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गुरुवार, 14 जून 2012

भली बात

   शिकागो विश्वविद्यालय द्वारा करे गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, लोग सकारात्मक बातों कि अपेक्षा नकारात्मक बातों को अधिक स्मरण रखते हैं। आम तौर से लोग कहते तो हैं कि वे मीडिया द्वारा दिखाई जाने वाली बुरी खबरें, जैसे प्राकृतिक आपदाएं, दुर्घटनाएं, बीमारियां, आर्थिक मन्दी और उसके दुषपरिणाम इत्यादि देखना पसन्द नहीं करते, किंतु इस सर्वेक्षण से प्रतीत होता है कि वे इन नकारात्मक बातों की ओर आकर्षित रहते हैं। जो मन और ध्यान नकारात्मक की ओर आकर्षित रहेगा, वह कभी न कभी नकारात्मक करेगा भी। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि लोगों का ध्यान नकारात्मक से हटा कर किसी भली बात, किसी सकारात्मक बात की ओर लगाया जाए, कोई ऐसी बात जो सदैव ताज़ा बनी रहे।

   कैथरीन हैन्की (१८३४-१९११) एक ऐसी महिला थीं जो एक ऐसी ही "भली बात" में रुचि रखती थीं। उनकी बहुत इच्छा रहती थी कि युवतियां प्रभु यीशु को जानें। वे १८६६ में बहुत बीमार पड़ीं; बीमारी के बिस्तर पर पड़े पड़े वे उन लोगों के बारे में सोचने लगीं जिनके साथ उन्होंने प्रभु यीशु द्वारा पाप और पाप के दण्ड से छुटकारे की भली गाथा बांटी थी। उनके मन में यह इच्छा उठी कि उनमें से कोई जन उनके पास आए और उनके साथ उस भली कथा के बारे में बातें करे, उस पुरानी किंतु मन प्रफुल्लित कर देने वाली प्रभु यीशु की कहानी से उन्हें सांत्वना दे। इसी परिस्थिति और भावनाओं में उन्होंने एक कविता लिखी जो बाद में सुप्रसिद्ध भक्ति गीत "Tell Me the Old Old Story" बनी और आज भी लोगों को उभारती है। इस गीत के एक छन्द कुछ इस प्रकार से है:
मुझे यह कहानी धीरे धीरे सुनाओ, जिससे मैं उसे अपने अन्दर समा सकूं;
उस अद्भुत छुटकारे, परमेश्वर द्वारा पाप के निवारण की बात।
मुझे यह बात बार बार सुनाओ, क्योंकि मैं भूल सकती हूं;
जैसे प्रातः की ओस दोपहर होते होते ग़ायब हो जाती है।

   हम परमेश्वर के प्रेम की यह अद्भुत गाथा सुनने से कभी नहीं थकते "क्‍योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्‍तु अनन्‍त जीवन पाए" (युहन्ना ३:१६)। हमारे प्रभु ने एक सिद्ध जीवन जीया, कोई उसके जीवन में कोई भी दोष या पाप नहीं दिखा पाया, उसने सारे संसार के सब लोगों के पापों का बोझ अपने ऊपर ले लिया और हम सबके पापों के बदले अपने आप को क्रूस पर बलिदान कर दिया; वह मारा गया, गाड़ा गया और तीसरे दिन जी उठा (लूका २३:४४-२४:३)। आज भी जो कोई, चाहे वह किसी भी स्थान, जाति, धर्म, रंग, स्तर का क्यों ना हो, साधारण विश्वास के साथ प्रभु यीशु के क्रूस पर दिये बलिदान को स्वीकार करता है, उससे अपने पापों के लिए सीधे और सच्चे मन से क्षमा मांगता है, तो उसे वह पापों की क्षमा और अनन्त जीवन तथा परमेश्वर कि सन्तान होने का अधिकार देता है (यूहन्ना १:१२)।

