - भजन ९७:१०
बाइबल पाठ: नीतिवचन ६:१२-१९
ओछे और अनर्थकारी को देखो, वह टेढ़ी टेढ़ी बातें बकता फिरता है,
वह नैन से सैन और पांव से इशारा, और अपनी अगुंलियों से संकेत करता है,
उसके मन में उलट फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा रगड़ा उत्पन्न करता है।
इस कारण उस पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी, वह पल भर में ऐसा नाश हो जाएगा, कि बचने का कोई उपाय न रहेगा।
छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उसको घृणा है
अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ,
अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव,
झूठ बोलने वाला साक्षी और भाइयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करने वाला मनुष्य।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति २०-२२
- मत्ती ६:१९-३४
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