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शनिवार, 22 अक्टूबर 2011

दैनिक ताज़गी

   अपनी दैनिक क्रियाओं में हम सब लगभग उन्हीं बातों को दोहराते रहते हैं; हम सब प्रतिदिन खाते-पीते हैं, सोते-उठते हैं, कार्य करते हैं, अपनी सफाई करते हैं, इत्यादि। इसि प्रक्रिया को दोहराते दोहराते कभी कभी मन में विचार उठता है कि अन्ततः इस सब का प्रयोजन क्या है?

   परमेश्वर चाहता है कि हम इसे कुछ फर्क संदर्भ में देखें - बार बार दोहराई जाने वाली बातें भी मसीही विश्वासी के लिए कुछ महत्वपूर्ण रहस्य छिपाए हुए होती हैं। परमेश्वर की योजना का एक भाग है कि बार बार दोहराई जाने वाली बातों में भी उसके मार्गदर्शन को ढूंढें और उसका पालन करें।

   संसार एक मंच के समान है जिस पर अनन्तता का नाटक प्रदर्शित हो रहा है। प्रत्येक दृश्य के लिए मंच के परदे के उठने और गिरने के समान सूर्य भी प्रतिदिन के दृश्य के लिए उदय और अस्त होता है। इस दैनिक दश्य में हम कलाकार अपनी भूमिकाओं और अपने संवाद की पंक्तियों को दोहराने के बारे में निर्णय लेते हैं - या तो हम अधीरता से केवल दश्य की समाप्ति के लिए अपनी भूमिकाएं और पंक्तियां, बिना किसी लगन और अनमने होकर के दोहरा मात्र देते हैं, अथवा उस दृश्य के लिए हम नाटक के निर्देशक की मनसा जान कर के अपनी भूमिका को उसकी इच्छा के अनुसार निभाते हैं। अवश्य ही परिस्थितियां और भूमिकाएं नित्यक्रमानुसार ही हैं, और हमें लग सकता है कि हम यह पहले भी निभा चुके हैं, किन्तु नित्यप्रायः कार्यों में सहर्ष भाग लेना हम में चरित्र का गठन करता है, हमारे विश्वास को मज़बूत करता है, हमारी आशा को बढ़ाता है और हम में सहनशीलता का विकास करता है।

   प्रतिदिन के सामन्य कार्यों के द्वारा परमेश्वर हमें सिखाता है कि हमारे पृथ्वी के जीवनों के लिए व्यर्थ दोहराने से बढ़कर कुछ निर्धारित है। दिन-प्रतिदिन परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना दैनिक ताज़गी का मूल मंत्र है। - मार्ट डी हॉन


अगर जीवन सान के पत्थर के समान है, तो उसे अपने चरित्र की धार बनाने के लिए उपयोग कीजिए।
 
जो कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया जाएगा; और सूर्य के नीचे कोई बात नई नहीं है। - सभोपदेशक १:९
 
बाइबल पाठ: सभोपदेशक १:१-९
    Ecc 1:1  यरूशलेम के राजा, दाऊद के पुत्र और उपदेशक के वचन।
    Ecc 1:2  उपदेशक का यह वचन है, कि व्यर्थ ही व्यर्थ, व्यर्थ ही व्यर्थ! सब कुछ व्यर्थ है।
    Ecc 1:3  उस सब परिश्रम से जिसे मनुष्य धरती पर करता है, उसको क्या लाभ प्राप्त होता है?
    Ecc 1:4  एक पीढ़ी जाती है, और दूसरी पीढ़ी आती है, परन्तु पृथ्वी सर्वदा बनी रहती है।
    Ecc 1:5  सूर्य उदय होकर अस्त भी होता है, और अपने उदय की दिशा को वेग से चला जाता है।
    Ecc 1:6  वायु दक्खिन की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूमती जाती है; वह घूमती और बहती रहती है, और अपने चक्करों में लौट आती है।
    Ecc 1:7  सब नदियां समुद्र में जा मिलती हैं, तौभी समुद्र भर नहीं जाता; जिस स्थान से नदियां निकलती हैं, उधर ही को वे फिर जाती हैं।
    Ecc 1:8  सब बातें परिश्रम से भरी हैं; मनुष्य इसका वर्णन नहीं कर सकता, न तो आंखें देखने से तृप्त होती हैं, और न कान सुनने से भरते हैं।
    Ecc 1:9  जो कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया जाएगा; और सूर्य के नीचे कोई बात नई नहीं है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ६५-६६ 
  • १ तिमुथियुस २

शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2011

निर्थक और अयोग्य?