   इस पाप और बुराई से भरे संसार में जहां नकारात्मक सकारात्मक पर हावी होता जा रहा है, लोगों को एक प्रभावी तथा चिर स्थाई भली बात के सुनने और जानने की बहुत आवश्यक्ता है। किसी के साथ इस भली बात को अवश्य ही बांटिए। - अनी सेटास


प्रभु यीशु का सुसमाचार संसार का सबसे उत्तम समाचार है।


परन्‍तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्‍हें परमेश्वर के सन्‍तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्‍हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्‍छा से, न मनुष्य की इच्‍छा से, परन्‍तु परमेश्वर से उत्‍पन्न हुए हैं। - यूहन्ना १:१२, १३

बाइबल पाठ: लूका २३:४४-२४:८
Luk 23:44  और लगभग दो पहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अन्धियारा छाया रहा।
Luk 23:45  और सूर्य का उजियाला जाता रहा, और मन्दिर का परदा बीच में फट गया।
Luk 23:46  और यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं: और यह कहकर प्राण छोड़ दिए।
Luk 23:47  सूबेदार ने, जो कुछ हुआ था देख कर, परमेश्वर की बड़ाई की, और कहा निश्चय यह मनुष्य धर्मी था।
Luk 23:48  और भीड़ जो यह देखने को इकट्ठी हुई भी, इस घटना को, देखकर छाती पीटती हुई लौट गई।
Luk 23:49  और उसके सब जान पहचान, और जो स्त्रियां गलील से उसके पास आई थीं, दूर खड़ी हुई यह सब देख रही थीं।
Luk 23:50  और देखो यूसुफ नाम एक मन्त्री जो सज्जन और धर्मी पुरूष था।
Luk 23:51  और उन के विचार और उन के इस काम से प्रसन्न न था; और वह यहूदियों के नगर अरिमतीया का रहने वाला और परमेश्वर के राज्य की बाट जोहने वाला था।
Luk 23:52  उस ने पीलातुस के पास जाकर यीशु की लोथ मांग ली।
Luk 23:53  और उसे उतार कर चादर में लपेटा, और एक कब्र में रखा, जो चट्टान में खोदी हुई थी, और उस में कोई कभी न रखा गया था।
Luk 23:54  वह तैयारी का दिन था, और सब्त का दिन आरम्भ होने पर था।
Luk 23:55  और उन स्त्रियों ने जो उसके साथ गलील से आई थीं, पीछे पीछे जाकर उस कब्र को देखा, और यह भी कि उस की लोथ किस रीति से रखी गई है।
Luk 23:56  और लौटकर सुगन्धित वस्तुएं और इत्र तैयार किया: और सब्त के दिन तो उन्होंने आज्ञा के अनुसार विश्राम किया।
Luk 24:1 परन्‍तु सप्‍ताह के पहिले दिन बड़े भोर को वे उन सुगन्‍धित वस्‍तुओं को जो उन्‍होंने तैयार की थीं, ले कर कब्र पर आईं।
Luk 24:2 और उन्‍होंने पत्थर को कब्र पर से लुढ़का हुआ पाया।
Luk 24:3  और भीतर जाकर प्रभु यीशु की लोथ न पाई।
Luk 24:4 जब वे इस बात से भौंचक्की हो रही थीं तो देखो, दो पुरूष झलकते वस्‍त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए।
Luk 24:5 जब वे डर गईं, और धरती की ओर मुंह झुकाए रहीं तो उन्‍होंने उन ने कहा; तुम जीवते को मरे हुओं में क्‍यों ढूंढ़ती हो?
Luk 24:6 वह यहां नहीं, परन्‍तु जी उठा है; स्मरण करो, कि उस ने गलील में रहते हुए तुम से कहा था।
Luk 24:7  कि अवश्य है, कि मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ में पकड़वाया जाए, और क्रूस पर चढ़ाया जाए, और तीसरे दिन जी उठे।
Luk 24:8  तब उस की बातें उन को स्मरण आईं।


एक साल में बाइबल: 

  • एज़रा ९-१० 
  • प्रेरितों १