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शनिवार, 29 जनवरी 2011

सृष्टि की पाठशाला, परमेश्वर के अनपहचाने करिशमे

एक इंजीनियर श्री टी. सी. रोडी ने लिखा, "मेरे घर के आंगन में छः विशाल Oak (बांज) वृक्ष हैं जो १०० वर्ष से भी अधिक पुराने होंगे। उनके तले से लेकर चोटी तक के प्रत्येक पत्ते को हरा भरा रखने के लिये प्रतिदिन भारी मात्रा में उन तक पानी पहुंचाने की आवश्यक्ता होती है। एक इंजीनियर होने के नाते मैं जानता हूं कि मनुष्य द्वारा अभिकल्पित अथवा निर्मित ऐसा कोई भी पानी चढ़ाने का पम्प नहीं है जो इतना पानी इन पेड़ों के सघन लकड़ी के तने में से होकर इतनी ऊँचाई तक प्रवाहित कर सके, और वह भी लगातार, अविराम, बिना किसी खराबी या रखरखाव की आवश्यक्ता के। यदि पानी के प्रवाह में तने की लकड़ी के प्रतिरोध को ना भी लिया जाए, तो भी प्रत्येक पेड़ की जड़ों को ज़मीन से चोटी तक पानी चढाने के लिये ३,००० पौंड प्रति वर्ग फुट से अधिक के दबाव को पार करना होगा। लेकिन फिर भी यह परमेश्वर का अद्भुत करिशमा है कि जड़ें इतना पानी जमा भी करतीं हैं और उसे प्रत्येक पत्ते तक भी पहुंचाती हैं, बिल्कुल शांत और सहज रीति से, और हमें पता भी नहीं चलता।"

यह परमेश्वर के अनपहचाने करिशमों का केवल एक उदाहरण है। ऐसे न जाने कितने, और इससे भी न जाने कितने जटिल और कई उदाहरण सृष्टि की पाठशाला में विद्यमान हैं। परमेश्वर के इन्हीं अनपहचाने करिशमों के कारण हमारा जीवन प्रतिदिन पृथ्वी पर संभव है। प्रतिदिन परमेश्वर हमें अनगिनित आशीशों से नवाज़ता है और हम उन्हें ’प्रकृति के कार्य’ कह कर हलके में टाल जाते हैं, परमेश्वर को धन्यवाद देना तो दूर, बहुतेरे तो उसके असतित्व से ही इन्कार कर जाते हैं। लेकिन परमेश्वर का धैर्य और प्रेम फिर भी सबके प्रति बना रहता है और वह जीवन की आवश्यक्ताएं प्रदान करता रहता है।

प्रकृति परमेश्वर में हमारे विश्वास को बढ़ाती है। हज़ारों साल पहले परमेश्वर ने बुज़ुर्ग और निसन्तान अब्राहम से कहा कि आकाश की ओर देख और सितारों की संख्या पर ध्यान दे, जैसे तारे अनगिनित हैं वैसे ही तेरे वंश के लोग भी अनगिनित होंगे। वह बुज़ुर्ग समझ गया कि जो परमेश्वर उन अनगिनित सितारों को बना और चला सकता है, उस परमेश्वर के लिये उसकी बुज़ुर्गी में पुत्र देना कोई कठिन कार्य नहीं है। अब्राहम ने परमेश्वर की बात पर विश्वास किया और यह उसके लिये धार्मिकता गिना गया। अब्राहम और उसकी पत्नि के बुढापे में उन्हें सन्तान हुई और आज उसका वंश इस्त्राएल के रूप में जाना जाता है।

जब कभी अपनी किसी समस्या के समाधान के लिये परमेश्वर पर विश्वास करना कठिन हो रहा हो तो सृष्टि की पाठशाला में जा कर प्रकृति के सृजनकर्ता और संचलाक परमेश्वर के अद्भुत कार्यों पर ध्यान कीजिए। विचार कीजिए कि जो इतना सब इतनी सहजता से बना और चला सकता है, उसके लिये आपकी समस्या क्या कठिन है? फिर अपने बच्चोंके लिये उसके वचन और हमारी पाठ्य पुस्तक - पवित्र शास्त्र बाइबल में दिये गये उसके वायदों और आश्वासनों को स्मरण कीजिए, आपका विश्वास स्वतः ही जाग उठेगा और चिंताएं जाती रहेंगीं। - डेनिस डी हॉन


जो कुछ मैं ने देखा है वह सब मुझे मेरे सृष्टिकर्ता परमेश्वर पर प्रत्येक अन्देखी बात के लिये भी विश्वास रखने को प्रेरित करता है। - एमरसन

और उस ने उसको बाहर ले जा के कहा, आकाश की ओर दृष्टि कर के तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है ? फिर उस ने उस से कहा, तेरा वंश ऐसा ही होगा। - उत्पत्ति १५:५


बाइबल पाठ: उत्पत्ति १५:१-६

इन बातों के पश्चात्‌ यहोवा को यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुंचा, कि हे अब्राम, मत डर; तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा फल मैं हूं।
अब्राम ने कहा, हे प्रभु यहोवा मैं तो निर्वंश हूं, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्की एलीएजेर होगा, सो तू मुझे क्या देगा ?
और अब्राम ने कहा, मुझे तो तू ने वंश नहीं दिया, और क्या देखता हूं, कि मेरे घर में उत्पन्न हुआ एक जन मेरा वारिस होगा।
तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा, कि यह तेरा वारिस न होगा, तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा।
और उस ने उसको बाहर ले जा के कहा, आकाश की ओर दृष्टि कर के तारागण को गिन, क्या तू उनको गिन सकता है? फिर उस ने उस से कहा, तेरा वंश ऐसा ही होगा।
उस ने यहोवा पर विश्वास किया और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धर्म गिना।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन २१-२२
  • मत्ती १९

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