   किसी मूर्ख और अयोग्य व्यक्ति को लुप्त हो चुके डोडो पक्षी की संज्ञा दी जाती है। डोडो पक्षी हिन्द महासागर के तीन द्वीपों ही में पाए जाते थे। वे देखने में बहुत भद्दे और भारीभरकम होते थे; पूंछ के नाम पर उनके परों का एक गुच्छा होता था और पंखों के नाम पर ठूंठ जैसे अंग जिन पर तीन या चार काले पर लगे होते थे। उनकी खूंटी जैसी बड़ी सी चोंच और बड़े बड़े बेडौल पैर होते थे। इन पक्षियों के खोजने वालों ने उनके संबंध में लिखा कि "हम इन्हें घृणित पक्षी बुलाते थे क्योंकि जितना अधिक इनके माँस को पकाओ, वह उतना ही अधिक कड़ा और बेस्वाद होता जाता था।" उन द्वीपों पर आकर बसने वालों ने इन निर्थक और अयोग्य लगने वाले असहाय पक्षियों का सफाया कर दिया।

   लेकिन १९७७ में वैज्ञानिकों ने जाना कि उन्हीं द्वीपों में पाए जाने वाले बहुत ही सुन्दर कल्वेरिया वृक्षों के भी लुप्त होते जाने का कारण डोडो पक्षियों का ना होना है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कल्वेरिया पेड़ का बीज बहुत सख्त छिलके से ढका होता था, जिसे डोडो पक्षी खाते थे और उनके पेट तथा अंतड़ियों से होकर निकलने से बीज का बाहरी सख्त खोल हट जाता था और उसके पश्चात डोडो से बाहर आने पर बीज अंकुरित हो पाने के योग्य हो पाते थे। अब बाकि बचे हुए केवल १३ सुन्दर कल्वेरिया पेड़ों को बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक प्रयास किया और डोडो की जाति के समान एक अन्य पक्षी - टर्की को उन द्वीपों में लाया गया; प्रयोग सफल रहा और वे पेड़ लुप्त होने से बच गए।

   जैसे परमेश्वर की प्रकृति में, वैसे ही परमेश्वर की मण्डली में, कुछ भी या कोई भी निर्थक और अयोग्य नहीं है; परमेश्वर कुछ व्यर्थ नहीं रचता। हम में से प्रत्येक उसके लिए आवश्यक है, चाहे हमें यह लगे या ना लगे, लेकिन अपनी मण्डली में उसने प्रत्येक को अपनी योजना के अनुसार तैयार करके रखा है।

   मसीह की देह, उसकी मण्डली में प्रत्येक विश्वासी का अनन्त उद्देश्य है। - मार्ट डी हॉन

जो मनुष्यों की दृष्टि में अयोग्य प्रतीत होते हैं, वे अकसर परमेश्वर की दृष्टि में महान होते हैं।

परन्‍तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्‍छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है। - १ कुरिन्थियों १२:१८
 
बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १२:१२-२७
    1Co 12:12  क्‍योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।
    1Co 12:13  क्‍योंकि हम सब ने क्‍या यहूदी हो, क्‍या युनानी, क्‍या दास, क्‍या स्‍वतंत्र एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।
    1Co 12:14  इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्‍तु बहुत से हैं।
    1Co 12:15  यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्‍या वह इस कारण देह का नहीं?
    1Co 12:16  और यदि कान कहे कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्‍या वह इस कारण देह का नहीं?
    1Co 12:17  यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
    1Co 12:18  परन्‍तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्‍छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है।
    1Co 12:19  यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?
    1Co 12:20  परन्‍तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्‍तु देह एक ही है।
    1Co 12:21  आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।
    1Co 12:22  परन्‍तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।
    1Co 12:23  और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्‍ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।
    1Co 12:24  फिर भी हमारे शोभायमान अंगो को इस का प्रयोजन नहीं, परन्‍तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।
    1Co 12:25  ताकि देह में फूट न पड़े, परन्‍तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्‍ता करें।
    1Co 12:26  इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्‍द मनाते हैं।
    1Co 12:27  इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ६२-६४ 
  • १ तिमुथियुस १

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2011

सम्मानजनक कार्य

   चाहे वह कितनी भी छोटी लगे, परमेश्वर की सेवा में उपयोग होना वास्तव में बहुत बड़ा सम्मान है। भजन ८४ का लेखक इस बात को भली भांति जानता था। वह संभवतः परमेश्वर के मन्दिर की सेवकाई को समर्पित लेवी गोत्र का कोई सदस्य था जो, जब उसने यह भजन लिखा तब किसी कारणवश, मन्दिर में नहीं रहता था।
   उसकी अनुपस्थिति का जो भी कारण रहा हो, लेकिन भजन यह बात दर्शाता है कि वह बहुत लालसा से मन्दिर में उपस्थित रहना चाहता था; उसने मन्दिर में घोंसला बना कर रहने वाले पक्षियों के बारे में सोचकर उन्हें धन्य जाना (पद ३, ४); उन तीर्थयात्रियों के विष्य में सोचा जो मन्दिर में दर्शन की यात्रा कर रहे थे और उन्हें धन्य जाना (पद ५-७)। उसने परमेश्वर से प्रार्थना करी और चाहा कि परमेश्वर उसकी सुधि ले और चाहे उसे मन्दिर की डेवढ़ी पर खड़ा रहने वाला द्वारपाल ही बनने दे, तो यह भी उसे दुष्टों के साथ किसी ऊंचे स्थान पर बैठने की अपेक्षा स्वीकार होगा।

   कई वर्षों से परमेश्वर की सेवकाई में लगे लोगों के साथ काम करते करते, मैं ने उन लोगों का बहुत आदर करता हूँ जो परमेश्वर के नाम से और परमेश्वर के लिए छोटे से छोटा काम करने को भी बड़ी बात मानते हैं।  उनके पास जो भी कार्यकुशलता होती है, वे उसे परमेश्वर की सेवकाई में लगा देते हैं; जैसे, परमेश्वर के भवन की मरम्मत करना, किसी बुज़ुर्ग को चर्च लाने के लिए अपनी गाड़ी का उपयोग करना, जो चर्च नहीं आ पाते उनके पास जाकर कारण का पता करना और उनकी सुधि लेना, आदि। अन्य लोग स्वयंसेवक बनकर सौंपे गए किसी भी कार्य को सहर्ष कर देते हैं।

   ये वे समर्पित लोग हैं जो परमेश्वर के लिए, प्रसन्न्ता से कुछ भी करने को तैयार रहते हैं; इनके लिए कोई काम छोटा नहीं है, वरन परमेश्वर के लिए किया गया प्रत्येक कार्य सम्मानजनक है, तथा उनके लिए आदर की बात है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


परमेश्वर कई दफा हमें थोड़ा देकर परखता है कि हम बड़ा कैसे संभालेंगे।

क्योंकि तेरे आंगनों में का एक दिन और कहीं के हजार दिन से उत्तम है। दुष्टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है। - भजन ८४:१०
 
बाइबल पाठ: भजन ८४
    Psa 84:1  हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं!
    Psa 84:2  मेरा प्राण यहोवा के आंगनों की अभिलाषा करते करते मूर्च्छित हो चला; मेरा तन मन दोंनो जीवते ईश्वर को पुकार रहे।
    Psa 84:3  हे सेनाओं के यहोवा, हे मेरे राजा, और मेरे परमेश्वर, तेरी वेदियों में गौरैया ने अपना बसेरा और शूपाबेनी ने घोंसला बना लिया है जिस में वह अपने बच्चे रखे।
    Psa 84:4  क्या ही धन्य हैं वे, जो तेरे भवन में रहते हैं; वे तेरी स्तुति निरन्तर करते रहेंगे।
    Psa 84:5  क्या ही धन्य है, वह मनुष्य जो तुझ से शक्ति पाता है, और वे जिनको सिय्योन की सड़क की सुधि रहती है।
    Psa 84:6  वें रोने की तराई में जाते हुए उस को सोतों का स्थान बनाते हैं, फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है।
    Psa 84:7  वे बल पर बल पाते जाते हैं; उन में से हर एक जन सिय्योन में परमेश्वर को अपना मुंह दिखाएगा।
    Psa 84:8  हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन, हे याकूब के परमेश्वर, कान लगा!
    Psa 84:9  हे परमेश्वर, हे हमारी ढ़ाल, दृष्टि कर; और अपने अभिषिक्ति का मुख देख!
    Psa 84:10  क्योंकि तेरे आंगनों में का एक दिन और कहीं के हजार दिन से उत्तम है। दुष्टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है।
    Psa 84:11  क्योंकि यहोवा परमेश्वर सूर्य और ढाल है; यहोवा अनुग्रह करेगा, और महिमा देगा; और जो लोग खरी चाल चलते हैं उन से वह कोई अच्छा पदार्थ रख न छोड़ेगा।
    Psa 84:12  हे सेनाओं के यहोवा, क्या ही धन्य वह मनुष्य है, जो तुझ पर भरोसा रखता है!
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५९-६१ 
  • २ थिस्सलुनिकियों ३

बुधवार, 19 अक्टूबर 2011

विश्वासयोग्य फीबी

   जब किसी ने एक बाइबल शिक्षक से पूछा कि उनका बाइबल का प्रीय भाग कौन सा है तो उन्हों ने उत्तर दिया, "रोमियों की पत्री का अन्तिम अध्याय।" प्रश्नकर्ता ने अश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, "बड़ी विचित्र बात है, उस अध्याय में तो अधिकांशतः नामों की सूची ही है।" प्रचारक ने उत्तर दिया, "जी हां; जिनके नाम वहां लिखे हैं वे सब अलग अलग व्यक्तित्व के लोग हैं, किंतु प्रत्येक ने अपनी सेवकाई द्वारा विशिष्ट योगदान दिया। परमेश्वर के पवित्र आत्मा ने उनके नाम वहां दर्ज करवाए जिससे हमें यह ज्ञात हो सके कि परमेश्वर उन सब से प्रेम करता था और उनके कार्य का आदर करता है।"

   पौलुस प्रेरित ने रोमियों के अन्तिम अध्याय का आरंभ फीबी की प्रशंसा से किया। उसने अपने समकालीन विश्वासियों से कहा कि जब कभी आवश्यक्ता हो तो वे फीबी की सहायता करें "क्‍योंकि वह भी बहुतों की वरन मेरी भी उपकारिणी हुई है" (रोमियों १६:२)।

   कई बार हम सोचते हैं कि सबसे प्रभावी मसीही सेवक वे ही हैं जो किसी सांसारिक काम में लगे बिना केवल मसीही सेवकाई में ही अपना जीवन व्यतीत कर देते हैं; और हम उन अनगिनित लोगों के सेवकाई के कार्यों को सम्मान देने से रह जाते हैं, जिनके नाम प्रसिद्ध नहीं हो पाए। जिनके नाम सेवकाई में प्रसिद्ध हुए हैं उनको आदर देना स्वाभाविक बात है, लेकिन हमें उनका भी ध्यान करना चाहिए, उन्हें भी प्रोत्साहित करना चहिए और उनके लिए भी प्रार्थनाएं करनी चाहिएं जो फीबी के समान हैं।

   प्रभु के कार्य में आपका थोड़ा सा योगदान किसी अन्य संघर्षरत मसीही सेवक के लिए प्रोत्साहन का साधन और संघर्ष मे विजयी होने का कारण बन सकता है। एसी सहायता की कभी अनदेखी नहीं होगी, और परमेश्वर आपका भी नाम फीबी के समान अपने विशिष्ट सेवकों की सूची में प्रतिफल के लिए शामिल कर लेगा। - हेनरी बौश

इस विचार से कि हम कुछ विशेष नहीं कर सकते, कुछ भी न करना बहुत बड़ी बरबादी है।

प्रिसका और अक्‍विला को भी जो यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्‍कार। उन्‍होंने मेरे प्राण के लिये अपना सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, वरन अन्यजातियों की सारी कलीसियाएं भी उन का धन्यवाद करती हैं। - रोमियों १६:३, ४

बाइबल पाठ: रोमियों १६:१-१५
    Rom 16:1  मैं तुम से फीबी की, जो हमारी बहिन और किंखिया की कलीसिया की सेविका है, बिनती करता हूं।
    Rom 16:2  कि तुम, जैसा कि पवित्र लोगों को चाहिए, उसे प्रभु में ग्रहण करो, और जिस किसी बात में उस को तुम से प्रयोजन हो, उस की सहायता करो; क्‍योंकि वह भी बहुतों की वरन मेरी भी उपकारिणी हुई है।
    Rom 16:3  प्रिसका और अक्‍विला को भी जो यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्‍कार।
    Rom 16:4  उन्‍होंने मेरे प्राण के लिये अपना सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, वरन अन्यजातियों की सारी कलीसियाएं भी उन का धन्यवाद करती हैं।
    Rom 16:5  और उस कलीसिया को भी नमस्‍कार जो उन के घर में है। मेरे प्रिय इपैनितुस को जो मसीह के लिये आसिया का पहिला फल है, नमस्‍कार।
    Rom 16:6  मरियम को जिस ने तुम्हारे लिये बहुत परिश्रम किया, नमस्‍कार।
    Rom 16:7  अन्‍द्रुनीकुस और यूनियास को जो मेरे कुटम्बी हैं, और मेरे साथ कैद हुए थे, और प्रेरितों में नामी हैं, और मुझ से पहिले मसीह में हुए थे, नमस्‍कार।
    Rom 16:8  अम्पलियातुस को, जो प्रभु में मेरा प्रिय है, नमस्‍कार।
    Rom 16:9  उरबानुस को, जो मसीह में हमारा सहकर्मी है, और मेरे प्रिय इस्‍तखुस को नमस्‍कार।
    Rom 16:10  अपिल्लेस को जो मसीह में खरा निकला, नमस्‍कार। अरिस्‍तुबुलुस के घराने को नमस्‍कार।
    Rom 16:11  मेरे कुटुम्बी हेरोदियोन को नमस्‍कार। नरिकयुस के घराने के जो लोग प्रभु में हैं, उन को नमस्‍कार।
    Rom 16:12  त्रूफैना और त्रूफोसा को जो प्रभु में परिश्रम करती हैं, नमस्‍कार। प्रिया परसिस को जिस ने प्रभु में बहुत परिश्रम किया, नमस्‍कार।
    Rom 16:13  रूफुस को जो प्रभु में चुना हुआ है, और उस की माता को जो मेरी भी है, दोनों को नमस्‍कार।
    Rom 16:14  असुक्रितुस और फिलगोन और हिमस ओर पत्रुबास और हिमांस और उन के साथ के भाइयों को नमस्‍कार।
    Rom 16:15  फिलुलुगुस और यूलिया और नेर्युस और उस की बहिन, और उलुम्पास और उन के साथ के सब पवित्र चुम्बन से नमस्‍कार करो: तुम को मसीह की सारी कलीसियाओं की ओर से नमस्‍कार।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५६-५८ 
  • २ थिस्सलुनिकियों २

मंगलवार, 18 अक्टूबर 2011

थोड़ा भी बहुत है

   लन्डन में एक रात दो प्रचारक असमंजस में थे कि थोड़ी देर में होने के लिए निर्धारित रात्रि की प्रचार सभा को रद्द कर दें या होने दें, क्योंकि मौसम बहुत खराब था और मूसलाधार बारिश पड़ रही थी। फिर भी, बादलों की तेज़ गड़गड़ाहट और मूसलाधार बरिश के बावजूद जब उन्होंने सभा आरंभ करी तो प्रचार सुनने के लिए केवल एक श्रोता वहां उपस्थित था। थोड़ि देर में, एक अन्य व्यक्ति जो वहां मार्ग से हो कर गुज़र रहा था, बारिश से बचने के लिए और अपने आप को थोड़ा सुखा लेने के उद्देश्य से सभा-स्थल में अन्दर आ कर बैठ गया और इस तरह श्रोताओं की संख्या दोगुनी हो गई। अपने आप को सुखा लेने के उद्देश्य से अन्दर आए व्यक्ति ने जब बैठ कर सन्देश सुनना आरंभ किया उस समय प्रचारक अमेरिका महाद्वीप के मूल निवासियों के बीच प्रचार करने वाले सेवकों की आवश्यक्ता के विष्य में सशक्त आग्रह कर रहा था। थोड़ी देर में सभा समाप्त हो गई, और एक प्रचारक ने दूसरे से कहा, "आज रात्रि का यह समय व्यर्थ गया।" लेकिन वह गलत था। मार्ग से गुज़रने वाले और सभा-स्थल में अनायास ही आए उस व्यक्ति ने परमेश्वर की पुकार को सुन लिया था और अपना जीवन उसे समर्पित कर दिया था। महीने भर के अन्दर ही उसने अपना व्यवसाय बेच दिया और अमेरिका के मूल निवासियों के बीच जाकर सेवकाई की तैयारियां करने लगा। वह उत्तरी अमेरिका के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में जाकर ३५ वर्ष तक रहा और वहां के मूल निवासियों के बीच मसीह यीशु के प्रचार की सेवकाई करता रहा।

   जब एक छोटे लड़के ने अपने भोजन - दो मछलियों और पांच रोटियों को प्रभु के हाथ में सौंप दिया, तो प्रभु यीशु ने उसे प्रार्थना कर के बांटना आरंभ कर दिया और वह थोड़ा सा भोजन प्रभु के हाथ में हज़ारों की भीड़ को तृप्त करने का साधन बन गया।

   जब हम अपने छोटे से छोटे कार्य और क्षमताएं उसे निस्वार्थ सौंप देते हैं, तो वे प्रभु के हाथ में बड़े सामर्थी और उपयोगी हो जाते हैं। जब हम अपने विश्वास को परमेश्वर की सामर्थ से जोड़ देते हैं, तो महान सफलताएं अवश्यंभावी हो जाती हैं।

   सच है, यदि परमेश्वर उसमें हो तो थोड़ा भी बहुत होता है। - पौल वैन गोर्डर

छोटी बातों को कभी तुच्छ न जानें; एक दीपक वह कर सकता है जो सूर्य के लिए संभव नहीं - अंधकार में ज्योति का साधन बनना।

क्योंकि किस ने छोटी बातों के दिन तुच्छ जाना है? - ज़कर्याह ४:१०
 
बाइबल पाठ: युहन्ना ६:१-१३
    Joh 6:1  इन बातों के बाद यीशु गलील की झील अर्थात तिबिरियास की झील के पास गया।
    Joh 6:2  और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्योंकि जो आश्‍चर्य कर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उन को देखते थे।
    Joh 6:3  तब यीशु पहाड़ पर चढ़ कर अपने चेलों के साथ वहां बैठा।
    Joh 6:4  और यहूदियों के फसह के पर्ब्‍ब निकट था।
    Joh 6:5  तब यीशु ने अपनी आंखे उठा कर एक बड़ी भीड़ को अपने पास आते देखा, और फिलप्‍पुस से कहा, कि हम इन के भोजन के लिये कहां से रोटी मोल लाएं?
    Joh 6:6  परन्‍तु उस ने यह बात उसे परखने के लिये कही; क्‍योंकि वह आप जानता था कि मैं क्‍या करूंगा।
    Joh 6:7  फिलप्‍पुस ने उस को उत्तर दिया, कि दो सौ दीनार की रोटी उन के लिये पूरी भी न होंगी कि उन में से हर एक को थोड़ी थोड़ी मिल जाए।
    Joh 6:8  उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्‍द्रियास ने उस से कहा।
    Joh 6:9  यहां एक लड़का है जिस के पास जव की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्‍तु इतने लोगों के लिये वे क्‍या हैं?
    Joh 6:10  यीशु ने कहा, कि लोगों को बैठा दो। उस जगह बहुत घास थी: तब वे लोग जो गिनती में लगभग पांच हजार के थे, बैठ गए:
    Joh 6:11  तब यीशु ने रोटियां लीं, और धन्यवाद कर के बैठने वालों को बांट दी: और वैसे ही मछिलयों में से जितनी वे चाहते थे बांट दिया।
    Joh 6:12  जब वे खाकर तृप्‍त हो गए तो उस ने अपने चेलों से कहा, कि बचे हुए टुकड़े बटोर लो, कि कुछ फेंका न जाए।
    Joh 6:13  सो उन्‍होंने बटोरा, और जव की पांच रोटियों के टुकड़े जो खाने वालों से बच रहे थे उन की बारह टोकिरयां भरीं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५३-५५ 
  • २ थिस्सलुनिकियों १

सोमवार, 17 अक्टूबर 2011

अपनी सेवकाई पूरी कीजिए

   कभी कभी हम परमेश्वर द्वारा हमें दी गई ज़िम्मेदारियों से सन्तुष्ट नहीं होते, हमें लगता है कि हम किसी अन्य ही बड़ी सेवकाई के योग्य हैं। किसी अन्य विश्वासी की सेवकाई की ओर ईर्ष्या से देखकर हम अपने कार्य की ओर कम ध्यान देने लगते हैं और उसकी उपेक्षा करने लगते हैं।

   अपनी पुस्तक Be Faithful में वारेन रिस्बी ने बताया कि सुप्रसिद्ध प्रचारक चार्लस स्पर्जन ने कैसे इस समस्या का उत्तर दिया। उन्होंने लिखा, "एक जवान पास्टर ने स्पर्जन से शिकायत करी कि जितना बड़ा चर्च उसके ज़िम्मे होना चाहिए, उतना उसे नहीं दिया गया। स्पर्जन ने उस जवान प्रचारक से पूछा कि ’आप चर्च में कितने लोगों को साधारणत्या प्रचार करते हैं?’ प्रचारक ने कहा, ’लगभग १०० लोगों क”। स्पर्जन ने कहा, ’अन्तिम न्याय के समय आपके द्वारा जीवनों का हिसाब देने के लिए इतने काफी हैं।’"

   स्पर्जन के कहे की सत्यता पौलुस द्वारा अपने सहकर्मी तिमुथियुस को दीए गए निर्देश से प्रमाणित होती है; पौलुस ने कहा, "पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर" (२ तिमुथियुस ४:५); पौलुस अपने मित्र को समझा रहा था कि जिस कार्य के लिए परमेश्वर ने उसे नियुक्त किया है उसे भली भांति पूरा करे। लेकिन इसका यह तात्पर्य नहीं था कि तिमुथियुस को भी वही करना था जो पौलुस कर रहा था और ना ही यह कि तिमुथियुस भी को भी उतना ही कार्य करना है जितना पौलुस कर रहा था। वरन इसका तात्पर्य था कि चाहे तिमुथियुस का कार्य थोड़ा हो या अधिक, प्रत्यक्ष हो या परोक्ष, उसे अपनी सेवकाई मन लगाकर पूरी करनी है, जिससे उसकी विश्वासयोग्यता प्रकट हो सके।

   यही प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए भी आवश्यक है - महत्व सौंपी गई सेवकाई के विश्वासयोग्यता के साथ पूरे होने का है, उसकी मात्रा अथवा प्रकार का नहीं। - डेव एग्नर


हमारे पास जो भी साधन हों, उनके द्वारा हम जो भी कर सकते हों, हम जहां भी हों वहीं उसे यथासंभव पूरा करें।

पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर। - २ तिमुथियुस ४:५

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:१-८
    2Ti 4:1  परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उस के प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिला कर मैं तुझे चिताता हूं।
    2Ti 4:2  कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
    2Ti 4:3  क्‍योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
    2Ti 4:4  और अपने कान सत्य से फेर कर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
    2Ti 4:5  पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
    2Ti 4:6  क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
    2Ti 4:7  मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
    2Ti 4:8  भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५०-५२ 
  • १ थिस्सलुनिकियों ५

रविवार, 16 अक्टूबर 2011

योग्य प्रबन्धन

   एक तूफानी रात में एक वृद्ध दम्पति एक छोटे से होटल में आए और एक कमरा लेना चाहा। होटल भरा हुआ था, इसलिए होटल के स्वगत-कक्ष के क्लर्क ने उनसे कहा, "अब रात के १ बजे, इस तूफान में मैं आपको बाहर भी नहीं भेज सकता और होटल में कोई कमरा भी खाली नहीं है, क्या आप मेरे कमरे में रह लेंगे?" दम्पति ने आनाकानि करी लेकिन क्लर्क ने ज़ोर देकर उन्हें अपने कमरे में रुकवा लिया। प्रातः अपने बिल चुकाते हुए वृद्ध ने उस क्लर्क से कहा, "आप वह हैं जिसे अमेरिका के सबसे आलिशान और सर्वश्रेष्ठ होटल का प्रबन्धक होना चाहिए। संभवतः मैं किसी दिन आपके लिए ऐसा होटल बनवाऊंगा।" क्लर्क ने यह बात सुनकर उसे उनका विनोद समझा और मुस्कुरा दिया।

   कुछ वर्ष पश्चात उस क्लर्क को उस वृद्ध का एक पत्र मिला, जिसमें उस तूफानी रात का ज़िक्र था और उसे न्यूयॉर्क आने का निमंत्रण, तथा आने-जाने का यात्रा टिकिट भी संलग्न था। जब वह न्यूयॉर्क पहुँचा तो उसके मेज़बान उसे एक विशाल होटल की इमारत पर ले गए और बोले, "यह वह होटल है जिसे मैंने आपके प्रबन्धक बनने के लिए बनवाया है" - वह होटल मालिक विलियम वॉल्डौर्फ अस्टोरिया थे और वह होटल था न्यूयॉर्क का सबसे आलिशान और सर्वश्रेष्ठ विश्वप्रसिद्ध होटल वॉलडौर्फ अस्टोरिया।

   स्वर्ग में भी कई भव्य भवन होंगे जिनका प्रबन्धन हम मसीही विश्वासियों को करना होगा। इसलिए जो हम इस पृथ्वी पर प्रभु यीशु के लिए कर रहे हैं उसके मूल्य को कभी हलका या तुच्छ नहीं आँकना चाहिए। संसार में विश्वासयोग्यता से करी गई सेवकाई हमें हमारे द्वारा स्वर्ग में करी जाने वाली महान सेवकाई के लिए तैयार कर रही है। - डेनिस डी हॉन

परमेश्वर हमसे विश्वासयोग्यता चाहता है, उसका प्रतिफल हमारा परमेश्वर के लिए फलवन्त होना है।

उस ने उस से कहा; धन्य हे उत्तम दास, तुझे धन्य है, तू बहुत ही थोड़े में विश्वासी निकला अब दस नगरों का अधिकार रख। - लूका १९:१७
 
बाइबल पाठ: लूका १९:११-२७
    Luk 19:11  जब वे ये बातें सुन रहे थे, तो उस ने एक दृष्‍टान्‍त कहा, इसलिये कि वह यरूशलेम के निकट था, और वे समझते थे, कि परमेश्वर का राज्य अभी प्रगट हुआ चाहता है।
    Luk 19:12  सो उस ने कहा, एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर फिर आए।
    Luk 19:13  और उस ने अपने दासों में से दस को बुला कर उन्‍हें दस मुहरें दीं, और उन से कहा, मेरे लौट आने तक लेन-देन करना।
    Luk 19:14  परन्‍तु उसके नगर के रहने वाले उस से बैर रखते थे, और उसके पीछे दूतों के द्वारा कहला भेजा, कि हम नहीं चाहते, कि यह हम पर राज्य करे।
    Luk 19:15  जब वह राजपद पाकर लौट आया, तो ऐसा हुआ कि उस ने अपने दासों को जिन्‍हें रोकड़ दी थी, अपने पास बुलवाया ताकि मालूम करे कि उन्‍होंने लेन-देन से क्‍या क्‍या कमाया।
    Luk 19:16  तब पहिले ने आकर कहा, हे स्‍वामी तेरे मोहर से दस और मोहरें कमाई हैं।
    Luk 19:17  उस ने उस से कहा; धन्य हे उत्तम दास, तुझे धन्य है, तू बहुत ही थोड़े में विश्वासी निकला अब दस नगरों का अधिकार रख।
    Luk 19:18  दूसरे ने आकर कहा; हे स्‍वामी तेरी मोहर से पांच और मोहरें कमाई हैं।
    Luk 19:19  उस ने कहा, कि तू भी पांच नगरों पर हाकिम हो जा।
    Luk 19:20  तीसरे ने आकर कहा; हे स्‍वामी देख, तेरी मोहर यह है, जिसे मैं ने अंगोछे में बान्‍ध रखी।
    Luk 19:21  क्‍योंकि मैं तुझ से डरता था, इसलिये कि तू कठोर मनुष्य है: जो तू ने नहीं रखा उसे उठा लेता है, और जो तू ने नहीं बोया, उसे काटता है।
    Luk 19:22  उस ने उस से कहा; हे दुष्‍ट दास, मैं तेरे ही मुंह से तुझे दोषी ठहराता हूं: तू मुझे जानता था कि कठोर मनुष्य हूं, जो मैं ने नहीं रखा उसे उठा लेता, और जो मैं ने नहीं बोया, उसे काटता हूं।
    Luk 19:23  तो तू ने मेरे रूपये कोठी में क्‍यों नहीं रख दिए, कि मैं आकर ब्याज समेत ले लेता?
    Luk 19:24  और जो लोग निकट खड़े थे, उस ने उन से कहा, वह मोहर उस से ले लो, और जिस के पास दस मोहरें हैं उसे दे दो।
    Luk 19:25  (उन्‍होंने उस से कहा; हे स्‍वामी, उसके पास दस मोहरें तो हैं)।
    Luk 19:26  मैं तुम से कहता हूं, कि जिस के पास है, उसे दिया जाएगा; और जिस के पास नहीं, उस से वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा।
    Luk 19:27  परन्‍तु मेरे उन बैरियों को जो नहीं चाहते थे कि मैं उन पर राज्य करूं, उन को यहां लाकर मेरे सामने घात करो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ४७-४९ 
  • १ थिस्सलुनिकियों ४